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Tag: DAVP

अखिलेश जी ये क्या?जनेश्वर मिश्र की मूर्ती की स्थापना के लिए”सपा”का खजाना और प्रचार के लिए विज्ञापन सरकारी

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या हसाडे खिलाफ आये दिन अनाप शनाप छापा जा रहा है ओये लखनऊ के साढ़े तीन सौ करोड़ रुपयों कि लागत से बने पार्क में हमने हसाडे छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र की स्मृति में २५ फिट ऊँची मूर्ती लगवाई है और पार्टी के ९ वें राष्ट्रीय अधिवेशन में मूर्ति का उद्घाटन ८ अक्टूबर को किया जाएगा|ओये हमने मायावती की तरह सरकारी खर्चे पर नहीं बल्कि अपनी पार्टी और ट्रस्ट के खर्चे से यह मूर्ती बनवाई है|हमने कसम खाई हुई है कि अपनी पार्टी के कार्यक्रमों में सरकारी धन और मशीनरी का दुरूपयोग बसपाइयों की तरह बिलकुल नहीं करेंगे |ओये अब तो मानता है ना कि हम लोग जनता से किये गए वायदों को पूरा करने में जी जान से जुटे हुए हैं और ये बसपाई+भाजपाई हमें ख्वाहमख़ाह बदनाम करने पे तुले हुए हैं|

झल्ला

ओ मेरे पहलवान जी ज्यादा चौड़े होने की जरुरत नहीं है आपने जो आज अखबारों में डेढ़ डेढ़ पेजों के सरकारी रिपीट सरकारी विज्ञापन दिए हैं उनकी पहली लाइन पर नजर डाल लो|
छपा है “छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र जी की प्रतिमा का अनावरण” अगर आपजी की बात मान भी ली जाये तो मूर्ती की स्थापना पार्टी फंड से और उसका प्रचार सरकारी फंड से| अर्थार्त “हींग लगे न फिटकरी और रंग चौखा” पहलवान जी इसके अलावा आप लोगों ने तो सुप्रीम कोर्ट की उच्चस्तरीय कमेटी के कहे को फाइलों में दफ़न करके विज्ञापन पर चीफ मिनिस्टर के साथ पार्टी अध्यक्ष माननीय मुलायम सिंह यादव की फोटो भी छाप दी है| भापा जी प्रो एन आर माधवन के अनुसार जनता से वसूले जा रहे टैक्स का इन विज्ञापनों में खुले आम दुरूपयोग हो रहा है |डी ऐ वी पी+कैग को भी इधर देखने की फुर्सत नहीं है

संसद ने अभी तक राजनीती से प्रेरित विज्ञापनों को रोकने वाला सॉफ्टवेयर डीऐवीपी में अपलोडेड नहीं किया

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

पीड़ित करदाता

ओये झल्लेया !आये दिन हसाडे जेबों पर डाका डाल कर नेता गण ओनली पार्श्व में पढ़े अपने नेताओं की फोटो दिखाने के लिए ही हर तरफ मोटे मोटे विज्ञापन छपवा रहे हैं |माननीय सुप्रीम कोर्ट की उच्चस्तरीय कमेटी ने बिलकुल ठीक कहा है कि सरकारी विज्ञापनों से राजनीती को दूर रखा जाना चाहिए|ओये प्रो एन आर माधवन ने तो यहां तक कह दिया है कि इन विज्ञापनों में हसाडे से वसूले जा रहे टैक्स का खुले आम दुरूपयोग हो रहा है|ठीक है भई अगर विज्ञापन देना जरूरी हो तो प्रेजिडेंट+पीएम+राजयपाल+मुख्य मंत्री की फोटो लगा दो लेकिन यहाँ तो हाशिये पर आये हुए माननीय मुलायम सिंह यादव+श्रीमती सोनिया गांधी आदि आदि की फोटो भी सरकारी खर्चे से ही छपवाई जा रही है |पुण्य आत्माओं की जयंती आदि पर तक में भी जिसे देखो अपनी और अपनों की फोटो चमकाने पर तुला है |अरे बाबा अगर जरूरी हो तो इनफार्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग मिनिस्ट्री किस लिए बनाई गई है|एक विज्ञापन दो और राष्ट्र की श्रद्धा व्यक्त कर दो

झल्ला

भापा जी रोना तो आप जी बिलकुल जायज है लेकिन संसद ने अभी तक डीऐवीपी में राजनीती से प्रेरित विज्ञापनों को रोकने वाला सॉफ्टवेयर अपलोडेड नहीं किया है |
ये जो सरकारी नियामक डीए वी पी है इसके दिमाग में सार्वजानिक उद्देश्य और राजनीती से प्रेरित विज्ञापन का अंतर समझने वाला सॉफ्टवेयर अपलोडेड ही नहीं है और झल्लेविचारानुसार इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए संसद का कानून जरूरी है |कहने का भाव है किये वाली भैंस भी जाएगी गहरे पानी में |

भारत सरकार के दीवार कैलेंडर 2014 में केंद्र में यूं पी ऐ सरकार की १० सालों की उपलब्धियों को उकेरा गया

[नई दिल्ली]भारत सरकार के दीवार कैलेंडर 2014 में केंद्र में यूं पी ऐ सरकार की १० सालों की उपलब्धियों को उकेरा गया है |
केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी ने आज भारत सरकार के दीवार कैलेंडर 2014 का विमोचन तथा लोकार्पण किया। इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री बिमल जुल्‍का, प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री पंकज पचौरी तथा अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद थे। कैलेंडर का मूल विषय है, ‘भारत निर्माण तथा भारत सरकार की अन्‍य फ्लैगशिप योजनाएं’। इस अवसर पर बोलते हुए श्री मनीष तिवारी ने कहा कि यह कैलेंडर सरकार की नीतियों के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचाने का बेहतर माध्‍यम है। हालांकि मीडिया डिजिटल माध्‍यमों से सूचनाओं का दूर-दूर तक प्रसार करती है फिर भी भारतीय परिस्थितियों में कैलेंडर का अपना महत्‍व है। कैलेंडर के माध्‍यम से प्रत्‍येक नागरिक के घर तक फ्लैगशिप योजनाओं की जानकारी पहुंचती है। विशेषकर जहां भी नागरिकों के अधिकारों की बात है, जैसे कि ”आम आदमी का हक”। भारत सरकार की यह पहल लोगों को नीतियों के बारे में जानकारी देना है ताकि समावेशी विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
मंत्री श्री तिवारी ने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग दीवार कैलेंडर बहुत पसन्‍द करते हैं। यह कैलेंडर न सिर्फ दिल्‍ली के सरकारी दफ्तरों के लिए प्रस्‍तुत किया गया है बल्कि इसे देश की प्रत्‍येक पंचायत को ध्‍यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
मंत्रालय के सचिव श्री बिमल जुल्‍का ने पिछले एक वर्ष में मंत्रालय की मुख्‍य गतिविधियों की चर्चा की।पहले यह केलेण्डर केवल केंद्रीय सरकार के कार्यालयों के लिए ही छपवाए जाते थे जो अधिकतर दिल्ली तक सीमित रह जाते थे इस वर्ष इन्हें ग्रामीण इलाकों में भी भेजने की योजना है
[जनवरी] माह ‘सूचना का अधिकार अधिनियम 2005’ को प्रदर्शित करता है जिससे नागरिक मात्र दस रुपये के मामूली शुल्‍क से सरकारी जानकारी के बारे में समयबद्ध सूचना प्राप्‍त कर सकते हैं।
[फरवरी] माह ‘महात्‍मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005′[मनरेगा] को प्रदर्शित करता है। यह कार्यक्रम कम से कम 100 दिन का सुनिश्चित रोजगार प्रदान करते हुए आजीविका सुरक्षा को बढ़ाता है।
[मार्च] माह ‘आधार’ को प्रदर्शित करता है जो कि एक ऐेसी महत्‍वपूर्ण योजना है जिससे सरकारी योजनाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित बनाने के लिए जीवनभर के लिए एक 12 अंक का विशिष्‍ट पहचान नम्‍बर प्रदान किया जाता है।
[अप्रैल] माह ‘खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 को समर्पित है जो कि 81 करोड़ लोगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
[मई ]माह ‘भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 को प्रदर्शित करता है जिसके तहत प्राप्त की गई भूमि के मालिकों को युक्तिसंगत व उचित मुआवजा प्रदान किया जाता है।
[जून]बच्‍चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार, अधिनियम 2009 जून माह में वर्णित है। यह अधिकार सीखने का वातावरण प्रदान करता है, जो कि पक्षपात रहित हो।
[जुलाई] माह में अनुसूचित जनजाति और अन्‍य वनवासी अधिनियम 2006 के प्रदर्शन करता है। यह अधिनियम अनुसूचित जनजाति व अन्‍य वनवासियों की आजीविका व भूमि स्वामित्‍व के अधिकारों को सुनिश्चित बनाता है। अभी तक अनुसूचित जनजाति को 18.8 लाख हैक्‍टेयर वन भूमि के लिए 13 लाख स्‍वामित्‍व के पट्टे दिये जा चुके हैं।
[अगस्त]शहरी भारत में आधारभूत ढांचा एक महत्‍व भूमिका निभा‍ता है। अगस्‍त माह में मैट्रो रेल की यात्रा का वर्णन किया गया है जो कि आज के शहरी भारत की जीवन रेखा बन चुकी है। मैट्रो रेल शुरू से कई शहरों में विश्‍व स्‍तरीय सार्वजनिक आवागमन सेवा शुरू हो सकी है। इससे शहर की सड़कों पर ट्राफिक जाम से राहत मिली है व पर्यावरण मुखी आवागमन सेवा मिल सकी है।
[सितम्‍बर] माह ‘कनेक्‍टिंग इंडिया’ को समर्पित है। भारत में 2004 से लेकर अब तक संचार घनत्‍व 25 गुणा बढ़ चुका है। 2012-13 के दौरान ग्रामीण टेलीफोन कनेक्‍शनों की गिनती बढ़ कर एक करोड़ हो गई है।
[अक्टूबर]] प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अक्‍तूबर माह का विषय है। इस योजना से सुदूर इलाकों को जोड़ने के लिए सभी तरह मौसम के अनुकूल उच्‍च गुणवत्‍ता सड़कों का निर्माण किया गया है।
[नवम्‍बर] माह प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तानांतरण योजना डीबीटी पर प्रकाश डालता है जिसके अंतर्गत छात्रवृत्तियां, रसोई गैस सब्सिडी, वृद्धावस्‍था पेंशन व अन्‍य लाभ, लाभार्थियों के खातों में सीधे हस्‍तानांतरित किये जाते हैं। ‘आप का पैसा आपके हाथ’ डीबीटी का आदर्श वाक्‍य है।
[दिसंबर]’हम सब भारतीय हैं’ दिसम्‍बर के विषय के रूप में वर्णित है जो कि हमसे अलग विचारधाराओं के लिए सहिष्‍णुता व आदर को प्रोत्‍साहित करना सि‍खाने वाली हमारी देश की संस्‍कृतियों पर केन्द्रित है।
फ़ोटो कैप्शन The Minister of State (Independent Charge) for Information & Broadcasting, Shri Manish Tewari releasing the official calendar 2014, brought out by the DAVP, in New Delhi on December 31, 2013.
The Secretary, Ministry of Information and Broadcasting, Shri Bimal Julka and other dignitaries are also seen.

केंद्र सरकार ने सरदार वल्‍लभभाई पटेल की जयंती पर डीएवीपी द्वारा जारी विज्ञापनों का ब्‍यौरा सार्वजनिक किया

देश के पहले गृह मंत्री लोह पुरुष सरदार वल्ल्भ भाई पटेल की राजनीतिक विरासत के लिए भाजपा और कांग्रेस में छिड़ी जंग में एक कदम आगे रखते हुए केंद्र सरकार के डीएवीपी विभाग ने सरदार वल्‍लभभाई पटेल की जयंती पर डीएवीपी द्वारा जारी विज्ञापनों का ब्‍यौरा सार्वजनिक किया है|
विभाग दवारा बताया गया है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय सरदार वल्लभभाई पटेल सहित प्रमुख राष्‍ट्रीय नेताओं की जयंती पर नियमित रूप से विज्ञापन जारी करता रहा है। सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधीन मीडिया इकाई, विज्ञापन और दृश्‍य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) द्वारा समाचार पत्रों को जारी विज्ञापनों का ब्‍यौरा निम्‍नलिखित है:-
[१]वर्ष 1998-2003 के दौरान इस अवसर पर 2164 समाचार पत्रों को विज्ञापन दिए गए।
[२] वर्ष 1999, 2000 और 2001 के दौरान कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया।
[३] तथापि, वर्ष 2004-2013 के दौरान 20,915 समाचार पत्रों को विज्ञापन दिए गए थे।
[४] वर्ष 2008 में कोई विज्ञापन नहीं दिया गया।
सूचना और प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी ने इस संदर्भ में कहा है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने राष्‍ट्र निर्माण में प्रमुख राष्‍ट्रीय नेताओं के योगदान को सदा स्‍मरण करने की नीति का अनुसरण किया है और उसके लिए विज्ञापन जारी किए हैं। युवाओं में विश्‍वास और प्रेरणा पैदा करने के लिए सरदार पटेल की जयंती पर विज्ञापन जारी करना महान नेताओं के प्रति आभार प्रकट करने की इस मंत्रालय की जारी नीति का एक हिस्‍सा है।