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भाजपा ने कैग की रिपोर्ट को आधार बना कर केंद्र की कृषि ऋण माफी योजना की जाँच की मांग उठाई

किसानों की कर्ज माफी में भी अब घोटाले के आरोप लगने लगे हैं|यह आरोप किसी स्वयम सेवी संस्था ने नहीं वरन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा लगाये गए है और इन आरोपों को भाजपा ने मुद्दा बनाया है|भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से इस घोटाले की जांच कराने की मांग की है|
राजधानी भोपाल के जम्बूरी मैदान में ३ फरवरी रविवार को आयोजित किसान महापंचायत में कैग की रिपोर्ट के हवाले से प्रमुख विपक्षी दल के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के 60 हजार करोड़ के कर्ज माफ किए थे| इस माफी में हुए घोटाले को सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है|यह आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष ने केन्द्र सरकार की कृषि ऋण माफी एवं राहत योजना में भारी घोटाले का आरोप लगाया और मांग की है कि इस रिपोर्ट को संसद के पटल पर रखा जाए तथा इसकी सीबीआई से जांच कराई जाय | उन्होंने अपने आरोप को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सीएजी की रपट से पता चलता है कि वास्तविक किसानों को कर्ज मिला ही नहीं है|:श्री सिंह ने केंद्र के दावे को चैलेन्ज करते हुए कहा कि इस योजना का साढ़े तीन करोड़ किसानों को लाभ मिला है। लेकिन कैग ने जब लगभग 90 लाख किसानों के खातों की जांच की, तो अधिकांश ऐसे थे, जिन्हें इसका लाभ नहीं मिला। जाहिर है कि इस योजना में भारी घोटाला किया गया है।

कैबिनेट ने लोक पाल के संशोधनों को ओ के किया मगर विपक्ष और जन लोक पाल के पुरोधाओं ने कहा “नो “

कैबिनेट ने लोक पाल को ओ के किया

कैबिनेट की बैठक में आज संशोधित लोकपाल बिल को मंजूरी दे दी गई है |अब इसे राज्य सभा में पेश किया जाएगा|विपक्ष और स्वयम सेवी संस्थाओं के साथ ‘आप ‘ने भी इसे नकार दिया है|
इस संशोधित लोकपाल बिल में कई तब्दीलियां हुई हैं| बिल के लिए बनी सेलेक्ट कमिटी ने 16 सुझाव दिए थे इनमें से 14 सुझावों को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी.

सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री मनीष तिवारी और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी

ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी कि कैबिनेट ने लोकपाल बिल में 16 में से 14 संशोधनों को मंजूरी दे दी है| लोकपाल में किसी पार्टी के सदस्य नहीं होंगे|सरकारी अनुदान से चलने वाले एनजीओ लोकपाल के दायरे में आएंगे| अब केन्द्र सरकार लोकपाल बनाएगी जबकि राज्य सरकार को लोकायुक्त संशोधित लोकपाल बिल में लोकपाल को खुद संज्ञान लेने का अधिकार होगा.कुछ शर्तों के साथ

प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखा गया है.

सीबीआई को लोकपाल के दायरे में रखने को लेकर सहमति नहीं बन पाई.

लोकपाल की नियुक्ति प्रधानमंत्री, स्पीकर, नेता प्रतिपक्ष और देश के मुख्य न्यायाधीश मिलकर करेंगे. लोकपाल की नियुक्ति पर

राष्ट्रपति अंतिम मंजूरी देंगे.

राजनीतिक पार्टियां लोकपाल के दायरे में नहीं होंगी. धार्मिक संस्थान भी लोकपाल के दायरे से बाहर रखे गए हैं. सरकारी मदद लेने वाले एनजीओ भी लोकपाल के दायरे में नहीं रहेंगे.बिल पास होने के 1 साल बाद सभी राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की जाएंगी। इन संसोधनों के बाद से सभी धार्मिक संस्थाएं और राजनीतिक दल भी लोकपाल से बाहर होगे मगर श्री सामी ने जोर देकर कहा है कि

बाबा राम देव का ट्रस्ट धार्मिक नहीं है इसलिए वह लोक पल के दायरे में जरूर होगा |इस लोक पाल के स्वरुप का विरोध भी शुरू हो गया है|

रिटायर्ड जनरल वी के सिंह

पहले ही कह चुके हैं कि अगर अन्ना हजारे वाला जन लोक पाल नहीं आया तो देश में एतिहासिक क्रान्ति होगी|

बीजेपी

एक ऐसा लोकपाल चाहती है जो सरकार के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हो। सीबीआई को लोकपाल के दायरे से अलग रखने के फैसले पर बीजेपी ने ऐतराज जताते हुए कहा है कि सीबीआई को एक निष्पक्ष संस्था के तौर पर काम करना चाहिए, उसे लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए। जबकि मजबूत लोकपाल बिल के लिए आंदोलन कर रहे

अन्ना बाबू राव हजारे

ने लोकपाल बिल में बदलावों को खारिज करते हुए पटना में कहा कि जनलोकपाल को लेकर सरकार नाटक कर रही है। उन्होंने केन्द्रीय जांच ब्यूरो को स्वयत्ता देने की मांग करते हुए कहा कि वे अपनी जनलोकपाल की लड़ाई तब तक जारी रखेंगे जब तक कि सरकार एक सशक्त जनलोकपाल विधेयक नहीं लाती।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल

ने मजबूत लोकपाल विधेयक नहीं लाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और जोर देते हुए कहा कि इस प्रस्तावित कानून से भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा। उन्होंने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि आपको ऐसा लोकपाल क्यों चाहिए? जो एजेंसी भ्रष्टाचार को रोकेगी नहीं, बल्कि बढ़ाएगी और मंत्रियों को बचाएगी, उस पर क्या बात की जाए। सिर्फ लोकपाल शब्द का इस्तेमाल कर देने में हमारी कोई रुचि नहीं है। इस विधेयक के माध्यम से सरकार ने देश के लोगों की राय का समर्थन नहीं किया है। भ्रष्टाचार मुक्त शासन देना सरकार का संवैधानिक दायित्व है।यह कहते हुए कि देश के लोग भ्रष्टाचार और मूल्य वृद्धि से परेशान हैं, उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि इस मुद्दे पर जो पहल की गई है उससे वे खुश हैं, लेकिन सरकार ने क्या हमारे विचारों का समर्थन किया है?

मणि और कीर्ति में जुबानी जंग : मणि शंकर अय्यर और कीर्ती आज़ाद ने खोले जुबानी तीरों के तरकश

मणि और कीर्ति में जुबानी जंग :

एक जमाना था जब लोग काम करके नाम कमाते थे और अखबारों में भी छापे जाते थे लेकिन आज कल के इस भौतिकवादी दौर में तो केवल जुबान चलाने और नेगेटिव जुबान चलाने से ही मीडिया के चहेते बना जा सकता है|अब अगर आपकी पार्टी और अपनी सरकार आप को भाव नहीं दे रही|आपके पास कुछ करने की क्षमता नहीं तो मौका मिलते ही नेगेटिव जुबान का प्रयोग करने मात्र से मीडिया की आँख का तारा बना जा सकता है|शायद यह कलयुगी गुरुमंत्र कांग्रेस के हाशिये पर आये मणि शंकर अय्यर और भाजपा के कीर्ति आज़ाद को अच्छी तरह समझ आ गया है तभी कांग्रेस के दो दिवसीय चिंतन शिविर के चलते जुबान चलाने लग गए हैं| यूं तो मणिशंकर अय्यर पर अरसे से बड़बोलेपन का आरोप लगता आ रहा है। लेकिन अब कांग्रेस के चिंतन[ jaipur] शिविर में पार्टी के लिए चिंतन करने की बजाय उन्होंने भाजपा को कुत्ते बिल्लियों की पार्टी की संज्ञा देने में गुरेज नहीं की |पार्टी फोरम से मणि शंकर अय्यर को कोई पब्लिसिटी नहीं मिली शायद इससे विचलित होकर उन्होंने मीडिया के समक्ष आ कर कह डाला कि बीजेपी सत्ता के लिए कुत्ते-बिल्ली की तरह लड़ती है।
इस विवादित बयान को बीजेपी के नेता कीर्ति आजाद ने मौका बनाते हुए कहा है कि मणि शंकर अय्यर का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है।इन साहब को भी पार्टी और अपने क्रिकेट गेम मेंअपनी कीर्ति फैलाने की आज़ादी नहीं मिल रही
गौरतलब है कि इससे पहले एक टी वी चेनल के कार्यक्रम एजेंडा में मणिशंकर अय्यर ने कहा था कि संसद के वेल में आकर विपक्षी दल के सांसद जानवरों की तरह व्यवहार करते हैं। उन्हें अपने इस बयान पर जरा अफसोस भी नहीं हुआ|
श्री अय्यर ने यह भी कहा कि बीजेपी आरएसस की कठपुतली है।इसके अलावा अय्यर ने नरेन्द्र मोदी पर चुनिन्दा काबिले एतराज़ शब्दों से निशाना साधते हुए कहा कि अगर बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाया तो कांग्रेस को आम चुनाव लड़ने की भी जरूरत नहीं होगी.
इतना ही नहीं पार्टी और सरकार की उपेक्षासे व्यथित मणिशंकर अय्यर ने शिविर में ही अपनी ही सरकार और पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कह डाला कि सरकार और पार्टी में तालमेल की कमी है। सरकार को पार्टी की बात सुननी चाहिए। इससे पूर्व १८ जनवरी को उन्होंने आम जनता को भी नहीं छोड़ा डीजल को लेकर देश में मच रही हाय-तौबा पर उन्होंने कहा था, ‘देश की जनता एक कौड़ी भी नहीं देना चाहती है। अगर जनता को एक भी कौड़ी देनी पड़ेगी तो वह हमेशा नाराज ही होगी। बीजेपी तो ऐसा चिंतन शिविर चला ही नहीं सकती है क्‍योंकि वो आरएसएस की कठपुतली है. वो क्‍या चिंतन करेंगे.’
इन नेताओं को मीडिया हाईप देने से लगता है कि अब काम और जुबान की कोई कीमत नहीं रह गई है प्रसिद्धि पाने के लिए नेगेटिव जुबान ही काफी है |शायद तभी कांग्रेस के चिंतन शिविरके चलते भाजपा को इसके प्रति चिंता व्यक्त करनी पड़ रही हैऔर कांग्रेस को शिविर से बाहर आ कर भाजपा पर निशाना साधना पड़ रहा है|क्योंकि जिस प्रकार कांग्रेस के एक और चिन्तक संजय झा ने ऐ बी पीन्यूज पर चर्चा के दौरान मणि शंकर अय्यार वाली भाषा को अंग्रेज़ी में अनुवाद करके कहा हैउससे लगता है कि अब मणि शंकर अय्यर की भाषा के पीछे पार्टी खड़ी होने लगगई है |बुरुज लोग बताते थे कि उनके ज़माने में जबान और मूछ कि कीमत हुआ करती थी और यह कीमत उनकेजनहित के कार्यों पर आंकी जाती थी मूछ के एक बाल और मूह से निकले अलफ़ाज़ या कौल या वायदे के लिए अंतिम सांस तक कुर्बान की जाती थी लेकिन आज कल तो दुर्भाग्य से नेगेटिव जुबान चला कर ही राजनीतिक सिद्दि प्राप्त होने लग गई है|

महिलाओं को मर्यादा का पाठ पढाने वाले मंत्री को लक्ष्मण रेखा पार नहीं करने को भाजपा ने दिए आदेश

File photo of Ravi Shanker Prasad Of B J P,Kailash vijay vargeey,and R S S Pramukh

महिलाओं को मर्यादा सिखाने वाले मध्यप्रदेश के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से कांग्रेस ने इस्तीफे की मांग की है तो भाजपा ने अपने आप को इससे अलग करते हुए बयाँ वापिस लेने के लिए मंत्री पर दबाब बनाया है| मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने महिलाओं को मर्यादा में रह कर रावण से बचने का उपाय सुझाने वाले कैलाश विजय वर्गीय को बर्खास्त किये जाने की मांग का डाली हैं| भाजपा के प्रवक्ता और सांसद रवि शंकर प्रसाद ने अपनी पार्टी के मध्य प्रदेश के मंत्री के बयाँ को दुर्भाग्य पूर्ण बताते हुए बयान वापिस लेने को कहा है|इसके साथ ही दिग्विजय सिंह के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कांग्रेस शासित दिल्ली में बलात्कार की बढती घटनाओं पर त्वरित कार्यवाही की मांग की |लेकिन रेप के मामलों में शहर और ग्रामीण इलाकों में अंतरकिये जाने पर आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना से ना केवल बचे उलटे आर एस एस प्रमुख के सुर में सुर मिलाते हुए उनका यह कहते हुए बचाव किया कि प्रमुख का ब्यान सही परिपेक्ष्य में देखा जाना चाहिए|

संघ परिवार अब कलयुगी रावण को महिमा मंडित करके आधुनिक सीता को नैतिकता का पाठ पडा रहा है

संघ परिवार ने लगता है कि अब भगवान राम के मंदिर निर्माण के कार्यक्रम को साईड में रख कर राम विरोधी रावण को महिमा मंडित करना शुरू कर दिया है|शायद तभी बलात्कारी रूपी कलयुगी रावण के नाश के लिए राम और लक्ष्मण बनाने के बजाय सीता को ही नैतिकता के उपदेश देने शुरू हो गए हैं|राष्ट्रीय स्वयम सेवक संघ[आर एस एस]प्रमुख मोहन राव भागवत और एमपी कैबिनेट में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ऐसे ही बयानों के माध्यम से संघ विरोधियों को संजीवनी प्रदान कर दी है|

संघ परिवार आधुनिक सीता को नैतिकता का पाठ पडा रहा है

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन राव भागवत ने कहा है कि रेप की घटनाएं गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा होती है। इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मोहन भागवत ने मौजूदा सरकार को परोक्ष रूप से टारगेट करते हुए कहा है कहा कि ग्रामीण छेत्रों के मुकाबिले शहरों में बलात्कार -रेप ज्यादा होते हैं| उन्होंने इसके पीछे शहरों में पश्चिमी सभ्‍यता के हावी होने को कारण बताया। मोहन भागवत ने कहा है कि रेप जैसी घटनाएं गांवों की तुलना में शहरी इलाकों में ज्यादा होती है और इसकी वजह पश्चिमी सभ्यता का असर है। संघ प्रमुख ने कहा है कि रेप भारत में कम और इंडिया में ज्यादा होती है।
असम के सिलचर में एक समारोह में श्री भागवत ने कहा कि आरएसएस रेप जैसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कानून का हिमायती है। भागवत ने कहा कि वो रेप जैसी घटनाओं के गुनहगारों को फांसी की सजा तक के हिमायती हैं।
इसके साथ ही एमपी कैबिनेट में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस घटना को महिलाओं की नैतिकता से जोड़ दिया। विजयवर्गीय ने कहा कि जो महिला नैतिकता की लकीर को पार करेगी, उसे सजा जरूर मिलेगी।विजयवर्गीय ने रामायण का हवाला देते हुए कहा कि एक मर्यादा होती है, जब मर्यादा का उल्लंघन होता है तो सीता का हरण हो जाता है। लक्ष्मण रेखा हर व्यक्ति की खींची गई है। उस लक्ष्मण रेखा को जो भी पार करेगा तो रावण सामने बैठा है, वो सीता हरण करके ले जाएगा।
इन बयानों से जहाँ कांग्रेस और महिला संघठनों ने दुर्भाग्य पूर्ण बताने में कोइदेर नहीं लगाई| कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी और ममता शर्मा ने मोहन भागवत के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है|इसके साथ ही बीजेपी के लिए भी असहज स्थिति पैदा कर दी गई है। एक तरफ तो बीजेपी गैंगरेप की घटना के बाद कानून में बदलाव के लिए सरकार से विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही है, वहीं बीजेपी के मंत्री का बयान उसकी कोशिशों और छवि पर बट्टा लगाने का काम कर रहा है। इससे पहले भी एक बीजेपी नेता इसी तरह का बयान दे चुके हैं जिसे लेकर विवाद पैदा हुआ था।
संघ परिवार का आदर्श रामराज्य रहा है और इसके लिए महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी प्रयास किये जाते रहे हैं पुरुषों से राम और लक्ष्मण बनने की कामना की जाती रही है मगर अब रावण के वध के लिए राम बनने का आह्वाहन करने के बजाये अब रावण से बचने के लिए सीता को ही नैतिकता का पाठ पढाया जाने लगा है|पौराणिक महाकाव्यों के अनुसार सीता को भी धोके से हरा गया था और द्रौपदी का चीर हरण भी उसके अपनों ने ही किया था | राम की सहायता या सहयोग के लिए समर्पित भाव से काम करने देने के लिए सीता को राम राज्य देना जरुरी है और इसके लिए आज भी रावण से दर कर घरों में बैठने के बजाय पुरुषों को राम और नारी को स्वावलंबी बनाना जरुरी है |

हंगामा होने पर भी प्रोमोशन में आरक्षण का बिल पास नहीं हुआ


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

प्रोमोशन में आरक्षण का एक समर्थक

ओये झल्लेया ये क्या मज़ाक हो रहा है?संसद सत्र समाप्त हो गया और प्रोमोशन में आरक्षण का बिल फिर पास नहीं करवाया गया|ठीक है मुलायम सिंह+शिव सेना ने विरोध किया मगर कांग्रेस +भाजपा और बासपा ने तो गला फाड़ फाड़ कर इसका समर्थन किया था|ओये सदियों से दलितों को ऐसे दिया जायेगा सामाजिक न्याय ?

हंगामा होने पर भी प्रोमोशन में आरक्षण का बिल पास नहीं हुआ

झल्ला

भैया जी ये सपा और बसपा ने अपने अपने रास्ते अपनाए मगर केंद्र में जाकर सभी सरकार को बचाने में ही लगे रहे| अब अप जी की बसपा का नारा रहा है कि जल्दी जल्दी चुनाव होने पर उन्हें [दलितों]फायदा होगा और सरकार जितनी कमजोर होगी उतनी उनके सामने [बसपा]मजबूर होगी मगर इन्होने ही सरकार को गिराने के बजाय उसकी कमजोरे से फायदा उठाना ज्यादा मुफीद[लाभकारी] समझा सपा ने एक ही तीर से सवर्णों को अपनी तरफ खींचा और मुस्लिमो के लिए भी आरक्षण की गेंद उछाल दी है|भाजपा के विरुद्ध एजिटेशन शुरू हो गए हैं और कांग्रेस के एक गुट ने अभी तक पूरी तरह वी पी सिंह के मंडल अभियान में युवकों के आत्मदाह को भुला नहीं पाए हैं|इसीलिए भाजपा और कांग्रेस में भी विरोध के स्वर फूटने लगे हैं| गांधी परिवार के भाजपाई फ़िरोज़ वरुण गांधी भी खुल कर सामने आ गए हैं|अब तो बजट सत्र तक जिसके हांडी आग पर चड़ी रहेगी दाल उसी की ही अच्छी गलेगी| स्वादी बनेगी |खाने लायक बनेगी और हाजमेदार बनेगी|

स्मृति ईरानी पर अमर्यादित टिपण्णी पर भाजपा ने किया संजय निरुपम के बहिष्कार का एलान

स्मृति ईरानी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने वाले कांग्रेस के सांसद संजय निरुपम का भाजपा ने बहिष्कार करने के घोषणा की है|। बीजेपी ने संजय निरुपम के बहिष्कार की घोषणा करते हुए कहा है कि जिस भी न्यूज़ चैनल पर वह होंगे बीजेपी का कोई भी नेता बहस में भाग नहीं लेगा। इसके अलावा स्मृति ईरानी ने संजय निरुपम को कानूनी नोटिस भी भेजा है। बीजेपी ने संजय निरुपम के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी से भी माफी मांगने की मांग की है।बीजेपी प्रवक्ता सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारी राष्ट्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष स्मृति ईरानी पर पार्टी को गर्व है। बतौर नेता उन्होंने बेहतरीन काम किया है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष खुद एक महिला हैं, इसलिए हम सोनिया गांधी से उम्मीद करते हैं कि वह अपने सांसद के इस व्यवहार के लिए माफी मांगेंगी। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो बीजेपी सोनिया के खिलाफ भी प्रदर्शन करेगी।
गौरतलब है कि संजय निरुपम अक्सर अपने बयानों और उसकी भाषा को लेकर विवादों में रहते हैं।संसद से लेकर टी वी चैनल्स पर अपनी दबंगई के लिए प्रसिद्द हैं|पिछले दिनों आज तक अजेंडा में भी सभी मर्यादाएं तक पर रख कर उन्होंने योग गुरु बाबा राम देव ने उन्हें उद्दंड बालक की संज्ञा दीथी | गुरुवार की शाम गुजरात के चुनाव नतीजों पर ऐ बी पी चैनल पर बहस के दौरान निरुपम, मोदी को मिली जीत पर दंगों को लेकर सवाल उठा रहे थे। स्मृति इरानी ने इस पर निरुपम को याद दिलाया कि 2002 के गुजरात दंगों के वक्त वह भी शिवसेना में थे। इसके बाद संजय निरुपम को यह भी याद नहीं रहा कि वह टीवी पर हैं और जनता उन्हें लाइव देख रही है।संजय निरुपम ने स्मृति पर निजी हमले करने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा, ‘स्मृति आप मुझे मेरा अतीत याद दिला रही हैं, लेकिन आप क्या थीं? आप तो पैसों के लिए टीवी पर ठुमके लगाती थीं और आज राजनीतिक विश्लेषक बन गईं।’ न्यूज़ चैनल के एंकर ने निरुपम को निजी हमले करने से रोका, स्मृति ने भी उनकी बातों पर ऐतराज जताया। जब संजय निरुपम नहीं रुके तो स्मृति ने कहा,’ कांग्रेस सांसद छिछोरेबाजी पर उतर आए हैं। निरुपम और उन बदमाशों में कोई अंतर नहीं जो दिल्ली की सड़कों पर छेड़छाड़ और बलात्कार करते हैं।’इसके बाद संजय निरुपम बीजेपी सांसद के कैरेक्टर पर सवाल उठाने लगे। प्रोग्राम में मौजूद दूसरे विश्लेषक शाहिद सिद्दीकी ने भी निरुपम की भाषा पर ऐतराज जताया |सोशल साईट ट्विटर पर भी विरोध का सिलसिला शुरू हो गया है| [१]बॉलीवुड अभिनेत्री पायल रहतोगी ने ट्विटर पर लिखा है, ‘आप (संजय निरुपम) भी तो पैसे के लिए बिग बॉस में आए थे और अपने घटिया रवैये की वजह से पहले ही हफ्ते में निकाल दिए गए.'[२]फिल्म निर्माता प्रीतीश नंदी ने भी निरुपम के बड़बोलेपन पर अपनी नाराजगी जताई. उन्होंने ट्वीट किया, ‘न्यूज चैनल पर होने वाली बहस की खूबसूरती यही है कि मुद्दों से ज्यादा इसमें हिस्सा लेने वाले वक्ताओं के बारे में खुलासे हो जाते हैं. अब संजय निरुपम को ही ले लीजिए.'[३] संघ परिवार ने ट्वीट किया, ‘संजय निरुपम की यह घटिया टिप्पणी कांग्रेस के असली चेहरे को बेनकाब करती है.'[४]वहीं मशहूर लेखिका मधु किश्वार ने भी टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने लिखा, ‘संजय निरुपम की इस आपत्तिजनक टिप्पणी से मैं इतनी आहत हुई कि मेरे पास शब्द नहीं है. यह राजनेताओं के गिरते स्तर को दर्शाता है बीजेपी

संजय निरुपम V/S स्मृति ईरानी

की ओर प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा, उम्मीद है कि सोनिया जी स्वयं इस घटना पर क्षमा मांगेंगी। यदि सोनिया जी ने माफी नहीं मांगी तो सोनिया गांधी जी के खिलाफ भी प्रदर्शन किए जाएंगे। हम एबीपी न्यूज से भी माफी मांगने की अपेक्षा करते हैं। हम प्रेस की आजादी का सम्मान करते हैं, हमारी विनम्र अपेक्षा है कि चैनल कुछ न कुछ कार्रवाई जरूर करेगा।
पूरे देश में नारी के सम्मान की रक्षा के लिए धरना,प्रदर्शन ,आन्दोलन किये जा रहे हैं |आज आम नागरिक नारी के सम्मान के लिए लिखे स्लोगन्स वाले प्ले कार्ड्स उठाए राष्ट्रपति भवन तक पहुँच गए |केंद्र और दिल्ली राज्य सरकारे इस दिशा में सभी संभव कदम उठाने का आश्वासन दे रहे है मगर दूसरी तरफ सत्ता रुड दल का उद्दंड नेता एक टी वी चैनल पर एक नारे के समक्ष छिछोरेबाजी के डायलाग बोले इसकी भर्त्सना की ही जानी चाहिए|

गुजरात में किंकर्तव्य विमूड हुई कांग्रेस हिमाचल में एब्सोल्यूट मेजोरिटी को सेलेब्रेट नहीं कर पा रही है:Himachal Changeover

Himachal Pradesh Election

गुजरात में नरेन्द्र मोदी के जीत से किंकर्तव्य विमूड की स्थिति से जूझ रही कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में प्राप्त पार्टी की एब्सोल्यूट मेजोरिटी को भी उत्साह पूर्वक सेलेब्रेट नहीं कर पा रही है| बेशक हिमाचल की जनता ने पिछली हर बार की तरह सत्ता परिवर्तन करते हुए कांग्रेस को राज्य की बागडोर थमा दी है। कांग्रेस को कुल 68 सीटों में से 13 सीटों के फायदे के साथ 36 सीटें मिली हैं, जबकि बीजेपी 15 सीटों के नुकसान के बाद 26 सीटों पर सिमट गई है। छह सीटों पर अन्य उम्मीदवारों को जीत मिली है।यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है|भाजपा के भ्रष्टाचारों के आरोपों का सामना कर रहे ७८ वर्षीय वीर भद्र सिंह ने राहुल गांधी की पांच चुनावी सभाओं में कांग्रेस को जितवाकर राहुल गांधी का कद बढाया हैऔर पूर्ण सत्ता की डोर अपनी पार्टी की आलाकमान श्रीमति सोनिया गाँधी के हाथों में थमाई है उसे देखते हुए इसे कांग्रेस के बजाये वीर भद्र सिंह की जीत कहा जा सकता है|
प्रेम प्रकाश धूमल की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार में आए भ्रष्टाचार के मामले उसी पर भारी पड़े और जनता ने धूमल की राजनीतिक छवी को धूमिल करके कांग्रेस के हाथ का साथ दिया।
प्रदेश में इस बार एक ही चरण में मतदान 4 नवंबर को कराया गया था जिसमे रिकॉर्ड वोटिंग हुई थी। एक्जिट पोलों के मुताबिक हिमाचल में कांग्रेस को बढ़त की संभावना पहले ही जताई जा रही थी।, ।गुजरात में बीजेपी के कुछ उम्मीदवार अपनी जीत को लेकर इतने आश्वस्त थे कि उन्होंने रात में ही अपनी जीत के पोस्टर लगा दिए थे जगह जश्न का महौल बनाया जा रहा है मगर कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोपों को बी जे पी की तरफ मौड़ कर विजयश्री चूमने वाले वीर भद्र सिंह को क्रेडिट दिया जाना जायज़ ही कहा जाना चाहिए

राहुल गांधी को ज्यादा सीटों पर बुलाया जाता तो स्थिति कुछ और ही होती Rahul Restricted Modi Before 2/3rd Majority


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओय देखा दिल्ली के युवराज राहुल गांधी का फेक्टर बिहार,यूं पी के बाद अब गुजरात में भी फेल हो गया| राहुल गांधी के दौरे के बावजूद हसाड़े नरेन्द्र मोदी ने ११५ सीटें ले कर जीत जी हैट्रिक बना ली |मोदी की धन्यवाद रैली में पी एम् पी एम् और दिल्ली दिल्ली के नारे भी लग गए|ओये कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोड्वादिया भी १७००० से ज्यादा वोटों से हार गए मतलब राहुल गांधी यहाँ भी नहीं चले|

राहुल गांधी को ज्यादा सीटों पर बुलाया जाता तो स्थिति कुछ और ही होती

झल्ला

ओ भोले सेठ जी मुझे पता था कि चुनावों के बाद राहुल को निशाना जरूर बनाया जाएगा इसीलिए मेने पहले भी कहा था और अब फिर से कांग्रेसियों के दिल की बात कहता हूँ कि राहुल गांधी ने गुजरात में ८ रैलियों को संबोधित किया और वोह आठों सीट कांग्रेस जीत गई है और भाजपा २/३ मेजोरिटी लेने से रोक दी गई है|अगर राहुल को ज्यादा सीटों पर बुलाया जाता तो स्थिति कुछ और ही होती|क्यों ठीक है न ठीक ???

नरेन्द्र मोदी ने ११६ सीटों के साथ गुजरात में जीत की हैट्रिक बनाई Narendra Modi Has Scored A Hat trick

ठीक है ठीक है अगर आप की इच्छा है तो में एक दिन के लिए दिल्ली हो आऊंगा|यह आश्वासन आज नरेन्द्र मोदी ने दिया|गुजरात विधान सभा के नतीजों में कांग्रेस के साठ के मुकाबिले ११६ सीटें हासिल करके जीत की हेट्रिक बनाने वाले मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया| इस अवसर पर बोलते हुए एक समय ऐसा आया जब श्रोताओं ने बड़े स्वर में दिल्ली जाने अर्थार्त मोदी को प्रधान मंत्री बनाने की इच्छा व्यक्त की| इस मांग को हंस कर टालते हुए मोदी ने कहा की ठीक है चलो एक दिन के लिए में दिल्ली हो आउंगा| उन्होंने कहा के गुजरात का विकास करके देश सेवा की जा सकती है मगर इसके साठ ही उन्होंने गुजरात के साथ दूसरे प्रदेशों को जोड़ते हुए कहा के गुजरात को विशेष कर रोज़गार और स्वास्थ्य के छेत्र में ऐसा विकसित करना है जिसके फलस्वरूप दूसरे किसी प्रदेश का कोई भी जरुरत मंद नागरिक गुजरात में आये तो उसे यहाँ इलाज और रोज़गार मिल जाए|

Narendra Modi Has Scored A Hat trick

उन्होंने अपने संबोधन में अपने आलोचकों को निशाना बनाते हुए कहा के लोग जो पत्थर उन्हें मारते हैं वोह[मोदी]उन पत्थरों की सीडी बना लेते है और यह प्रदेश में तीसरी बार सीडी बनी है|केचाद उछालने वाले भूल गए के कमल[भाजपा का चुनाव चिन्ह] तो कीचड में ही खिलता है |जितना ज्यादा कीचड उछाला गया उतना ही ज्यादा कमल खिला है|
उन्होंने कहा की उनके विकास कार्यों को मान्यता नहीं दी गई|मगर अब जनता के विश्वास की तो कद्र की ही जानी चाहिए|यह शायद मीडिया की तरफ भी इशारा था|
गुजरात के चुनावों में अधिकतर गुजराती में भाषण देते रहे मोदी ने आज हिंदी में ही बड़ी संख्या में आये कार्यकर्ताओं को संबोधित किया|उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए दुनिया भर से टेक्निशियंस को आमत्रित भी किया|इन चुनावों में कांग्रेस के चेहरे मोद्वादिया को १७०००+के अंतर से हरा कर मोदी ने जहाँ आलोचकों को ईन दिखाया है वहीं इन चुनावों के प्रति एग्जिट पोल को भे सत्य ठहरा दिया है| इसके साथ ही विकास के नाम पर देश और दुनिया को जोड़ने का संकेत दे कर भविष्य के यौजनाओं का सन्देश भी दे दिया|