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अरविन्द केजरीवाल ने शीला दीक्षित के खिलाफ शाहीन बाग़ के ध्वस्तीकरण का नया मोर्चा खोला

अरविन्द केजरीवाल V/S शीला दीक्षित

आम आदमी पार्टी [आप] के नेता अरविंद केजरीवाल ने आज शुक्रवार को दक्षिण दिल्ली में ओखला के शाहीनबाग में बेघर किये गए लोगों के समर्थन में राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया| राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में 500 घरों को गिराने के विरोध में आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज सुबह दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर का घेराव किया| मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने तबियत खराब होने का कारण देते हुए केजरीवाल से पब्लिक के सामने बाहर आ कर बात करने से इंकार कर दिया |इस पर केजरीवाल ने दीक्षित के घर के बाहर धरना दिया|.केजरीवाल ने मंगल वार को बेघर किये गए 500 घरों के लोगों के दर्द को शेयर करते हुए प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि लोगों के पास जमीन के कागजात और आईडी प्रूफ होने के बाद भी बिना किसी नोटिस के जबरन लोगों के घर गिराए गए.| इसमें भी एक बड़े भूमि घोटाले का संदेह व्यक्त किया गया है।
दिल्ली सरकार ने मंगलवार की दोपहर यहां लोगों के घर गिरवा दिए थे| अरविंद केजरीवाल ने अपने समर्थकों के साथ शाहीन बाह इलाके का दौरा किया.|
केजरीवाल के मुताबिक उन्होंने प्रभावित लोगों की परेशानी बयान करने के लिए शीला दीक्षित से मिलने का वक्त मांगा था, लेकिन उन्होंने मिलने से इनकार कर दिय| मुख्यमंत्री उनसे मिलने के लिए वक्त नहीं निकालती हैं तो भी वह शाहीनबाग के बेघर लोगों के साथ शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर बातचीत करने जाने का एलान किया और पुलिस ने उन्हें नहीं जाने की हिदायत दी अन्यथा सख्ती से निबटने की चेतावनी दी गई |
केजरीवाल ने कहा कि जिन लोगों के घर उजाड़े गए हैं वे बेहद गरीब हैं। उन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के मन में कोई संवेदना नहीं बची है। मुख्यमंत्री को जानना चाहिए कि इस कड़ाके की ठंड में लोग बेघर कर दिए गए हैं|
केजरीवाल का कहना था कि जिन लोगों का आशियाना गिराया गया है वे वर्षो से यहां रह रहे हैं, उनके पास जमीन के कागज, मतदाता पहचान पत्र, गैस कनेक्शन और आधार कार्ड तक हैं।अगर किसी के पास कुछ कागजात कम भी होंगे तो बिना उनके पुनर्वास के ऐसी कार्रवाई कैसे की जा सकती है? सरकारी बुलडोजर चलने से पहले लोगों को नोटिस तक नहीं दिया गया। लोग घरों से सामान तक नहीं निकाल सके। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इन घरों को गिराने का आदेश गलत तरीके से दिया गया है, ये घर जिस जमीन पर बने थे वह काफी महंगी है। आखिर किसकी नजर है इस जमीन पर? जो यह साजिश करा रहा है। सरकार को इस कार्रवाई पर जवाब देना चाहिए।मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन जब केजरीवाल अपने कुछ साथियों के साथ बातचीत के लिए मुख्यमंत्री के घर के भीतर पहुंचे, तो शीला दीक्षित ने बात करने से इनकार कर दिया।
ऐसे में केजरीवाल अपने साथियों के साथ बाहर आकर दोबारा अपना धरना शुरू कर दिया। ।
केजरीवाल ने कहा, जिस जमीन पर ये लोग रह रहे हैं वह इन्हीं की जमीन है, इनके पास इसके दस्तावेज हैं। लेकिन यह अनाधिकृत है क्योंकि आपको मानचित्र सरकार द्वारा पास कराना होता है। उन्होंने कहा, लेकिन 4 अक्तूबर 2010 को सोनिया गांधी ने घोषणा की थी कि 1600 कालोनियों को नियमित किया जाएगा, यह कालोनी भी उसमें शामिल थी, लेकिन इसके बावजूद 500 घरों को ढहा दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पास के कई शोरूम को नहीं गिराया गया।

अन्ना बाबू राव हजारे ने अरविन्द केजरीवाल को सत्ता और पैसे के खेल में लिप्त बताया

सोश्लाईट अन्ना बाबू राव हजारे ने आज अपने ख़ास रहे अरविन्द केजरीवाल की पार्टी से दूर रहने का ऐलान कर दिया| अजेंडा आज तक में एंकर के बेहद कुरेदने के पश्चात अन्ना ने यह कहा कि आम आदमी पार्टी बना कर अरविन्द केजरीवाल ने यह साबित कर दिया है कि वोह अब सत्ता और पैसे के खेल में प्रवेश कर चूका है|इसीलिए अब मै[अन्ना]उसके[अरविन्द]केपास तक नहीं जाउंगा|

Agenda Aajtak


इस अवसर पर उन्होंने व्यवस्था के परिवर्तन के लिए सत्ता प्राप्ति नहीं वरन आन्दोलन जरूरी है और अरविन्द ने वोह रास्ता छोड़ दिया है|
अन्ना ने जनुवरी के बाद एक बड़ा आन्दोलन छेड़ने की भी घोषणा की उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में यह स्वीकार किया कि बाबा रामदेव के साथ मिल कर दश हित कोई कार्य करने में कोई बुराई नहीं है|

अरविन्द केजरीवाल ने गुजरात गैस कूओं के घोटाले में कांग्रेस और भाजपा दोनों को हिस्से दार बताया

Arvind Kejriwal Aam Aadmi party [AAP]


संसद में आज मंगलवार को ऍफ़ डी आई पर भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे को निशाना बना रहेथे तब संसद के बाहर एक प्रेस कांफ्रेंस में अरविन्द केजरीवाल ने गुजरात गैस कूओं के घोटाले में कांग्रेस और भाजपा दोनों को हिस्से दार बताया |
आम आदमी पार्टी [आप] के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाने के मामले का आज मंगलवार को रहस्योद्घाटन किया है। श्री केजरीवाल के मुताबिक मोदी ने कांग्रेस की एक सांसद शोभना भरतिया के पति श्याम सुन्दर भरतिया की कंपनी को भी दस हजार करोड़ रुपये मूल्य वाला गैस का कुआं मुफ्त में दिया है। साथ ही राज्य में विपक्षियों को और भी फायदे पहुंचाए गए हैं। इसलिए वे मोदी के भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी तरह चुप हैं।
केजरीवाल ने दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि गुजरात की सरकारी कंपनी ‘गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम’ [जीसपीसी] ने केजी बेसिन में अपने गैस ब्लॉक की दस-दस फीसद हिस्सेदारी दो कंपनियों ‘जियो [१]ग्लोबल’ और ‘जुबिलेंट एनप्रो’ को मुफ्त में दे दी। इसके लिए बोली तक नहीं लगाई गई। सरकार ने दावा किया कि कंपनियां उन्हें तकनीकी सहयोग देंगी। उसी केजी बेसिन में मुकेश अंबानी की कंपनी भी तेल निकाल रही है। उसने भी ब्रिटिश पेट्रोलियम से इसी तरह का समझौता कर उसे 30 फीसद हिस्सा दिया है। बदले में उसने 35 हजार करोड़ रुपये भी लिए हैं, जबकि राज्य सरकार ने यह सब मुफ्त में दे दिया।
जुबिलेंट कंपनी कांग्रेस सांसद के पति श्याम सुंदर भरतिया की है। प्रशांत भूषण ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा मिलकर गुजरात को लूट रही हैं। जब कैग [नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक] ने इस मामले की जांच शुरू की तो मोदी ने वर्ष 2010 में केंद्र को पत्र लिखकर समझौते को रद करने की इजाजत मांगी, लेकिन तब से केंद्र ने इसकी इजाजत नहीं दी है।
[२]गुजरात की मोदी सरकार ने अडानी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए 2.35 और 2.89 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदी, जबकि सरकारी कंपनी 2.25 रुपये प्रति इकाई बिजली मुहैया कराने को तैयार थी। [३]वायु सेना ने जगह मांगी तो मोदी सरकार ने 8,800 रुपये वर्ग मीटर की दर से कीमत मांगी, लेकिन अदानी को एक रुपये से 32 रुपये की दर से 14,306 एकड़ दे दी। केजरीवाल ने बताया कि संबंधित कागजात उन्हें निलंबित आइपीएस संजीव भंट्ट ने दिए हैं। भट्ट की पत्नी मोदी के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर लड़ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब जियो ग्लोबल का मामला हाई कोर्ट में उठा, तो जजों को फायदा पहुंचाकर मामला दबा दिया गया।
गौरतलब है कि बेटे दिन ही केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने गुजरात की मोदी सरकार पर इन्ही कूओं के एलोटमेंट में घोटाले का आरोप लगाते हुए प्रश्न उठाये थे|इसके लिए उन्होंने तहलका पत्रिका में प्रकाशित एक समाचार को आधार बनाया गया था|

रैली निकालने की इजाज़त नहीं मिली तो केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की सभा ही कर डाली

नई दिल्ली :दिल्ली पुलिस ने रैली निकालने की इजाजत नहीं दी तो अरविंद केजरीवाल ने अपनी नई आम आदमी पार्टी की पहली जनता सभा दिल्ली के राजघाट के समीप कर डाली |सभा में जिसमे केजरीवाल के समर्थकों ने गाना बजाना भी किया|

Arvind Kejriwal And Prasaaant Bhushan Of AAP


अरविंद केजरीवाल ने अपनी आम आदमी पार्टी के ऐलान के बाद आज रविवार को पहली बार सभा की| केजरीवाल ने ये सभा दिल्ली में राजघाट पर अपने साथियों के साथ की.
सभा में आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, संजय सिंह और कुमार विश्वास पहुंचे.|अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों और 2014 के लोकसभा चुनावों पर नजर लगाए केजरीवाल ने युवाओं से अनुरोध किया है कि देश की राजनीतिक व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव के लिए पूरी तरह उनके साथ जुड़ें|
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल रविवार को दिल्ली में रैली निकालना चाहते थे, लेकिन मुहर्रम की वजह से उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने सभा करने का फैसला किया. केजरीवाल ने कहा कि वह अगले एक साल तक कांग्रेस और भाजपा के बारे में सच बताते हुए देशभर का दौरा कर लोगों को समझाएंगे कि उन्हें उनकी पार्टी का समर्थन क्यों करना चाहिए|राजघाट के पास अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल वोट पाने के लिए जनता का इस्तेमाल करते हैं और उनके बारे में कभी नहीं सोचते।उन्होंने कहा,‘कुछ लोगों ने भारत को खूब लूटा है। अब लोगों ने आगे आने का और उन्हें संसद से बाहर करने का फैसला किया है। इसलिए मैं सभी युवाओं से कल जंतर मंतर आने का आह्वान करता हूं और उन्हें पार्टी के संस्थापक सदस्य का दर्जा दिया जाएगा।’ आम आदमी पार्टी के अन्य संगठनों से अलग होने का दावा करते हुए केजरीवाल ने कहा कि कल जारी हो रही संगठन की वेबसाइट पर सभी चंदों और खर्च का ब्योरा डाला जाएगा। उन्होंने कहा,‘हमने पार्टी सदस्यों के लिए दिशानिर्देश तय किए हैं। मैं केवल उन लोगों को जोड़ना चाहता हूं जो पूर्णकालिक काम कर सकें और कोई भी चुनावों के दौरान वोटों के लिहाज से धन लेने की गतिविधि में शामिल नहीं हों।
उधर कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने अरविन्द केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा है कि कांग्रेस के पुराने नारे को एडोप्ट करके केजरीवाल ने अपने सामर्थ्य और विवेक के दिवालिये पण का प्रदर्शन किया है|

केजरीवाल टीम ने नई “आम आदमी पार्टी” बनाई , स्थापित पार्टियों ने मज़ाक उड़ाया

मैं हूं आम आदमी-मैं लूंगा स्वराज, मैं हूं आम आदमी-मैं लूंगा पूर्ण आजादी। मैं हूं आम औरत-मैं दूर करूंगी महंगाई आदि नारों के साथ अरविन्द केजरीवाल ने अपनी राजनीतिक पार्टी की घोषणा कर दी है| पार्टी का नाम ऍम आदमी पार्टी रखा गया है | स्थापित राजनीतिक दलों ने इसका मजाक उड़ाया है| जबकि इंडिया अगेंस्ट करप्शन की किरण बेदी ने कहा कि चुनावों में एक विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी के नाम को सुझाया जा सकता है|अब आई ऐ सी के नाम पर अन्ना टीम का अधिकार होगा|
कांस्टीट्यूशन क्लब में हुई नेशनल काउंसिल की बैठक में पार्टी का संवैधानिक ढांचा तय हो गया है।इसका ढांचा राजधानी दिल्ली से लेकर गांवों तक फैला होगा। पार्टी में आंतरिक लोकपाल भी होगा और एक परिवार का एक ही सदस्य पदाधिकारी होगा। 26 नवंबर को जंतर-मंतर पर पार्टी की पहली रैली होगी। सोमवार को जंतर मंतर पर आने वाले को इस पार्टी का संस्थापक सदस्य माना जाएगा.
अरविंद केजरीवाल ने जोर देकर कहा, “न्याय हमें अधिकार के तौर पर मिलना चाहिए. यदि पैसा हो और अच्छा वकील मिल जाए या फिर कोई वकील दया कर ले तो आपको आज न्याय मिल सकता है…ये बदलना होगा. लोगों को सरकार के कामकाज और कानून बनाने की प्रक्रिया में और अधिकार होने चाहिए. इस पार्टी का लक्ष्य है कि एक परिवार से एक सदस्य कार्यकारिणी या फिर चुनाव में भाग ले सकता है.
पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा कि यहां जो लोग आए हैं वो आम आदमी हैं। जो इस देश की पीड़ा को समझ भी रहे हैं और उसके निवारण के लिए काम भी कर रहे हैं। सालों से भुगत रहे हैं भ्रष्टाचार को। ये लोग परिवर्तन कर सकते हैं। हम इस लड़ाई को अंतिम परिणाम तक लेकर जाएंगे। स्वराज के सपने को पूरा करने तक ये लड़ाई जाएगी।आम आदमी पार्टी ने अपना ढांचा राजधानी से गांव तक फैलाया है। दिल्ली में एक सेंट्रल कमेटी होगी जिसमें राष्ट्रीय परिषद और राष्ट्रीय कार्यकारिणी होगी। इसका एक राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर भी होगा। इसी तरह राज्यों में स्टेट कमेटी की परिषद और कार्यकारिणी होगी और उसका भी स्टेट कोऑर्डिनेटर होगा। ये ढांचा जस का तस जिले और गांव तक जाएगा। जिला परिषद का खाका हर ब्लॉक कमेटी से चुन कर आए दो-दो कोऑर्डिनेटरों से तैयार होगा। इसी तरह ब्लॉक परिषद भी ग्राम कमेटी से आए दो-दो कोऑर्डिनेटर की मदद से तैयार होगी। एक सवाल ये कि परिषद और कार्यकारिणी में क्या फर्क होगा, तो परिषद में हर आम और खास सदस्य होगा, लेकिन कार्यकारिणी में कुछ चुने हुए लोग होंगे जो अहम फैसले लेंगे। विजन डोक्युमेंट जरी किया गया जिसमे प्रेसीडेंट और जनरल सेक्रेटरी के पद से परहेज किया गया है|

केजरीवाल टीम की नई “आम आदमी पार्टी” का स्थापित पार्टियों ने मज़ाक उड़ाया

राजनीतिक पार्टियों के परिवारवाद

पर हल्ला बोलती रही टीम केजरीवाल ने खुद को परिवारवाद से पूरी तरह दूर रखने का फैसला किया है। एक परिवार-एक पदाधिकारी के फॉर्मूले पर अमल करते हुए तय किया गया है कि एक परिवार के दो सदस्य पार्टी के पदाधिकारी नहीं होंगे। एक परिवार के दो लोग अलग-अलग कमेटियों में भी नहीं हो सकते। मसलन सेंट्रल कमेटी में प्रशांत भूषण-शांति भूषण साथ नहीं होंगे। सेंट्रल कमेटी में केवल प्रशांत भूषण ही रहेंगे।जनलोकपाल की मांग से अपने आंदोलन की शुरुआत करने वाली टीम केजरीवाल की पार्टी में आंतरिक लोकपाल भी होगा। ये लोकपाल पार्टी के किसी भी सदस्य के खिलाफ शिकायत की जांच कर सकता है। इस लोकपाल से आम आदमी भी कर सकता है पार्टी के सदस्य की शिकायत। आरोप सही होने पर उस सदस्य को पार्टी से निकालने का भी अधिकार लोकपाल को होगा। 1949 में इसी दिन संविधान सभा ने भारत का संविधान स्वीकार किया था। अरविंद इस तरह से अपनी पार्टी को स्वतंत्रता आंदोलन के दौर के अधूरे संकल्पों को पूरा करने वाली पार्टी बताना चाहते हैं। ये एक बड़ा दावा है जिस पर अरविंद और उनकी पार्टी कितनी खरी उतरती है, इस पर इतिहास की भी नजर होगी।

कांग्रेस के प्रवक्ता और मंत्री मनीष तिवारी

मनीष तिवारी ने कहा है कि देश में १४५३ राजनितिक पार्टियाँ पंजीकृत है ऐसे में एक और पार्टी के आ जाने से कोई प्रभाव नहीं पडेगा हाँ[मुस्कुराते हुए] लोक तंत्र जरूर मज़बूत होगा

|जगदम्बिका पाल

ने कहा है कि आम आदमी का नारा कांग्रेस का है और उसी के आधार पर यह नई पार्टी बनाई गई है

भाजपा के बलबीर पुंज

यह नॉन इवेंट है इसका कोई प्रभाव नहीं पडेगा|

केजरीवाल ने २६/११ में घायल कमांडो के ड्यूज के भुगतान का मुद्दा उठा कर सरकार को घेरा

करप्शन के मुद्दे पर राजनीति में कूदने वाले अरविंद केजरीवाल अपने ‘पोल खोल’ अभियान के बाद आज गुरुवार को एक नया मोर्चा खोल कर केंद्र सरकार को नई चुनौती दे दी है| आज उन्होंने २६/११ के मुंबई अटैक में घायल हुए एनएसजी कमांडोज के साथ नाइंसाफी का मुद्दा उठाया। केजरीवाल ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 26/11 में घायल हुए एनएसजी के कमांडो सुरेंद्र सिंह को न तो पेंशन दी और न ही इलाज का खर्च ही दिया गया है|। केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार के साथ-साथ बीजेपी को भी सवालों के घेरे में लिया| सरकार ने इन आरोपों से इंकार किया और कमाडो के साथ न्याय का आश्वासन दोहराया है| २६/११ के एक हमलावर कसाब को फांसी देने के साथ उनसे लड़ने वाले कमांडो की अनदेखी का यह मुद्दा उठा कर केजरीवाल पुनः चर्चा में आ गए हैं|

केजरीवाल ने २६/११ में घायल कमांडो के ड्यूज के भुगतान का मुद्दा उठा कर सरकार को घेरा


[१]- रोहन मोटर्स ने मदद के लिए जो 2 लाख रुपये दिए थे यह चेक कभी सुरेंद्र सिंह को नहीं मिला।
[२]-2010 में बीजेपी के प्रकाश जावेड़कर ने एक टीवी प्रोग्राम में आश्वासन दिया था कि बीजेपी इस मुद्दे को संसद में उठाएगी।मगर बाद में इसे भुला दिया गया
[३]सरकार कह रही है कि सुरेंद्र को उनकी पेंशन बहाल किए जाने की जानकारी 16 नवंबर को फोन पर दे दी गई थी।क्या इसके लिए किसी कागज की जरूरत नहीं होती है?
[४] सरकार का दावा है कि प्रति माह २५०००/=पेंशन दिए जा रहे है-क्या सरकार इसे साबित कर सकती है अगर यह साबित नहीं हो पाता तो देश को गुमराह करने के लिए कौन इस्तीफा देगा?
[५]-सरकार बड़ी बेशर्मी से देश को गुमराह कर रही है। 31 लाख रुपये 11 घायलों को दिए गए हैं। सुरेंद्र सिंह को इसमें से कुछ नहीं दिया गया। सुरेंद्र सिंह को केवल 2.5 लाख रुपये मिले हैं।
[६] 2 अप्रैल 2009 को एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपये का चेक (चेक नंबर 554122) प्रियदर्शिनी विकास मंडल, थाणे, मुंबई द्वारा कमांडो की सहायता के लिए भेंट किया गया था, लेकिन यह धनराशि कहां गई इसका कोई रेकॉर्ड नहीं है।
[७]-अलग-अलग लोगों या संस्थाओं द्वारा जारी किए गए इस प्रकार के 11 और चेकों की फोटोकॉपी फाइलों में लगी हुई है। किसी भी कमांडो को इसकी जानकारी तक नहीं है, पैसा मिलना तो बहुत दूर की बात है।
[८]-भारतीट क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने सभी घायल एनएसजी कमांडो के लिए सात लाख रुपये की मदद भेजी थी, लेकिन उसका वितरण भी नहीं हुआ। फिर कहां गए वे पैसे?[९]-एनएसजी के खर्च के ब्योरे में से 61,000 रुपये का खर्च किसी हेमराज के इलाज में दिखलाया गया है। सेना में हर तरह के इलाज का खर्च सरकार उठाती है। वह एनएसजी के फंड में शामिल नहीं होता। ऑपरेशन में इस नाम का कोई भी कमांडो शामिल नहीं था।
उधर सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने इन आरोपों को तत्काल नकार दिया| उन्होंने प्रेस को बताया कि कमांडों को २५०००/=की पेंशन दी जा रही है|

जेट एयर वेज ने केजरीवाल के आरोप नकारे

ऐ आई सी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने स्विस बैंको में जमा किये गए धन को लेकर भारत सरकार और अनेकों उद्योगपतियों पर निशाना साधा है| सबसे ज्यादा लाभ दर्ज़ कराने वाली निजी विमानन जेट एयर वेज के मालिक नरेश गोयल को भी निशाने पर लिया गया है| केजरीवाल के मुताबिक ७०० भारतीयों का लगभग ६००० करोड़ रूपया जमा है|इस भारी भरकम लिस्ट में रिलायंस परिवार के साथ डाबर और कांग्रेसी सांसद अनु टंडन भी हैं| काला धन रखने वाले जिन नामी-गिरामी लोगों की लिस्‍ट जारी की उनमें एक नाम जेट एयर वेज के नरेश गोयल का भी है श्री गोयल के ८० करोड़ रुपये स्विस बैंक में जमा बताये गए हैं| यह राशि हवाला[ मनी लांड्रिंग] के जरिये जमा कराई गई है|
एच एस बी सी बैंक ने कहा है कि प्रतिस्पर्धा के दौर में क़ानून के दायरे में रह कर ही कार्य किया जा रहा है|जबकि यूं के ने इस बैंक की जांच की मांग की है|
जैसी की उम्मीद थी सरकार और रिलायंस के साथ ही डाबर और जेट एयर वेज ने इन आरोपों को नकारने में विलंभ नहीं किया|जेट एयर वेज के अनुसार कम्पनी के चेयरमेन नरेश गोयल का स्विस बैंक में कोई एकाउंट नहीं है| बताया जा रहा है कि यह कम्पनी विदेशों में भी फ्लाईट्स भेजती है और विदेश में तेल खरीदने के लिए वहां बैंक एकाउंट रखा जा सकता है और उसका खुलासा किया ही जाना चाहिए|गौरतलब है कि यात्रियों कि संख्या में कमी और महंगी तनख्वाहें +ऐ टी ऍफ़ की बड़ती कीमतों के बावजूद यह कम्पनी लगातार लाभ दर्ज़ करा रही है| एयर इंडिया में हड़ताल और किंग फिशर के फेल्यौर के कारण कुछ लाभ इस कम्पनी को भी मिला हो मगर केजरीवाल के आरोपों के मध्य नज़र जांच तो बनती ही है|

नितिन गडकरी ने आज मुम्बई में आक्रामक रुख से अपना बचाव किया

भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने आज खुद पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को कन्फ्यूज करने की साजिश बताया और मीडिया+कांग्रेस+आई ऐ सी पर जम कर प्रहार किये| उन्होंने कहा की जब भाजपा अध्यक्ष अपने ऊपर लगे आरोपों की जांच स्वयम करवा रहा है तब कांग्रेस अपने दामाद के विरुद्ध जांच क्यूं नहीं करवा रही?
मुंबई एयर पोर्ट पर इकट्टा हुए भाजपा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा की केंद्र की सरकार खुद ४.३४ हज़ार करोड़ रुपयों के भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है|’भ्रष्टाचार से कांग्रेस का मुंह काला है। मैं हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं। मंत्री रहते हुए मैंने एक पैसे का भ्रष्टाचार नहीं किया। मेरे पास केवल साडे बार करोड़ रुपये हैं| आदर्श सोसायटी से मेरा संबंध नहीं है। मुझे बदनाम करने की कांग्रेश द्वारा साजिश रची गयी है। मैं ईंट का जवाब पत्थर दूंगा।’
इसीलिए अब भाजपा को भी भ्रष्ट बता कर दोनों को एक सामान साबित करने में जुटी है|लेकिन मेरे पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वोह सब भ्रामक है| अरविन्द केजरीवाल और एक महिला [अंजलि दमानिया]किसी के इशारे पर भजपा को बदनाम करने पर उतारू हैं| मत दाताओं को कन्फ्यूज करने के लिए कांग्रेस की साजिश है|

नितिन गडकरी ने आज मुम्बई में आक्रामक रुख से अपना बचाव किया


गडकरी ने कहा की मीडिया के एक सेक्शन को सुपारी देकर मुझे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है|उन्होंने अपनी उपलब्धिओं का बखान करते हुए बताया कीउन्होंने अपने मंत्री पद का कोई दुरूपयोग नहीं किया वरन २८०० हज़ार करोड़ की बचत कराई | गडकरी ने हाल ही में उन पर लगे सभी आरोपों पर एक एक करके सफाई दी। सफाई में उन्होंने यही कहा कि यह सब झूठे आरोप हैं, जबकि वह तो किसानों की भलाई के लिए काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि

पूर्ति

पूर्ति में 12 हजार शेयर होल्डर्स हैं और उन्हें खूब मुनाफा हो रहा है जबकि उनके और उनके परिवार के पास सिर्फ एक लाख रुपये के शेयर हैं। गडकरी ने कहा कि शरद पवार और अजय संचेती के साथ पार्टनरशिप जैसा आरोप बकवास है। उन्होंने कहा, मैं उनका पार्टनर नहीं हूं। मेरा उनसे कोई संबंध नहीं है। मुझे बदनाम करने की कोशिश हो रही है। शेयर होल्डर्स के धन निवेश से अपना पल्ला झाड़ते हुए उन्होंने कहा कि पूर्ति में निवेश करने वालों के धन के विषय में तो उनसे ही पुछा जाना चाहिए|गडकरी ने कहा कि वह किसी भी संदिग्ध कंपनी के डायरेक्टर नहीं हैं और हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं। बीते दिन कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी द्वारा भाजपा पर भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब देते हुए गडकरी ने कांग्रेस अध्यक्षा पर सीधा निशाना साधा | उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस दामाद की जांच के लिए तैयार हैं? गडकरी ने कहा, मैं डरता नहीं हूं। मैं ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता हूं।उनके कार्यकाल में पास एक प्रोजेक्ट की कीमत ४८१ करोड़ थी उनकी सरकार बदलने के बाद वोह प्रोजेक्ट अभी तक पूरा नहीं हुआ है और उसके कीमत चार गुना बड़ा दी गई है|
गडकरी ने शरद पवार और संचेती से किसी भी प्रकार के रिश्तों से इंकार किया | उन्होंने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि अगले प्रधान मंत्री भाजपा के और सरकार एन डी ऐ की बनेगी|

रेड्डी काण्ड से केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों की फेरहिस्त और लम्बी हुई

डाक्टर मन मोहन सिंह ने एक साल के लिए मंत्री मंडल का विस्तार करके २०१४ के लिए कूच बेशक कर दिया मगर एक ही दिन में उसके सिपहसालार बगावती तेवर दिखाने लग गए हैं| इससे विपक्ष को आलोचनाओं के बाण चलाने का अवसर मिल गया है| एन डी ऐ +आई ऐ सी+ लेफ्टिस्ट एंड एबोव आल मीडिया ने इस नए चेहरे के पीछे के सच को उजागर करना शुरू कर दिया है| रविवार को कैबिनेट में हुए जंबो फेरबदल के बाद अधिकांश नए मंत्रियों ने आज सुबह से ही कार्यभार संभालने के लिए नए कार्यालय पहुंचना शुरू कर दिया|जहाँ पारंपरिक तौर पर महंगे फूलों के गुलदस्तों से इनका स्वागत किया गया|[मितव्यतता का भाषण देने वालों ने स्वयम फूलों के महंगे खर्चे किये] लेकिन आश्चर्यजनक रूप से जयपाल रेड्डी सोमवार सुबह अपने मंत्रालय का चार्ज नए मंत्री वीरप्पा मोइली को देने नहीं पहुंचे। उन्होंने नए पोर्ट फोलियो विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रिपोर्ट भी नहीं किया है | चर्चा है कि वह[रेड्डी] अपने तबादले से सख्त नाराज हैं।भ्रष्टाचार की तरफ से ध्यान हटानेके लिए मंत्री मंडल की उठापटक बेकार साबित हो रही है इस नए रेड्डी काण्ड से सरकार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों की फेरहिस्त कम होने के स्थान पर लम्बी ही हुई है|पेट्रोलियम मंत्रालय में फेर बदल को उद्योगपतिओं का दबाब बताया जा रहा है|

रेड्डी काण्ड से केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों की फेरहिस्त और लम्बी हुई

जाहिर है की इस एक अनुपस्थिति से राजनीतिक +मीडिया के गलियारों में अनेक सवाल उठ रहे हैं। वैसे अभी तक रेड्डी की तरफ से कोई डिनायल नहीं आया है|
[१] अरविंद केजरीवाल का कहना है कि रेड्डी को ईमानदारी की सजा दी गई है। उन्होंने कहा, ‘इस देश में किसे कौन सा मंत्रालय मिलेगा, यह तो प्रधानमंत्री को तय करना होता है लेकिन कर रही हैं बड़ी बड़ी कंपनियां। रेड्डी का मंत्रालय रिलायंस के प्रेशर में बदला गया है।अरविंद केजरीवाल की इंडिया अगेंस्ट करप्शन के [राजनीतिक विश्लेषक ] योगेंद्र यादव ने कहा कि जयपाल रेड्डी को रिलायंस पर सख्त होने की सजा दी गई है। [२]।टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक जयपाल रेड्डी ने 2011 में पेट्रोलियम मंत्रालय संभालते ही रिलायंस इंडस्ट्रीज़ पर नकेल कसनी शुरू कर दी थी.अखबार के मुताबिक रिलायंस इंडस्ट्रीज़ आंध्र प्रदेश के केजी बेसिन ब्लॉक के शेयर ब्रिटेन की एनर्जी कंपनी बीपी को बेचना चाहता था, करीब 39 हजार 600 करोड रुपये के शेयर बीपी को बेचना चाहती थी रिलायंस इंडस्ट्रीज़, लेकिन तब के पेट्रोलियम मंत्री रेड्डी ने इसे मंजूरी नहीं दी.करार के मुताबिक केजी बेसिन में विदेशी कंपनी को हिस्सेदारी बेचने के लिए कैबिनेट की मंजूरी लेना जरूरी था.पेट्रोलियम मंत्रालय ने ही इसे मंजूरी नहीं दी. टी ओ आई के मुताबिक जब रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने लगातार करार से कम गैस का उत्पादन किया तो जयपाल रेड्डी के मंत्रालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज़ पर 7 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना ठोक दिया[३] अंग्रेज़ी के ही .द हिंदू अखबार ने कल ही आशंका जताई थी कि क्या रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के दबाव में जयपाल रेड्डी का विभाग बदला जा रहा है.

विवाद

[१].द हिंदू के मुताबिक रिलायंस और सरकार के बीच केजी बेसिन की गैस को लेकर जो करार हुआ था उसके मुताबिक 2011-12 में करीब 7 करोड़ क्यूबिक मीटर गैस रोजना निकाली जानी थी लेकिन रिलायंस इंडस्ट्रीज ने महज 4 करोड़ 20 लाख क्यूबिक मीटर गैस रोजाना निकाली. इससे सरकार को सीधा-सीधा 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.इसी तरह 2012-13 में 8 करोड़ क्यूबिक मीटर गैस रोजाना निकालनी थी, लेकिन रिलायंस सिर्फ 2 करोड़ 50 लाख क्यूबिक मीटर गैस रोजाना निकाल रहा है. इससे सरकार को करीब 45 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. 20 हजार मेगावाट बिजली बनाने वाले पावर प्लांट गैस न मिल पाने की वजह से ठप पड़े हैं. द हिंदू के मुताबिक रिलायंस ने केजी बेसिन से कम गैस निकाली, जिससे कम बिजली बन पाई. यही नहीं कम गैस निकालने के चलते देश को फर्टिलाइजर का आयात भी बढ़ाना पड़ा.|आयात बढाने से महंगे विदेशी मुद्रा में भुगतान किया गया
[२] सरकार ने केजी बेसिन ब्लॉक के हिसाब-किताब का सीएजी से ऑडिट कराने का दबाव बनाया
रिलायंस ने इसका विरोध करते हुए कहा कि वो एक निजी कंपनी है, लिहाजा सीएजी उसका ऑडिट नहीं कर सकती. जयपाल रेड्डी ने बीच का रास्ता निकालते हुए केजी बेसिन पर सरकार और रिलायंस के बीच हुए करार की धारा 1.9 का हवाला दिया और कहा कि ठीक है रिलायंस केजी बेसिन का ऑडिट खुद कराकर इसकी रिपोर्ट सीएजी को दे दे.
[३]जनवरी 2011 में पेट्रोलियम मंत्रालय संभालने वाले बैसाखियों के सहारे चलने वाले रेड्डी काफी सख्त मंत्री रहे। उनके आलोचक उन्हें प्राइवेट कंपनियों को परेशान करने वाला बताते रहे। मसलन उन्होंने रिलायंस और ब्रिटिश पेट्रोलियम की 7.2 अरब डॉलर की डील को मंजूरी नहीं दी और उसे कैबिनेट में भेज दिया जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी। रेड्डी ने ऐसे कई कड़े कदम उठाए जो रिलायंस के खिलाफ गए।अब जयपाल रेड्डी की जगह वीरप्पा मोइली को पेट्रोलियम मंत्रालय दिया गया है। इतना ही नहीं लैंड स्कैम का सामना कर रहे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने भी इसको एक गलत फैसला बताते हुए इसे बड़े उद्योगपतियों के इशारे पर लिया गया निर्णय बताया है।

दामाद राबर्ट वढेरा ईमानदार है और आर एस एस का बेटा नितिन गडकरी भी चोर नहीं है

हमारा दामाद राबर्ट वढेरा इमानदार है और और आर एस एस का बेटा नितिन गडकरी भी पाक साफ़ है| यह सन्देश जांच एजेंसियां दे रही है|इन दोनों पर सत्ता का दुरूपयोग करके भूमि के घोटाले के आरोप लग रहे है| कांग्रेस ने हरियाणा में उपायुक्तों से आनन् फानन में जाँच करवा कर अब राबर्ट वढेरा को क्लीन चिट दे दी है| एजेंसियों का कहना है कि भूमि रजिस्ट्रेशन में कोई गड़बड़ नहीं हुई है रजिस्ट्री की पूरी फीस जमा की गई है| यूपीए सुप्रीमो सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा को चारों जिलों की रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दी गयी है। इस रिपोर्ट में साफ किया गया है कि हरियाणा के चार शहरों गुड़गांव, फरीदाबाद, पलवल और मेवात में वाड्रा को जो जमीन बेची गयी है उसमें किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं बरती गयी हैं और वढेरा ने स्टांप ड्यूटी का पालन करते हुए सारे पैसे सही रूप से चुकाये हैं। इसके साथ ही नितिन गडकरी के विरुद्ध आयकर एजेंसियां जांच करने में लगा दी गई है इन एजेंसियों को एक माह में जाँच पूरी करके रिपोर्ट पेश करनी है| लेकिन आय कर की किस धारा में यह जाँच की जायेगी उसका खुलासा नहीं किया गया है|

अरविन्द केजरीवाल की गाजिआबाद में प्रेस कांफ्रेंस


आई ऐ सी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने कमोबेश यही आरोप लगाते हुए कहा है कि यहजांच और रिपोर्ट केवल लीपापोती है| वढेरा और गडकरी दोनों बच जायेंगे | भाजपा और कांग्रेस दोनों मिली हुई है| उन्होंने दिग्विजय सिंह के बयाँ का हवाला देते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह ने स्वयम यह स्वीकार कर लिया है कि भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे के परिवार के सदस्यों पर आरोप प्रत्यारोप नहीं लगाते| इससे साफ़ जाहिर है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दोनों मिले हुए हैं|
उन्होंने गाज़ियाबाद में आज शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि किसकी हिम्मत है कि यूपीए सुप्रीमो सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वढेरा की जांच करे |वास्तव में वढेरा को बचाने के लिए यह लीपापोती की गई है इसके साथ ही भजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी के विरुद्ध आयकर विभाग से जाँच शुरू करवाई जा रही है लेकिन यह नहीं बताया जा रहा कि आयकर कानून की किस धारा में यह जाँच होनी है|
अरविन्द केजरीवाल ने आज यह भी मांग उठाई है कि राबर्ट वढेरा और गडकरी की देश भर में सम्पत्तियों का ब्यौरा सार्वजानिक किया जाना चाहिए|