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Tag: Supreme Court

आई पी एल बेशक आर टी आई से बची हुई है लेकिन क्या सुप्रीम कोर्ट में दायर पी आई एल से बच पायेगी

भारत सरकार बेशक अभी तक क्रिकेट के खेल को आर टी आई[ RTI ] के दायरे में लाने में सफल नहीं हुई है लेकिन अब आम जनता ने जनहित याचिका[PIL] के माध्यम से बी सी सी आई[BCCI पर नकेल कसनी शुरू कर दी है| लखनऊ के वास्तुकार सुदर्श अवस्थी ने अपने वकील जैन के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है|इस याचिका में आइपीएल मैचों की अनियमितताओं की जांच विशेष जांच दल [एसआइटी] से कराने की मांग की गई है। लखनऊ के सुदर्श अवस्थी की याचिका में 22, 24 और 26 मई को होने वाले आइपीएल सेमीफाइनल व फाइनल मैचों पर रोक की मांग की गई है। शीर्ष अदालत मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई कर सकती है |
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार व बीबीसीआइ को आइपीएल[ IPL ] पर पूरी तरह रोक लगाने का निर्देश दे। बताया गया है कि आइपीएल में बड़ी रकम का निवेश होता है जिसकी शुरुआत खिलाड़ियों की नीलामी से होती है आइपीएल की नौ टीमों के मालिक और फ्रैंचाइजी विदेशी मुद्रा में खिलाड़ियों, अंपायर, चीयर लीडर व कमेंन्टेटर को भुगतान करते हैं। खर्च का ब्योरा भी देश के नागरिकों को मुहैया नहीं कराया जाता। आइपीएल में मौजूद राष्ट्रविरोधी व असामाजिक गतिविधियां है। राष्ट्रविरोधी तत्व आइपीएल में संलिप्त हैं। विदेशों से राष्ट्रविरोधी तत्व खिलाड़ियों पर स्पॉट फिक्सिंग और मैच फिक्सिंग जैसे गलत कामों के लिए दबाव डालते हैं और उन्हें धमकाते रहते हैं।
जनहित याचक ने कहा है कि आइपीएल कालेधन, जुआ व अश्लीलता का अड्डा बन गया है। नतीजतन भारतीय क्रिकेट टीम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावित हो रही है। भारतीय क्रिकेट टीम की जिम्मेदारी है कि वह देश के लिए खेले, जबकि वे स्पॉट फिक्सिंग, गैंबलिंग और बेटिंग में लगे हैं। सरकार और बीसीसीआइ के अलावा आइपीएल टीमों के मालिकों को भी पक्षकार बनाया गया है
इसके अलावा चेन्नई में एक क्रिकेट प्रशंसक ने स्पॉट फिक्सिंग में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस में शिकायत की है |
बेशक अभी तक सरकार बी सी सी आई पर आर टी आई कि नकेल नहीं कस पाई है+पोलिस अभी तक आई पी एल के ऊंचे खिलाड़ियों से दूर है+बी सी सी आई और अन्तराष्ट्रीय क्रिकेटर बोर्ड लाखों डॉलर्स खर्च करवा कर भी अपने खिलाड़ियों पर नज़र नही रख पा रहे हैं लेकिन इस सबके बावजूद लगता है कि अब क्रिकेटर्स का मोह [अपने द्वारा बनाये गए ]क्रिकेट के हीरोज से भंग होने लगा है सुप्रीम कोर्ट में पी आई एल और चेन्नई थाणे में रिपोर्ट से यह पहल हो चुकी है|

कोयला घोटाले में दायर सी बी आई के हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट की टिपण्णी को ‘आप’ ने अपनी सबसे बड़ी जीत बताया

सुप्रीम कोर्ट द्वारा सी बी आई की कोयला घोटाले की रिपोर्ट पर की गई टिपण्णी को आम आदमी पार्टी[आप]ने बीते वर्ष की जुलाई के पश्चात अपनी बड़ी जीत क्लेम किया है| आप ने सी बी आई की रिपोर्ट में छेड़ छाड़ करने के दोषी केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार और एटोर्नी जनरल को तत्काल बर्खास्त किये जाने की मांग की है| पार्टी ने पी एम् की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाये हैं| कोयला घोटाले पर सीबीआइ द्वारा दाखिल हलफनामे पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि वह पिंजरे में बंद तोते की तरह है और वह केवल ‘मालिक’ की भाषा बोलती है। उसके कई मालिक हैं। उस पर केंद्र सरकार का पूर्ण नियंत्रण है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआइ स्वतंत्र हो एवं उसकी जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। लेकिन परेशानी की बात यह है कि उसे बेमिसाल अधिकार देना मुमकिन नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट को पेश किये गए हलफनामे में सी बी आई ने यह स्वीकार कर लिया है कि कानून मंत्री अश्रि्वनी कुमार, अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती, पीएमओ और कोयला मंत्रालय के अधिकारियों के सुझावों पर रिपोर्ट में बदलाव किए गए।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के दुरुपयोग के लेकर गंभीर सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा कि वह जांच एजेंसी को कब स्वतंत्र करेगी? जस्टिस आरएम लोढ़ा की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि सीबीआई डायरेक्टर के हलफनामे से साबित होता है कि उसके कई मालिक हैं और वह सबसे आदेश लेती है।
स्टेटस रिपोर्ट में बदलाव को लेकर आलोचना झेल रहे अटर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उन्होंने न तो रिपोर्ट देखी और न ही मांगी। उन्होंने कहा कि कानून मंत्री अश्विनी कुमार के कहने पर स्टेटस रिपोर्ट तैयार कर रहे सीबीआई अधिकारियों से मुलाकात की थी। इस तरह अटर्नी जनरल ने पूरी जिम्मेदारी कानून मंत्री पर डालते हुए सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऐ एस जी हरेन रावल भी इस मामले में खुद को बलि का बकरा बनाए जाने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे चुके हैं।

आम आदमी पार्टी [आप]ने कोल गेट स्कैम में प्रधान मंत्री का इस्तीफा माँगा

आम आदमी पार्टी [आप]ने आज कोयला कांड में प्रधान मंत्री के इस्तीफे के साथ एस आई टी द्वारा जाँच की मांग की है|
मीडिया में छापी खबरों के हवाले से कहा गया है कि सी बी आई द्वारा तैयार की गई कोल गेट स्कैम की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश करने से पहले पी एम् ओ कार्यालय द्वारा इसमें छेड़ छाड़ की गई है|सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए सी बी आई की जांच रिपोर्ट को पी एम् ओ के साथ शेयर किया गया है| अंग्रेजी के अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के हवाले से कहा गया है के केंद्रीय कानून मंत्री और पी एम् ओ ने ना केवल सी बी आई की जांच रिपोर्ट को देखा है वरन उनके द्वारा रिपोर्ट में फेर बदल भी की गई है| इसके लिए पहले भूमिका तैयार करने के लिए सी बी आई के जाँच अधिकारी डी आई जी रविकांत को ट्रांसफर कर दिया गया |
आप का आरोप है के जब कोल गेट स्कैम में अनेकों मंत्री और पी एम् तक शामिल हैं और उन्हें बचाने के लिए जांच प्रभावित की जा रही है ऐसे में जन लोक पाल की बेहद जरुरत है और जन लोक पाल के बगैर निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा की कल्पना भी नहीं की जा सकती

संजय दत्त की फरियादों को नकारते हुए सुप्रीम कोर्ट ने [और] साडे तीन साल की सजा सुनाई

फिल्म अभिनेता संजय दत्त की तमाम फरियादों को नकारते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने [और] साडे तीन साल की सजा सुना दी है| टाडा कोर्ट ने पहले छह साल की सजा सुनाई थी| इसे घटाकर पांच साल कर कर दिया है जिसमे से डेड साल की सजा काटी जा चुकी है| इस फैसले के मद्देनजर अब संजय दत्त को जेल जाना होगा. गौरतलब है कि मुंबई की टाडा अदालत ने संजय दत्त को आर्म्स एक्ट के तहत छह साल कैद की सजा सुनायी थी. जिसके खिलाफ संजय दत्त ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी |

संजय दत्त की फरियादों को नकारते हुए सुप्रीम कोर्ट ने [और] साडे तीन साल की सजा सुनाई

संजय दत्त की फरियादों को नकारते हुए सुप्रीम कोर्ट ने [और] साडे तीन साल की सजा सुनाई


मुंबई में 1993 ब्लास्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है| सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए याकूब मेनन की फांसी की सजा को बरकरार रखा. बाकी दस भगोड़ों की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील करदिया गया है
सुप्रीम कोर्ट ने अन्य 17 लोगों की उम्रकैद को बरकरार रखा है. एक एचआईवी पॉजिटिव आरोपी की सजा कम कर दी गई है जबकि एक आरोपी जो जुवेनाइल था उसको बरी कर दिया गया है.
याकूब मेमन का टाइगर मेमन का भाई है. याकूब मेमन को साजिश के लिए पैसे जुटाने का दोषी पाया गया है. इसके अलावा याकूब मेमन साजिश की मीटिंग में भी शामिल था.
इस फैसले के मद्देनजर मुंबई में अलर्ट जारी किया गया है और संजय दत्त के घर[हाईट] के बाहर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है.अपने समय के मशहूर अभिनेता +निदेशक और निर्माता सांसद सुनील दत्त के बेटेऔर सांसद प्रिया दत्त के भाई संजय दत्त को टाडा कोर्ट ने जुलाई 2007 में 6 साल की सजा सुनाई थी. संजय दत्त को अवैध रूप से एके-56 राइफल रखने का दोषी पाया गया था|. एक समय|.देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में 12 मार्च 1993 को सिलसिलेवार 12 धमाके हुए थे, जिसमें 257 लोगों की मौत हुई थी|

भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी को संयम में रहने का आज पुरूस्कार मिला :Varun Gandhi Exonerated

भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी को संयम में रहने का आज पुरूस्कार मिला :Varun Gandhi Exonerated

भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी को संयम में रहने का आज पुरूस्कार मिला :Varun Gandhi Exonerated

भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी को संयम में रहने का आज पुरूस्कार मिल गया | भड़काऊ भाषण के दूसरे मामले में भी आज ५ मार्च , मंगलवार को उन्हें बरी कर दिया गया है|
पीलीभीत की अदालत के न्यायाधीश अब्दुल कयूम ने यह फैसला सुनाया है| वरुण गांधी को साक्ष्यों के अभाव में बरी किया गया है|
अदालत ने जब वरूण गांधी को बरी करने का फ़ैसला सुनाया तब वरूण अदालत में मौजूद थे. फ़ैसले के बाद वरूण शांत भाव से अदालत से बाहर निकले.
शुरू से ही वरुण कहते आ रहे हैं कि जिस सी डी के आधार पर मुकद्दमा दर्ज़ हुआ है उसे छेड़ चाड करके उनके विरुद्ध बनाया गया है|
इस सी डी के अलावा वरूण ख़िलाफ़ पेश किये गए गवाह भी मुकर गए , पुलिस कर्मियों का बयान भी बदलता रहा है|
स्वर्गीय संजय गाँधी और संसद मेनका गाँधी के पुत्र वरुण गांधी पर 2009 में चुनाव प्रचार के दौरान एक ख़ास समुदाय के खिलाफ़ भड़काऊ भाषण देने का आरोप था|वरुण के विरुद्ध वर्ष २००९ के १७ और १८ मार्च को दो प्राथमिकी [ऍफ़ आई आर]दर्ज़ की गई थी वरुण गांधी के कोर्ट के सामने समर्पण करने के पश्चात उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था|वरुण पर एन एस ऐ लगा कर जेल में भेजा गया | वर्ष २००९ की मई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनएसए हटा लिया गया था और जेल में 19 दिन रहने के बाद उन्हें ज़मानत दे दी गई|
इन सभी विवादों के बावजूद वरुण गांधी ने पीलीभीत संसदीय सीट का चुनाव जीता मगर उन्हें पार्टी प्रचार से अलग रखा गया . अब वे दोनों आरोपों में दोषमुक्त ठहराए जा चुके हैं.ऐसे में २०१४ के चुनावों में विशेष कर उत्तर प्रदेश में इनका उपयोग किया जा सकेगा |[FILE PHOTO]

देश की सर्वोच्च अदालत ने फ्लाइट्स सेफ्टी मानदंडों को नहीं अपनाने के लिए डी जी सी ऐ को अवमानना का नोटिस दिया

सुप्रीम कोर्ट ने फ्लाइट्स सेफ्टी को पायलट्स फटीग नहीं रोकने के लिए डी जी सी ऐ को अवमानना का नोटिस दिया

सुप्रीम कोर्ट ने फ्लाइट्स सेफ्टी को पायलट्स फटीग नहीं रोकने के लिए डी जी सी ऐ को अवमानना का नोटिस दिया

देश की सर्वोच्च अदालत ने सुरक्षा मानदंड नहीं अपनाए जाने के लिए नागरिक उड्डयन नियामक की खिंचाई करते हुए अवमानना का नोटिस जारी किया है|
गौरतलब है कि यात्री विमानों को उड़ाने के लिए पायलट्स की ड्यूटी समय [फ्लाईंग हावर्स]निश्चित किये जाने के लिए मई २०११ में Civil Aviation Regulations [सी ऐ आर] के गठन करके पायलट्स को श्रम दंड[fatigue] से बचाने के लिए नियम बनाने को कहा गया था |इस विषय में कहा गया था कि थकान भरे श्रम अवधि से पायलट्स में थकावट आती है जिसे उड़ानों के लिए असुरक्षित माना गया था| इसी लिए फ्लाइट्स की सेफ्टी हेतु पायलट्स के लिए फ़्लाइंग समय सीमा निश्चित की जानी आवश्यक है|यदपि डी जी सी ऐ द्वारा बीते साल की फरवरी में नियमवाली जारी कर दी गई थी लेकिन उसे सभी एयर लाइन्स के लिए जरुरी नहीं किया गया था|इसके फलस्वरूप पायलट्स के कार्य समय के विषय में तो कहा गया मगर फलाईट्स के समय के विषय में कोई दिशा निर्देश शामिल नहीं किया गया|
इस उपेक्षा को गंभीरता से लेते हुए एपेक्स कोर्ट ने कोर्ट कि अवमानना माना और डी जी सी ऐ को नोटिस जारी किया है|

एयरलाइंस के टिकटों पर अस्वीकृत टैक्स और फीस लगाना मान्य नियमों का उल्लंघन है:सुप्रीम कोर्ट

एयरलाइंस के टिकटों पर सुप्रीम कोर्ट

देश की सर्वोच्च न्यायालय ने एयरलाइंस के अनियमित टैरिफ स्ट्रक्चर पर टिपण्णी करते हुए नागरिक उड्डयन नियामक [डीजीसीए] को एयरलाइंस के टैरिफ स्ट्रक्चर की जांच करने को कहा है|। मूल किराये पर अतिरिक्त चार्ज लगाने वाली एयरलाइंस पर जुर्माना नहीं लगाने के लिए उड्डयन नियामक की भी आलोचना की गई है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एयरलाइंस यात्रियों से किसी भी रूप में ट्रांजैक्शन फीस नहीं ले सकती।फिलहाल बजट एयरलाइंस यात्रियों से 6 % ट्रांजैक्शन फीस लेती हैं। एयरलाइंस की तरफ से बेसिक किराये और फ्यूल सरचार्ज का 6 % बतौर ट्रांजैक्शन फीस वसूला जाता है।वहीं फुल सर्विस कैरियर इकोनॉमी क्लास के टिकट पर 220 रुपये ट्रांजैक्शन फीस वसूलती हैं। साथ ही फुल सर्विस कैरियर बिजनेस क्लास के टिकट पर 500 रुपये ट्रांजैक्शन फीस वसूलती हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि एयरलाइंस कंपनियां टिकटों पर अस्वीकृत टैक्स और फीस लगाकर मान्य नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।

तीसरी बार विजय पताका फहराने वाले नरेन्द्र मोदी राज्यपाल के हाथों सुप्रीम कोर्ट में हार गए

तीसरी बार विजय पताका फहराने वाले नरेन्द्र मोदी राज्यपाल के हाथों सुप्रीम कोर्ट में हार गए

गुजरात में तीसरी बार विजय पताका फहराने वाले नरेन्द्र मोदी आज राज्यपाल के हाथों सुप्रीम कोर्ट में हार गए| सर्वोच्च न्यायलय ने जस्टिस आर ऐ मेहता को गुजरात का लोकायुक्त बनाए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है |राज्यपाल कमला बेनीवाल ने जस्टिस मेहता की न्युक्ति की थी .
सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि बेशक राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह के काम करने के लिए बाध्य है लेकिन जस्टिस मेहता की नियुक्ति सही थी क्योंकि गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से सलाह के बाद उन्हें लोकायुक्त बनाया गया था .|
इससे पूर्व जनवरी 2012 में हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति वीएम सहाय ने एक खंडपीठ द्वारा राज्यपाल के निर्णय की वैधता पर बंटा हुआ फैसला आने के बाद लोकायुक्त की नियुक्ति को बरकरार रखा था। न्यायमूर्ति सहाय ने संवैधानिक संकट पैदा करने को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की खिंचाई करते हुए कहा गया था कि राज्यपाल को नियुक्ति का विवेकाधीन अधिकार होता है। मुख्यमंत्री द्वारा लोकायुक्त मुद्दे को लेकर की जा रही उछलकूद- नौटंकी लोकतंत्र के विखंडन को दर्शाती है। हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने दलील दी थी कि अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए राज्य सरकार की सलाह लिए बिना लोकायुक्त की एकतरफा नियुक्ति अवैध है। साथ ही हाई कोर्ट द्वारा मोदी के खिलाफ इस्तेमाल किए गए कड़े शब्दों पर एतराज जताते हुए टिप्पणियों को हटाने की मांग की गई है। राज्यपाल ने आठ वर्ष से खाली पड़े लोकायुक्त के पद पर 25 अगस्त 2011 को सेवानिवृत्त न्यायाधीश मेहता की नियुक्ति कर दी थी।