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मुलायम बने सपा के आडवाणी :स्टार प्रचारकों की सूची से दिग्गज बाहर

[लखनऊ,यूपी]मुलायम बने सपा के आडवाणी :स्टार प्रचारकों की सूचि से दिग्गज बाहर| समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को आजमगढ़ सीट के बजाय सपा ने इस बार मैनपुरी से उम्मीदवार बनाया है लेकिन 40 स्टार प्रचारकों की सूची में मुलायम का नाम नहीं है| गौरतलब हे के ९१ वर्षीय लाल कृष्ण आडवाणी का भी टिकट गांधीनगर से काट दिया गया है | इनकी सुरक्षित सीट से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड़ेंगे|इधर मुलायम को आजमगढ़ से हटा कर स्वयं अखिलेश यादव यहाँ से चुनाव लड़ेंगे
मुलायम इससे पहले वर्ष 1996, 2004 और 2009 में मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं।यह सीट उनके लिए सुरक्षित मानी जा रही है |
सपा के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा रविवार को जारी की गई 40 स्टार प्रचारकों की सूची में पूर्व रक्षा मंत्री +मुख्य मंत्री+और सपा के संस्थापक +पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव का नाम नहीं है।
स्टार प्रचारकों की फेहरिस्त में पार्टी मुखिया
अखिलेश यादव,
आजम खान,
डिंपल यादव,
जया बच्चन तथा कई अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं।

शिवपाल ने शक्ति दिखाई:मुलायम की मौजूदगी में भाजपा पर दंगे भड़कने का भी लगाया आरोप

[लखनऊ,यूपी]शिवपाल ने शक्ति दिखाई:मुलायम की मौजूदगी में भाजपा पर दंगे भड़कने का भी लगाया आरोप
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने केन्द्र और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा पर रविवार को निशाना साधते हुए कहा कि वह लोकसभा चुनाव में सियासी फायदा लेने के लिये दंगा भड़काना चाहती है।
शिवपाल ने अपनी पार्टी की पहली रैली, ‘जनाक्रोश महारैली’ को संबोधित करते हुए कहा,कि वर्ष 1992 में तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा सुरक्षा की गारंटी का हलफनामा देने के बावजूद बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया गया था। वह देश में फिर से वही आग फैलाना चाहती है। आज लोग मुसलमान का नाम लेने में घबराने लगे हैं।
शिवपाल ने कहा “हम अयोध्या में दंगा नहीं होने देंगे।’’
’ रैली स्थल रमाबाई आंबेडकर मैदान पूरी तरह भरा हुआ था । मैदान के बाहर की सड़कों पर भी जनसैलाब उमड़ा था। रैली में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के अलावा उनकी छोटी बहू अपर्णा यादव शामिल हुए।

मुलायम ने अडवाणी बनने से किया इनकार:बुलाया सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन

[लखनऊ,यूपी] मुलायम ने अखिलेश के हाथों अडवाणी बनने से किया इनकार:बुलाया सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन
अखिलेश के विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन के जवाब में मुलायम सिंह यादव ने फोड़ा लेटर बम
और सपा के विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन को असंवैधानिक बताया
समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा आज बुलाये गये पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को असंवैधानिक करार देते हुए इसमें शामिल होने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी।
सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के शुरू होने के थोड़ी ही देर बाद सपा मुखिया ने चिट्ठी जारी करके कहा कि आज रामगोपाल यादव द्वारा तथाकथित अधिवेशन बुलाया गया है। यह पार्टी के संविधान और अनुशासन के विरुद्घ है। यह पार्टी को क्षति पहुंचाने के लिये बुलाया गया है।
उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में शिरकत को अनुशासनहीनता माना जाएगा और सम्मेलन में जो भी जाएगा, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मालूम हो कि जनेश्वर मिश्र पार्क में सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया जा रहा है। इसमें मंच पर सपा के वे सभी वरिष्ठ नेता मौजूद हैं, जो कभी मुलायम के बगलगीर थे।गौरतलब हे के अखिलेश यादव केनिवास पर लगभग दोउ सौ विधायकों ने उपस्थिति दर्ज कराई थी और मुलायम सिंह यादव के पास मात्र २० विधायक ही पहुंचे थे |
इस विशेष अधिवेशन में अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया |मुलायम सिंह यादव को पार्टी का मार्ग दर्शक बनाए गया है
अमर सिंह को पार्टी बाहर किया गया है इसके अलावा शिव पाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया है|गौरतलब हे के भाजपा में भी वरिष्ठ लाल कृष्ण आडवाणी को मार्ग दर्शक बना कर सम्मान दिया गया है |

सपा के बगावती अधिवेशन में क्रान्ति :अखिलेश बने राष्ट्रीय अध्यक्ष

[लखनऊ,यूपी]सपा के बगावती अधिवेशन में क्रान्ति :अखिलेश बने राष्ट्रीय अध्यक्ष |
मुलायम सिंग यादव की इच्छा के विरुद्ध बुलाये गए विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन में आज अखिलेश यादव ने अपने पितामुलायम सिंह यादव से राष्ट्रीय अध्यक्ष पद लेकर उन्हें यथोचित सम्मान देते हुए पार्टी का मार्गदर्शक बनाया |प्रो राम गोपाल यादव द्वारा प्रस्तावित इस क्रांतिकारी बदलाव को उपस्थित सदस्यों+नेताओं+मंत्रियों ने समर्थन दिया|
पार्टी के चाणक्य रहे ठाकुर अमर सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया गया और प्रदेश अध्यक्ष दबंग शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया है|
इस समर्थन से उत्साहित अखिलेश यादव ने कहा के वह अपने पिता का सम्मान पहले से ज्यादा करेंगे |इसे पूर्व अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर अपने लाखों समर्थकों को नव वर्ष की शुभकामनाये मेल की हैं|

मुलायम ने अपने ही पुत्र अखिलेश और कजिन राम गोपाल को पटख़नी दे सपा से निकाला

[लखनऊ,यूपी]मुलायम ने अपने ही पुत्र और कजिन को पटख़नी देकर सपा से निकाला
मुलायम सिंह यादव ने अपने ही पुत्र सीएम अखिलेश और कजिन राम गोपाल को पटख़नी दे सपा से ६ साल के लिए निकाल दिया है
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी कुनबे में मचे घमासान के बीच समाजवादी पार्टी [सपा]मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आज बहुत बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने पुत्र एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से छह-छह साल के लिये निष्कासित कर दिया।
सपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री अखिलेश और महासचिव रामगोपाल को कारण बताओ नोटिस जारी करने के महज पौन घंटे के अंदर संवाददाता सम्मेलन करके दोनों को पार्टी से निकालने का फरमान सुना दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी बचाने के लिये उन्हें ऐसा सख्त कदम उठाया है।
मुलायम ने रामगोपाल द्वारा आगामी एक जनवरी को पार्टी के राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाये जाने को अवैध करार देते हुए कहा कि इसका अधिकार केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष को है। रामगोपाल के कदम से पार्टी को नुकसान हुआ है और चूंकि रामगोपाल के कृत्य में अखिलेश का भी समर्थन है, इसलिये उन्हें भी पार्टी से छह साल के लिये निकाल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव के समय ऐसी समस्या जानबूझकर पैदा की गई है। अखिलेश गुटबाजी कर रहे हैं और रामगोपाल इसमें उनकी मदद कर रहे हैं। रामगोपाल ने अखिलेश का भविष्य खत्म कर दिया है। उन्हें विवादित कर दिया है। मुख्यमंत्री तो निर्विवाद होता है. मुख्यमंत्री इसे समझ नहीं रहे हैं।
इस सवाल पर कि अब मुख्यमंत्री कौन होगा, मुलायम ने कहा कि वह हम तय करेंगे। इसके लिये पार्टी नेताओं से विचार-विमर्श किया जाएगा।

प्रो रामगोपाल यादव का सपा से निष्कासन ऑफिशियली रद्द

ram-gopal-yadav[लखनऊ,यूपी]प्रो रामगोपाल यादव का सपा से निष्कासन ऑफिशियली रद्द
समाजवादी पार्टी [सपा]के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने छह सालों के लिए पार्टी से निकाले गए प्रोफेसर रामगोपाल यादव का निष्कासन आज रद्द कर दिया।
सपा मुखिया ने यहां जारी एक बयान में कहा कि रामगोपाल का सपा से निष्कासन रद्द किया जाता है और वह पहले की ही तरह पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, महासचिव एवं संसदीय बोर्ड के सदस्य के रूप में काम करते रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुलायम सिंह के कजिन रामगोपाल को पिछली 23 अक्टूबर को भाजपा के साथ साठगांठ करने और पार्टी के साथ अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष शिव पल द्वारा छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया था।
रामगोपाल ने कल राज्यसभा में सपा के नेता के तौर पर अपनी पार्टी का मजबूत पक्ष रखा था तभी से अटकलें लगाई जा रही थी कि रामगोपाल के लिए पार्टी में वापसी के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं।
रामगोपाल हाल में समाजवादी परिवार में वर्चस्व के विवाद में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ मजबूती से खड़े दिखाई दिए थे।

मुलायम मित्र दलों के प्रति हुए कठोर,महागठबंधन से किया इनकार

[लखनऊ,यूपी] मुलायम सिंह मित्र दलों के प्रति हुए कठोर ,महागठबंधन से किया इनकार
समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने आज किसी भी महागठबंधन से इनकार कर दिया लेकिन मर्जर की संभावना को जीवित रखा| आनन फानन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने उत्तर प्रदेश असेंबली के लिए होने जा रहे इलेक्शन्स में किसी भी गठबंधन से इनकार कर दिया है|गौरतलब हे के बीते दिनों कांग्रेस के रणनीति कार प्रशांत किशोर+रालोद के चौधरी अजित सिंह आदि ने मुलायम सिंह से मुलाकातें की थी इसके अलावा सपा के समारोह में जनता परिवार के जुटने से सियासी गलियारों में गठबंधन के कयास लगाए जाने लगे थे | मुख्य मंत्री और मुलायम सिंह के पुत्र अखिलेश यादव गठबंधन नीति को अव्यवहारिक बता चुके हैं
फाइल फोटो

अखिलेश ने मुलायम के बगैर ही यश भारती सम्मान से 73 हस्तियों को नवाजा

[उत्तर प्रदेश.लखनऊ ]अखिलेश ने मुलायम के बगैर ही यश भारती सम्मान से 73 हस्तियों को नवाजा|इस बढे आयोजन में मुलायम सिंह यादव की अनुपस्थिति से परिवार और पार्टी का विवाद गहराता दिखाई दिया |
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साहित्य, समाजसेवा, चिकित्सा, फिल्म, विज्ञान, पत्रकारिता, हस्तशिल्प, संस्कृति, शिक्षण, संगीत, नाटक, खेल, उद्योग और ज्योतिष क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाली 73 हस्तियों को आज यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया लेकिन इस आयोजन में उनके पिता और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव अनुपस्थित रहे|
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि यह पुरस्कार उनके पिता सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने 1994-95 में शुरू किया था। पिछली सरकार [बसपा सरकार] ने यश भारती सहित सभी पुरस्कारों और सम्मानों पर रोक लगा दी थी, जिसे सपा सरकार ने फिर से शुरू किया।
पुरस्कार पाने वाले नामचीन लोगों में
बेगम हमीदा हबीबुल्लाह [समाजसेवा],
बशीर बद्र [उर्दू शायर]
संतोष आनंद [फिल्म गीतकार]
केवल कुमार [संगीत निर्देशक]
नसीरूददीन शाह [अभिनय]
पंडित विश्वनाथ [शास्त्रीय संगीत]
सौरभ शुक्ला [अभिनय, लेखन],
मोहम्मद असलम वारसी [कव्वाली]
पीयूष चावला [क्रिकेट]
साबरी बंधु [कव्वाली]शामिल हैं।
पुरस्कार के रूप में 11 लाख रूपये का चेक, शाल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

माया ने मुलायम को पुत्र मोह त्याग कर राजनीती से सन्यास लेने का उपदेश दिया

MAYAVATI[लखनऊ,यूपी]माया ने मुलायम को पुत्र मोह त्याग कर राजनीती से सन्यास लेने का उपदेश दिया
बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती ने कहा के पुत्र मोह छोड़कर राजनीति से सन्यास ले लें मुलायम
बहुजन समाज पार्टी [बसपा]अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में अपनी प्रतिद्विन्दी सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी [सपा] में जारी तनातनी को ‘ड्रामेबाजी’ बताते हुए आज कहा कि अगर इसमें सचाई है तो जनता के व्यापक हित में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को पुत्रमोह त्याग कर सक्रिय राजनीति से तुरन्त सन्यास ले लेना चाहिये।
मायावती ने बसपा राज्य मुख्यालय पर वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में कहा ‘सपा के परिवार के दर्जनों लोग किसी-ना-किसी रूप में राजनीति में शामिल हैं और उन सबके अपने-अपने स्वार्थ हैं।
ऐसे में सपा परिवार की आपसी घमासान, कलह तथा गम्भीर विवादों की समय-समय पर आने वाली खबरें चुनाव के समय जनता का ध्यान बाँटने के लिये ड्रामेबाजी के रूप में होती हैं|
उन्होंने कहा ‘‘फिर भी अगर इसमें सचाई है तो प्रदेश की जनता के व्यापक हित में सपा परिवार के मुखिया मुलायम सिंह यादव को पुत्रमोह त्याग कर सक्रिय राजनीति से तुरन्त सन्यास ले लेना चाहिये।’’
मालूम हो कि विगत कुछ महीनों से गम्भीर मतभेदों से दो-चार मुलायम परिवार का झगड़ा गत 13 सितम्बर को उस समय बढ़ गया था, जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटा दिया था। सिंघल अखिलेश के चाचा कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव के करीबी समझे जाते हैं।
जैसे को तैसा की तर्ज पर मुलायम ने बेटे अखिलेश से प्रदेश सपा अध्यक्ष का पद छीनकर शिवपाल को दे दिया, लेकिन कुछ ही घंटों में मुख्यमंत्री अखिलेश ने शिवपाल से लोक निर्माण, सिंचाई और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग ले लिये थे।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने आज स्वीकार किया कि अखिलेश को बताये बगैर प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाना पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की गलती थी|अखिलेश को हटाने के बजाय त्याग पत्र लेना चाहिए था

सपा चुनावों से पहले ही अपनी रीड शिवपाल यादव की छवि सुधारने में जुटी

[सैफई,यूपी]सपा चुनावों से पहले ही अपनी रीड शिवपाल यादव की छवि सुधारने में जुटी
शिव पाल से दागी वापिस लेकर उन्हें यूपी का प्राभारी बनाया गया है
इस पर मुख्य मंत्री के चाचा शिव पाल ने कहा हे के भाई मुलायम सिंह यादव के फैसले का पालन करूंगा :
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव से कई मंत्रालयों का प्रभार ले लिया गया है ये सभी मंत्रालय महत्वपूर्ण होने के साथ मलाईदार मंत्रालय भी कहे जाते हैं |सम्भवत इसीलिए इनके कारण पार्टी और शिवपाल की छवि पर दाग लगने स्वाभाविक हैं |इससे पूर्व एक दागी नेता के दल के विलय को लेकर भी चाचा भतीजा सामने आ चुके हैं जिससे भतीजे मुख्य मंत्री की छवि तो सुधरी लेकिन चाचा शिव पाल की किरकिरी हो चुकी है |चुनावों में ऐसे छवि लेकर उतारना घातक सिद्ध हो सकता है|सम्भवत इसीलिए छवि सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत परिवार की लड़ाई पार्टी में दिखाई देने लगी है | इसीलिए अब पार्टी की रीड शिव पाल की छवि सुधारने के लिए मुलायम सिंह यादव ने कमान अपने हाथ में ले ली है जिसके फलस्वरूप शिव पाल के सुर भी बिगड़े नहीं हैं
प्रदेश कैबिनेट से इस्तीफा देने की अटकलों के बीच शिवपाल ने आज कहा कि विभाग देना या लेना मुख्यमंत्री का अधिकार होता है और वह मुलायम सिंह यादव के फैसले का पालन करेंगे।
शिवपाल के इस्तीफे संबंधी अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘पोर्टफोलियो देना :या लेना: और अधिकारियों को हटाना और अपने सलाहकारों को रखना मुख्यमंत्री का अधिकार है। मैं नेताजी के निर्देश का पालन करूंगा और उनके द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को पूरा करूंगा।’’ यह पूछे जाने पर कि वह आगे क्या करेंगे, शिवपाल ने कहा, ‘‘मैं नेताजी से बात करूंगा। राज्य के लोगों को नेताजी और समाजवादी पार्टी पर पूरा भरोसा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं लखनउ जाउंगा और :पार्टी कार्यकर्ताओं से: बातचीत करूंगा। हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे ’’ शिवपाल के इस्तीफे देने की अटकलों के बीच उनके हजारों समर्थक उनके प्रति एकजुटता दिखाने के लिए सैफई में उनके आवास और पीडब्ल्यूडी अतिथिगृह के बाहर एकत्र हुए।
अखिलेश यादव को कल पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और शिवपाल को उनकी जगह यह प्रभार सौंपा गया था जिसके कुछ ही घंटों बाद मुख्यमंत्री ने अपने चाचा से कल अहम मंत्रालय छीन लिए थे