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Tag: भाजपा

ऍफ़ डी आई पर चर्चा में मायावती द्वारा सुषमा स्वराज को लोमड़ी कहे जाने पर सदन दस मिनट्स के लिए स्थगित

Indian Parliament

ऍफ़ डी आई पर जारी चर्चा के दौरान भाजपा और बसपा में तीखी नौंक झौंक के कारण कार्यवाही बाधित होती देख कर सदन के स्पीकर हामिद अंसारी ने राज्यसभा की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी| राज्यसभा में विपक्ष के नेता श्री अरुण जेटली के भाषण के पश्चात बसपा सुप्रीमो माया वती बोलने के लिए खड़ी हुई तब उन्होंने लोक सभा में श्रीमति सुषमा स्वराज के सी बी आई बनाम ऍफ़ डी आई के हवाले से श्रीमति सुषमा स्वराज को एक कहावत के माध्यम से लोमड़ी कह दिया |जिसके फलस्वरूप भाजपाई सांसद भड़क गए और उन्होंने मायावती को बोलने नहीं दिया और बसपा और कांग्रेस में मिली भगत के आरोप लागाने लग गए|संसदीय कार्यमंत्री कमल नाथ ने खड़े होकर मायावती का पक्ष लेते हुए कहा कि खट्टे अंगूर की कहावत कई बार प्रयोग की जाती रही है इसीलिए यह अनपार्लिअमेंट नहीं है मगर स्पीकर ने इसके अपोसिट रूलिंग दी इसके पश्चात पुनह मायावती ऍफ़ डी आई के लिए आयोजित चर्चा में अपने ऊपर लगे सी बी आई के दबाब के आरोपों का ही स्पष्टीकरण देने लगे और इसके लिए भाजपा को दोषी ठहराया |इससे पुनः भड़क कर भाजपा के सांसदों ने इसका विरोध शुरू कर दिया|इसके फलस्वरूप व्यवस्था बनाए रखने के लिए सदन की कार्यवाही दस मिनट्स के लिए स्थगित कर दी|

लालू प्रसाद यादव को लोक सभा से बी जे पी ने हूट आउट किया:संसद साड़े तीन बजे तक के लिए स्थगित

Indian Parliament


ऍफ़ डी आई के मुद्दे पर लोक सभा में में जारी बहस के दौरान लगभग सवा तीन बजे जैसे ही सरकार को बाहर से समर्थ दे रहे आर जे डी के लालू प्रसाद यादव बोलने के लिए खड़े हुए तभी भाजपा के एक सदस्य ने कहा कि लालू प्रसाद यादव तो सत्ता पक्ष के हैं इस पर लालू प्रसाद ने भड़क कर भाजपा सदस्य को जम्हूरा कह कर चुप कराने का प्रयास किया इस एक शब्द[जम्हूरा]को अनपार्लियामेंट आचरण बता कर भाजपा के सदस्यों ने शोर मचा कर लालू प्रसाद को बोलने नहीं दिया |तब चेयर पर्सन ने इस शब्द को संसदीय कार्यवाही से निकालने के आदेश दे दिए |संसदीय मंत्री कमल नाथ ने भी भाजपा नेता और लालू प्रसाद यादव दोनों को संयम बरतने का आग्रह किया मगर लालू प्रसाद अपने शब्द जम्हूरा को असंसदीय मानने से इंकार करके इस शब्द के मायने खिलाड़ी बताते रहे|भाजपा के सदस्य भी शोर मचाते रहे लालू प्रसाद हार कर बिना बोले ही बैठ गए मगर सदन में शोर थमने का नाम नहीं ले रहा था इस पर व्यवस्था बनाने के लिए लोक सभा को सादे तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया |

अरविन्द केजरीवाल ने गुजरात गैस कूओं के घोटाले में कांग्रेस और भाजपा दोनों को हिस्से दार बताया

Arvind Kejriwal Aam Aadmi party [AAP]


संसद में आज मंगलवार को ऍफ़ डी आई पर भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे को निशाना बना रहेथे तब संसद के बाहर एक प्रेस कांफ्रेंस में अरविन्द केजरीवाल ने गुजरात गैस कूओं के घोटाले में कांग्रेस और भाजपा दोनों को हिस्से दार बताया |
आम आदमी पार्टी [आप] के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाने के मामले का आज मंगलवार को रहस्योद्घाटन किया है। श्री केजरीवाल के मुताबिक मोदी ने कांग्रेस की एक सांसद शोभना भरतिया के पति श्याम सुन्दर भरतिया की कंपनी को भी दस हजार करोड़ रुपये मूल्य वाला गैस का कुआं मुफ्त में दिया है। साथ ही राज्य में विपक्षियों को और भी फायदे पहुंचाए गए हैं। इसलिए वे मोदी के भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी तरह चुप हैं।
केजरीवाल ने दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि गुजरात की सरकारी कंपनी ‘गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम’ [जीसपीसी] ने केजी बेसिन में अपने गैस ब्लॉक की दस-दस फीसद हिस्सेदारी दो कंपनियों ‘जियो [१]ग्लोबल’ और ‘जुबिलेंट एनप्रो’ को मुफ्त में दे दी। इसके लिए बोली तक नहीं लगाई गई। सरकार ने दावा किया कि कंपनियां उन्हें तकनीकी सहयोग देंगी। उसी केजी बेसिन में मुकेश अंबानी की कंपनी भी तेल निकाल रही है। उसने भी ब्रिटिश पेट्रोलियम से इसी तरह का समझौता कर उसे 30 फीसद हिस्सा दिया है। बदले में उसने 35 हजार करोड़ रुपये भी लिए हैं, जबकि राज्य सरकार ने यह सब मुफ्त में दे दिया।
जुबिलेंट कंपनी कांग्रेस सांसद के पति श्याम सुंदर भरतिया की है। प्रशांत भूषण ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा मिलकर गुजरात को लूट रही हैं। जब कैग [नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक] ने इस मामले की जांच शुरू की तो मोदी ने वर्ष 2010 में केंद्र को पत्र लिखकर समझौते को रद करने की इजाजत मांगी, लेकिन तब से केंद्र ने इसकी इजाजत नहीं दी है।
[२]गुजरात की मोदी सरकार ने अडानी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए 2.35 और 2.89 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदी, जबकि सरकारी कंपनी 2.25 रुपये प्रति इकाई बिजली मुहैया कराने को तैयार थी। [३]वायु सेना ने जगह मांगी तो मोदी सरकार ने 8,800 रुपये वर्ग मीटर की दर से कीमत मांगी, लेकिन अदानी को एक रुपये से 32 रुपये की दर से 14,306 एकड़ दे दी। केजरीवाल ने बताया कि संबंधित कागजात उन्हें निलंबित आइपीएस संजीव भंट्ट ने दिए हैं। भट्ट की पत्नी मोदी के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर लड़ रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब जियो ग्लोबल का मामला हाई कोर्ट में उठा, तो जजों को फायदा पहुंचाकर मामला दबा दिया गया।
गौरतलब है कि बेटे दिन ही केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने गुजरात की मोदी सरकार पर इन्ही कूओं के एलोटमेंट में घोटाले का आरोप लगाते हुए प्रश्न उठाये थे|इसके लिए उन्होंने तहलका पत्रिका में प्रकाशित एक समाचार को आधार बनाया गया था|

संसद में ऍफ़ डी आई पर नियम १८४ के अंतर्गत चर्चा जारी

भारतीय संसद में आज मंगलवार को ऍफ़ डी आई पर नियम १८४ के अंतर्गत चर्चा जारी है|इस पर वोटिंग कल होगी | विपक्ष की नेत्री सुषमा स्वराज ने अपनी बहस के दौरान तीन बार पानी पीकर , जहाँ तीखे तेवरों में, अनेकों आंकड़ों के साथ ,सरकार की ऍफ़ डी आई नीति को विकास की सीढ़ी नहीं बल्कि विनाश का गड्ढा बताया तो कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने उसी तेवर में विपक्ष के दावों का खंडन करने के लिए अनेको आकडे प्रस्तुत करके अपनी नेत्री श्रीमती सोनिया गांधी और प्रधान मंत्री के चेहरे पर मुस्कान ला दी मगर सपा के मुलायम सिंह यादव ने अपने संक्षिप्त संबोधन में ऍफ़ डी आई का विरोध करके सत्ता पक्ष की इस मुस्कान को गायब कर दिया|

विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज

संसद में ऍफ़ डी आई पर नियम १८४ के अंतर्गत चर्चा जारी


ने कहा कि विदेशी किराना का फैसला सरकार वापस ले। उन्होंने कहा कि” मैं आपको वोट के जरिए हराकर नहीं बल्कि मना करके जीतना चाहती हूं क्योंकि यही देशहित में है”.| उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री अमीरों और विदेशी कंपनियों की लड़ाई लड़ रहे हैं. हर चौराहे पर जब विदेशी कंपनियों के किराना स्‍टोर खुलेंगे तब जाकर 40 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा|उन्होंने कहा ” मैं प्रधानमंत्री से गुजारिश करती हूं कि जब दुनिया में इसके विरोध में आवाज़ें उठ रहीं हैं तो फिर भारत में इसे लागू करने की कोई आवश्यकता नहीं है.” 2011 में भी इस फैसले का विरोध हुआ था। अमेरिका अपने यहां छोटे उद्योग को बढ़ावा दे रहा है. राष्ट्रपति ओबामा खुद ही शनिवार को छोटे दुकानों में शॉपिंग करने जाते हैं.|९०% फीसदी माल चीन से आएगा। एकाधिकारी बाजार उपभोक्ता के हित में नहीं है। प्रतियोगी बाजार उपभोक्ता के हित में होता है। यह विकास की सीढ़ी नहीं, विनाश का गड्ढा है।

उधर केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल

ने एफडीआई के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि इससे देश में निवेश आएगा. ”कोई भी अगर एफडीआई में आना चाहता है तो उसको 100 मिलियन ड़ालर (10 करोड़ डॉलर) का निवेश करना पड़ेगा.”जिसमे से ५० करोड़ डालर्स स्थानीय विकास में लगाया जाएगा|
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि बड़ी कंपनियों को इससे बहुत फायदा पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि चीन में जब 1992 को एफडीआई को इजाज़त दी गई तो व़ॉलमार्ट भी आया. ”लेकिन 2008 में वो पहली बार मुनाफे में आया तब तक वो घाटे में था.” इसके अलावा उन्होंने आंकड़े प्रस्तुतु करते हुए केवल १८ शहरों में ही वाल मार्ट के आने की संभावना जताई|और दिल्ली का उदहारण देते हुए बताया कि उनके चुनाव छेत्र चांदनी चौक में न तो जगह है और नाही खरीददार |ऐसे में यह कहना कि वाल मार्ट देश पर कब्जा कर लेगा, बेबुनियाद है|

मुलायम सिंह यादव

ने ऍफ़ डी आई का विरोध करते हुए कोका कोला और पेप्सी का उदहारण दिया और इसे किसान और छोटे व्यापारियों के विरोध में बताया |उन्होंने पार्टी लाईन से ऊपर उठ कर देश हित में ऍफ़ डी आई को वापिस ले लिए जाने की मांग की
इससे पहले बीजेपी के नेता यशवंत सिन्हा ने मांग की थी कि फेमा के लिए संसद में अलग से चर्चा और वोटिंग की जाए.लेकिन समान विषय होने के कारण अध्यक्षा महोदया ने इसकी इजाजत नहीं दी

पाकिस्तान के कराची में सौ वर्ष पुराना मंदिर गिरा कर अल्पसंख्यकों के अधिकारों को चुनौती दी गई

पाकिस्तान के कराची में सौ वर्ष पुराना राम पीर मंदिर गिरा दिया गया है जिसे लेकर वहां के हिंदू समुदाय ने कड़ा विरोध तथा क्षोभ जताया है तथा सरकार से कहा है कि अगर वह उनकी तथा उनके धार्मिक स्थलों की हिफाजत नहीं कर सकती है, तो वह उन्हें भारत भिजवाने के लिए टिकट दिलवाने की व्यवस्था करे।एक अदालत के स्थगनादेश के बावजूद यह मंदिर ढाया गया है| इस कृत्य से वहां अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्दता पर एक बार फिर प्रश्न चिन्ह लगा है|

पाकिस्तान के कराची में सौ वर्ष पुराना मंदिर गिरा कर अल्पसंख्यकों के अधिकारों को चुनौती दी गई


पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इस मामले पर चिंता जताते हुए निर्देश दिए हैं कि किसी भी संप्रदाय के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं हो।पाकिस्तान मीडिया के अनुसार मंदिर परिसर में रहने वाले लगभग 40 लोग बेघर हो गए हैं, जिनमें से अधिकतर हिन्दू हैं। ठंड की रात उन्होंने अपने बच्चों के साथ खुले में आसमान के नीचे बिताई।
पाकिस्तान हिंदू परिषद के संरक्षक डॉ. रमेश कुमार वंकवानी ने आरोप लगाया कि पुलिस मंदिर में रखी अनेक मूर्तियां तथा उन पर चढ़ाए गए सोने के जेवर उठाकर ले गई, लेकिन पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया।
अखबार के अनुसार प्रांत के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहनलाल तथा कराधान मंत्री मुकेश चावला में से किसी ने इस मामले पर कोई टिप्पणी, प्रतिक्रिया नहीं दी है। लाल के घटनास्थल पर जाने की खबरें थी, लेकिन वे भी वहां नहीं गए लेकिन इसके विपरीत भारत में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने इस मुद्दे को संसद में उठाने की चेतावनी दी है|

मनीष तिवारी ने नरेन्द्र मोदी पर २० हज़ार करोड़ के घोटाले का आरोप लगा कर भाजपा को आरोपों का सिक्का लौटाया

घोटालों के आरोपों में घिरी यूं पी ऐ ने आज भाजपा के चर्चित चेहरे नरेन्द्र मोदी की सरकार पर 20 हजार करोड़ का घोटाला करने का आरोप लगा कर भाजपा के सिक्के को लौटाने का प्रयास किया | सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने चुनावी मौसम में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार पर तहलका अखबार की एक रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने कृष्णा गोदावरी बेसिन में गैस ब्लॉक की दस फीसदी हिस्सेदारी २००३ में एक ऐसी कंपनी को दे दी जो डील से कुछ दिन पहले ही महज चौंसठ डॉलर की पूंजी के साथ बनी थी.उधर, बीजेपी ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि कांग्रेस बिना सबूत, मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।

I&B minister मनीष तिवारी


सीएजी ने भी सरकारी कंपनियों पर संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के दिए इस ठेके पर सवाल उठाए थे। अब भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही कांग्रेस को पहली बार मोदी सरकार पर निशाना साधने का मौका मिला है।
तहलका की रिपोर्ट के मुताबिक इस जियो ग्लोबल पर गुजरात सरकार अब तक 20 हजार करोड़ लुटा चुकी है. सीएजी रिपोर्ट के हवाले से छपी खबर के मुताबिक बारबाडोस में बनी कंपनी ने इस सौदे के बदले एक रुपया नहीं चुकाया और उसे बीस हजार करोड़ रुपये दिए गए और तो और गैस खोजने का खर्च भी गुजरात सरकार की सार्वजनिक कंपनी गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कार्पोरेशन ने उठाया.
गुजरात सरकार के साथ सौदा करने के तुरत बाद जियोग्लबोल ने अपनी हिस्सेदारी का 50 फीसदी हिस्सा मॉरीशस की कंपनी को बेच दिया. अब इस डील को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार से सवाल पूछ रही है. |
केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मोदी सरकार से जवाब मांगा है कि आखिर इस डील के पीछे क्या मंशा थी? आरोप गंभीर हैं लेकिन अपने पर बात आई तो बीजेपी को सवाल का सीधा जवाब नहीं सूझा और कहा कि आरोप लगाने की तो कांग्रेस की आदत है
उधर .बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस बिना सबूत, मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मुझे तो कांग्रेस पर दया आती है। जो खुद माइनिंग स्कैम में आकंठ डूबा है वो तहलका के मध्यम से लांछन लगा रहा है जिसमें कोई घोटाला नहीं है। हम इनके आरोपों को ख़ारिज करते हैं। गुजरात को बदनाम करने की कोशिश है।
वैसे, सीएजी ने भी सरकारी कंपनियों पर संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के दिए इस ठेके पर सवाल उठाए थे। अब भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही कांग्रेस को पहली बार भाजपा और नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधने का मौका मिला है।

येदियुरप्पा ने भाजपा से नाता तोड़ने की ओपचारिकता पूरी कर दी

बाग़ी पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने अज शुक्रवार को भाजपा से नाता तोड़ने की ओपचारिकता पूरी कर दी| कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी को एक कड़ा झटका देते हुए पार्टी छोड़ दी, उन्होंने राज्य में भाजपा को खड़ी करने में 40 साल तक अपना पूरा सहयोग दिया था। भाजपा के अनुसार इस इस्तीफे से राज्य की जगदीश शेट्टर सरकार पर तत्काल प्रभाव पड़ने की कोई संभावना नहीं है।पिछले काफी समय से येदियुरप्पा पार्टी से नाराज़ चल रहे थे |

येदियुरप्पा ने भाजपा से नाता तोड़ने की ओपचारिकता पूरी कर दी


श्री येदियुरप्पा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को पत्र फैक्स किया। बाद में वह विधानसभा अध्यक्ष के जी बोपैया से मिले और उन्होंने उन्हें सदन की सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंपा। वह जनसंघ के दिनों से ही भाजपा से जुड़े थे।
भाजपा नेतृत्व पर करारा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि मैं पार्टी छोड़ने का यह कठिन निर्णय लेने के लिए बाध्य हुआ हूं, जबकि मैंने ही राज्य में इसे खड़ा किया था।
उन्होंने कहा कि ये महज कुछ नेता थे जिन्होंने मुझे इतनी दूर धकेल दिया, जहां से मैं नहीं लौट सकता।
एक न्यूज चैनल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार बनाने के लिए भविष्य में किसी भी पार्टी का सहयोग नहीं लेंगें|

भाजपा के वरिष्ठ नेता ही पार्टी की किरकिरी करने पर तुले हैं : गडकरी के खिलाफ यशवंत सिन्हा भी कूदे

प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी एक और तो ऍफ़ डी आई के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए समर्थन जुटाने में जुटी है मगर दूसरी तरफ उसके अपने वरिष्ठ नेता ही समय समय पर पार्टी का मनौव्वल तोड़ने को आगे आते जा रहे हैं| पार्टी के अपने वरिष्ठ नेता ही पार्टी की किरकिरी कराने पर तुले हैं|अब पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने अपनी पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी के इस्तीफे की मांग उठाई है। समाचार एजेंसी के हवाले से खबर है कि बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने भी गडकरी का अध्यक्ष पद से इस्तीफा मांगा है। पीटीआई के मुताबिक यशवंत सिन्हा का कहना है कि गडकरी को फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए। सिन्हा ने कहा कि गडकरी दोषी हों या नहीं वो इस्तीफा दें.सिन्हा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक एस गुरूमूर्ति द्वारा गडकरी को क्लीन चिट दिए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें भारत की जनता को उम्मीदों को तोडऩे का कोई अधिकार नहीं है। स्वयं ही प्रमाणपत्र देने का तरीका अपना कर हमने कुछ ऐसा ही किया है।’’ पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के इस चरण में भाजपा की विश्वसनीयता संदेह से परे होनी चाहिए।सिन्हा के मुताबिक मुद्दा ये नहीं है कि हमारे पार्टी अध्यक्ष दोषी हैं या नहीं है। मुद्दा ये है कि सार्वजनिक जीवन में हम सब को आक्षेपों से दूर रहना चाहिए। सिन्हा ने यह विरोधी तेवर उस समय दिखाए हैं जब बी जे पी शीत कालीन सत्र में सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए समर्थन जुटाने के लिए एडी चोटी का जोर लगा रही है|

बी जे पी की प्रतिक्रया

भाजपा के वरिष्ठ नेता ही पार्टी की किरकिरी करने पर तुले हैं : गडकरी के खिलाफ यशवंत सिन्हा भी कूदे


बीजेपी ने यशवंत की टिप्पणी को अनुचित बताया है। पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पार्टी में यशवंत सिन्हा के लिए फोरम उपलब्ध है। ऐसे में उनकी सार्वजनिक टिप्पणी उचित नहीं है। वो अपनी टिप्पणी पर दोबारा सोचें।
वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के मद्देनजर पार्टी के भीतर से सतह पर उठ रही आवाजों को नजरअंदाज करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कहा कि वह अपने अध्यक्ष नितिन गडकरी के साथ खड़ी है और उसे उनपर पूरा भरोसा है.

राम जेठमलानी और महेश जेठमलानी

राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी ने बीजेपी अध्‍यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ पहले से ही मोर्चा खोल रखा है.| उन्होंने गडकरी को सलाह दी है कि वो पार्टी के हित में और स्वच्छ जांच होने तक पार्टी के अध्यक्ष पद को छोड़ दें.महेश जेठमलानी ने तो पार्टी पद से इस्तीफा भी दे दिया है|

: जगदीश शेट्टीगर

पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य जगदीश शेट्टीगर ने मांग की है कि पूर्ति समूह को संदिग्ध वित्तपोषण के आरोपों के मद्देनजर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने देश और पार्टी हित में फैसला लेने को कहा है|

मेरठ में एयर पोर्ट को लेकर सपा, रालोद बसपा और भाजपा में राजनीतिक धमासान

बचपन से एक कहावत सुनते आ रहे हैं कि झोतटों की लड़ाई में झुंडों का नाश होता है यह कहावत आज कल यूं पी और ख़ास कर मेरठ की राजनीती में अक्षरह प्रासंगिक है| यहाँ में एक बात साफ़ कर देना चाहता हूँ कि झोतटों का अर्थ बिजार नहीं बल्कि शक्तिशाली और झुण्ड का अर्थ निरीह लिया जा रहा है|शक्ति शाली हैं सिविल एविएशन मंत्री चौधरी अजित सिंह और यूं पी के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव|जबकि निरीह हैं मेरठ में एयरपोर्ट का मामला|
बेहद क्षमा के साथ यह कहना चाहता हूँ कि मेरा इरादा किसी का अपमान करने या उनकी तुलना जानवरों से करने कि नहीं है मगर आज कल राजनीति में आये दिन मच्छर+ नाली के कीड़े+डेंगू मच्छर +घोड़ा+बैल और ना जाने किस किस जानवर के रूप में नेताओं को देखा जा रहा है| अब चूंकि कलम समाज के रूप को ही उजागर करती है सो समाज में प्रचलित भाषा का ही प्रयोग का ही चलन है|

मेरठ में एयर पोर्ट को लेकर सपा, रालोद बसपा और भाजपा में राजनीतिक धमासान


मेरठ में विकास की गंगा बहाने के लिए अखिलेश यादव और अजित सिंह दोनों ही आये दिन दावे करते नज़र आ रहे हैं|लेकिन वास्तव में दोनों ही अपने सियासी अहम में फंसे दिखाई दे रहे हैं| चौधरी अजित सिंह जहां मेरठ में एयर पोर्ट के लिए फ्री में जमीन चाहते हैं तो मुख्य मंत्री ऐसी किसी परिपाटी से इनकार करते हुए आगरा या वाराणसी में एयरपोर्ट का विकास करने की सलाह दे रहे है।अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस बयान पर राजनीति में भूचाल आ गया है,
विपक्षी दलों का कहना है कि जब अजित सिंह मेरठ में एयरपोर्ट की स्थापना के लिए देश के 37 एयरपोर्ट की तर्ज पर मुफ्त में जमीन मांग रहे हैं तो मुख्यमंत्री को तत्काल जमीन देकर उनका आग्रह स्वीकार कर लेना चाहिए। इस तरह के बयान देकर उन्होंने यह साबित कर दिया है कि वह मेरठ मंडल की उपेक्षा कर रहे हैं। वह भी तब जब राजस्व वसूली के मामले में प्रदेश में यह क्षेत्र अव्वल है। उद्यमियों व व्यापारियों ने भी इन विपक्षी दलों की बात का समर्थन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्लानिंग बोर्ड (एनसीआरपीबी) की सिफारिश लागू हुए छह साल बीत गए हैं पर उप्र सरकार की उपेक्षा के चलते एनसीआरपीबी की महायोजना-2021 के तहत एक भी प्रोजेक्ट मेरठ मंडल में लांच नहीं हुआ है। यानि मेरठ मंडल के लिए एनसीआर में शामिल होने का अनुभव भी अच्छा नहीं है।मेरठ में एयर पोर्ट के प्रति उपेक्षा या राजनीती को लेकर बसपा और भाजपा विधान सभा में आवाज उठाने जा रही है जबकि भाजपा इसे लोक सभा में भी उठाने की बात करने लगे हैं|

चौधरी अजित सिंह

केंद्रीय टीम के निरीक्षण के बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के चेयरमैन के अलावा खुद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिख चुके हैं। मेरठ एयरपोर्ट के लिए उन्होंने 133 एकड़ में फैली हवाई पट्टी मुफ्त में एएआइ को हस्तांतरित करने का आग्रह किया है। मुफ्त में जमीन देने की बाबत उन्होंने देश के 18 राज्यों में स्थापित उन 37 एयरपोर्ट की सूची भेजी है, जहां एएआइ को मुफ्त में जमीन मिली है। उप्र के वाराणसी में ही 64.73 एकड़ व लखनऊ में 77 एकड़ जमीन एएआइ को लीज पर मिली है, जिसमें एएआइ के अधीन एयरपोर्ट संचालित है। उन्होंने कहा है कि यदि यह जमीन मिल जाए तो शीघ्र ही इस हवाई पट्टी पर कुछ व्यवस्था कर लखनऊ व इलाहाबाद के लिए उड़ान शुरू की जा सकती है। 7500 वर्ग फीट का रन-वे, समानांतर में टैक्सी ट्रैक, टर्मिनल बिल्डिंग, एटीसी टॉवर, फायर स्टेशन, हैंगर्स, कारगो के साथ-साथ सिविल शेड्यूल प्रचालनों के लिए सी श्रेणी के विमान हेतु विकसित तथा उन्नत करने के लिए अतिरिक्त 433 एकड़ भूमि का अधिग्रहण तथा हस्तांतरण का कार्य एएआइ बाद में कराएगी। इस प्रोजेक्ट पर खर्च होने वाला करीब 250 करोड़ रुपये एएआइ के पास है।
अजित सिंह के अनुसार मेरठ में ही वह हैदराबाद व तमिलनाडु की तरह 600 करोड़ की लागत से विमान रखरखाव, मरम्मत एवं ओवर हॉल (एमआरओ) सेवा शुरू कराने के इच्छुक है, ताकि देश-विदेश से विमान यहां ठीक होने के लिए आएं। इस प्रोजेक्ट के लांच होने पर मेरठ ही नहीं आसपास में न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि औद्योगिक विकास भी होगा।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

मेरठ की हवाई पट्टी छोटी है, फिर भी केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह उप्र में एयरपोर्ट का विकास करना चाहते हैं तो वह अपना ध्यान मेरठ के बजाए आगरा व वाराणसी पर लगाएं। यह दुनिया भर के पर्यटकों के लिए बेहतर होगा।

एयरपोर्ट निर्माण के लिए शर्तें

[१]एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मानकों के अनुसार राष्ट्रीय स्तरपर हवाई अड्डे के लिए चाहिए- रनवे 18045 फुट यानि करीब 5552.615 मीटर लंबा व 296 मीटर चौड़ा[२]वर्तमान में मेरठ हवाई पट्टी पर 47 एकड़ जमीन पर रनवे- 1736 मीटर लंबा व 80 मीटर चौड़ा।[३]86 एकड़ जमीन विस्तारीकरण के बाद रनवे- 2700 मीटर लंबा और 200 मीटर चौड़ा[४] 433 एकड़ जमीन और अधिग्रहण करने के बाद रनवे- 7200 मीटर लंबा व 310 मीटर चौड़ा

विपक्षी दलों की दलीलें

बसपा द्वारा यह मामला राज्यसभा में उठाया जाएगा|
बसपा सरकार में यह हवाई पट्टी विकसित हुई। विस्तारीकरण को 86 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई और चारदीवारी कराई गयी। प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप अन्तर्गत मेरठ एयरपोर्ट के लिए परामर्शी का चयन कर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर), संभावना तलाशने के लिए प्री-फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी तैयार हुई और मेरठ विकास प्राधिकरण की महायोजना-2021 में 1350 एकड़ जमीन का संशोधन प्रस्ताव भी पारित किया गया। मेट्रो सिटी होने के कारण मेरठ में एयरपोर्ट जरूरी है। अजित सिंह की पहल भी सही है। ऐसे में यदि मुख्यमंत्री मेरठ हवाई पट्टी को छोटी बताकर कहीं और एयरपोर्ट की वकालत कर रहे हैं तो वह गलत है। ।
भाजपा इसे लोक सभा में उठायेगी| भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, के अनुसार वर्ष 2006 में बनी एनसीआरपीबी की महायोजना-2021 में मेरठ में एयरपोर्ट की बात की गई है। एमडीए की महायोजना में भी यह प्रस्ताव शामिल है। ऐसे में अजित सिंह की पहल स्वागत योग्य है, पर मुख्यमंत्री ने मेरठ एयरपोर्ट को लेकर जो बयान दिया है, उसे लोस में उठाया जाएगा।
अजित सिंह की पार्टी – रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान, के अनुसार उनके नेता मेरठ ही नहीं प्रदेश के छह शहरों में एयरपोर्ट बनवाना चाहते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने जिस तरह केवल आगरा में एयरपोर्ट की बात की है, उससे लगता है कि वह सपा के गढ़ वाले क्षेत्र की पैरवी कर रहे हैं। अजित सिंह ने मेरठ के साथ ही आगरा, मुरादाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर में भी एयरपोर्ट विकसित करने की बात की है।
मेरठ के व्यापारियों और उधमियों ने आरोप लगाया है के मेरठ एयरपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री का बयान इस बात का प्रमाण है कि वह इस क्षेत्र का विकास नहीं चाहते हैं। दस नवम्बर को मुख्यमंत्री मेरठ आए तो उन्होंने उद्यमियों व व्यापारियों से मिलने का समय देने के बाद भी उनसे बात नहीं की। पिछले 15 साल से मेरठ मंडल में उद्योग के लिए एक इंच जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ है। इन्फ्रास्ट्रक्चर बदहाल है। ऐसे में यदि मेरठ से हवाई यात्रा का सपना पूरा हो जाता तो उद्यमियों व व्यापारियों को राहत मिलती। मेरठ से रोज 250 लोग विभिन्न स्थानों के लिए दिल्ली से हवाई उड़ान भरते हैं। यदि एयरपोर्ट मेरठ में होगा तो इनकी संख्या दस गुणा तक होगी। हर वर्ष करीब 1200 करोड़ से अधिक का खेल उत्पाद, सोने के आभूषण, दवाई, मीट, आदि उत्पाद विदेशों में यहां से जाते है, वह भी मेरठ एयरपोर्ट से जा सकेगा। इन इकाइयों में तैयार माल मुंबई या कोलकाता बंदरगाह से विदेशों में जाता है। बंदरगाह तक पहुंचने में काफी समय लगता है, लेकिन यहां माल वायुयान से जाने के बाद कुछ हीं घंटों में बंदरगाह पर पहुंच जाएगा।
इतिहास गवाह है मेरठ शुरू से ही उपेक्षा का शिकार रहा है|एन सी आर के लाभ से लेकर हाई कोर्ट की बेंच और रेलवे के लिए डबल लाईन और अब ये एयर पोर्ट का मुद्दा जिस तरह से राजनीती का शिकार हो रहा है उसे देखते हुए कहा जा सकता है के झोत्टों की लड़ाई में झुंडों का नाश हो रहा है|

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उत्तर प्रदेश में भी अंग्रेजों का समाज वाद यानि चैरिटी बिगिन्स एट होम


झल्ले दी गल्ला

समाज वादी

ओये झल्लेया ये ह्साड़े मुल्क को किधर धकेला जा रहा है?पहले तो ओनली कांग्रेस पर ही वंशवाद + ब्राह्मण वाद+वोटों की राजनीती करने का आरोप लगता था अब ये आरोप लगाने वाले सपाई खुद ही अपनी पार्टी में परिवार वाद वंश वाद को बढावा दे रहे हैं |देखो लोक सभा के लिए २०१४ में होने वाले चुनावों में प्रदेश की ८० सीटों के लिए १०% उम्मीदवार तो अपने परिवार से ही चुन लिए हैं| यकीन नहीं आता तो लिस्ट हाज़िर है [1.] मैनपुरी-मुलायम सिंह यादव2. कैराना-नाहिद हसन3. मुजफ्फरनगर-गौरव स्वरूप4. नगीना-यशवीर सिंह5. मुरादाबाद-एसटी हसन6. अमरोहा-श्रीमती हुमेरा7. बागपत-विजय कुमार सिंह8. गाजियाबाद-सुधन रावत9. गौतमबुद्धनगर-नरेंद्र भाटी10. हाथरस-रामजी लाल सुमन 11. मथुरा-चंदन सिंह12. आगरा-महराज सिंह 13. फतेहपुर सीकरी-डा. राजेंद्र सिंह[१४]. फिरोजाबाद-अक्षय यादव[15.] एटा-देवेंद्र सिंह यादव[१६]. बदायूं-धर्मेद्र यादव17. आवला-कुवंर सर्वराज सिंह18. पीलीभीत-बुद्धसेन वर्मा19. शाहजहापुर-मिथलेश कुमार
20. खीरी-रविप्रकाश वर्मा21. धौरहरा-आनंद भदौरिया22. हरदोई-ऊषा वर्मा23. मिश्रिख-जयप्रकाश रावत24. उन्नाव-अरुण कुमार शुक्ला25. मोहनलाल गंज-सुशीला सरोज26. लखनऊ-अशोक वाजपेई27. सुलतानपुर-शकील अहमद28. प्रतापगढ़-सीएन सिंह[२९] . इटावा-प्रेमदास कठेरिया[३०]. कन्नौज-डिम्पल यादव31. अकबरपुर-लाल सिंह तोमर32. जालौन-घनश्याम अनुरागी[33.] झासी-चंद्रपाल सिंह यादव34. हमीरपुर-विशम्भर प्रसाद निषाद35. बादा-आरके पटेल36. फतेहपुर-आरके सचान37. कौशाम्बी-शैलेंद्र कुमार38. इलाहाबाद-रेवती रमण सिंह39. बाराबंकी-श्रीमती राजरानी रावत40. फैजाबाद-तिलकराम वर्मा41. बहराइच-शब्बीर अहमद बाल्मीकी42. कैसरगंज-बृजभूषण शरण सिंह
43. गोण्डा-कीर्तिवर्धन सिंह44. डुमरियागंज-माता प्रसाद पाण्डेय45. बस्ती-बृजकिशोर सिंह46. गोरखपुर-श्रीमती राजमती निषाद47. लालगंज-दूधनाथ सरोज48. घोसी-बाल किशन चौहान49. बलिया-नीरज शेखर[50.] जौनपुर-केपी यादव51. मछली शहर-तूफानी सरोज52. चंदौली-राम किशुन53. वाराणसी-सुरेंद्र सिंह पटेल54. भदोही-श्रीमती सीमा मिश्रा
55. राबर्टसगंज-पकौड़ी लाल

अंग्रेजों का समाज वाद यानि चैरिटी बिगिन्स एट होम

झल्ला

ओ भोले बाबू आप किस समाज वाद में खोये हुए हो अब तो अंग्रेजों का समाज वाद चल रहा है यानि चेरिटी बिगिन्स एट होम
इन चेरिटी वालों को भी कोई कम नहीं समझो माननीय मुलायम सिंह यादव की साईकिल पर एक सवार के साथ अनेको राजनीतिक दावँ लदे हुए हैं|
[१]कांग्रेस के साथ मोल भाव करने के लिए दरवाज़ा खोल दिया है[२] भाजपा पर अपने प्रत्याशियों को उजागर करने के लिए दबाब बना दिया है| भाजपा यदि अब अपने पत्ते खोल देती है तब कांग्रेस को अपने कार्ड्स खेलने में आसानी हो जायेगी|[३]अपने बाग़ी साथी ठाकुर अमर सिंह से दूरी बनाये रखने के लिए अमर सिंह की प्रिय ज्याप्रदा को भाव नहीं दिया[4] बागपत में चौधरी अजित सिंह के लिए जहां फील्ड समतल रखी हैं वहीं रालोद से निकली अनुराधा चौधरी को अभी तक कोई भाव नहीं दिया गया है ऐसे में अजित सिंह के एविएशन मिनिस्ट्री से प्राथमिकता ली जा सकती है| |