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अखिलेश ने मुलायम के बगैर ही यश भारती सम्मान से 73 हस्तियों को नवाजा

[उत्तर प्रदेश.लखनऊ ]अखिलेश ने मुलायम के बगैर ही यश भारती सम्मान से 73 हस्तियों को नवाजा|इस बढे आयोजन में मुलायम सिंह यादव की अनुपस्थिति से परिवार और पार्टी का विवाद गहराता दिखाई दिया |
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साहित्य, समाजसेवा, चिकित्सा, फिल्म, विज्ञान, पत्रकारिता, हस्तशिल्प, संस्कृति, शिक्षण, संगीत, नाटक, खेल, उद्योग और ज्योतिष क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान करने वाली 73 हस्तियों को आज यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया लेकिन इस आयोजन में उनके पिता और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव अनुपस्थित रहे|
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि यह पुरस्कार उनके पिता सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने 1994-95 में शुरू किया था। पिछली सरकार [बसपा सरकार] ने यश भारती सहित सभी पुरस्कारों और सम्मानों पर रोक लगा दी थी, जिसे सपा सरकार ने फिर से शुरू किया।
पुरस्कार पाने वाले नामचीन लोगों में
बेगम हमीदा हबीबुल्लाह [समाजसेवा],
बशीर बद्र [उर्दू शायर]
संतोष आनंद [फिल्म गीतकार]
केवल कुमार [संगीत निर्देशक]
नसीरूददीन शाह [अभिनय]
पंडित विश्वनाथ [शास्त्रीय संगीत]
सौरभ शुक्ला [अभिनय, लेखन],
मोहम्मद असलम वारसी [कव्वाली]
पीयूष चावला [क्रिकेट]
साबरी बंधु [कव्वाली]शामिल हैं।
पुरस्कार के रूप में 11 लाख रूपये का चेक, शाल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

अखिलेश ने चाचा के खासुलखास गायत्री प्रजापति को “मलाईदार”परिवहन महकमे में एडजस्ट किया

[लखनउ,यूपी]अखिलेश ने चाचा के खासुलखास गायत्री प्रजापति को “मलाईदार”परिवहन महकमे में एडजस्ट किया
उप्र सरकार के नये मंत्रियों को आज विभाग बाँट दिए गए
हाल में भ्रष्टाचार के आरोप में बख्रास्तगी के बाद मंत्रिमण्डल में फिर से शामिल किये गये तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को परिवहन महकमे की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
राजभवन की ओर से यहां जारी एक बयान के अनुसार राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर मंत्रियों को विभागवार कार्य आवंटित कर दिया है। अखिलेश मंत्रिमण्डल का विस्तार गत 26 सितम्बर को किया गया था।
राज्यपाल ने
गायत्री प्रजापति को परिवहन विभाग,
मनोज कुमार पाण्डेय को इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग,
शिवाकांत ओझा को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग,
जियाउद्दीन रिज़वी को पशुधन विभाग तथा
कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रोन्नत किये गये पूर्व में परिवहन राज्यमंत्री :स्वतंत्र प्रभार: यासर शाह को कर एवं निबंधन (व्यापार कर) विभाग का जिम्मा सौंपा है।
इसके अलावा काबीना मंत्री बनाये गये स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्रियों
रियाज अहमद और रविदास को उनके पुराने विभागों क्रमश: मत्स्य एवं सार्वजनिक उद्यम तथा परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग की ही जिम्मेदारी दी गयी है।
पूर्व में समाज कल्याण राज्यमंत्री रहे
नरेन्द्र वर्मा को गन्ना विकास एवं चीनी मिल विभाग, पूर्व में स्वास्थ्य राज्यमंत्री रहे
शंखलाल मांझी को समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण एवं सैनिक कल्याण विभाग तथा व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के राज्यमंत्री रहे
अभिषेक मिश्रा को इसी महकमे के काबीना मंत्री का पद सौंपा गया है।

अखिलेश यादव अपनी परिपक्वता बरक़रार नहीं रख पाए,प्रजापति को वापिस किया मंत्री पद :कुल मंत्री ६०

लखनऊ,यूपी] अखिलेश यादव अपनी परिपक्वता की छवि को बरक़रार नहीं रख पाए ,दागी गायत्री प्रजापति को वापिस किया मंत्री पद |अब मंत्रिमंडल में ३२ कैबिनेट मिनिस्टर+९ राज्य मंत्री[स्वतंत्र प्रभार]+१९ राज्य मंत्री हैं |
आठवें विस्तार में मनोज ब्राह्मण चेहरों के रूप में पांडेय , शिवकांत ओझा को शामिल क्या गया जबकि मुस्लिम ज़ियाउद्दीन रिज़वी को भी मंत्री पद की शपथ ग्रहण कराई गई |गौरतलब हे के गायत्री प्रजापति को दो सप्ताह पूर्व ही खनन मंत्रालय से बर्खास्त किया गया था
उत्तर प्रदेश के सीएम् अखिलेश यादव ने मंत्री मंडल का विस्तार किया |इसमें उन्होंने स्वयम द्वार घोषित दागी गायत्री प्रजापति को वापिस मंत्रीमंडल में शामिल कर लिया |छह राज्य मंत्रियों की भी कैबिनेट मंत्री पद पर पदोन्नति की गई है |गवर्नर नाम नाईक ने सभी को शपथ ग्रहण कराई |

अखिलेश जी!पंचायती राज विभाग के साथ ही जिला पंचायत बैठकों की भी समीक्षा कर लेते

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

सपाई चेयर लीडर

ओऐ झल्लेया! तुम पत्रकार लोग हमारे परिवार में झगड़ा ढूंढते रहो लेकिन हसाड़े मुख्य मंत्री अखिलेश यादव जी लगातार जनसेवा में लगे हुए हैं |ओऐ अखिलेश जी ने जिला पंचायतों को गति प्रदान करने के लिए पंचायती राज विभाग की समीक्षा कर डाली है और जिलाधिकारियों को निर्देश भी दे दिए हैं के सब जगह से अवैध बेरियर तत्काल हटा लिए जाएँ

पंचायत के लिए किराये पर मंगाए गए सोफे कुर्सियां खाली रह जाती है

पंचायत के लिए किराये पर मंगाए गए सोफे कुर्सियां खाली रह जाती है

झल्ला

पहलवान जी! वाकई इन अवैध बैरियरों के हट जाने से इधर का मॉल उधर ले जाने में [माल ढुलाई]आसानी हो जाएगी लेकिन मेरठ जैसे महत्वपूर्ण जिलों में पंचायत का कोरम ही पूरा नही हो रहा|जिला पंचायत की मीटिंग कोरम पूरा नहीं होने से केंसिल हो रही है इसीलिए झल्लेविचारानुसार ,अखिलेश जी!पंचायती राज विभाग के साथ ही जिला पंचायत बैठकों की भी समीक्षा कर लेते| किराये पर मंगाए गए सोफे कुर्सियां खाली रह जाती है

चाचा भतीजे की नूरा कुश्ती से मुलायम की पीएम बनने की संभावनाओं पर ब्रेक लगा

[लखनऊ,यूपी]चाचा भतीजे की नूरा कुश्ती से मुलायम की पीएम बनने की संभावनाओं पर ब्रेक लगा|यह स्वयम मुलायम सिंह यादव ने कहा है मुलायम के अनुसार यदि अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल की सुनी होती तो वोह[मुलायम] आज पीएम होते
यूपी में समाजवादी पार्टी के ओजोन लेयर में उनके अपने नेताओं द्वारा पैदा किये गए छेद को अब उनके अपने समर्थक ही बढ़ाने में लग गए हैं
पार्टी कार्यकर्ताओं के असन्तोष को देखते हुए मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने फ़िलहाल ‘समाजवादी विकास रथयात्रा’ स्थगितकर दी है|
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगामी तीन अक्तूबर को शुरू होने वाली अपनी ‘समाजवादी विकास रथयात्रा’ को फिलहाल स्थगित कर दिया है।इसके साथ ही मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश के राजनितिक बचपने पर हमला बोलते हुए कहा हे के इसके कारन अब उनका पीएम् बनने की संभावना खतरे में पढ़ गई है
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा कि उन्होंने अपने कार्यक्रम में तब्दीली कर दी है। अब वह चार अक्तूबर को कानपुर में मेट्रो रेल परियोजना का शिलान्यास करेंगे।
उन्होंने यात्रा की नयी तारीख के बारे में पूछे जाने पर मजाकिया लहजे में कहा ‘‘अब समय और तौर-तरीके बदल गये हैं। अब हम [ज्योतिषि से] पूछपाछ कर तय करेंगे।’’
मालूम हो कि अखिलेश यादव ने गत 14 सितम्बर को तीन अक्तूबर से समाजवादी विकास रथ यात्रा पर निकलने का एलान किया था।
यात्रा का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया गया था। यात्रा के जरिए अखिलेश को अपनी सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यो से जनता को अवगत कराना था।
लेकिन चाचा भतीजे की नूरा कुश्ती से यह फ़िलहाल लटक गया है |इसके इतर मीडिया में विज्ञापनों के माध्यम से विकास के ढोल जरूर बजाये जा रहे हैं |
मुख्य मंत्री अखिलेश ने अपनी तरफ से अपने चाचा को सम्मान देने के लिए उनके निवास पर जा कर प्रदेशाध्यक्ष बनने पर मुबारकबाद दी लेकिन उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी’ कुनबे में मचा घमासान अब सड़कों पर दिखाई देने लगा है |
परिवार में तल्खी की धुरी बने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा काबीना मंत्री शिवपाल यादव के समर्थकों ने परस्पर बगावत का सुर फूंकते हुए पार्टी मुख्यालय पर पहुंचकर अपने-अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी तक की है ।
लगातार बदलते घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश ने अपने समर्थकों से कहा कि वह शिवपाल को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाने के नेताजी [मुलायम सिंह यादव] के निर्णय के खिलाफ अपना आंदोलन बंद करें और चुनाव की तैयारियों में जुटें।
सपा के चारों युवा संगठनों सपा छात्रसभा+लोहिया वाहिनी+युवजन सभा +यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने सपा मुख्यालय के सामने शिवपाल को हटाकर अखिलेश को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर वापस लाने की मांग करते हुए नारेबाजी की।
इस बीच, शिवपाल के समर्थकों ने भी पार्टी मुख्यालय पर पहुंचकर उनके पक्ष में नारेबाजी की। हालात के मद्देनजर सपा मुखिया ने शिवपाल से मुलाकात और अखिलेश से टेलीफोन पर बात की। इसके अलावा अखिलेश भी शिवपाल के घर पहुंचे।
नाराज अखिलेश समर्थकों ने सपा मुखिया के खिलाफ भी नारेबाजी की। इस दौरान, कार्यकर्ताओं के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। करीब तीन घंटे तक सपा राज्य मुख्यालय से लेकर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के आवास के सामने सड़क पर परस्पर विरोधी समर्थकों का कब्जा रहा। इस दौरान पुलिस को उन्हें सम्भालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
सपा मुख्यालय के सामने से हटाये जाने के बाद बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री अखिलेश के समर्थक उनके सरकारी आवास पर पहुंच गये। मुख्यमंत्री ने उन्हें अंदर बुलाकर कहा कि शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाना नेताजी का फैसला है। इसके खिलाफ यह आंदोलन खत्म होना चाहिये। पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष ना होने से कोई बहुत फर्क नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि वह उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन पार्टी में एकता बनाये रखना पहली प्राथमिकता होनी चाहिये। उम्मीद है कि नौजवान इन बातों को समझेंगे और वह पार्टी की यात्रा के साथ प्रदेश में एक बार फिर समाजवादी सरकार बनाएगा।
एक दूसरे घटनाक्रम में मुलायम सिंह यादव ने कहा है के अगर अखिलेश ने शिवपाल की सुनी होती तो आज वोह[मुलायम]पीएम् होते|
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा कल आगे आकर पार्टी में कोई मतभेद ना होने का दावा किये जाने और मुख्यमंत्री के कल रात शिवपाल से छीने गये सभी विभाग वापस करने के बाद ऐसा लगा था कि पार्टी में उभरे मतभेद फिलहाल समाप्त हो गये हैं, लेकिन दोनों धड़ों के समर्थकों के आज सड़कों पर उतरने से साफ हो गया है कि तल्खी का दौर नया मोड़ ले चुका है।
अखिलेश ने शिव पाल और उनके के करीबी गायत्री प्रसाद को मंत्रालय लौटने की भी घोषणा कर दी है

माया ने मुलायम को पुत्र मोह त्याग कर राजनीती से सन्यास लेने का उपदेश दिया

MAYAVATI[लखनऊ,यूपी]माया ने मुलायम को पुत्र मोह त्याग कर राजनीती से सन्यास लेने का उपदेश दिया
बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती ने कहा के पुत्र मोह छोड़कर राजनीति से सन्यास ले लें मुलायम
बहुजन समाज पार्टी [बसपा]अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में अपनी प्रतिद्विन्दी सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी [सपा] में जारी तनातनी को ‘ड्रामेबाजी’ बताते हुए आज कहा कि अगर इसमें सचाई है तो जनता के व्यापक हित में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को पुत्रमोह त्याग कर सक्रिय राजनीति से तुरन्त सन्यास ले लेना चाहिये।
मायावती ने बसपा राज्य मुख्यालय पर वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में कहा ‘सपा के परिवार के दर्जनों लोग किसी-ना-किसी रूप में राजनीति में शामिल हैं और उन सबके अपने-अपने स्वार्थ हैं।
ऐसे में सपा परिवार की आपसी घमासान, कलह तथा गम्भीर विवादों की समय-समय पर आने वाली खबरें चुनाव के समय जनता का ध्यान बाँटने के लिये ड्रामेबाजी के रूप में होती हैं|
उन्होंने कहा ‘‘फिर भी अगर इसमें सचाई है तो प्रदेश की जनता के व्यापक हित में सपा परिवार के मुखिया मुलायम सिंह यादव को पुत्रमोह त्याग कर सक्रिय राजनीति से तुरन्त सन्यास ले लेना चाहिये।’’
मालूम हो कि विगत कुछ महीनों से गम्भीर मतभेदों से दो-चार मुलायम परिवार का झगड़ा गत 13 सितम्बर को उस समय बढ़ गया था, जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटा दिया था। सिंघल अखिलेश के चाचा कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव के करीबी समझे जाते हैं।
जैसे को तैसा की तर्ज पर मुलायम ने बेटे अखिलेश से प्रदेश सपा अध्यक्ष का पद छीनकर शिवपाल को दे दिया, लेकिन कुछ ही घंटों में मुख्यमंत्री अखिलेश ने शिवपाल से लोक निर्माण, सिंचाई और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग ले लिये थे।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने आज स्वीकार किया कि अखिलेश को बताये बगैर प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाना पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की गलती थी|अखिलेश को हटाने के बजाय त्याग पत्र लेना चाहिए था

सपा चुनावों से पहले ही अपनी रीड शिवपाल यादव की छवि सुधारने में जुटी

[सैफई,यूपी]सपा चुनावों से पहले ही अपनी रीड शिवपाल यादव की छवि सुधारने में जुटी
शिव पाल से दागी वापिस लेकर उन्हें यूपी का प्राभारी बनाया गया है
इस पर मुख्य मंत्री के चाचा शिव पाल ने कहा हे के भाई मुलायम सिंह यादव के फैसले का पालन करूंगा :
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव से कई मंत्रालयों का प्रभार ले लिया गया है ये सभी मंत्रालय महत्वपूर्ण होने के साथ मलाईदार मंत्रालय भी कहे जाते हैं |सम्भवत इसीलिए इनके कारण पार्टी और शिवपाल की छवि पर दाग लगने स्वाभाविक हैं |इससे पूर्व एक दागी नेता के दल के विलय को लेकर भी चाचा भतीजा सामने आ चुके हैं जिससे भतीजे मुख्य मंत्री की छवि तो सुधरी लेकिन चाचा शिव पाल की किरकिरी हो चुकी है |चुनावों में ऐसे छवि लेकर उतारना घातक सिद्ध हो सकता है|सम्भवत इसीलिए छवि सुधार कार्यक्रम के अंतर्गत परिवार की लड़ाई पार्टी में दिखाई देने लगी है | इसीलिए अब पार्टी की रीड शिव पाल की छवि सुधारने के लिए मुलायम सिंह यादव ने कमान अपने हाथ में ले ली है जिसके फलस्वरूप शिव पाल के सुर भी बिगड़े नहीं हैं
प्रदेश कैबिनेट से इस्तीफा देने की अटकलों के बीच शिवपाल ने आज कहा कि विभाग देना या लेना मुख्यमंत्री का अधिकार होता है और वह मुलायम सिंह यादव के फैसले का पालन करेंगे।
शिवपाल के इस्तीफे संबंधी अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘पोर्टफोलियो देना :या लेना: और अधिकारियों को हटाना और अपने सलाहकारों को रखना मुख्यमंत्री का अधिकार है। मैं नेताजी के निर्देश का पालन करूंगा और उनके द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को पूरा करूंगा।’’ यह पूछे जाने पर कि वह आगे क्या करेंगे, शिवपाल ने कहा, ‘‘मैं नेताजी से बात करूंगा। राज्य के लोगों को नेताजी और समाजवादी पार्टी पर पूरा भरोसा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं लखनउ जाउंगा और :पार्टी कार्यकर्ताओं से: बातचीत करूंगा। हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे ’’ शिवपाल के इस्तीफे देने की अटकलों के बीच उनके हजारों समर्थक उनके प्रति एकजुटता दिखाने के लिए सैफई में उनके आवास और पीडब्ल्यूडी अतिथिगृह के बाहर एकत्र हुए।
अखिलेश यादव को कल पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और शिवपाल को उनकी जगह यह प्रभार सौंपा गया था जिसके कुछ ही घंटों बाद मुख्यमंत्री ने अपने चाचा से कल अहम मंत्रालय छीन लिए थे

अखिलेश ने दीपक सिंघल को बिना कारण बताये मुख्य सचिव पद से हटा कर रिज़र्व में रखा

[लखनऊ,यूपी]दीपक सिंघल को बिना कारण बताये मुख्य सचिव पद से हटा कर रिज़र्व में रखा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने दूरदृष्टा मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटा दिया।
सिंघल ने दो महीने पहले ही मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण किया था।
इस दौरान उन्होंने अनेको सुधारात्मक निर्णय लिए थे |
फिलहाल सिंघल को हटाकर प्रतीक्षारत रखा गया है।
सिंघलके जूनियर राहुल भटनागर [ प्रमुख सचिव [वित्त]को नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है।
भटनागर 1983 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के अधिकारी हैं। सिंघल 1982 बैच के अधिकारी हैं।
सिंघल ने सात जुलाई को मुख्य सचिव का पद संभाला था। उनसे पहले आलोक रंजन मुख्य सचिव थे, जो 30 जून को सेवानिवृत्त हो गये।
सिंघल को हटाने की कोई वजह नहीं सामने आयी है। हालांकि सपा के कुछ नेताओं का मानना है कि मुख्यमंत्री शायद सिंघल से खुश नहीं थे क्योंकि वह सपा के राज्यसभा सदस्य अमर सिंह द्वारा दिल्ली में दिये गये रात्रिभोज में शामिल हुए थे जबकि खुद मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में नहीं गये थे।
पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और कुछ अन्य पार्टी नेता रात्रिभोज में शामिल हुए थे।
सिंघल को अखिलेश के चाचा कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव का करीबी समझा जाता है।
सिंघल मुख्य सचिव बनने से पहले प्रमुख सचिव [सिंचाई] थे।
सिंचाई विभाग शिवपाल के ही पास है।

अखिलेश जी!ठाकुर+चौधरी को मंत्री पद देने से क्या खनन और सरकारी जमीनों पर कब्जे रुक जायेंगे?

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झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

सपाई चेयर लीडर

ओऐ झल्लेया मुबारकां!हसाड़े कर्मठ युवा मुख्य मंत्री अखिलेश यादव जी ने अपने मंत्रालय की सफाई शुरू कर दी है|
खासुलखास खनन मंत्री गायत्री प्रासाद प्रजापति और पंचायत राज मंत्री राजकिशोर सिंह जैसे कद्दावर मंत्रियों को भ्र्ष्टाचार के आरोप लगते ही मंत्रालय से बाहर का रास्ता दिखा दिया |
मूल चन्द चौहान और राम गोविन्द चौधरी को इनके मंत्रालय दे दिए गए हैं

झल्ला

ओ मेरे चतुर पहलवान जी !ठाकुर और चौधरी को मंत्री पद देने से क्या खनन और जमीनों पर कब्जे रुक जायेंगे ?/?

अखिलेश के स्मार्टफोन के तुरुप के पत्ते की काट के लिए राहुल ने पहले ही खाट बंटवा दी

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झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

भाजपाई चेयर लीडर

ओऐ झल्लेया ये कांग्रेसी युवराज राहुलगाँधी देवरिया में हसाड़ी खाट खडी करने आये थे उलटे पहले से खडी उनकी अपनी ही खाट लूट गई |ओऐ ! मानता है न के कांग्रेसियों का वजूद यूपी में दफन हो चूका है|
चुनावों में अब तो भाजपा ने ही बाजी मारनी है|

झल्ला

ओ मेरे भोले+चतुर सेठ जी !चश्मा उल्टा करो और गौर से देखो के सपाई युवराज अखिलेश यादव ने लैपटॉप बांटे और यूपी के राजा बन गए अब उन्होंने महाराजा बनने के लिए स्मार्टफोन देने की घोषणा कर डाली है |इसी तुरुप के पत्ते की समय रहते काट के लिए राहुल गाँधी ने खांट बाँट कर दिखा दिया के बांटने के लिए उनके झोले में भी बहुत कुछ हैं इसीलिए अखिलेश के स्मार्टफोन के तुरुप के पत्ते की काट के लिए राहुल ने पहले ही खाट बंटवा दी