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Tag: PrashantBhushan

केजरीवाल गुट के शक्ति प्रदर्शन के जवाब में असंतुष्ट गुट ने भी शक्ति परखने को वालंटियर्स की मीटिंग बुलाई

आप के सत्ता रुड गुट के शक्ति प्रदर्शन के पश्चात अब असंतुष्ट गुट ने भी अपनी शक्ति परखने के लिए वालंटियर्स की मीटिंग बुलाई|आम आदमी पार्टी की २८ मार्च को हुई नेशनल कॉउन्सिल्स की मीटिंग में सत्ता रुड अरविन्द केजरीवल गुट के शक्ति प्रदर्शन के पश्चात अब निकाले गए असंतुष्ट योगेन्द्र यादव+प्रशांत भूषण+प्रो.आनंद+अजित झा आदि ने बाबा भीम राव आंबेडकर के जन्म दिन १४ अप्रैल को एक मीटिंग बुलाई है |विभिन्न चैनलों और न्यूज़ एजेंसियों को दिए साक्षात्कार में बुद्धिजीवी योगेन्द्र यादव ने आम आदमी पार्टी की आंदोलन वाली मूल भावना को जीवित रखने के लिए इस मीटिंग को बुलाये जाने के संकेत दिए हैं
यदपि पत्रकारों द्वारा अनेकों बार अनेकों तरह से नई पार्टी के गठन की संभावनाओं को तलाशने का प्रयास किया मगर एक मंझे हुए पॉलिटिशियन की भांति योगेन्द्र नई पार्टी के गठन के विचार व्यक्त करने से बचते रहे|लेकिन कहा जा रहा है कि १४ अप्रैल की मीटिंग में आने वाले वॉलंटियर्स कि संख्या और उनके विचारों से अगर इन्हें पर्याप्त ऊर्जा मिली तो निकट भविष्य में नई पार्टी का गठन किया जा सकता है |
उन्होंने निकट भविष्य में पार्टी से उन्हें निकालने के लिए विरोधियों द्वारा षड्यंत्र रचना की तरफ भी इशारा किया|
अपने विरोधियों पर प्रहार करते हुए योगेन्द्र से यादव ने अरविन्द केजरीवाल को अपने चाटुकारों से सावधान रहने की नसीहत दे डाली|

AAP’s Ousted Leaders Raises10 Allegations On Ruling Group And May Knock Legal Doors

[New Delhi]#AAPreAAP
AAP’s Ousted Leaders Raises 10 Allegations On Ruling Group And May Knock Legal Doors
Terming as unconstitutional and illegal AAP’s National Council meeting where they were ousted from a key panel, dissidents Yogendra Yadav and Prashant Bhushan today did not rule out taking legal recourse against their removal.
Prashant Bhushan Said Option of taking legal recourse against today’s decision by the National Council meeting open
Ousted Leaders Have Alleges;
[1]The entire National Council meeting was unconstitutional and illegal,
[2] There was no identification of voting and non-voting members during the National Council,
[3]There was bogus voting in the meeting
[4]Arvind Kejriwal had threatened to quit from all party posts if the National Council members wanted to keep Yogendra and Bhushan:
[5] Many of the National Council members who supported us were injured
[6] Goons were brought to the meeting.
[7]The meeting was a total farce
[8]Democracy has been murdered in the National Council meeting
[9] Our supporters were beaten up inside the meeting. ,
[10] Prashant Said After his and Prashant Bhushan’s expulsion Whatever Kejriwal was heard saying in a sting yesterday was played out in the entirety in today’s meeting,

“आप” की राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग की वीडियो बने और अनधिकृत वालंटियर्स नहीं जाएँ :प्रशांत भूषण

[नई दिल्ली]”आप” की राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग की वीडियो बने और अनधिकृत वालंटियर्स नहीं जाएँ :प्रशांत भूषण आप पार्टी के असंतुष्ट गुट ने सत्तारुड गुट के खिलाफ बिगुल बजा दिया |इस युद्ध को “आप”पार्टी की लोकतांत्रिक आत्मा की रक्षा के लिए तानाशाह अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ संघर्ष का नाम दिया गया है |राष्ट्रीय परिषद के सचिव को चिट्ठी लिखी गई है इसमें राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग सही तरीके से कराने की मांग की गई है मीटिंग निरस्त नहीं की जानी चाहिए+बंद कमरे में भी मीटिंग की विडिओ ग्राफी कराइये+वोटिंग सीक्रेट बेलेट से हों एमएलऐ की वोटिंग राइट नही हैं| योगेन्द्र और प्रशांत ने यह घोषणा भी की कि स्वराज+विकेंद्रीयकरण+मर्यादा उललंघन+२ करोड़ चेक+शराब+डिग्री+दिल्ली में सरकार गठजोड़ वॉलंटियर्स को वोटिंग राइट्स + नेशनल एग्जीक्यूटिव की रिक्तियों की पूर्ती आदि मुद्दों पर उठाये गए सवालों को हल कर दिया जाता है तो ये आज भी इस्तीफ़ा देने को तैय्यारहैं
योगेन्द्र यादव+प्रशांत यादव+प्रो.आनंद कुमार द्वारा अटेंड की गई प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रीय परिषद की २८ तारीख की मीटिंग में उन वॉलंटियर्स को मीटिंग में नहीं जाने का आग्रह किया गया जो परिषद के सदस्य नहीं हैं |प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव ने इस्तीफ़ा देने की खबर को झूठ का पुलंदा बताया| उन्होंने बताया कि उन्होंने कभी इस्तीफ़ा नही दिया |
योगेन्द्र यादव+प्रशांत यादव ने आरोप लगाया कि अरविन्द केजरीवाल पर सवाल उठाने के दंडस्वरुप उनका जबरदस्ती झूठा इस्तीफा मंजूर किया गया |
समझोते के लिए भेजे गए नोट मात्र को इस्तीफ़ा बना कर स्वीकार करने की घोषण कर दी गई है |जिन शर्तों को माने जाने के दावे किये जा रही हैं उन्हें भी स्वीकार नहीं किया गया |यदि अभी भी उनकी सभी मांगें मान ली जाती हैं तो ये लोग पार्टी में सभी पदों को छोड़ने को तैयार हैं
योगेन्द्र पर कन्वीनर पद के लिए लड़ाई का आरोप लगाया जा रहा है ,जबकि पार्टी के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय परिषद को इसका अधिकार ही नही हैं|
वास्तव में अरविन्द केजरीवाल ने इन्हें निकालने की शर्त रखी है |इसके पीछे लोक सभा की हार के पश्चात दिल्ली में कांग्रेस के स्पोर्ट से सरकार बनाने की मंशा का विरोध करने पर योगेन्द्र और प्रशांत को पार्टी से निकालने की साजिश की जा रही है|
योगेन्द्र ने कहा कि मात्र एक महीने की सत्ता में बहुत कुछ टूटा है+जनता का विश्वास+वालंटियर्स की आशाएं+टूटी हैं |जो पार्टी आज तक जांच की मांग करती रही है उसी पार्टी में अब तानाशाही हावी है |

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“आप”पार्टी में संस्थापक सदस्य अशोक तलवार के पत्र फावड़ा से अविश्वास की खाई ,और गहराई

. [नई दिल्ली]”आप”पार्टी में संस्थापक सदस्य अशोक तलवार के पत्र फावड़ा से अविश्वास की खाई ,और गहराई
आम आदमी पार्टी में बढ़ते मनभेदों के चलते अविश्वास की खाई बढ़ने लगी है |इस खाई को गहराने के लिए अब पंजाब के अशोक तलवार ने पत्र फावड़ा चलाया है |
मात्र एक माह की सत्ता के पश्चात आम आदमी पार्टी[आप]में इस प्रकार की पदलोलुपता के उजागर होने से जाहिर है पार्टी की छवि गिरी है |पार्टी में साफ तरह से दो धड़े उजागर हो चुके हैं इस अप्रिय डेमेज को कंट्रोल करने के लिए सत्ता रुड घटक ने निर्णय लिया है कि असंतुष्ट योगेंद्र यादव + प्रशांत भूषण से एक सकारात्मक निर्णय तक पहुंचने की उम्मीद के साथ संवाद आगे भी जारी रहेगा।
इसके साथ ही महाराष्ट्र में स्थानीय चुनावों की संभावनाओ की समीक्षा की ज़िम्मेदारी कुमार विश्वास को सौंपी गई है |
नवीनतम घटना क्रम के अनुसार अमृतसर से आप पार्टी के संस्थापक नेता अशोक तलवार ने अरविन्द केजरीवाल को चिट्ठी लिखी है जिसमे उन्होंने एक और षड्यंत्र की सूचना दी है|श्री तलवार के अनुसार २८ तारिख की राष्ट्रीय कार्यकारिणी कि बैठक से एक दिन पूर्व संस्थापक सदस्यों को दिल्ली बुलाया जा रहा है| आश्चर्यजनक रूप से दोनों धड़े इस नग्न सत्य से इंकार कर रहे हैं |इसके अलावा पार्टी के फर्जी डिग्री के आरोपी कानून मंत्री जीतेन्द्र सिंह तोमर के विषय में भी अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है |जबकि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ नोटिस जारी किया जा चूका है। श्री तोमर पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान अपने शपथ पत्र में गलत जानकारी देने का आरोप लगा है।

आम आदमी पार्टी के खास नेताओं में शब्दयुद्ध के लिए शंखनाद हो ही गया

[नई दिल्ली]आम आदमी पार्टी के खास नेताओं में शब्दयुद्ध के लिए शंखनाद हो ही गया
आम आदमी पार्टी के खास नेताओं के आपसी विवाद खुल कर सामने आने लग गए हैं |आप पार्टी के चार अधिकृत बढे नेताओं ने जहां योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण के खिलाफ एक आधिकारिक ब्यान जारी किया तो प्रशांत और योगेन्द्र ने जल्दी सत्य के उजागर करने की चेतावनी दे डाली है
नेता मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, पंकज गुप्ता और संजय सिंह के संयुक्त वक्तव्य में बताय गया है कि
4 मार्च को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में पार्टी में आये गतिरोध को दूर करने के लिए श्री योगेन्द्र यादव व श्री प्रशांत भूषण को पी ऐ सी से मुक्त करने के कारणों को सार्वजनिक नहीं किया कि उससे इन दोनों के व्यक्तित्व पर विपरीत असर पड़ेगा, लेकिन बैठक के बाद मीडिया में लगातार बयान दे कर माहौल बनाया जा रहा है जैसे राष्ट्रीय कार्यकारणी ने अलोकतांत्रिक और गैरजिम्मेदार तरीके से यह फैसला लिया। मीडिया को देखकर कार्यकर्ताओ में भी यह सवाल उठने लगा है की आखिर इनको हटाने की वजह क्या है। पार्टी के खिलाफ मीडिया में बनाये जा रहे माहौल से मजबूर हो कर पार्टी को दोनों वरिष्ठ साथियों को PAC से हटाये जाने के करणों को सार्वजनिक करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
वक्तव्य में आरोप लगाया गया है के जब सब कार्यकर्ता पार्टी को जिताने के लिए अपना पसीना बहा रहे थे, उस समय प्रशांत भूषण, योगेन्द्र यादव और शांति भूषण पार्टी को हराने की पूरी कोशिश कर रहे थे। इस आरोप के समर्थन में निम्न कारण दिए गए हैं –
१] प्रशांत भूषण ने, दूसरे प्रदेशों के कार्यकर्ताओं को फ़ोन कर कर के दिल्ली में चुनाव प्रचार करने आने से रोका जिसकी पुष्टि अंजलि दमानिया भी कर चुकी हैं
२] प्रशांत भूषण ने लोगों को चन्दा देने से रोका।
३] प्रशांत ने आशीष खेतान को बोला कि पार्टी के लिए प्रचार करना तो बहुत दूर की बात है वो दिल्ली का चुनाव पार्टी को हराना चाहते है
४]प्रशांत भूषण और उनके पिताजी को समझाने के लिए, कि वे मीडिया में कुछ उलट सुलट न बोलें, पार्टी के लगभग 10 बड़े नेता प्रशांत जी के घर पर लगातार 3 दिनों तक उन्हें समझाते रहे। ऐसे वक़्त जब हमारे नेताओं को प्रचार करना चाहिए था, वो लोग इन तीनों को मनाने में लगे हुए थे।
५] अरविंद केजरीवाल की छवि को ख़राब करने के लिए योगेन्द्र यादव ने अखबारों में नेगेटिव ख़बरें छपवायी.
६] ‘अवाम’ भाजपा द्वारा संचालित संस्था है।’अवाम’ को प्रशांत भूषण ने खुलकर सपोर्ट किया था।शांति भूषण जी ने तो ‘अवाम’ के सपोर्ट में और ‘आप’ के खिलाफ खुलकर बयान दिए।
७ ]चुनावों के कुछ दिन पहले शांति भूषण जी भाजपा की सी एम कैंडिडेट किरण बेदी पर अरविंद से ज्यादा भरोसा जताया |इसके पश्चात योगेन्द्र यादव ने इसे खुली लड़ाई के लिए शंखनाद के रूप में लिया है टी वी न्यूज़ एजेंसी एनआईऐ के कैमरे के सामने बोलते हुए योगेन्द्र यादव ने कहा कि अब सच पूर्ण सामने आ ही जाना चाहिए |इस वक्तव्य का जवाब दिया जाएगा और उसे और उस पर सदस्यों की प्रतिक्रिया को भी उजागर किया जाना चाहिए इसके साथ ही उन्होंने अपने विरुद्ध रचे जा रहे षड्यंत्र को भी उजागर करने की चेतावनी दी है |प्रशांत भूषण के अनुसार पूर्ण सच बहुत जल्दी सामने आ जाएगा
फाइल फोटो

राज्यसभा के प्रवेश द्वार के लिए ही तो कहीं”आप”पार्टी में घमासान नहीं मचा ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता

ओये झल्लेया ये हसाड़ी सोणी आप पार्टी को किस भेड़े की भेड़ी नजर लग गई आये दिन कुछ न कुछ घरैड पड़ रही है |पहले अरविन्द केजरीवाल साहब बीमार पड़ गए तो अब आशुतोष+आशीष खेतान जैसे इंपोर्टेड नेताओं के साथ साथ +भगवंत मान +मयंकगांधी और संस्थापक प्रशांत भूषण+शांति भूषण+योगेन्द्र यादव आदि आदि ने यत्र तत्र सर्वत्र गन्दगी उगलनी शुरू कर दी है |एक तरफ कहा जा रहा है के पार्टी के बाहर कोई बता मत करो दूसरी तरफ किताब+ब्लॉग+और इंटरव्यू से पार्टी की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं |ओये इससे तो हसाडे स्ट्रांग झाड़ू की सीखें ही बिखरती दिखने लगी है|

झल्ला

ओ मेरे भोले भापा जी ये लोग जो राजनीती मेंआये हैं कोई भजन करने तो आये बेशक ये लोग अपने चुनाव हार गए मगर अभी भी राज्य सभा के माध्यम से पार्लियामेंट में प्रवेश की गुंजाइश है और शायद इसीलिए ये लोग एक दूसरे को रास्ते से हटाने में लगे हैं वैसे यह भी सत्य है के खुल कर राजनीती में आने पर अच्छे अच्छों का शालीनता+शर्म के लिबास के लिए मल्लिका शेरावत+सन्नी लॉयन+दीपिका पदकों आदि आदि से कम्पटीशन होने लगता है |

योगेन्द्र खुजिया रहे खुद की दाढ़ी आज कल केजरीवाल की मूंछ से पहुँच जो हो गई दूर

योगेन्द्र खुजिया रहे खुद की दाढ़ी आज कल
केजरीवाल की मूंछ से पहुँच जो हो गई दूर
दिल्ली के चुनावी मंथन से निकले दो रत्न अनमोल
इन्हें मिला बाबा जी का ठुल्लु माखन खाए कोई और
कढ़े नियमों की सीख से”आप”में विपदा भारी
, चंद दिनों की सत्ता फिर से छन्दों में उतरी जाये
नमक नमक से सौ गुनी, राजनीती कर ली जाये
रक्त चाप कम हो अपना, दूसरे का बढ़ता जाये
नमक जरा सा बना कर गांधी ने अंग्रेज दिए भगाए
नमक तोड़ो कानून की धज्जियां आज उड़ती जाएँ
गांधी नमक सांसदों के घर घर फ्री में बंटता जाये
बोरो में भर नमक यादव सांसदों के घर भिजवाये
दिए घरों भिजवाये ये कैसी रची लीला योगेन्द्र महान
सांसदों को तो लगी नहीं उलटे “आप”ही तिल मिलाए
प्रशांत हुए अशांत मुंबईकर”राम”की लीला कीनी लीक
केजरीवाल को ही दे बैठे पार्टी के कढ़े नियमों की सीख
कढ़े नियमों की सीख से हुई कुछ ऐसी विपदा भारी
चंद दिनों की सत्ता फिर से छन्दों में ही गाइ जाये

हरियाणा में नमक बाँट रहे योगेन्द्रयादव को उन्ही की”आप”पार्टी द्वारा नमक में लगाने की ख़बरें आने लगी

[नई दिल्ली]हरियाणा में सांसदों को नमक चटाने में लगे योगेन्द्र यादव को उन्ही की “आप” पार्टी द्वारा नमक में लगाने की ख़बरें आने लग गई है
पार्टी के आंतरिक लोकपाल की असलियत की पोल खोलने के एवज में योगेन्द्र यादव को पार्टी से निकाला भी जा सकता है |आम आदमी पार्टी ने सत्ता प्राप्त होने के पश्चात अपने कार्यछेत्र को केवल दिल्ली तक ही सिमित कर लिया है |इससे सरकार में गिनती के ही नेताओं को मंत्री पद मिला है अन्य नेताओं की महत्वकांक्षाएं कही न कहीं स्वाभाविक उछाल मारती रहती हैं |
कुमार विश्वास+आशुतोष+योगेन्द्र यादव आदि अकसर इसे डायरेक्ट या इनडायरेक्ट प्रगट भी करते रहे हैं|आशुतोष ने तो सरकार बनने के तत्काल पशचात ही स्वयं को पॉलिटिक्स के लिए अयोग्य तक बता दिया |इसके आलावा अरविन्द केजरीवाल के इंकार किये जाने के उपरान्त भी योगेन्द्र यादव ने हरियाणा की राजनीती में दखल देना शुरू किया |लोक सभा के चुनावों में हुई अपनी हार को पचा नहीं पाने का गम उन्हें लगातार सालता आ रहा है सम्भवत इसीलिए उन्होंने यहांके ग्रामीणों के नाम पर राजनीती शुरू कर दी और सांसदों में खाद के खाली थेले+ नमक बांटने शुरू कर दिए |इस अभियान में भी वो ज्यादा समर्थन या भीड़ नहीं जुटा पाये |योगेन्द्र यादव मीडिया चैनलों की सुर्खियां पहले भी बटोरते रहे हैं और वोह अभी भी बदस्तूर जारी है |
इससे पूर्व शांति भूषण+प्रशांत भूषण+विनोद बिन्नी+शाजिया इल्मी+एस एस धीर आदि भी पार्टी में शक्तिशाली एक वर्ग विशेष के खिलाफ विरोध जता चुके हैं |पार्टी फण्ड फ्रॉड+टिकट बिक्री आदि के आरोप लगे हैं |
पार्टी की छह महिला विधायक चुने जाने के बावजूद एक भी महिला को मंत्री नहीं बनाये जाने पर भी नाराजगी जाहिर की जा आरही है |
दिल्ली में ७० में से ६७ सीटें जीत कर ऐतिहास बनाने वाली आम आदमी पार्टी में सत्ता में आने के बाद से ही आपसी मतभेद और टूट के लक्षण दिखने लगे हैं। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वरिष्ठ नेता और पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्य योगेंद्र यादव को पार्टी को निकाले जाने की खबरों के बीच पार्टी के आंतरिक लोकपाल व पूर्व एडमिरल एल रामदास की चिट्ठी से एक नया विवाद पैदा हो गया है।
एडमिरल रामदास की चिट्ठी बम ने पार्टी में चल रहे आंतरिक कलह को सतह पर ला दिया है।
रामदास ने एक व्यक्ति एक पद की बात पर अपनी राय जाहिर करते हुए अरविन्द केजरीवाल द्वारा सी एम और पार्टी संयोजक के दो पदों पर सवाल खड़ा किया है

“आप”मेंटोर शांतिभूषण ने किरणबेदी की प्रशंसा की अब प्रशांतभूषण भी क्या गोवर्धन सिंह की तरह बाहर होंगें ?

[नई दिल्ली]”आप”मेंटोर शांतिभूषण ने किरणबेदी की प्रशंसा की अब प्रशांतभूषण भी क्या गोवर्धन सिंह की तरह बाहर होंगें ?पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण द्वारा किरण बेदी को श्रेष्ठ बताने पर अरविन्द केजरीवाल घिरते नजर आ रहे हैं |यक्ष प्रश्न उठ खड़ा हुआ है कि क्या
महरौली से गोवर्धन सिंह के टिकट विवाद में फंसी “आप” पार्टी अब अपने संस्थापक शांति भूषण और उनके पुत्र प्रशांत भूषण को भी बाहर का रास्ता दिखाएगी
बीते दिनों “आप” पार्टी ने नामांकन के अंतिम दिन महरौली के अपने उम्मीदवार गोवर्धन सिंह का टिकट काट कर नरेश यादव को प्रत्याशी बनाया इसके लिए “आप” पार्टी के छोटे बढे सभी नेताओं दवारा दलील दी गई थी कि गोवर्धन सिंह के रिश्तेदारों ने पीएम नरेंद्र मोदी की दिल्ली में हुई रैली में दस बसें भर कर भेजी थी जिसे पार्टी के साथ गद्दारी माना गया था |यह आरोप पार्टी के आंतरिक लोकपाल द्वारा स्थापित किया गया था |
ये दीगर बात है कि गोवर्धन ने पार्टी पर एक करोड़ रुपयों में उनका टिकट बेचे जाने का आरोप लगा दिया |अब एक दिन के बाद ही आम आदमी पार्टी के वयोवृद्ध संस्थापक और मेंटोर पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री शांति भूषण ने अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली में चुनौती देने उतरी किरण बेदी की शान में कसीदे पढ़े हैं |
किरण बेदी ने भी मीडिया के माध्यम से शांति भूषण का धन्यवाद देने में देर नही लगाईं |
शांतिभूषण ने एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में कहा कि किरण बेदी को लेना और सीएम कैंडिडेट घोषित करना बीजेपी का मास्टर स्ट्रॉक है। मैंने देखा है कि करप्शन के खिलाफ किरण बेदी ने जो काम किया है, बहुत अच्छा किया है। इनकी छवि एक ईमानदार ऑफिसर की रही है।उन्होंने यह भी कहा कि किरण बेदी की वजह से केजरीवाल को नुकसान होगा।वह सीएम बन जाती हैं तो अन्ना का एक शिष्य सीएम बन जाएगा |अगर वह सीएम बनीं तो दिल्ली को एक ईमानदार शासन देंगी।
शांति भूषण यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने आर एस एस की कुछ अच्छी बातों को भी स्वीकारा
इसके बाद अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि इस देश में सभी को अपने विचार रखने की स्वतंत्रता है लेकिन यक्ष प्रश्न अभी भी अनुत्तर है कि गोवर्धन सिंह का टिकट काटने का जो कारण था वोही अब प्रशांत भूषण और शांति भूषण पर भी लागू होता है तो क्या आप पार्टी गोवर्धन सिंह के केस का अनुसरण करते हुए पार्टी के आंतरिक लोकपाल द्वारा इन पिता+पुत्र को भी बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा

“आप” पार्टी ने आज कांग्रेस और भाजपा पर रिलायंस कम्पनी को लाभ पहुँचाने का आरोप लगाया

“आप” पार्टी ने आज कांग्रेस और भाजपा पर रिलायंस कम्पनी को अरबों रुपयों का अनुचित लाभ पहुँचाने का आरोप लगाते हुए दूरसंचार मंत्री के इस्तीफे की मांग की |आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण ने प्रेस कांफ्रेंस करके आज यह आरोप लगाये |
आप पार्टी के अनुसार संघ दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रिलायंस समूह की एक कंपनी (ललित टेक निगम प्राइवेट लिमिटेड) से रिटेनर शिप फीस कुल राशि रुपये 84 लाख रुपयों का बिल भेजा जिसे रिश्वत बताया गया है \इसके एवज में ४ Gमामले मेंरिलायंस को लाभ पहुँचाया गया
कांग्रेस के केंद्रीय मंत्री रहे मनीष तिवारी पर भी यही आरोप लगाये गए हैं |
इन दोनों नेताओं पर रिलायंस कम्पनी को अनुचित फेवर करके लाभ हासिल करने का आरोप लगाया गया है|