झल्ले दी झल्लियां गल्लां
भाजपाई चीयर लीडर
ओये झल्लेया देखा कांग्रेसी और आम आदमी पार्टी वाले आखिर कार निकले न मौसेरे मौसेरे |ओये हसाडे बैलेंस्ड रेल बजट के खिलाफ भी एक दूजे के स्वर में स्वर मिला कर वातावरण को इम्बैलेंसड किये जा रहे हैं |एक मौसेरा सड़क पर हसाडे गौड़ा की सरकारी नाम प्लेट को गर्व से तोड़ा जा रहा है तो दूसरे मौसेरे चिट्ठियों पर चिट्ठियां लिखे जा रहे हैं और “हाथ” मजबूत करने पे तुले हैं|
झल्ला
ओ मेरे भोले सेठ जी आज कल राजनीती भी फुटबॉल की तरह ही हो गई है इसीलिए हाफ मैच के बाद “आप” पार्टी और कांग्रेस ने गोलपोस्ट बदल लिए हैं कांग्रेस जो पहले मीडिया में ब्यान बाजी में बिजी रहती थी वोह अब ऐ सी की ठंडक छोड़ कर गर्म सडकों परप्रदर्शन करती दिख रही है और कल तक प्रदर्शन से मीडिया को बांधे रखने में माहिर “आप”वाले अब ऐ सी में बैठ कर चिट्ठियां लिख मीडिया में छाए हुए हैं |
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