झल्लीगल्लां
पंजाबीखत्री
झल्ला
भापा जी !फिर तो धर्म से राजनीति होनी चाहिए ,राजनीति से धर्म नही ।वैसे बजट में धर्म नही ओनली राजनीति ही झलक रही है
झल्लीगल्लां
पंजाबीखत्री
झल्लीगल्लां
प्रफुल्लितक्रिकेटप्रेमी
ओए झल्लेया! मुबारकां!!ओए हसाडे कोहली साहिब के काबिलों ने क्रिकेट के जन्मदाता इंग्लैंड से तीसरा टेस्ट मैच ओनली दो दिनों में जीत लिया ।ओए विश्व के सबसे वडडे मोटेरा -नरेंद्रमोदी स्टेडियम में रातदिन के मैच में गुलाबी गेंद ने दिल बाग बाग कर दिया।
झल्ला
वीर जी ! दरअसल विश्व के सबसे वडडे स्टेडियम के उदघाटन समारोह में वडडे वडडे वीआईपी आये थे।अब आप जानते ही हो कि वडडे लोगों के पास समय कम ही होता है शायद इसीलिए डेढ़ दिन में ही मैच खत्म करा लिया होणा है!वैसे 144 सालों में 21 बार पहले भी ऐसा ही हो चुका है।
झल्लीगल्लां
चिंतितदिल्लीवासी
ओए झल्लेया! ये क्या रोज नई मुसीबत गले पड़ रही है।ओए किसान नेता राकेश टिकैत अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी के खिलाफ मोर्चा खोले हैं लेकिन हमारी ऐसी की तैसी करने पर तुले हुए है।गाजीपुर पर धरना तो दिया ही हुआ है अब दिल्ली में 4000000 ट्रैक्टर लाने की धमकी दे रहे हैं।ओए 26 जनवरी को हुए राष्ट्र के अपमान से इनका दिल नही भरा जो अब ये नया शगूफा ले आये
झल्ला
भापा जी! चो महेंद्रसिंह टिकैत के नक्शे कदम पर चलते हुए उनके फरजंद राकेश की 26 जनवरी को लालकिले की तरफ कुल्हाड़ी चल गई थी।लाल किला चूंकि बाबरी मस्जिद की तरह ही मुगलों की शान है
इसीलिए वहां हुई तोड़फोड़ पर केसरी सरकार चुप्पी साध गई।मगर अब तो ये महानुभाव भावनाओं में बह कर भारत की संसद को ही कब्जाने की धमकी देने लग गए।इसे तो राष्ट्रवाद की माला जपने वाली सरकार सहज पचा नही पाएगी सो बाबा टिकैत के जानशीं कुल्हाड़ी पर ही पैर मारने को उतारू हो रहे है ।ईश्वर इनका भला करे।
झल्लीगल्लां
दुःखीलखनवीसपाई
ओए झल्लेया!हसाडे उत्तरप्रदेश में क्या नई परिपाटी शुरू हो गई।ओए एक तरफ बाबा योगी की सरकार ने असेंबली में 550000 करोड़ ₹ के बजट तो सुरेशखन्ना जी से पढ़वा दिया लेकिन पिछले खर्चे का कोई ऑडिट कराने को तैयार नही। भ्र्ष्टाचार के विरुद्ध जीरो टोलरेंस का नारा देने वाली भजपाई सरकार भ्र्ष्टाचार पर कब तक पर्दा डाले रहेगी ?अखबारों की माने तो अभी तक 23832 करोड़ ₹ का हिसाब नही दिया गया इन्हें उपभोग प्रमाणपत्र देने में भी परेशानी हो रही हैं।और तो और सरकारी कर्मियों को बेची गई पेंशन की एवज में वसूले गए साढ़े पांच सौ करोड़ ₹ के अंशदान का भी कही अता पता नही है
झल्लाकरप्शन पर जीरो टोलरेंस वाली योगी राज में खर्चे का ऑडिट नही
भापा जी !इसबगोल ते कुछ न फ्लोल।पुराणेयां दा अखाण है कि ” ना गिण ते ना घाटा पा” हुक्मरां कहन्दे
“हिसाब दित्ता ते करप्शन खुला”
झल्लीगल्लां
भजपाईचेयरलीडर
ओए झल्लेया !मुबारकां!!ओये हसाडे योगी बाबा ने इस बजट में खजाना लुटा दिया
शाहजहाँपुरिये वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने लैपटॉप पर ही 550000 करोड़ ₹ का बजट प्रस्तुत कर दिया।ओये अब प्रदेश में ढांचागत विकास की गंगा नही बल्कि विकास का समुद्र बहेगा।
झल्ला
चतुर सेठ जी!यह पांचवा बजट भी तुम्हे ही मुबारक। क्योंकि इसमें भी स्थानीय पर्यटन को जगह नही ।आम आदमी तक पहुंच नही। सुरसा सरीखे बढ़ रहे टैक्स से कोई राहत नही।समस्यायों का कोई उल्लेख नही।तिजोरी की सुरक्षा के कोई इंतजाम नही।
हाँ एयरपोर्ट+मेट्रोरेल+स्पोर्ट्सविश्वविद्यालय सरीखे दूर के ढोलों पर आयातित चमड़ा बदलने की कवायद जरूर दिखती है।सो विकास के इस समुद्र की लहरों से हमे तो कृपया बचा कर ही रखना।
झल्लीगल्लां
दिल्लीनिवासी
ओए झल्लेया! ये क्या हो रहा है? ओए कोरोना और किसानों को लेकर वैसै ही आटा गिला है ऊपर से हुक्मरानों ने ट्रैफिक और कोरोना के नाम पर पौने दो सौ करोड़ ₹ का जुर्माना थोप कर गरीबों को आटा गूंथने लायक भी नही छोड़ा ।
झल्ला
भापा जी! कोरोना नियमो के अपराधियों के पश्चात आंदोलनकारी किसानों को भी अभयदान मिलेगा ?
इसीको तो कहते है बनाना रिपब्लिक यानि अपनी ढपली अपना राग। नहीं समझे अरे दिल्ली के कानून यूपी में नही चलते ।नही समझे? अरे कोरोना नियमों को तोड़ने वालों से जुर्माना वसूलना तो दूर अब उनके खिलाफ दर्ज हजारों मुकद्दमे वापिस लेने का फरमान योगी जी महाराज निकाल चुके है।अब शायद कुछ समय पश्चात आंदोलनकारी किसानों को भी अभयदान मिल ही जाना है
झल्लेदीगल्लां
भजपाईचेयरलीडर
ओएझल्लेया !मुबारकां
ओए हसाडे कर्मठ नितिन गडकरी साहिब ने पर्यावरण सरंक्षण और किसान हिताय नया ट्रेक्टर लांच कर दिया है।ये ट्रैक्टर प्रदूषण फैलाने वाले डीजल के बजाय पर्यावरण मित्र सीएनजी से चलेगा।ओए इस नए ट्रैक्टर से किसान+ खेत+समाज के स्वास्थ्य का भला होगा।इसके अलावा गरीब किसान को प्रतिवर्ष एक लाख ₹ की बचत भी होगी
झल्ला
गडकरी जी!सीएनजी वाले पर्यावरण मित्र ट्रैक्टरों को लालकिले ले जाने दोगे?
चतुर सुजाण जी!क्या अब गरीब आंदोलनकारी किसान को, प्रदर्शन के लिए,
इन पर्यावरण मित्र और आपके अपने ट्रैक्टरों को लालकिले ले जाने दोगे???
#सीमांतभोटियानागरिक
ओए झल्लेया!शुक्र है चीन को सद्बुद्धि आ गई।युद्ध की संभावनाओं को टालते हुए चीन ने अपनी अतिक्रमणकारी सेनाओं को पेंगोंग झील से वापिस बुलाने शुरू कर दिए।ओए अब इस छेत्र का भी आसानी से विकास हो पायेगा
झल्ला
भापे!ठाकुर राजनाथ सिंह के संसद में ब्यानानुसार चीन तो सीमाओं से अंगुल अंगुल (फिंगर) ही वापिस जा रहा है लेकिन ये किसान आंदोलनकारी कब राजधानी का बॉर्डर छोड़ेंगे?।कब घरों को शांति पूर्वक लौटेंगे??चीन तो चला जायेगा लेकिन संसद में और संसद के बाहर चीन को लेकर चिलपों करने वाले अतिक्रमणकारी जब अपनी अपनी सीटों पर बैठ जाएंगे तभी सही मायनों में विकास के कुछ मायने होंगे।
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