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दिल्ली में चलती बस में किये गए सामूहिक बलात्कार के विरुद्ध संसद से सड़क तक आक्रोश की सुनामी: Time For Police&judicial reforms

दिल्ली में एक चार्टर्ड बस में फिजियोथेरेपिस्ट से किये गए सामूहिक बलात्कार के विरुद्ध सड़क से लेकर संसद में आक्रोश की सुनामी दौड़ी|अपराधियों को कड़ी सज़ा की मांग के साथ ही इस प्रकार के अपराधों की पुनरावर्ती की रोक थाम के लिए यथाशीघ्र पोलिस और न्यायिक सुधारों की जरूरत पर बल दिया गया | लोक सभा स्पीकर मीरा कुमार स्वयम पीड़ित महिला को देखने अस्पताल गई|
लोकसभा में बीजेपी की सुषमा स्वराज ने तो ऐसे बलात्कारियों के लिए फांसी की सजा की मांग तक कर दी। राज्यसभा में चर्चा के दौरान एसपी सांसद जया बच्चन की आंखें नम हो गईं। खुद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार भावुक हो उठीं। वहीं, दिल्ली की सड़कों पर कई जगह छात्रों का प्रदर्शन देखने को मिला। देश का सियासी माहौल भी गरम हो गया है। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश की राजधानी में हुई इस घटना की किन शब्दों में निंदा की जाए इसके लिए कोई शब्द बचता नहीं है। सुषमा स्वराज ने कहा कि इस घटना से पूरा देश शर्मसार है। ऐसा लग रहा है कि दिल्ली में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसे लोगों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। कांग्रेस की गिरिजा व्यास ने देश में बलात्कार की घटनाओं पर चिंता जताते हुए इस विषय को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत बताई। उन्होंने कानून को सख्त बनाने और फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना करने के साथ साथ पुलिस ट्रेनिंग और जागरूकता बढाने पर जोर दिया। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार भी इस मुद्दे पर भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि जो घटना हुई है वह रोंगटे खड़ी कर देने वाली है। समाज के लिए शर्म से सिर झुका लेने वाली घटना है। सदन की भावना है कि सख्त से सख्त कदम उठाए जाएं और इस मामले में कोई और विलंब न हो। संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने सदन की भावना से अपने को जोड़ते हुए कहा कि सख्त कदम उठाए जाएंगे, इसमें कोई कमी नहीं रहेगी।

राज्यसभा का स्थगन

गैंग रेप के मुद्दे पर राज्यसभा में भी हंगामा हुआ, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। विपक्षी दल के सदस्य केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से इस मामले में बयान देने की मांग कर रहे थे। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने यह मामला उठाया। बीजेपी सदस्य माया सिंह, एम. वेंकैया नायडू तथा अन्य घटना की निंदा करते हुए अपनी सीट से खड़े हो गए। माया सिंह ने कहा कि दिल्ली महिलाओं के लिए पूरी तरह असुरक्षित है। हंगामे को देखते हुए सभापति हामिद अंसारी ने हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो एसपी की जया बच्चन भावुक हो उठीं। उनकी आंखें नम हो गईं। इस मुद्दे पर पूरा सदन एक साथ दिखा। सभी ने कड़ी कार्रवाई की मांग की।पिछले 15 दिनों में दिल्ली में गैंग रेप की यह 5वीं घटना है।
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जेएनयू और डी यू के छात्रों का प्रदर्शन

हर 18 घंटे में दिल्ली को दहला देने वाले रेप केसों के खिलाफ स्टूडेंट्स रोड पर उतर आए हैं। देश की 2 सेंट्रल यूनिवर्सिटीज डीयू और जेएनयू के छात्र बीते दिनों चलती बस में मेडिकल स्टूडेंट के साथ हुए इस घिनौने अपराध को करने वालों के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली में प्रदर्शन किया। वे कानून बनाने और लागू कराने वाली दिल्ली सरकार और हमारी सिक्योरिटी करने वाली दिल्ली पुलिस से आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर उन्हें सजा देने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी में आर्ट्स फैकल्टी में यूनिवर्सिटी के सभी स्टूडेंट एबीवीपी के साथ मिलकर दिल्ली में हुए गैंग रेप के खिलाफ प्रदर्शन किया। अब छात्राएं अपनी सिक्योरिटी की मांग को पीछे छोड़ लोगों से अपना दिमाग साफ करने की अपील कर रही हैं। स्टूडेंट्स की मांग है कि आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए। जेएनयू के स्टूडेंट्स ने भी दिल्ली को शर्मसार करने वाली इस घिनौनी हरकत के खिलाफ 11 बजे से वसंत विहार थाने के बाहर प्रदर्शन किया

दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज गुप्ता

ने कहा कि वे अदालत से गुज़ारिश करेंगे कि इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रक अदालत में रोज़ाना की जाए.
नीरज गुप्ता ने जानकारी दी कि इस केस के चार आरोपी पकड़े जा चुके हैं, जबकि दो फिलहाल फरार हैं. पुलिस कमिश्नर के मुताबिक बस का ड्राइवर राम सिंह, उसका भाई मुकेश सिंह, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि अक्षय ठाकुर और एक अन्य आरोपी फरार है. अक्षय कुमार बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला है.
घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए नीरज गुप्ता ने कहा कि रविवार की रात 9.30 से 10 बजे के बीच बलात्कार की घटना घटी और स्कूल की चार्टर बस में बलात्कार को अंजाम दिया गया.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर के मुताबिक 370 बसों की पड़ताल के बाद ही उस बस का पता चलाया जा सका जिसमें बलात्कार की घटना घटी. उनका कहना था कि फॉरेंसिक जांच के बाद यह सुनिश्चित कर लिया गया है जो बस पकड़ी गई है उसी बस में बलात्कार की घटना घटी.नीरज गुप्ता ने कहा कि ड्राइवर ने जुर्म कबूल कर लिया है.पुलिस कमिश्नर ने पीड़ित का हाल बताते हुए कहा कि उसकी स्थिति नाज़ुक है, लेकिन पहले से बेहतर है
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दिल्ली की समाज कल्याण मंत्री किरण वालिया

ने कहा है कि दिल्ली की सभी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे|

Indian Parliament

राज्यसभा में सभापति के प्रति आज विश्वास और सम्मान व्यक्त किया गया

Indian Parliament

उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी के प्रति आज सदन में विश्वासव्यक्त किया गया और सदन में सभापति के प्रति सम्मान बनाए जाने पर जोर दिया गया| नेता सदन प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि सभापति के लिए पूरा सम्मान होना चाहिए। सभापति के सम्मान में ही सदन का सम्मान है। सदन के सदस्यों को चाहिए कि वो राज्यसभा में सदन की मर्यादा बनाए रखें। सभापति की इज्जत होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभापति के लिए उनकी सरकार में बहुत आदर है। मैं सदन के तमाम सदस्यों से इसमें मदद की आशा करता हूं। हमलोगों को ऐसा रास्ता निकालना चाहिए जिससे बिना रुकावट के सदन की कार्यवाही निर्वाध चले।
वहीं नेता विपक्ष [ भाजपा के ]अरुण जेटली ने कहा कि हम सभापति को वादा करते हैं कि पूरा सदन अब से एक सुर में बोलेगा। जिससे इस सदन की मर्यादा बरकरार रहे। इसके बाद हामिद अंसारी ने सभी सांसदों को धन्यवाद दिया और कार्यवाही में सहयोग का आश्वासन दिया|
गौरतलब है कि बीते दिन बुधवार को मायावती ने सीधे सभापति के आसन के समक्ष जाकर अपना विरोध जताया।राज्यसभा की कार्यवाही बाधित होने पर राज्यसभा सभापति पर सवाल उठाए |मायावती ने कहा था कि दोपहर 12 बजे के बाद सदन की कार्यवाही नहीं चलती है। सभापति दोपहर 12 बजे के बाद सदन से चले जाते हैं। सदन को चलाने की जिम्मेदारी सभापति की है। गौरतलब है कि राज्यसभा में प्रमोशन में रिजर्वेशन बिल पास होना है।
लेकिन आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सभापति के प्रति विश्वास व्यक्त किया और उम्मीद जाती कि सभापति द्वारा प्रोमोशन में रिजर्वेशन का बिल पास करवाने को प्रयास करेंगे

मन मोहन सिंह ने राजनीतिक प्रधानमंत्री की पारी खेलते हुए गुजरात में विकास और धर्मनिरपेक्षता के दावों की धज्जियां उडाई

Doctor Manmohan singh In Gujrat

डाक्टर मन मोहन सिंह ने आज केंद्र सरकार के मुखिया की राजनीतिक पारी खेलते हुए गुजरात में विपक्ष के विकास और धर्म निरपेक्षता के दावों पर हमला बोला| गुजरात में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी पर जमकर हल्ला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि[१] विपक्ष समाज को बांटने वाली राजनीति कर रहा है। [२] अल्पसंख्यक खुद को प्रदेश में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। [३] मानव विकास के सूचकांक में गुजरात देश के 20 प्रमुख राज्यों में 18वें स्थान पर है।
उन्होंने कहा, यह दुखद है कि[अ] गुजरात में 41 % महिलाएं कुपोषण और 15 से 50 वर्ष उम्र की 55 % महिलाएं खून की कमी की शिकार हैं।[आ] ग्रामीण गुजरात में बच्चों का एक बड़ा समूह प्राथमिक शिक्षा तथा उच्चतर प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर पाता जबकि कांग्रेस शासित राज्यों में इससे बहुत बेहतर काम हो रहा है।
गुजरात के वनसाद में डाक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि बी जे पी प्रदेश में विकास की बात करती है लेकिन विकास का फायदा किसे मिल रहा है। विकास का फायदा हर समुदाय को नहीं मिल रहा है | प्रदेश में विकास का हिस्सा अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियों और आदिवासियों को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आदिवासी आज भी समाज की मुख्यधारा से बाहर हैं। समय आ गया है कि आप लोग गुजरात को ऐसी राजनीति से मुक्त करें और ऐसे लोगों को सत्ता में नहीं आने दें जो देश और अपने समाज को बांट कर वोट पाने का प्रयास करते हैं।’
प्रधानमंत्री राज्य में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि कमजोर तबके और अल्पसंख्यक वर्ग के प्रति हर राज्य की जिम्मेदारी है गुजरात सरकार उस दिशा में अधिक ध्यान नहीं दे रही है। इस संबंध में राज्य की जनता और अधिकारियों की ओर से शिकायतें आ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘यह काफी अफसोसजनक है कि महात्मा गांधी के राज्य में ऐसा माहौल है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र की हालत अच्छी नहीं है और युवाओं के लिए रोजगार के नए मौके भी सृजित नहीं हो रहे हैं।उन्होंने कहा, ‘गुजरात में विकास सिर्फ कुछ लोगों के लिए ही है। आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस आर्थिक विकास से अछूता है। राज्य सरकार की नीतियों के कारण समाज में असंतुलन की स्थिति है।
मनमोहन सिंह ने प्रदेश में विकास के तमाम दावों को झुठलाते हुए पूछा पूछा कि यदि प्रदेश में विकास हुआ है तो लोगों को पीने के लिए पानी क्यों नहीं मिल रहा है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में पेय जल का पर्याप्त अभाव है। केंद्र सरकार की तरफ से दी गई रकम प्रदेश की सरकार विकास की योजनाओं में खर्च नहीं कर पा रही है।

कांग्रेस ने विरोधियों का स्पोर्ट्स छेत्र से भी सफाया करना शुरू कर दिया है:मुक्के बाज़ी और तीरंदाजी संघ की मान्यता रद्द

Sports Minister Jitendra Singh

संसद में ऍफ़ डी आई की लड़ाई जीत चुकी केंद्र सरकार भरपूर उत्साह में कांग्रेस ने अपने धुर्र्र राजनीतिक विरोधियों का स्पोर्ट छेत्र से सफाया करना शुरू कर दिया है| सरकार ने तीर अंदाजी और मुक्के बाज़ी के संघों की मान्यता रद्द कर दी है| केंद्र सरकार ने भारतीय मुक्के बाज़ी और तीरंदाजी संघों की मान्यता रद्द करके खेल का पैसा सीधे खिलाड़ियों के खाते में पहुंचाने का एलान कर दिया है| युवा खेलमंत्री जितेंद्र सिंह ने इसकी घोषणा की । उन्होंने कहा कि सितंबर में कराये गए आईएबीएफ के चुनाव खेल आचार संहिता के अनुरूप नहीं थे । खेल मंत्री ने आज दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘तीरंदाजी संघ ने इन चुनावों में खेल संहिता में लागू उम्र और कार्यकाल संबंधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया। भारतीय तीरंदाजी संघ के निर्वाचित अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा पहले लगातार तीन कार्यकाल तक काम कर चुके हैं भारतीय तीरंदाजी संघ ने नौ नवंबर को अपने चुनाव करवाए थे, जिसमें वयोवृद्ध विजय कुमार मल्होत्रा को दसवें कार्यकाल के लिए एएआइ का अध्यक्ष चुना गया। वह पिछले 40 साल से इस पद पर बने हुए हैं। खेल संहिता के तहत यह उम्र और कार्यकाल संबंधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। खेल मंत्रालय ने एएआइ को खेल संहिता के तहत नए सिरे से चुनाव कराने की सलाह दी है। जितेंद्र ने एएआइ को अपने संविधान में संशोधन करके उसे खेल संहिता और ओलंपिक चार्टर के अनुरूप तैयार करने के लिए भी कहा है।
मंत्री ने कहा कि आईएबीएफ को इसलिए निलंबित किया गया क्योंकि चुनाव सही तरीके से नहीं हुए थे। नामांकन के लिए समय भी बहुत कम दिया गया। जब नामांकन नहीं मिले तो लोगों को खुद चुन लिया गया। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ द्वारा भारतीय महासंघ को अस्थायी रूप से निलंबित किये जाने के बाद खेल मंत्रालय ने भी ‘चुनाव में धांधली’ का हवाला देकर आईएबीएफ की मान्यता रद्द कर दी
हमने उन्हें फिर से चुनाव कराने के लिए 15 दिन का समय दिया है। सितंबर में हुए चुनाव में निवर्तमान अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला को मनोनीत अध्यक्ष बनाया गया। उनके करीबी रिश्तेदार और राजस्थान से भाजपा विधायक अभिषेक मटोरिया को अध्यक्ष बनाया गया।
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भारतीय तीरंदाजी संघ

(एएआई) ने आज उसकी मान्यता रद्द करने के लिए सरकार को लताड़ते हुए कहा कि यह फैसला ‘असंवैधानिक और मनमाना’ है। सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए एएआई अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि खेल मंत्रालय को संघ की मान्यता रद्द करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि ‘हमने किसी नियम या कानून का उल्लघंन नहीं किया है और यह फैसला गैर कानूनी है’। उन्होंने कहा कि वह सरकार के इस तर्क से हैरान हैं कि एएआई ने खेल संहिता का पालन नहीं किया।मल्होत्रा ने दावा किया, ‘भारत सरकार की खेल संहिता की कोई कानूनी वैद्यता नहीं है। यह कोई अधिनियम नहीं है, यह संविधान का हिस्सा नहीं है और इस संहिता के बारे में गजट अधिसूचना भी नहीं है।’ मल्होत्रा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) बार-बार इस बात पर जोर दे रही है कि यह खेल संहिता और सरकारी हस्तक्षेप के खिलाफ है।
गौरतलब है की श्री अभय सिंह चौटाला हरियाणा में और विजय कुमार मल्होत्रा दिल्ली की राजनीती में कांग्रेस के विरोधी हैं और भाजपा की शक्ति हैं

ऍफ़ डी आई पर देश के १२३ बड़ों ने भी आज राज्यसभा में मोहर लगा दी

ऍफ़ डी आई पर देश के बड़ों ने भी आज शुक्रवार को राज्यसभा में मोहर लगा दी लोक सभा पहले ही इसे पास कर चुकी है| आज २३२ सदस्यों वाली राज्यसभा में हुई वोटिंग में सरकार के पक्ष में १२३ वोट पड़े जबकि विपक्ष केवल १०९ वोट ही हासिल कर सका|सपा के मुलायम सिंह यादव ने पूर्व घोषणा के अनुसार मतदान का बहिष्कार किया आज उन्होंने इस बहिष्कार के लिए किसान हित का कारण बताया |जबकि सपा की धुर्र विरोधी बसपा की मायावती ने सरकार के पक्ष में वोट डाली|आज के इस कदम के लिए उन्होंने भाजपा बनाम सी बी आई को मुद्दा बनाया| |गौरतलब है की सरकार को जीत के लिए ११७ वोट चहिए थीं लेकिन बसपा के नकारात्मक रुख होने की संभावना पर सरकार को १०९ वोट जरूरी होते लेकिन उस सूरत में सरकार के पास इस आवश्यक संख्या से एक वोट कम होता| जाहिर है के भाजपा के कमल के सामने सरकार का कमल खिलाने के लिए संसदीय कार्यमंत्री कमल नाथ ने सराहनीय फ्लोर को मैनेज कियाऔर समय समय पर अपने सहयोगी मायावती+राम विलास पासवान आदि का समर्थन भी करते रहे|

सोणी मनमोहनी सरकार ठाठ से कभी साईकिल और कभी हाथी की सवारी का आनंद लेती जा रही है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या लोक तंत्र का संसद में खुले आम मखौल उड़ाया जा रहा है ? एक तरफ तो ऍफ़ डी आई के विरोध में बंद कराते हैं|संसद में गला फाड़ते हैं और वोट देने के नाम पर ऍफ़ डी आई को जितवा देते हैं| पहले लोक सभा में बहस करने के बावजूद वोटिंग के टाईम पर बेहद बचकाना बहाना बना कर बाहर निकल गए फिर राज्यसभा में तो हद ही हो गई | इन्होने उच्च सदन में सी बी आई बनाम भाजपा बनाने का प्रयास कर दिया| यहाँ तक की उच्च सदन की मर्याद को तार तार करते हुए सदन की कार्यवाही को बेशक दस दस मिनट्स के लिए ही सही मगर दो बार स्थगित करवा दिया| एन सी पी ने भी ऍफ़ डी आई का विरोध का संकेत देकर महाराष्ट्र में दोबारा अपना उप मुख्यमंत्री बनवा लिया| इन सभी ने साबित कर दिया है दिया है की सारी बातें मत्थे मगर पतनाला वहीं गिरेगा|खैर ये डाल डाल तो हम भी पात पात|हमने भी इन्हें यूं पी में बेनकाब करके इन्हें कांग्रेस की गोद में बैठा साबित कर ही दिया |अबदेखेंगे की ये चुनावों में कांग्रेस की मुखालफत कैसे करते हैं|

सोणी मनमोहनी सरकार कभी साईकिल और कभी हाथी की सवारी का आनंद लेती जा रही है

झल्ला

ओ भोले सेठ जी बड़ी पुराणी कहावत है की रब्ब नेड़े[नजदीक]या घुसन्न[घूँसा]|जिस बेचारे को हर समय घूंसा दिखाई देता हो तो उसको रब्ब की परवाह नहीं रहती|एक पार्टी के मुख्यमंत्री ने तो सरे आम यह स्वीकार भी कर लिया की उनकी पार्टी ने हमेशा यूं पी ऐ को बचाया है मगर वक्त पड़ने पर उन्हें कौन बचाएगा?इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी सी बी आई को फटकार लगाई जा चुकी है| सेठ जी वास्तव इन दोनों संकट मौचक पार्टियों की गर्दन सरकार के हाथ में हैं| इसीलिए हसाड़ी सोणी मनमोहनी सरकार ठाठ से घड़ी घड़ी साईकिल और हाथी की सवारी का आनंद लेती जा रही है|

येदियुरप्पा ने भाजपा से नाता तोड़ने की ओपचारिकता पूरी कर दी

बाग़ी पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने अज शुक्रवार को भाजपा से नाता तोड़ने की ओपचारिकता पूरी कर दी| कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी को एक कड़ा झटका देते हुए पार्टी छोड़ दी, उन्होंने राज्य में भाजपा को खड़ी करने में 40 साल तक अपना पूरा सहयोग दिया था। भाजपा के अनुसार इस इस्तीफे से राज्य की जगदीश शेट्टर सरकार पर तत्काल प्रभाव पड़ने की कोई संभावना नहीं है।पिछले काफी समय से येदियुरप्पा पार्टी से नाराज़ चल रहे थे |

येदियुरप्पा ने भाजपा से नाता तोड़ने की ओपचारिकता पूरी कर दी


श्री येदियुरप्पा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को पत्र फैक्स किया। बाद में वह विधानसभा अध्यक्ष के जी बोपैया से मिले और उन्होंने उन्हें सदन की सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंपा। वह जनसंघ के दिनों से ही भाजपा से जुड़े थे।
भाजपा नेतृत्व पर करारा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि मैं पार्टी छोड़ने का यह कठिन निर्णय लेने के लिए बाध्य हुआ हूं, जबकि मैंने ही राज्य में इसे खड़ा किया था।
उन्होंने कहा कि ये महज कुछ नेता थे जिन्होंने मुझे इतनी दूर धकेल दिया, जहां से मैं नहीं लौट सकता।
एक न्यूज चैनल पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार बनाने के लिए भविष्य में किसी भी पार्टी का सहयोग नहीं लेंगें|

उत्तर प्रदेश विधान सभा को भी आज हंगामे की भेंट चड़ाया गया :प्रश्न काल स्थगित

विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज सोमवार को विपक्ष के हंगामे के बीच अखिलेश सरकार ने अपना पहला अनुपूरक बजट पेश कर दिया | भारी हंगामे को देखते हुए पहले सदन की कार्रवाई दो बार 10-10 मिनट के लिए स्‍थगित की गई इसके बाद कार्रवाई 12 बजकर 20 मिनट तक के लिए फिर सवा एक बजे तक के लिए सदन की कार्रवाई स्‍थगित की गई। इस दौरान एक विधायकों में धक्का मुक्की भी हुई|

उत्तर प्रदेश विधान सभा

स्पीकर माता प्रसाद पांडे ने सदन को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया।

बी एस पी ने उठाया क़ानून व्यवस्था का मुद्दा

उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज सोमवार को विपक्षी पार्टियों बसपा+भाजपा + राष्‍ट्रीय लोकदल के विधायकों ने जमकर जबरदस्त हंगामा किया | बहुजन समाज पार्टी के विधायकों ने सदन में सरकार विरोधी नारे लगाए और प्रदेश में राज्यपाल शासन लगाए जाने की मांग की। बसपा नेताओं का आरोप था कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उन्होंने बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की मूर्ति तोड़े जाने के विरोध में जमकर नारेबाजी की, जिसके बाद प्रश्नकाल को स्थगित कर दिया गया।. सदन में सरकार के खिलाफ नीले पोस्टर भी लहराए गए| बसपा के सदस्यों ने हाथों में पोस्टर लेकर सभापति के आसन के करीब आकर नारेबाजी की|

रालोद+बी जे पी ने गन्ना भाव को मुद्दा बनाया

इस बीच राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गन्ने का समर्थन मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग को लेकर सदन में हंगामा किया.
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि जब तक सरकार सदन में किसानों के लिए गन्ने के समर्थन मूल्य का ऐलान नहीं करेगी, तब तक सदन नहीं चलने दिया जाएगा

सत्र अवधि बढाने की मांग

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘हमने विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से मिलकर सदन की कार्यवाही 10 दिन और बढ़ाने की मांग की है। सदन का शीत सत्र इतना छोटा है कि इसमें राज्य की जनता से जुड़े मुद्दों पर सही तरीके से चर्चा नहीं हो सकती.’
भारी हंगामे के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा में प्रदेश का अनुपूरक बजट पेश किया. बजट पर चर्चा होने की उम्मीद है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 23 नवंबर से 30 नवंबर तक प्रस्तावित है. सत्र के पहले दिन शुक्रवार को विधानसभा में सूबे के खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री कामेश्वर उपाध्याय के निधन पर शोक व्यक्त कर उन्हें श्रद्घांजलि दी गई थी. सत्र बेहद छोटा होने की वजह से विपक्ष लगातार सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है.

श्री राम को छोड़ दिया तो जेठमलानीज क्या चीज है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक भाजपाई चीयर लीडर

ओये झाल्लेया देखा हसाडी पार्टी का अनुशासन|हमने एक ही झटके में विद्रोही तेवर दिखाने वाले वरिष्ठ वकील और हमारी पार्टी के राज्यसभा में सदस्य राम जेठमलानी को पार्टी से निलंबित बोले तो सस्पेंड कर दिया है|अब ये यशवंत सिन्हा और शत्रुघन सिन्हा जैसे नेता अपने आप लाईन पर आ जायेंगे नहीं तो इन्हें ढोने से निजात मिल जायेगी|

श्री राम को छोड़ दिया तो जेठमलानीज क्या चीज है

झल्ला

|आपके अध्यक्ष ने महेश जेठमलानी को हरवा कर अपनी पार्टी लाईन को उजागर कर ही दिया है| अब जब आपजी की पार्टी ने श्री राम को ही छोड़ दिया तो जेठमलानी +शत्रुघन+यशवंत सिन्हा क्या चीज हैं

राम जेठमलानी की चुनौती के उत्तर में भाजपा ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड करके दो और बागियों पर दबाब बनाया

भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसद और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है।जेठमलानी पर कांग्रेस को फायदा पहुंचाने वाले ब्यान जारी करने के आरोप हैं| राम जेठमलानी ने पहले पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर लगे करप्शन के आरोपों के चलते उनसे इस्तीफा मांगा तो बाद में सीबीआई चीफ रंजीत सिन्हा की नियुक्ति को लेकर सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के पीएम को लिखे पत्र को गलत ठहराया।

राम जेठमलानी की चुनौती के उत्तर में भाजपा ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड करके दो और बागियों पर दबाब बनाया


आज सुबह ही राम जेठमलानी ने कहा था कि मैं पार्टी के लिए नहीं बोल सकता। मैं बहुत छोटा आदमी हूं। लेकिन मुझे लगता है कि मेरे साथ कई और लोग हैं पर वो बोल नहीं पा रहे हैं। अगर मेरे ऊपर कोई कार्रवाई करता है तो मैं उसके लिए तैयार हूं। लेकिन ऐसा कोई नहीं है जो मुझपर कार्रवाई कर सके। पार्टी ने जेठमलानी की इसी चुनौती को स्वीकार करते हुए शाम को उनपर कार्रवाई का ऐलान कर दिया।पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन के अनुसार जेठमलानी ने पार्टी के दोनों नेताओं ( श्रीमती सुषमा स्वराज और अरुण जेटली) का विरोध किया था और कांग्रेस को मदद पहुंचाई थी। पार्टी इसे अनुशासनहीनता की तरह देखती है। ये दोनों संसद के दोनों सदनों में एन डी ऐ का न्रेतत्व करते हैं||
श्री हुसैन ने कहा कि आज फिर प्रेस के माध्यम से जेठमलानी ने चुनौती दी कि उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। पार्टी संविधान से चलती है। जेठमलानी ने अपने बयानों से पार्टी का अहित किया है। पार्टी अध्यक्ष ने बयान और चुनौती को सख्ती से संज्ञान लिया है और राम जेठमलानी को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
हुसैन ने कहा कि जेठमलानी का मामला आगे संसदीय बोर्ड को रेफर किया गया है। सोमवार की शाम 4.30 बजे बोर्ड की बैठक होगी और आगे की प्रक्रिया की जाएगी। बीजेपी के इस रुख से साफ है कि पार्टी राम जेठमलानी को और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है और कल शाम को उन्हें पूरी तरह से पार्टी से बाहर किया जा सकता है।
राम जेठमलानी के सस्पेंशन से उनके सहयोगी शत्रुघन सिन्हा और यशवंत सिन्हा पर इनडायरेक्ट दबाब डालने का यह प्रयास माना जा रहा है|
उधर अरुण जेटली ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सी बी आई में संस्थागत सुधार के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी गई थी. पार्टी चाह रही थी कि सिलेक्‍ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर डायरेक्‍टर की नियुक्ति हो. उन्‍होंने राम जेठमलानी की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने उनकी भावनाओं को गलत समझ लिया.
दरअसल, सरकार ने सीबीआई निदेशक के तौर पर रंजीत सिन्हा की नियुक्ति की है. जेठमलानी ने अब सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति का विरोध करने के पार्टी के फैसले पर सवाल उठाए हैं.
गौरतलब है कि राम जेठमलानी के मुताबिक, ‘सीबीआई डायरेक्‍टर के रूप में रंजीत सिन्‍हा की नियुक्ति कर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक अच्‍छा काम किया है.’ पहले तो जेठमलानी ने सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति के मामले में प्रधानमंत्री की तारीफ की और फिर पार्टी का ही विरोध कर दिया.’