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पाक ने आतंकवाद में संलिप्त ढाईसौ मदरसे बंद किये,भारत में जेएनयूं पर बवाल

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

वामपंथी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?ओये सेंट्रल लॉ के अंतर्गत बनाये गए विश्विद्यालयों की पवित्रता को तार तर किया जा रहा है | केंद्र सरकार लगातार जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में भी पोलिस भेज रही हैं |कन्हैय्या जैसे निर्दोषों को फंसाया जा रहा है |ओये हसाडे सीताराम येचुरी जी ने भी पार्लियामेंट में सरकार की ऐसी की तैसी कर दी है

झल्ला

कामरेड जी किस युग में जी रहे हो?जे एन यूं जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में देश विरोध नारे लगाने वालों का समर्थन कर रहे हो उधर आतंकवाद प्रायोजक पाकिस्तान को देखो वहां आतंकवाद में संलिप्त 254 मदरसों को एक झटके में बंद किया:दृढ़ता से और उसकी जानकारी असेम्ब्ली में भी दे दी |पाक ने आतंकवाद में संलिप्त ढाईसौ मदरसे बंद किये,भारत में जेएनयूं पर क्यूँ मच रहा है बवाल

अमितशाह ने जेऐनयूं विवाद पर एक जुट हुए विपक्ष से देश द्रोह की परिभाषा पूछी

‘[बहराइच,यूपी]अमितशाह ने जेऐनयूं विवाद पर एक जुट हुए विपक्ष से देश द्रोह की परिभाषा पूछी |सम्भवत सरकार और पार्टी को संसद नहीं चलने देने का आभास हो गया था |इसीलिए आज संसद से बाहर यूपी से भाजपा ने विपक्ष पर करारा हमला बोला
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जेऐनयूं विवाद पर एक जुट हुए विपक्ष पर करारा हमला बोलते हुए देशद्रोह की परिभाषा पूछी
शाह ने कहा के वोट बैंक’ की राजनीति के लिये राहुल गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष देशद्रोहियों का पक्ष ले रहे हैं| :
भारतीय जनता पार्टी [भाजपा]के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय [जेएनयू]में देशविरोधी नारे लगाने वालों का ‘वोट बैंक’ की राजनीति के लिये पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए संसद में बैठे सभी पार्टियों के नुमाइंदों से पूछा के सांसद बतायें कि राष्ट्रविरोधी नारेबाजी करना अभिव्यक्ति की आजादी है या देशद्रोह।
शाह ने राजा सुहेलदेव की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर आयोजित जनसभा में कहा
‘‘आज संसद में चर्चा हो रही है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देशविरोधी नारों को सहन किया जाए या नहीं।
मैं खासकर कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या जो लोग भारत विरोधी नारे लगाते हैं वे देशद्रोही नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा ‘‘मैं चाहता हूं कि देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी संसद में हर पार्टी के नुमाइंदे बैठे हैं, वे स्पष्ट कर दें कि इस तरह के नारे लगाना अभिव्यक्ति की आजादी है या देशद्रोह है।
यह देश की जनता को भी तय करना है।’’
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को घेरते हुए शाह ने कहा ‘‘मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि वह जनता के सामने स्पष्ट करें कि क्या वह इन नारों का समर्थन करते हैं। अगर नहीं करते हैं, तो इसकी निन्दा करें।’’
उन्होंने कहा ‘‘राहुल जी वोट बैंक की राजनीति के लिये इतना नीचे मत उतरिये। यह देश हजारों शहीदों के जीवन के कुरबानी के कारण आजाद हुआ। आप अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर देश को तोड़ने वाली ताकतों का समर्थन करते हैं।’’

जेऐनयूं में,निषेद्ध, पदार्थों के धड़ल्ले से सेवन पर सरकार+शिक्षक+अविभावक+विपक्ष को सोचना होगा

[नई दिल्ली]जेऐनयूं में,निषेद्ध पदार्थों के धड़ल्ले से सेवन पर सरकार+शिक्षक+अविभावक+विपक्ष को सोचना होगा सिगरेट स्मोकिंग को हतोत्साहित करने के लिए बढ़ाये जा रहे टैक्स को यूनिवर्सिटीज में सब्सिडी के रूप में देकर इस सामाजिक अपराध को बढ़ावा दिया जा रहा है|यह चिंता और जांच का विषय होना चाहिए| सिगरेट के हर पैक पर लिखा होता है के इसका सेवन हेल्थ के लिए हानिकारक है |छात्र राष्ट्र का स्वास्थ्य कहा जाता है ऐसे में राष्ट्र के स्वास्थ्य से खिलवाड़ पर सभी वर्गों से सकारात्मक सहयोग की कामना तो की ही सकती है |
सिगरेट+शराब+गर्भ निरोध को विशेष रूप से छात्र जीवन में सामाजिक रूप से निषेध किया गया है |दिल्ली में कानूनी रूप से भी पब्लिक प्लेसेस पर ध्रूमपान अपराध घोषित किया जा चूका है |इसके प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए सरकारें इनपर टैक्स थोपती आ रही हैं और वर्तमान बजट भी सम्भवत इसका अपवाद नहीं होगा | विश्वास दिलाया जाता है के इस प्रकार की टैक्स वसूली से जनता का भला किया जाएगा और इसी विश्वास पर जनता भी सकारात्मक आशा रखती है लेकिन जब जमीनी हकीकत के रूप में जवाहर लाल नेहरू[जेऍनयूं] जैसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान की असलियत सामने आती है तो सरकारों के साथ ही छात्रों के अविभावकों पर टैक्स पयेर्स को क्रोध आना स्वाभविक ही है| जिन वस्तुओं के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए वसूले जा रहे टैक्स को छात्र सब्सिडी के माध्यम से यूनिवर्सिटीज में उत्साहित किया जा रहा है यह अपने आप में एक सामाजिक+राष्ट्रीय अपराध है |जे ऐन यु में सिगरेट के टुकड़े +शराब की बोतलें+निरोध[कंडोम्स]मिले हैं जिसपर सरकार+अध्यापक+अविभावकों को गर्व नही वरन चिंता होनी चाहिए |
जवाहर लाल नेहरू जैसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान में इन निषेध वस्तुओं के धड़ल्ले से इस्तेमाल अपने आप में चिंता और सभी राजनितिक दलों द्वारा इसे जांच का विषय स्वीकार कर लिया जाना चाहिए|अविभावकों से उनके अपने लाड़लों+लाड़लियों के भविष्य के लिए कमोबेश ऐसी आशा की ही जा सकती है|

Archbishop Demands Fair Probe In JNU Hoopla+Jats Quota Stir

[Bhopal] Christian Leaders Also Joins Batting In JNU Hoopla:Bhopal’s Archbishop Demands Fair Probe
Archbishop From BHOPAL Demanded Fair Probe In JNU Hoopla+Jats Quota Stir
Bhopal Archbishop Leo Cornelio today said the JNU issue is being politicised and asked the Centre to set up an all-party committee for facilitating unbiased investigation.
Observing that there is nothing important than country, he said, “At this time the country must come together for peace and harmony”.
Cornelio also expressed concern over the Jat reservation agitation which sparked violence in many parts of Haryana and appealed to the community to maintain peace and non-violence.
He said the problem of Jat agitation could be solved by the discussions.
“This movement is spoiling the image of the country on the national as well as international level. This agitation is destabilising the peace and harmony in the country. This matter can be solved by Central as well as state governments by taking suitable measures

जेएनयू ग्रहण ने बीएस बस्सी को सूचना आयुक्त पद से दूर किया

[नयी दिल्ली]जेएनयू “ग्रहण” ने बीएस बस्सी को सूचना आयुक्त पद से दूर किया |बस्सी ने कहा इससे उन्हें कोई फर्क नही पढता |
दिल्ली पुलिस प्रमुख बीएस बस्सी को केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त के पद के लिए दावेदारों की सूची से आज बाहर कर दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने आज इस पद के लिए तीन नामों को मंजूरी दी। जेएनयू विवाद से सही तरीके से नहीं निपटने को लेकर बस्सी पत्रकारों के एक वर्ग के साथ साथ “आप” पार्टी और कांग्रेस के भी निशाने पर हैं।
सूत्रों के अनुसार बस्सी का नाम हटाने का फैसला विपक्षी पार्टियों और समाज के कार्यकर्ताओं की ओर से बढ़ते दबाव के बीच किया गया।
जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार के मामले की पटियाला हाउस अदालत परिसर के भीतर सुनवाई के दौरान घटी हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस पर निष्क्रिय का आरोप लगायागया है|
केंद्रीय सूचना आयोग में रिक्तियों को भरने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित की गई छह सप्ताह की समय-सीमा को मानते हुए समिति की आज सुबह बैठक हुई जिसमें विभिन्न नामों पर चर्चा की गई।
बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने हिस्सा लिया।

जेऐनयू में एंटीनेशनल एक्टिविटीज के विरोध में उत्तेजित वकीलों ने आज भी उग्र विरोध दर्ज कराया

[नई दिल्ली]जेऐनयू में एंटी नेशनल एक्टिविटीज के विरोध में उत्तेजित वकीलों ने आज भी उग्र विरोध दर्ज कराया|
एंटीनेशनल एक्टिविस्ट्स के विरुद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर आज वकीलों ने विरोध मार्च निकाला|इसमें पटिआला हाउस और अन्य जिला अदालतों के वकील भी शामिल हुए |इंडिया गेट सर्किल तक किये गए मार्च में आज वोह वकील भी शामिल थे जिन पर पत्रकारों और छात्रों के साथ धक्का मुक्की करने के आरोप लग रहे हैं|तिरंगा लहराते हुए नारे लगाये जा रहे थे और एंटी नैशनल्स को किसी भी कीमत पर सबक सिखाने की बात कह रहे थे|मीडिया पर्सन्स को पीटने की बात को सिरे से ख़ारिज करते हुए इस कृत्य में बाहरी तत्वों के शामिल होने की बात कही गई है |

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जेटली ने अदालतपरिसर में कवरेज कर रहे पत्रकारों पर हमले को निंदनीय बताया

[नयी दिल्ली] जेटली ने अदालतपरिसर में कवरेज कर रहे पत्रकारों पर हमले को निंदनीय बताया |JNU प्रकरण को लेकर कथित वकीलों द्वारा फर्स्ट पोस्ट के पत्रकार की आज पिटाई के बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए अरुणजेटली ने पूरे घटना क्रम को अनुचित और निंदनीय बताया|
केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने अदालत परिसर में पत्रकारों पर हुए हमलों की बढ़ती आलोचना के बीच आज इन घटनाओं को ‘बेहद अनुचित और निंदनीय’’ करार दिया और साथ ही कहा कि मीडिया को बिना किसी बाधा के रिपोर्ट करने का अधिकार है ।
सूचना और प्रसारण मंत्री जेटली ने ट्विट किया, ‘‘ मीडिया को निर्बाध रूप से रिपोर्ट करने का अधिकार है । मीडियाकर्मियों पर हमला बेहद अनुचित और निंदनीय है ।’’ गौरतलब है कि जेएनयू राष्ट्रद्रोह मामले की कवरेज कर रहे पत्रकारों पर वकीलों का चोगा पहने हुए लोगों ने सोमवार को हमला किया था और यह हिंसा आज पटियाला हाउस अदालत परिसर में फिर से दोहरायी गयी। हमला उस समय किया गया जब जेएनयू के देश द्रोह के आरोपी छात्र नेता कन्हैया कुमार को अदालत में पेश किया जा रहा था।
इससे पूर्व दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि विश्वविद्यालय की ‘‘वैकल्पिक आवाज’’ को भी सुना जाना चाहिए।
प्रसाद ने कहा, ‘‘ जेएनयू भारत का बहुत प्रमुख संस्थान है जो व्यापक तौर पर सम्मानित भी है । इसने बेहतरीन नौकरशाह, महान शिक्षाविद और जानी मानी हस्तियां दी हैं । इसकी फैकल्टी और छात्र भी बेहतरीन कर रहे हैं ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी का यह सोचना है कि जेएनयू में एक बेहद भावपूर्ण, शक्तिशाली तथा सृजनात्मक वैकल्पिक आवाज है । देश उस आवाज को सुनने के लिए भी उतना ही बेताब है ।’’ गौरतलब है कि राष्ट्रीय मीडिया के शीर्ष संपादकों और सैंकड़ों पत्रकारों ने अदालत परिसर में मीडियाकर्मियों की पिटाई में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए मार्च भी निकाला था।और नरेंद्र मोदी तथा पोलिस मुर्दाबाद के नारे भी लगाये थे