[नई दिल्ली] केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों की सञ्चालन क्षमताओं की मजबूती के लिए इनके महानिदेशकों के अधिकारों में 400% बढ़ोत्तरी| यह वृद्धि वर्ष २००९ के पश्चात की गई है
केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने वार्षिक खरीद योजना + केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों की आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए इनके महानिदेशकों को प्रदत्त वित्तीय अधिकारों में बढ़ोत्तरी कर दी है।
इससे पहले वर्ष 2009 में प्रदत्त अधिकारों के मुकाबले यह वृद्धि 400 प्रतिशत है जो स्वीकृत वित्तीय अधिकारों की अधिकतम सीमा के बराबर है।
[१]शस्त्र +गोलाबारूद + मशीनरी + उपकरणों की खरीद की वर्तमान प्रदत्त शक्तियों को 5 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
[२]वस्त्र और टेंट की खरीद की शक्ति भी वर्तमान 6 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपए और
[३] कम्प्यूटर एवं उसके उपकरणों की प्रदत्त शक्ति 25 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दी गई है।
[४]वर्तमान में महानिदेशकों के पास नई वस्तुओं के ट्रायल मूल्यांकन के लिए प्रदत्त 50 लाख रुपए खर्च करने के अधिकार को भी, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड को छोड़कर, सभी केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों के लिए बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दिया गया है,
[५]जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के लिए यह सीमा 2 करोड़ रुपए तक बढ़ा दी गई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों को उपरोक्त साजो-सामान को समय पर खरीद पाने में दिक्कतें आ रही थीं। ऐसा उनके सीमित वित्तीय अधिकारों के चलते हो रहा था |
सुरक्षा बलों के महानिदेशकों की बढ़ाई गई इन वित्तीय शक्तियों के बाद अब केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों की संचालन क्षमताओं को मजबूत करने के वास्ते खरीद प्रक्रिया में तेजी लाई जा सकेगी।
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केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों की संचालन क्षमताओं की मजबूती के लिए महानिदेशकों के अधिकारों में400%बढ़ोत्तरी
वीजा के लिए पड़ोसी मुल्क के अल्पसंख्यकों की शिकायतों को सुनने लखनऊ जाएगा स्वयं गृह मंत्रालय
वीजा के लिए अल्पसंख्यकों की शिकायतों को सुनने १६ अक्टूबर को लखनऊ जाएगा स्वयं गृह मंत्रालय
नागरिकता/लंबी अवधि के वीज़ा पर कार्यबल के सदस्य 16 अक्तूबर को जाएंगे लखनऊ
नागरिकता/लंबी अवधि के वीज़ा मंजूर करने की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने के उद्देश्य से गठित कार्यबल 16 अक्तूबर, 2014 को लखनऊ जाएगा और वहां पर जन शिकायतों की सुनवाई करेगा।
गृह मंत्रालय के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नागरिकता मंजूर करने के मामलों की समीक्षा की है। नागरिकता मंजूर करने की प्रक्रिया लंबी चलती है जिससे आवेदकों को और खास तौर से पड़ोसी देशों से आने वाले अल्पसंख्यक लोगों को मुश्किलें पेश आती हैं। ज्यादातर ये लोग गरीब वर्ग के होते हैं। इस सिलसिले में समय-समय पर गृह मंत्रालय को आवेदन मिलते रहे है। गृह मंत्रालय ने ऐसे मामलों पर नज़र रखने और उन्हें जल्दी निपटाने के उद्देश्य से एक कार्यबल 05 सितम्बर, 2014 को गठित किया था। यह कार्यबल नागरिकता और लंबी अवधि के वीज़ा मामलों के आवेदनों को जल्दी निपटाने का काम करता है।
इस कार्यबल का नेतृत्व संयुक्त सचिव (विदेशी मामले), गृह मंत्रालय कर रहे हैं।
वह संबद्ध आवेदकों की शिकायतें दूर करने के लिए वहां पर पूरे दिन जन सुनवाई करेंगे।
भारत सरकार के दो दिग्गज मंत्रियों ने लखनऊ में “गोमती”नदी में सफाई अभियान चलाया
[लखनऊ] पी एम के शंखनाद के फलस्वरूप भारत सरकार के दो दिग्गज मंत्रियों ने गोमती नदी के घाटों का सफाई अभियान चलाया |
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और साध्वी उमा भारती ने अपने साथियों +समर्थकों के साथ उपकरणों की सहायता से गोमती से गंदगी बाहर निकाल कर प्रदेश वासियों को सफाई अभियान के प्रति प्रेरित किया|
इस अवसर पर: राजनाथ सिंह ने स्वच्छ और निर्मल नदियों को विकसित होने का प्रतीक बताया
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि साफ और स्वच्छ नदियां किसी भी देश के विकसित होने का प्रतीक है, और वही देश विकसित देश होता है जिसकी नदियां स्वच्छ और निर्मल होती हैं। यह विचार उन्होने आज लखनऊ में गोमती तट स्थित झूलेलाल वाटिका में लोक अधिकार मंच एवं ग्रामीण विकास संस्थान के तत्वाधान मे आयोजित कार्यक्रम- पर्यावरण जागरूपता एवं गोमती सफाई अभियान, में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।
श्री राजनाथ सिंह जी ने कहा कि गोमती को साफ और स्वच्छ बनाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और इसके लिए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय से समन्वयय सहित राज्य सरकार एवं अन्य कई संगठनों के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है। उन्होने कहा कि, इस संबंध में एक केन्द्रीय टीम ने लखनऊ का दौरा करके पूरा सर्वे कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और अतिशीघ्र ही उसके आधार पर विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। और नदी को स्वच्छ बनाने का अभियान ज़ोर पकड़ेगा। श्री सिंह ने इस कार्य में सहयोग के लिए सभी वर्गों का अहवाहन किया।
उक्त कार्यक्रम में अतिविशिस्ट अतिथि के रूप में पधारीं सुश्री उमा भारती, केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन, मंत्री ने कहा कि नदियों की सफाई अभियान को गति देने की दिशा में गृह मंत्री जी का बहुत ही महत्वपूर्ण सहयोग रहा है। और अब यह मंत्रालय इस संबंध में उचित निर्णय स्वयं ही ले सकता है, जिससे प्रक्रियाये और आसान होंगी। उन्होने युवक व युवतियों सहित सभी को नदियों को साफ व स्वच्छ रखने में अपनी अपनी ज़िम्मेदारी निभाने का संकल्प लेने को कहा।साध्वी उमा भारती ने इसके लिए युवा वर्ग के साथ ही सभी को संकल्प लेने का आह्वाहन किया | उन्होने आगे कहा कि गोमती नदी की सफाई के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा रही है, जिसमे उसके उद्गम स्थल से लेकर के गंगा में समाहित होने तक उसमे गिरने वाले सीवेज एवं औद्योगिक कचरा आदि सहित अन्य प्रदूषक अव्ययों के समुचित प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी। और इस संबंध में आ रही सभी अड़चनों को दूर किया जाएगा।
इसके पूर्व प्रातःकाल लखनऊ विश्वविद्यालय सहित विभिन्न महाविध्यालयों, तकनीकी विश्वविध्यालय के छात्र छात्राओं, एनएसएस तथा एनसीसी के स्काउट व गाइड द्वारा मानव श्रंखला बनाई गयी, जिसका केन्द्रीय मंत्रियों ने निरीक्षण भी किया।
कार्यक्रम के अंत में माननीय मंत्रीगन द्वारा गोमती सफाई अभियान की शुरुआत की गयी और विभिन्न घाटों की सफाई के लिए चार टीमें रवाना की गईं। इस अवसर पर पूर्व सांसद व मंत्री श्री लालजी टंडन, सांसद श्री जगदंबिका पाल, न्यायमूर्ति जस्टिस कमलेश्वर नाथ, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसवी निमसे व लोक अधिकार मंच के संयोजक श्री अनिल सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन
The Union Home Minister, Shri Rajnath Singh and the Union Minister for Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation, Sushri Uma Bharati inaugurating the Gomti Safai Abhiyaan, in Lucknow on September, 2014.
पाकिस्तान जब तक आतंकवाद बंद नहीं करता तब तक सार्क में भी बातचीत नहीं:राजनाथ सिंह
केंद्रीय गृह मंत्री ने सार्क में पाकिस्तान के साथ किसी प्रकार की वार्ता से इंकार किया|
अफवाह हो या कोई गलतफहमी का समाचार केंद्र सरकार खंडन करने में देर नहीं लगाती इसीलिए सरक देशों के सम्मलेन में पाकिस्तान के साथ वार्ता सम्बन्धी बीते दिन छपे समाचार का आज गृह मंत्रालय ने खंडन कर दिया |
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के गृहमंत्री के साथ काठमांडू में द्विपक्षीय वार्ता की खबर का खंडन किया|
बीते दिन समाचार पत्रों में यह प्रकाशित हुआ था कि केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह सार्क सम्मेलन से अलग पाकिस्तान के समकक्ष मंत्री से मुलाकात करेंगे |भारतीय गृह मंत्री ने इस समाचार को गलत और मनगढंत बताया है।
गृहमंत्री का मानना है कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं हो सकती। जब तक पाकिस्तान आतंकवाद और हिंसा बंद नहीं करता तब तक उसके साथ बातचीत संभव नहीं है। [फाइल फोटो]
संजीव चतुर्वेदी प्रकरण में घिरे डॉ. हर्षवर्धन ने एम्स में प्रणालियों की समीक्षा शुरू की
[नई दिल्ली]संजीव चतुर्वेदी सी वी ओ प्रकरण में घिरे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सभी प्रणालियों की समीक्षा शुरू कराई |डॉ. हर्षवर्धन ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान AIIMSसहित देश के सभी केन्द्रीय अस्पतालों की प्रणालियों की गहन पड़ताल शुरू की है|डॉ हर्षवर्धन के अनुसार ‘जिन्होंने मुख्य सतर्कता आयोग को कमजोर करने का प्रयास किया उन्होंने एम्स में निगरानी व्यवस्था को नुकसान पहुंचाया इसीलिए ऐसे व्यवस्थागत भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए समीक्षा की जा रही है|
आज नई दिल्ली में उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के पहले 90 दिन के अंतर्गत वे निरंतर मंत्रालय और उसके विभागों की पारदर्शिता की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस जांच पड़ताल के नतीजे लोगों के सामने आएंगे।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अस्पतालों में भ्रष्टाचार के अनेक पहलू हैं, जिनकी जानकारी एक चिकित्सक होने के नाते उन्हें है। उन्होंने कहा कि बिस्तरों के आवंटन से लेकर कर्मचारियों या महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए बिस्तर आरक्षित करने तक व्याप्त भ्रष्टाचार के सभी पहलुओं को दूर करने का वे प्रयास कर रहे हैं।
एम्स में नियुक्त उप सचिव श्री संजीव चतुर्वेदी को मुख्य सतर्कता अधिकारी के पद से हटाए जाने को लेकर हाल में उठे विवाद के बारे में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सीवीओ के रूप में उनकी नियुक्ति असंगत थी, क्योंकि इसकी मंजूरी केन्द्रीय सतर्कता आयोग से नहीं ली गयी थी। सी वी सी दवारा इस न्युक्ति का विरोध २०१२ और २०१३ में किया गया था| उन्होंने कहा के संजीव को ना तो सस्पेंड किया गया है और नहीं कहीं बाहर ट्रांसफर ही किया गया है इसके बावजूद इस प्रकरण को राजनीतिक रंग दिए जाने पर उन्होंने खेद व्यक्त किया।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एम्स में सभी प्रणालियों को अधिक पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है। दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले रोगियों को बिस्तरों की स्थिति और डाइलिसिस मशीनों की उपलब्धता या आपरेशन की तारीख जैसी जानकारी, पहले से दी जानी चाहिए।
फाइल फोटो
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मुलायम सिंह यादव , लोक सभा में दो विपरीत दिशाओं वाली पार्टियों को अपनी साइकिल पर सवार करने के इच्छुक दिखे
.समाज वादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव आज लोक सभा में दो विपरीत दिशाओं वाली राजनीतिक पार्टियों को अपनी साईकिल पर सवार करने के इच्छुक दिखाई दिए| मुलायम सिंह यादव ने भाजपा अध्यक्ष राज नाथ सिंह के बाद बोलना शुरू ही किया तो विघ्न पड़ने शुरू हो गए|सबसे पहले जनरल सेक्रेटरी बोलने खड़े हो गए|उसके बाद चेयर पर्सन बदल गए|जैसे तैसे मुलायम सिंह यादव ने ट्रांसलेट करने वाले स्पीकर[हेड फ़ोन ] उतार कर बोलना शुरू कर दिया| यदपि उन्होंने कांग्रेस और भाजपा की आलोचना की मगर इसके साथ ही बड़ी सफाई से उन्होंने दोनों को सहला भी दिया|
एक तरफ उन्होंने गृह मंत्रालय पर टिपण्णी करके अपनी पीड़ा को उजागर किया तो इसके साथ ही प्रधान मंत्री की टीम के अर्थ शास्त्र की उन्मुक्त सराहना भी कर दी|दूसरी तरफ भाजपा को मुस्लिम विरोधी बताया तो इसके तुरंत बाद भाजपा की देश भक्ति+अनुशासन और भाषा की जम कर तारीफ़ करने लगे|
गौरतलब है के अभी तक मुलायम सिंह यादव भारतीय जनता पार्टी के साथ आने के सवालों को एक सिरे से खारिज करते रहे हैं और पार्टी का विरोध करते आ रहे हैं| आज इस मुख्य विपक्षी पार्टी के प्रति इनका रुख कुछ हद तक नरम दिखाई दिया है|उन्होंने यहाँ तक कह दिया के बीजेपी अगर कश्मीर और मुस्लिम सम्बन्धी अपनी नीति बदल ले तो सपा से बीजेपी के बीच की दूरी कम हो जाएगी|मुलायम ने कहा कि देशभक्ति, सीमा सुरक्षा और भाषा के मामले में उनकी पार्टी और भाजपा की एक नीति है.|
मुलायम सिंह ने अपनी बातों पर एक बार फिर जोर देते हुए कहा, ‘मैं फिर कह रहा हूं और इस सदन में कह रहा हूं कि बीजेपी अपनी नीति बदल रही.है|
राजनाथ सिंह ने मौके को लपकते हुए इसके जवाब में कहा कि हमारे और आपके बीच दूरी कहां है?अगली बार आप निश्चित तौर पर हमारे साथ होंगे.इससे पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने समाज वाद की प्रशंसा भी की थी|.
अगर मुलायम सिंह यादव के इस बयान पर गौर किया जाए तो आने वाले समय के राजनीतिक समीकरण का अनुमान लगाया जा सकता है सपा सुप्रीमो ने यह मान लिया है के कांग्रेस के बाद प्रदेश में अपनीसरकार और सी बी आई के डंडे से सवयम को बचाने के लिए एक सशक्त समर्थक बेहद जरुरी है|इसके अलावा प्रधान मंत्री की कुर्सी पर भी नज़र है ऐसे में भाजपा का विरोध कुछ हद तक कम किया ही जा सकता है|
कसाब को फांसी देकर भारत ने २६/११ के शहीदों को श्रधान्जली दी और आतंकवाद के विरुद्ध जंग की वचनबद्धता दोहराई
पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को फांसी दे दी गई है। कसाब 26/11 मुंबई अटैक के एक मात्र पकडे गया जीवित गुनहगार था| कसाब को मुंबई की ऑर्थर रोड जेल से पुणे की यरवदा जेल में शिफ्ट कर बुधवार सुबह 7.30 बजे फांसी पर लटकाया गया। फांसी के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।यह 26/11 के हमले में मारे गए निर्दोष लोगों और शहीद ऑफिसर्स के लिए श्रद्धांजलि है और आतंक वाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई के प्रति प्रतिबद्धता का प्रदर्शन भी है|
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के अनुसार गृह मंत्रालय ने 23 अक्टूबर को ही राष्ट्रपति से सिफारिश की थी कि कसाब की दया याचिका को खारिज कर दिया जाए। इसके बाद 5 नवंबर को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कसाब की दया याचिका को खारिज कर दिया। शिंदे ने बताया कि 8 नवंबर को ही यह तय हो गया था कि कसाब को 12 तारीख को फांसी दे दी जाए। इस बारे में महाराष्ट्र सरकार को उसी दिन जानकारी दे दी गई थी।
इसी उद्देश्य की पूर्ती के लिए मंगलवार को कसाब को मुंबई की ऑर्थर रोड जेल से पुणे की यरवदा जेल में गुपचुप तरीके से शिफ्ट कर दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि यरवदा जेल में फांसी देने का इंतजाम है। उसकी फांसी बुधवार सुबह साढ़े सात बजे तय की गई थी, जिसे तय समय पर अंजाम दे दिया गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्री शिंदे ने कहा कि पूरी प्रक्रिया के बाद सुबह 7.30 मिनट पर यरवदा जेल में कसाब को फांसी दे दी गई। उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया के सामने कसाब का अपराध साबित हुआ और आखिरकार उसे फांसी दे दी गई। ।’
कसाब की डेड बॉडी का क्या किया जाएगा? केंद्रीय गृह मंत्री के मुताबिक इस बारे में पहले ही पाकिस्तान को लेटर भेजा गया था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। कसाब को फांसी देने के बाद पाकिस्तान को दोबारा एक फैक्स भेजकर कसाब को फांसी दिए जाने की जानकारी दी गई है। शिंदे के मुताबिक अगर पाकिस्तान सरकार की तरफ से कसाब का शरीर लिए जाने का अनुरोध आता है, तब इस पर विचार किया जाएगा।
गौरतलब है कि कसाब उन 10 पाकिस्तानी आतंकियों में से एक था, जिन्होंने समंदर के रास्ते मुंबई में दाखिल होकर 26/11 हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। हमला करने से पहले इन आतंकियों ने गुजरात कोस्ट से एक भारतीय बोट को हाइजैक करके उसके कैप्टन को भी मार दिया था।
कसाब ने सितंबर में राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी। इससे पहले 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को बेहद ‘रेयर’ बताकर कसाब की फांसी की सजा पर मुहर लगा दी थी। जस्टिस आफताब आलम और सी. के. प्रसाद ने मुंबई हमले में पकड़े गए एक मात्र जिंदा आतंकी कसाब के बारे में कहा था कि जेल में उसने पश्चाताप या सुधार के कोई संकेत नहीं दिखाए। वह खुद को हीरो और देशभक्त पाकिस्तानी बताता था। ऐसे में कोर्ट ने माना था कि कसाब के लिए फांसी ही एकमात्र सजा है।
इससे पूर्व संयुक्त राष्ट्र महा सभा में भारत ने फांसी की सज़ा के पक्ष में मतदान करके यह साबित कर दिया था कि भारत देश में क़ानून व्यवस्था को तय करने के अपने अधिकार को सुरक्षित रखना चाहता है| इस मतदान के तत्काल पश्चात कसाब को को फांसी देकर यह भी सन्देश दे दिया गया है कि भारत कानून का पालक है और एक सॉफ्ट स्टेट कतई नहीं है|
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