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श्रीनगर में फिदाईन हमले में शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को संसद ने श्रद्धांजलि दी: अफस्पा पर हंगामा

जे & के में कल हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए पांच सुरक्षा कर्मियों को आज लोक सभा में श्रधाजलि अर्पित की गई| जम्मू कश्मीर के श्रीनगर[बेमिना] में आतंकवादी हमले में कल भारतीय जवानों की शहादत पर लोक सभा ने चिंता व्यक्त की और विपक्ष ने सरकार से बयान दिए जाने की मांग की| भाजपा सदस्यों तथा श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार तमिल मछुआरों की रिहाई की मांग का मुद्दा द्रमुक और अन्नाद्रमुक सदस्यों द्वारा उठाए जाने के कारण हुए हंगामे से लोकसभा की बैठक आज शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर अध्यक्षा मीरा कुमार ने श्रीनगर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल [C R P F ] ]के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले का जिक्र किया और शहीद जवानों को सदन द्वारा श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद प्रश्नकाल शुरू करवाया।
विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने इस घटना पर सरकार से बयान दिए जाने की मांग की। मुख्य विपक्षी दल के अन्य सदस्य भी अपने स्थानों पर खड़े होकर अपनी नेता की बात का समर्थन करते देखे गए।

श्रीनगर में फिदाईन हमले में शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को संसद ने श्रद्धांजलि दी: अफस्पा पर हंगामा

श्रीनगर में फिदाईन हमले में शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को संसद ने श्रद्धांजलि दी: अफस्पा पर हंगामा


श्रीमति सुषमा ने कहा कि बार बार इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं और केवल सदन में श्रद्धांजलि देकर अपने कर्तव्य की पूर्ति कर ली जाती है।उन्होंने अजमेर शरीफ के दीवान द्वारा पाकिस्तान के पी एम् की विजिट का विरोध करने के लिए उन्हें सलाम किया लेकिन इसके साथ ही सरकार की पाकिस्तान के प्रति ढुल मूल नीति की आलोचना भी की |उन्होंने सुबह श्रद्धांजलि देते समय सत्ता पक्ष के अग्रिम पंक्ति के नेताओं की अनुपस्थिति पर सवालिया निशान लगाते हुए उन पर संवेदना हीन होने का आरोप भी लगाया | नेता प्रतिपक्ष ने आमर्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट [A F S P A] का जिक्र करते हुए कहा के जिस इलाके में यह हमला हुआहै वहां से ही अफस्पा हटाने की सिफारिश की जा रही है|उनके इतना कहने के साथ ही दूसरी तरफ बैठे काश्मीर के सांसदों ने जोर शोर से इसका विरोध किया और अफस्पा हटाने के मांग को बल दिया|गौरतलब है कि कल श्रीनगर के बेमिना इलाके में एक स्कूल के निकट स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शिविर पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे।

राजनीतिक हाथियों के दांत खाने और दिखाने के अलग अलग ही हैं:अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

महिला उत्थान गैर सरकारी संस्था की स्वयम्भू प्रेजिडेंट

ओये झल्लेया देखा हसाड़े प्रयासों का नतीज़ा ओये ८ मार्च के अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस पर संसद से लेकर सड़क तक केंद्र से लेकर राज्यों तक केवल नारे बाज़ी ही नहीं हुई अनेकों हमारे वेल फेयर के काम भी किये गए हैं|[१]सोनीपत में भगत फूल सिंह महिलाविश्व विद्यालय में आज़ाद भारत का पहला [सरकारी]महिला अस्पताल खोल गया[२]दिल्ली के शास्त्री भवन में पहला महिला डाक खाना खोला गया ओये हसाडी कोउशिशोन का असर यूं पी में भी दिखाई दिया है| [३]यूं पी की विधानसभा में महिला सशक्तिकरण के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया गया और [४] मेरठ में महिलाओं के लिए विशेष बस को भी हरी झंडी दिखा कर महिलाओं को समर्पित किया गया है|
अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस

झल्ला

हाँ जी वाकई केंद्र +हरियाणा और उत्तर प्रदेश में नारी सम्मान बढाने के सराहनीय कार्य किये गए हैं |लेकिन दुर्भाग्य से राष्ट्र की सबसे बड़ी संस्था संसद में भाषणबाजी के बाद ज्यादातर अधिकाँश सीटें खाली ही रही| सदन चल रहे थे और माननीय सदस्य कार्यक्रमों में व्यस्त थे | यूं पी ऐ के चेयर पर्सन श्रीमती सोनिया गांधी हरियाणा के सोनीपत में महिला अस्पताल का उद्घाटन करने में व्यस्त दिखी तो माननीय मानव एवं कल्याण संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल पोस्ट आफिस में रहे|सपा के महासचिव प्रो.राम गोपाल यादव मेरठ में शिक्षण संस्थान में डिग्रियां बाँट रहे थे |लेकिन आश्चर्यजनक रूप से विपक्षी दलों के भी अधिकांश खाली लाईनों पर राज्य सभा टी वी का कैमरा घूमता रहा|झल्लेविचारानुसार हाथी के दांत खाने और दिखाने के अलग अलग ही हैं वरना बलात्कारियों को हतोत्साहित करने वाला बिल संसद में पास हो चूका होता|दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित को दुष्कर्म के आरोपियों की सिफारिश करने के लिए अपने ही प्रदेश में विरोध नहीं झेलना पड़ता

संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगरएक नहीं, तीन- तीन शेर[ couplet] तो चल ही निकले

संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगर शेरो शायरी चल ही निकलती है और जब शेर[ couplet]पड़ने वाले प्रधान मंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता हो तो संसद मेजें थपथपा कर और मीडिया प्रस्तुत करके दाद देता रहता है| लोकसभा में ६ मार्च बुधवार को प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह और विपक्ष की सदन में नेत्री श्रीमति सुषमा स्वराज के बीच बातचीत शेर-ओ-शायरी के साथ हुई।भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नेता राजनाथ सिंह प्रतीकों और मुहावरों का सहारा लेकर अपने विरुद्ध प्रधानमंत्री के कड़े तेवरों को बुझते दिए की फड़फड़ाती लौ तक कह डाला|
राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने बीते नौ साल में पी एम् को इतने आक्रामक तेवर अपनाते नहीं देखा। साथ ही कटाक्ष किया कि वह इसे अच्छा संकेत मानते हैं क्योंकि ये वैसा ही है, जैसे बुझने से पहले दिये की लौ तेज हो जाती है।
इसके अलावा राज्य सभा के सदस्य डाक्टर मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आकर विपक्ष की नेत्री श्रीमति सुषमा स्वराज के आरोपों का जवाब शायरी से देकर माहौल को अंत में मनोरंजक बना दिया। भाजपा पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने शेर पढ़ा कि हमें है उनसे वफा की उम्मीद जो नहीं जानते वफा क्या है। इसके बाद श्रीमति सुषमा ने कहा कि उनकी शेर का कर्ज नहीं रखेंगी और एक शेर का जवाब वह दो शेर से देंगी । इस पर लोकसभा अध्यक्षा मीरा कुमार भी चुटकी लेने में पीछे नहीं रही और बोला कि फिर तो उन[पी एम्] पर उधार हो जाएगा। प्रधानमंत्री के जवाब में श्रीमति सुषमा ने दो शेर पढ़े कि कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता और कहा कि वह देश के साथ बेवफाई कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने दूसरा शेर पढ़ा कि तुम्हें वफा याद नहीं हमें जफा याद नहीं जिंदगी और मौत के दो ही तराने हैं एक तुम्हें याद नहीं, एक हमें याद नहीं।संसद में चले इस आकस्मिक मुशायरे में दाद देने के नियम का पालन करने से भी सदस्य चूक गए| ये तीनो शेर और प्रतीक अपने आप में काबिले तारीफ़ हैं मगर अधिकाँश सदस्यों ने केवल अपने नेताओं के शेर पर ही मेजें थपथपा कर दाद दी
गौरतलब है कि शुरुआती दिनों में महंगाई+ अपराध +भ्रष्टाचार को लेकर प्रमुख विपक्ष और समान्य विपक्ष के साथ ही सत्ता रुड दल के सदस्यों द्वारा हंगामा मचता रहा | सदन स्थगित होते रहे, कार्यवाही बाधित होती रही |इन गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिए कोई भी गंभीर दिखाई नहीं दिया बेशक शेर अच्छे थे लेकिन |इस मुशायरे का मौजू [विषय]ज्वलंत समयायों पर आधारित होता तो और अच्छा लगता| इसीलिए यह नाचीज यह कहने को मजबूर है कि

 संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगरएक नहीं तीन- तीन शेर[ couplet] तो चल ही निकले

संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगरएक नहीं तीन- तीन शेर[ couplet] तो चल ही निकले

ख़ाक हो जायेंगे हम उनकों यकीन होने तक

प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने संसद में कृषि क़र्ज़ माफी योजना के कार्यान्वन में घोटालों के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया

प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने संसद में कृषि क़र्ज़ माफी योजना के कार्यान्वन में घोटालों के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया

प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने संसद में कृषि क़र्ज़ माफी योजना के कार्यान्वन में घोटालों के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का आश्वासन दिया

कृषि क़र्ज़ माफी योजना के कार्यान्वन पर लगे घोटाले के आरोपों पर तत्काल प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने राज्यसभा को आश्वस्त किया कि इस मामले में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, | विपक्ष के साथ सरकार के सहयोगी लालू प्रसाद यादव ने भी सदन में चर्चा कराने और दोषियों के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही की मांग उठाई |
सीएजी रिपोर्ट पर आज भी संसद में जोरदार हंगामा हुआ। बीजेपी कार्रवाई शुरू होते ही इस मुद्दे पर दोनों सदनों में प्रश्नकाल रोककर चर्चा की मांग करने लगी। हंगामे की वजह से दो बार राज्यसभा की कार्रवाई स्थगित भी करनी पड़ी।
हंगामे के चलते प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा कि इस मामले में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, वहीं लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने सीएजी रिपोर्ट पर सरकार पर निशाना साधा और गड़बड़ी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी घोटाले से देश शर्मसार हुआ है। दोनों सदनों में चेयर पर्सन ने कैग की रिपोर्ट को पी ऐ सी के समक्ष रखे जाने को आवश्यक बताते हुए इस पर फ़िलहाल चर्चा पर रोक लगाई|परन्तु ही इस विषय में आर बी आई द्वारा जरी दिशा निर्देश और उनकी अवहेलना को बार बार उठाया जाता रहा| वरिष्ठ सदस्य नजमा हेपतुल्लाह ने इस विषय में तत्काल कार्यवाही की मांग उठाई|संजय निरुपम ने जांच के विस्तृत दायरे का हवाला देते हुए सरकर के बचाव का प्रयास किया|
दूसरी तरफ कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि कर्ज माफी में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है और अगर किसी तरह की गड़बड़ी पाई गई तो कार्रवाई होगी।

गृहंमत्री सुशील कुमार शिंदे ने राज्यसभा में कहा कि अरुण जेटली के फोन टेपिंग में सरकार का हाथ नहीं

बीजेपी के राज्यसभा में नेता [एडवोकेट]अरुण जेटली के फोन टेपिंग के मामले में केन्द्रीय गृहंमत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज १ मार्च , शुक्रवार को संसद में . इस बात से इनकार कर दिया कि जेटली के फोन की टैपिंग हो रही थी|इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में अभी जाँच चल रही है और यह आश्वासन दिया कि मामले के तह तक जरूर जायेंगे| .गृहमंत्री ने कहा कि मामले में सरकार का हाथ नहीं है|
गृहमंत्री ने बताया कि जेटली की कॉल डिटेल्स लीक मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है. पुलिस ने 14 फरवरी को इस मामले में केस दर्ज किया था. दिल्ली पुलिस ने जेटली के फोन टैपिंग के मामले में एक कॉन्सटेबल डबास और तीन प्राइवेट जासूसों को गिरफ्तार किया है.|
. उन्होंने कहा कि कॉल डिटेल्स निकालने का आदेश सरकार ने नहीं दिया था|. गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित एक निजी जासूसी एजेंसी के कहने पर कॉन्स्टेबल ने गैरकानूनी तरीके से कॉल डिटेल हासिल करने की कोशिश की| आरोपी अनुराग सिंह का संबंध इसी जासूसी एजेंसी से बताया गया है.
श्री शिंद ने संसद में बताया कि [५] मोबाइल नंबर के कॉल डिटेल्स निकाल गए है. गिरफ्तार कांस्टेबल डबास 1500 रुपये में नीरज को डिटेल्स देता था. नीरज ये जानकारी नीतीश को देता था
.शिंद ने बताया कि कांस्टेबिल डबास एक साल से [अनधिकृत ]गैरहाजिर था. वह 6 महीने से एसीपी की आईडी की फिराक में था. दिल्ली पुलिस के नाम का गलत इस्तेमाल करके कॉल डिटेल्स निकाली गई.
इस मुद्दे पर अपने बयान में उन्होंने आगे कहा कि ‘इस मामले में फोन टेपिंग नहीं बल्कि कॉल रिकॉर्ड हासिल किए गए थे।
लेकिन गृह मंत्री के बयान से सदन के कई नेता असंतुष्ट रहे। बीजेपी नेता वैंकेया नायडू ने आरोप लगाया कि सरकार जासूसी केस को हल्के में ले रही है।उन्होंने पूछा कि सरकार क्या छिपा रही है? उन्होंने टाईम बाउंड इन्क्वायरी और दोषियों के नाम उजागर किये जाने की मांग की|
बीजेपी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि क्या जासूसी एजेंसी ने सरकार से इजाजत ली थी? क्या कोई सरकारी एजेंसी भी जासूसी में शामिल थी? रविशंकर प्रसाद ने यह भी पूछा कि प्राइवेट व्यक्तियों के हाथों में टेप रिकॉर्ड करने वाले यंत्र कैसे गए? उन्होंने कांस्टेबिल डबास की एक साल से अनुपस्थिति और ऐ सी पी की साईट की हैकिंग और उसकू सुरक्षा के लिए सरकार की कार्यवाही पर प्रश्न उठाये |
बीजेपी के अलावा इस इशु को उठाने वाली सपा के नेता नेता प्रो.रामगोपाल ने गृह मंत्री के ब्यान कि आलोचना करते हुए कहा, ‘गृहमंत्री का बयान आधा अधूरा है। किनकी कॉल डिटेल मांगी गई थी, गृहमंत्री ने उनका नाम नहीं बताया। गृह मंत्री जी आपने कोई नहीं जानकारी नहीं दी। आपसे ज्यादा जानकारी तो मीडिया से मिल रही है।उन्होंने मांग की कि फोन टेपिंग के लिए राज्यसभा के सभापति की अनुमति होनी चाहिए। दोनों सदनों के करीब सौ नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, जिनके फोन कॉल डिटेल हासिल किए गए हैं या फोन टेप किए गए हैं।’ सपा नेता रामगोपाल ने गृहमंत्री से यह भी जवाब मांगा कि एक कांस्टेबल को राजनीतिक नेता के कॉल डिटेल की जरूरत क्यों होगी? इसके घटना के पीछे कौन है?

अकाली दल के एन गुजराल ने स्मरण कराया कि एक बार अजित सिंह के फोन टेपिंग की बात उठाने पर तत्कालीन मंत्री हेगड़े ने इस्तीफा दे दिया था|

माया सिंह+शिवा नन्द तिवारी,+नरेश कश्यप+डी राजा संजय सिंह आदि ने भी चर्चा में भाग लेकर अपनी चिंता व्यक्त की |
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी दावा किया कि उनका फोन कॉल भी टेप किया जा रहा है

।इससे पूर्व सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि यह मामला उनके द्वारा उजागर किया गया था लेकिन उनकी पार्टी को सबसे पहले बोलने दिया जाना चाहिए था

सुशील कुमार शिंदे ने राज्यसभा में नेताओं के सवालों की बौछार के बाद जवाब देते हुए कहा, ‘भारत सरकार किसी भी सांसद को फोन टेप नहीं कर रही है। सरकार ने किसी भी नेता के फोन कॉल के रिकॉर्डिंग की मांग नहीं की थी। सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्डिंग) के बारे में कोई कानून नहीं है। इस मामले में अभी तक सिर्फ शुरुआती जांच हुई है।’ गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि जिनका कॉल डिटेल निकालवाने की कोशश की गई थी वह

( अरुण जेटली) आसान आदमी नहीं है। जब सांसदों ने गृहमंत्री की ‘आसान आदमी’ की टिप्पणी पर चुटकी ली तो उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘मेरा आसान आदमी कहने के पीछे आशय साधारण आदमी से था।’ इस दौरान सदन में विपक्ष के नेता अरुण जेटली मुस्कराते हुए नजर आए।

बेशक पुलिस इस बात का पता कर रही है कि पकड़े गए मास्टर माइंड अनुराग सिंह के क्लाइंट कौन-कौन हैं। पुलिस इस बात का भी पता कर रही है कि इन कॉल डिटेल्स में ज्यादातर नेता सिर्फ बीजेपी के ही क्यों हैं। लेकिन सरकार अभी तक अनुराग के क्लाइंट के नामों खुलासा नहीं पाई है।
जो बात अभी तक उभरकर सामने आई है वो यही है कि अनुराग सिंह ने अरुण जेटली के अलावा 60 अन्य लोगों की भी कॉल डिटेल्स निकलवाई थी। अनुराग एक प्राइवेट जासूसी एजेंसी चलाता है। उसके पिता कस्टम विभाग से सेवानिवृत्त आईजी हैं।एक[१] सिपाही एक साल से ड्यूटी से गायब रहता है बकौल शिवा नन्द तिवारी[2] महंगी गाड़ियों में घूमता है [३]अपने ऐ सी पी की साईट का प्रयोग करता है और [४]गैर कानूनी ढंग से फोन डिटेल्स निकलवाता है|इस पर भी दिल्ली की पोलिस की पकड़ से दूर रहता है इसे पोलिस और सरकार की नाकामी कहा जा सकता है और कांस्टेबिल की योग्यता |

देश में अराजकता है: मुलायम सिंह यादव जी ये क्या कह दिया?


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक चतुर +चौकन्ना लेकिन चकित कांग्रेसी

ओये झल्लेया माननीय मुलायम सिंह यादव ने ये कौन सी नई भसूडी डाल दी| संसद में राष्ट्रपति के भाषण पर बोलते हुए उन्होंने हैदराबाद और कर्मी संघों कि यूनियनों के हड़ताल का हवाला देकर कह दिया कि यह भाषण केवल इन्ही दो बिदुओं पर टिका है इसीलिए भारत में अराजकता की स्थिति है|इतना ही नहीं अपने सबसे बड़े दुश्मन भाजपा से भी खुले आम पींगे बढानी शुरू कर दी हैं|ओये अभीहमारी सरकार ज़िंदा हैं और इन सपाईयों ने अपना चुल्ला+चौका [रसोई]अलग करने की तैय्यारी शुरू कर दी है|

देश में अराजकता है: मुलायम सिंह यादव जी ये क्या कह दिया?

देश में अराजकता है: मुलायम सिंह यादव जी ये क्या कह दिया?

झल्ला

चतुर सुजाण जी आप जी को मालूम होना चाहिए कि लोअर मिडल क्लास को साईकिल की जरुरत है और समाजवादी पार्टी की साईकिल में दो लोगों को बैठाने की जगह है [१]आगे डंडा [२] पीछे कैरियर |आपने लग्जरी ट्रेन+हवाई जहाज़+और कारों में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया है इसीलिए अब आप लोगों को साईकिल की सवारी की जरुरत नहीं रही | शायद इसीलिए साईकिल के छोटे मोटे खर्चे निकालने के लिए दूसरी वैकल्पिक सवारी की व्यवस्था किये जाने को राजनीतिक अकलमंदी कहा जाता है|

उत्तर प्रदेश में पिछला एलोकेशन खर्च हुआ नहीं और नया बजट पेश;बसपा ने किया बहिष्कार

उत्तर प्रदेश के युवा मुख्य मंत्री [और वित्त] अखिलेश यादव ने आज दो लाख इक्कीस करोड़ रुपयों का बजट पेश किया गया यह बीते बजट से साडे दस प्रतिशत अधिक है| इसे प्रमुख विपक्षी दलों ने औचित्यहीन तथा निराशाजनक करार दिया हैजबकि मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी [बसपा] के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया के समक्ष सरकार की नीयत पर भी सवाल उठाए और कहा कि सरकार पिछले बजट का ज्यादातर धन खर्च नहीं कर पायी है। ऐसे में नये बजट का कोई औचित्य नहीं है।मुख्य विपक्षी दल बसपा के विरोध के बीच यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को विधानसभा में वर्ष 2013-14 के लिए 2,21,201 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह पिछले साल के बजट के मुकाबले 10.5 % अधिक है। सरकार ने अपने चुनावी एजेंडे को धार देते हुए बजट में गरीबों, किसानों, नौजवानों, मुसलमानों और महिलाओं का खास ख्याल रखा है।बसपा ने बजट पूरा सुने बगैर ही वाक् आउट कर दिया
कृषि क्षेत्र के बजट में भारी बढ़ोतरी करते हुए 17,174 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जबकि अल्पसंख्यकों के कल्याण और विकास के लिए पिछले बजट के मुकाबले 29.5 फीसदी अधिक धन का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश ने जहां राजधानी में मेट्रो रेल चलाने की घोषणा की, वहीं लड़कियों को स्नातक तक मुफ्त शिक्षा देने का भी ऐलान किया।
सपा सरकार बनने के बाद से चल रही कन्या विद्याधन+ हमारी बेटी उसका कल+ टैबलेट-लैपटॉप+बेरोजगारी भत्ता और किसानों की कर्ज माफी जैसी योजनाओं को अगले वित्त वर्ष में भी जारी रखने की घोषणा की गई है। इसके अलावा पर्यावरण का ख्याल करते हुए रिक्शा चालकों को बैटरी चलित रिक्शे देने की योजना के तहत इस बार बजट में चौगुनी बढ़ोतरी करते हुए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
इसी तरह गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रही 18 साल से ऊपर की महिलाओं को साल में दो साड़ी और 65 साल से अधिक उम्र के वृद्धों को एक-एक कंबल के लिए 600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दावा किया कि बजट प्रदेश में न केवल विकास की गति तेज करेगा बल्कि समाज के सभी वर्गों तक इसका लाभ भी पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि कैपिटल क्रिएशन के जरिये विकास की रफ्तार और निवेश बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
बसपा प्रतिक्रया
विधानसभा में मुख्यमंत्री ने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, बसपा सदस्य अपनी सीट से खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे। सदन में विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी सीट पर खड़े होकर सरकार पर आरोप लगाने लगे कि अभी तक पिछले बजट का धन ही खर्च नहीं किया गया है, लिहाजा नया बजट बेमानी है। उनकी पार्टी इस बेईमानी में सत्ता पक्ष का साझीदार नहीं बनना चाहती।इससे पूर्व राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भे कागज़ के गोले फैंके जा चुके हैं|
भाजपा+कांग्रेस+रालोद और अन्य दलों के सदस्यों ने बसप से दूरी बनांते हुए अपनी सीटों पर शांत बैठे रहे। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने बसपा सदस्यों से शांति बनाए रखने की गुजारिश की। उन्होंने कहा कि बजट पेश करते समय विरोध करने की परंपरा नहीं रही है, लेकिन बसपा सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए। उधर, बसपा के जबर्दस्त विरोध और शोर-शराबे के बीच विधान परिषद में सदन के नेता अहमद हसन ने बजट पेश किया।

इस बजट में शामिल एक ओवर ब्रिज का जिक्र बढ चढ़ कर किया जा रहा है ४० करोड़ की लागत से बनाने वाले इस ओवर ब्रिज को बसपा सुप्रीमो मायावती के घर के सामने बनाया जाना है|

बजट में शामिल लोक लुभावने एलान
[१]किसी नए टैक्स का ऐलान नहीं।[२]लखनऊ में मेट्रो रेल परियोजना की घोषणा।[३]लड़कियों के लिए स्नातक तक मुफ्त शिक्षा।
[४]अल्पसंख्यकों के बजट में 29.5 फीसदी वृद्धि।[५]किसानों की ऋण माफी के लिए 750 करोड़।[६]3 लाख तक के किसान ऋण 3 फीसदी ब्याज पर।
[७]गरीबों को साड़ी-कंबल के लिए 600 करोड़।[८]गरीब महिलाओं को साल में दो साड़ियां।[९]65 साल से अधिक के गरीब वृद्धों को दो कंबल।
[१०]बेरोजगारी भत्ते के लिए 1200 करोड़ आवंटित।[११]टैबलेट-लैपटॉप और कन्या विद्याधन योजना जारी रहेगी।[१२]कृषि क्षेत्र के लिए बजट में भारी बढ़ोतरी।

जनता से सीधे संवाद कायम करना तो अब किसी के बस का नहीं रहा इसीलिए ब्यान बाजी का सहारा लिया जाता है


झल्ले दी झल्लियाँ गलां

एक आम नागरिक

ओये झल्लेया ये हसाडे सोणे मुल्क को किस की बुरी नज़र लग गई है जिसे देखो मुह में आग लिए घूम रहा है जहां देखा आग उगल दी जाती है | अभिजित मुखर्जी+शशि थरूर+++कांग्रेसियों के बयानों की आग अभी ठंडी भी नही पड़ी कि अब संघ परिवार भी इस मैदान में कूद पड़ा है|आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत+ एम् पी के नंबर दो के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अपने दिए बयानों को रफ्फू करने में लगे हैं +भाजपा और संघ इन्हें ड्राई क्लीन करके बयानों को नया करने को आगे आई ही थी की मोहन भागवत ने शादी को पति पत्नी के बीच कांट्रेक्ट बता कर फिर से चर्चा छेड़ दी| बड़े मियाँ तो बड़े मियां छोटे मियां भी सुभानल्लाहजी हाँ हिमाचली युवा सांसद अनुराग ठाकुर और महाराष्ट्री मनसे सुप्रीमो राज ठाकरे ने भी अपने लपलपाते मुह खौल दिए हैं| ठाकरे ने तो दिल्ली में चलती बस में हुए सामूहिक दुष्कर्म के लिए दोषियों का राज खोलते हुए सभी बलात्कारियों को बिहारी बता दिया है|ओये ये नेता देश की सेवा को समर्पित हैं या देश को तोड़ने वाले हैं|

जनता से सीधे संवाद कायम करना तो अब किसी के बस का नहीं रहा इसीलिए ब्यान बाजी का सहारा लिया जाता है

झल्ला

भईय्या जी जनता से सीधे संवाद कायम करना तो अब सत्ता या विपक्ष में किसी के बस का नहीं रहा इसीलिए ब्यान बाजी का सहारा लिया जाता है|क्योंकि मीडिया भी अपने नेताओंके भड़काऊ बयानों को नमक मिर्च[चर्चा]लगा कर पेश करने को सदैव आतुर रहता है इसीलिए ये देश तोड़ने वाले ब्यान २४*७ हवा में तैरते रहते हैं|अगर कहीं ज्यादा पंगा हो जाता है तो कांग्रेसियों की तरह बहादुरी से पीछे हट जाते हैं और मीडिया पर ब्यान को तोड़ मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगा कर अपना पल्ला झाड लेते हैं| झल्लेविचारानुसार अभी थोड़ी देर में ही मोहन भागवत +अनुराग ठाकुर और राज ठाकरे के खंडन की बाईट एयर पर आती ही होगी|

सर्वदलीय बैठक में प्रथक तेलंगाना के लिए केंद्र सरकार ने एक माह का समय लिया:भाजपा ने दोहरी नीति बताया

प्रथक तेलंगाना Separate Telangana State

केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज शुक्रवार को आश्वासन दिया कि आंध्र प्रदेश से पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के मुद्दे पर एक महीने के भीतर निर्णय ले लिया जाएगा|भाजपा ने इसे कांग्रेस की दोहरी नीति बताकर इसकी आलोचना की है जबकि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने शनिवार को क्षेत्र में बंद का आह्वान किया है ।
श्री शिन्दे ने कहा कि उन्होंने आंध्र प्रदेश की आठ राजनीतिक पार्टियों के साथ आज बैठक की और सभी का नजरिया जाना । पार्टियों के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि तेलंगाना मुद्दे पर फैसला जल्द से जल्द किया जाएगा ।
६० साल पुराने इस मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय अंतिम बैठक के बाद श्री शिंदे ने संवाददाताओं से कहा कि एक महीने के भीतर कोई निर्णय लिया जाएगा। हमने विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों के पक्ष सुने हैं। हमने उनके विचारों पर गौर किया है और उसके बारे में सरकार को जानकारी देंगे।
आंध्र प्रदेश के लोगों की समस्याओं को देखते हुए शिंदे ने युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि सरकार इस मुद्दे पर निर्णय ले रही है। उधर इस मसले पर सर्वदलीय बैठक के नतीजे से नाखुश तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने शनिवार को इस क्षेत्र में बंद का आह्वान किया है। टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने आज शुक्रवार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक से बाहर निकल केंद्र सरकार द्वारा इस मामले में की जा रही देरी के विरोध में बंद का आह्वान किया।
केसीआर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस तेलंगाना के मुद्दे पर ड्रामा कर रही है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा एक महीने में इस पर निर्णय लिए जाने की बात कहने वाले वक्तव्य का जिक्र करते हुए कहा कि बीते तीन साल में हजारों बार ऐसा कहा जा चुका है|
उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर गंभीर होगी तो वह आज शाम तक इस पर निर्णय ले सकती है। केसीआर ने सर्वदलीय बैठक को व्यर्थ बताया। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां अपने पुराने रुख पर ही अड़ी हैं।
आंध्र प्रदेश के बंटवारे और अलग तेलंगाना राज्य की 60 साल पुरानी मांग है| इसके लिए पिछले संसद सत्र में तेलंगाना के सांसदों नेनारे लगाए और प्ले कार्ड्स दिखाए और मतदान में भी भाग नहीं लिया था| आज सर्वदलीय बैठक के बाद भाजपा ने भी प्रेस कांफ्रेंस करके केंद्र सरकार की नीतिओं की आलोचना की |प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने पत्रकारों को बताया कि तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने यह कहा था कि प्रथक तेलंगाना के लिए प्रतिक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है इस के बाद भी अनेको बैठकें हुई और हर बार कांग्रेस शेष पार्टियों की राय लेने के बाद मुद्दे को टालती रही है और आज भी वोही दोहरी नीति अपना कर मुद्दे को टाल दिया गया है |उन्होंने कहा कि प्रथक तेलगाना क लिए भाजपा पूरी तरह से सपोर्ट करेगी

महा रैली से कोई किलसे या कोई रूठे विपक्षी पार्टियों और विरोधियों को करारा जवाब जरूर देंगें


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी

ये क्या भसूडी डाली जा रही है ये सारी पार्टियों वाले हमारे खिलाफ रैलियां करते नहीं थक रहे हमारे विरुद्ध एक के बाद एक नए आरोप लगाये जा रहे हैं|हसाड़ी जन कल्याण कारी नीतियों की बखिया उधेड़ी जा रही है |अब हमने इस सबका जवाब देने के लिए आज रविवार को दिल्ली में रामलीला मैदान में महारैली का आयोजन क्या कर लिया लाखों समर्थक क्या जुट गए अब ये चैनल वाले ट्रैफिक ही दिखाए जा रहे हैं| नौ सौ रैलियाँ करने वाली बीजेपी ने राजधानी में ही ‘काला दिवस’ मनाने की घोषणा कर दी है|लेकिन हमने भी ठान लिया है कि कोई किलसे या कोई रूठे इस रैली में विपक्षी पार्टियों और विरोधियों को करारा जवाब जरूर देंगें| जब जनता हमारे साथ है तब हम ऐसे ही जन कल्याणकारी नीतियाँ बनाते ही रहेंगे|

SmilingCartoon

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी सबसे पहले तो यही आश्चर्यजनक है कि सरकार को ही रैली निकालनी पड़ रही है| इसमें लाखों समर्थकों को इकट्ठा करना पड़ रहा है|इस से पहले ट्रैफिक को सुचारू कर लेते तो अच्छा होता|वैसे आप जी ने टाईमिंग बहुत अच्छी चुनी है|हिमाचल प्रदेश के आज हो रहे चुनावों में रैली की सफलता की खबर को जंगल की आग की तरह अगर फैला दिया तो एक बड़ा तबका आपकी पार्टी की तरफ मोहित हो सकता है|इसके अलावा रैली में ऍफ़ डी आई का समर्थन करके, अमेरिका के होने वाले चुनावों में, डेमोक्रेट्स का भी हौंसला बढाने के पूरे इंतज़ाम हैं|
इस सब के बावजूद एक झल्ली भविष्य वाणी है कि ये जो आपने रसोई गैस एल पी जी का खटराग मचाया हुआ है उसकी बदबू २०१४ तक कायम रहेगी |