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Tag: MinistryOfExternalAffairs

सुजाता सिंह का कंडीशनल रेजिग्नेशन केवल सियासी हंगामा बरपा करना ही रहा होगा


झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये भाजपाइयों की तो डिक्टेटरशिप ने नाक में दम कर दिया |ओये प्रभावी+इंटेलिजेंट+कर्मठ सुजाता सिंह को इन भाजपाइयों ने विदेश सचिव के पद से ऐसे हटा दिया मानों दूध में से मक्खी निकाल रहे हों| लेकिन सुजाता सिंह ने भी चैनल पर क्लीयर कर दिया है कि उनकी वॉलंटियर रिटायरमेंट की चिट्ठी में लिखे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का नाम हटाने की रखी गई पी एम ओ की शर्त को मानने से इंकार करने पर उन्हें इंसल्टिंग वे में हटाया गया है|

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी ये तो आप को और आपकी सुजाता सिंह को मालूम ही होगा कि कंडीशनल रेजिग्नेशन [और वोह भी एक्सटेंशन की बैसाखी पर चलने वाले]को स्वीकार नहीं किया जाता|इसीलिए प्रधान मंत्री के नाम का उल्लेख तो केवल हंगामा बरपा करना ही रहा होगा |

विदेश मंत्रालय अब देश भर में शिविर लगा कर पासपोर्ट सेवा मुहैय्या करवाएगा

[नई दिल्ली]विदेश मंत्रालय अब देश भर में शिविर लगा कर पासपोर्ट सेवा मुहैय्या करवाएगा भारत सरकार पास पोर्ट के लिए आपके द्वार जीहां विदेश मंत्रालय ने आज यह घोषणा की है कि विदेश मंत्रालय द्वारा देश भर में पासपोर्ट सेवा शिविर कार्यक्रम शुरू होंगें |
विदेश मंत्रालय देशव्‍यापी पासपोर्ट सेवा शिविर कार्यक्रम का शुभारंभ करने जा रहा है।
भारत सरकार की विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्‍वराज ने देशव्‍यापी पासपोर्ट सेवा शिविर कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है,
इसका आगाज 18 अक्‍टूबर, 2014 को किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य पासपोर्ट सेवा केंद्रों (पीएसके) से काफी दूर निवास करने वाले लोगों को पासपोर्ट सेवाएं सुलभ कराना है। यह विदेश मंत्रालय की ओर से लोगों को उनके घरों के करीब ही सेवाएं मुहैया कराने का एक और नागरिक अनुकूल कदम है।
मौजूदा समय में भारत के अंदर जो पासपोर्ट सेवा नेटवर्क है, उसमें
37 पासपोर्ट कार्यालय,
विदेश मंत्रालय का मुख्‍यालय (सीपीवी डिवीजन) और
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह का प्रशासन शामिल है।
पासपोर्ट कार्यालयों की विस्‍तृत शाखाओं के तौर पर
77 पीएसके के चालू हो जाने के साथ ही इस नेटवर्क का काफी विस्‍तारीकरण हो गया है। विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए पासपोर्ट एवं अन्‍य संबंधित दस्‍तावेजों को जारी करने का काम
183 भारतीय दूतावासों द्वारा किया जाता है।
नई आधुनिक प्रणाली के तहत नागरिक पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन करते हैं, भुगतान करते हैं और पासपोर्ट आवेदनों के संबंध में अपनी फोटो और अन्‍य पहचान पत्र इत्‍यादि सुलभ कराने के लिए व्‍यक्‍तिगत तौर पर संबंधित पीएसके आने की निर्धारित तिथि के बारे में पूछते हैं। इन शिविरों में पासपोर्ट आवेदनों को स्‍वीकार करने की ठीक वही प्रक्रिया होगी जो पीएसके में अपनाई जाती है।
अक्‍टूबर माह के दौरान आगरा+इलाहाबाद+कुड्डालोर+दमन+इंदौर+जमशेदपुर+कारवार+करीमनगर+लक्षद्वीप+सिलिगुड़ी + वारंगल आदि में पासपोर्ट सेवा शिविर खोलने की योजना है।

भारत और पाकिस्तान को कश्मीरी अलगाववादियों ने एक बार फिर अलग किया: वार्ता स्थगित

भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप को लेकर पाकिस्तान के साथ प्रस्तावित वार्ता स्थगित कर दी गई है|पाकिस्तान ने इसे दुर्भाग्य पूर्ण बताया है|पाकिस्तानी सेनाओं दवारा सीमाओं पर सीज फायर का लगातार उल्लंघन किये जाने के बावजूद रिश्ते सुधारने के लिए सचिव स्तर की वार्ता पर सहमति बन गई थी जिसके लिए भारत की विदेश सचिव सुजाता सिंह 25 अगस्त को इस्लामाबाद जाने वाली थी लेकिन अब नहीं जाएंगी। भारत सरकार ने कड़ा निर्णय लेते हुए यह कदम वापिस लिया है बताया जा रहा है कि पाकिस्तान उच्चायुक्त ने कथित कश्मीर के अलगाव वादी नेताओं से मुलाकात का अपना निर्णय नहीं बदला |
यह विवादित मुलाकात आज दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग में हुई |इसीके फलस्वरूप पाकिस्तान के उच्चायुक्त से कहा गया है कि भारत के अंदरूनी मामलों में पाकिस्तान का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं है । बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में अंदरूनी हालत विस्फोटक स्थिति में पहुंचे हुए हैं जिस कारण यह कूटनीति खेली गई है
भारत के इस निर्णय पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है कि पूर्व में भी हमेशा भारत से वार्ता से पूर्व कश्मीरी नेताओं से बात की जाती रही है इसीलिए भारत सरकार का यह निर्णय एक सेट बैक है |भारतीय विदेश सचिव के अनुसार पाकिस्तान कि यह हरकत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए रचनात्मक कूटनीतिक संपर्क को नजरअंदाज करना है |उधर सीमाओं पर लगातार पाकिस्तान द्वारा संघषर्विराम का उल्लंघन किया जा रहा है बीती रात भी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जम्मू सेक्टर में 20 सीमा चौकियां+ नागरिक इलाकों पर मोर्टार बम दागे गए |अत्याधुनिक हथियारों से गोलीबारी की गई |इसमें एक ग्रामीण के घायल होने का समाचार है
रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने भारतीय सेनाओ की हौंसला अफजाई के लिए अमृतसर जिले में पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगते डेरा बाबा नानक इलाके की अग्रिम चौकियों का दौरा किया।

भारत सरकार ने स्वीकारा ,अमेरिका की “पेशेवर” वीजा नीति भारत सापेक्ष नहीं हैं

केंद्र सरकार ने आज यह स्वीकार किया कि बेशक वीजा नीति तथा प्रक्रियाएं मेजबान देश के विशेष अधिकार हैं लेकिन अमरीकी पेशेवर वीजा सम्बन्धी अमरीकी नीतियां भारत सापेक्ष नहीं हैं। इसीलिए व्‍यवसायियों +व्‍यापारी वर्ग को कठिनाई आती है |इस विषय में समय समय पर उचित माध्यम द्वारा मुद्दे को उठाया जाता है |
विदेश राज्‍य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्‍त) वी.के.सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में बताया कि अमरीकी वीजा प्राप्‍त करने में भारतीय व्‍यवसायियों के सामने आने वाली प्रक्रिया संबंधी कठिनाइयों तथा वीजा शुल्‍क में वृद्धि जैसी समस्‍याओं की जानकारी है। सरकार यह भी स्‍वीकार करती है कि वीजा नीति तथा प्रक्रियाएं मेजबान देश के विशेष अधिकार हैं तथा वीजा से संबंधित अमरीकी नीतियां भारत सापेक्ष नहीं हैं।
फिर भी व्‍यवसायियों +व्‍यापारी यात्रियों की सीमापार आवाजाही की सुविधा का व्‍यापारिक पहलु भी है। इसलिए सरकार भारतीय कंपनियों द्वारा अपने व्‍यवसायियों के लिए उपयुक्‍त वीजा प्राप्‍त करने में आने वाली कठिनाइयों के संबंध में भारत सरकार की चिंताओं को उठाने के लिए व्‍यापार से संबंधित बैठकों सहित अन्‍य बैठकों के दौरान भी प्रत्‍येक अवसर का उपयोग करती है।
श्री सिंह ने बताया कि सरकार द्वारा अमरीकी अधिकारियों के साथ विभिन्‍न बैठकों में उठाई गई चिंताओं के जवाब में अमरीकी अधिकारियों ने यह उल्‍लेख किया है कि
वित्‍तीय वर्ष 2011 तथा 2012 में भारत अमरीकी एच 1बी वीजा का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है।
वित्‍तीय वर्ष 2012 में विश्‍व स्‍तर पर अमरीकी सरकार द्वारा अनुमोदित कुल एच 1बी याचिकाओं में से लगभग 64 % उन आवेदकों से संबंधित थीं, जिनका जन्‍म स्‍थान भारत था।
यह वित्‍तीय वर्ष 2011 की अपेक्षा लगभग 58 %की वृद्धि दर्शाता है।
निरपेक्ष रूप से वित्‍तीय वर्ष 2011 में पूरे विश्‍व में 269563 एच 1बी याचिकाएं अनुमोदित की गई थीं
जिनमें से 156317 भारत से थीं।
वित्‍तीय वर्ष 2012 में अनुमोदित 262569 एच 1बी याचिकाओं में से
168367 भारत से थीं।
चूंकि व्‍यवसायियों के लिए वीजा प्राप्‍त करने की प्रक्रिया के संबंध में भारतीय फर्मों में काफी चिंताएं हैं, इसलिए भारत सरकार अमरीकी पक्ष के समक्ष इन चिंताओं को प्रदर्शित करती रहती है।

गाजा पट्टी पर वोट बैंक की फ्लाइट को लैंड करने की कांग्रेसी उड़ान को सुषमा स्वराज ने राज्य सभा में रोका

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये भाजपाई सरकार ने राज्य सभा को मखौल बना कर रख छोड़ा है|देख तो इजराइल के हमलों से लहू लुहान पश्चिम एशिया की मशहूर+मारूफ गाजा पट्टी+फिलिस्तीन पर चर्चा कराने को लेकर इनके अपने मंत्रियों में ही एका नहीं दिख रहा | प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ब्राज़ील के ब्रिक्स सम्मलेन में अफगानिस्तान से अफ्रिका में फैली अशांति पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं और यहाँ अपने देश में उनके अपने विदेश मामलों की मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने राज्य सभा में चर्चा कराने से ही इंकार कर दिया जबकि बुधवार को इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा निर्धारित थी |ओये अब क्या आगे से ऐसे ही चलेगी राज्य सभा ?पहले चर्चा के लिए समय देंगे फिर मुकर जायेंगे ?

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी आपकी कांग्रेस और सहयोगी लेफ्टिस्ट लोग अपने वोट बैंक की फ्लाइट को मुस्लिम छेत्र की गाजा पट्टी पर लैंड कराना चाह रहे हैं और आपकी इस उत्साहित उड़ान के लिए संसदीय मामलों के मंत्री ने गलती से निशुल्क ऐ टी ऍफ़ ATF दे दिया |अब इस गलती को दुरूस्त करने के लिए विदेश मामलों की मंत्री ने क्लियरेंस नहीं दी तो क्यूँ आप लोग इसका पहाड़ बना कर देश का समय और धन बर्बाद कर रहे हो ?

भारत के पासपोर्ट विभाग में क्लर्क से लेकर पासपोर्ट अफसर स्तर के एक चौथाई से ज्यादा पद रिक्त हैं

भारतीय विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट विभाग में क्लर्क से लेकर पासपोर्ट अफसर स्तर के एक चौथाई से ज्यादा पद रिक्त हैं
विदेश मामलों के मंत्रालय के पास पोर्ट कार्यालय में क्लर्क से लेकर पासपोर्ट अफसर स्तर तक के लिए अधिकृत २६९७ पदों में से ७४५ पद रिक्त हैं| इन रिक्तियों का विवरण निम्न है :
पद Post===================रिक्ति No. of vacancies====
[1]Passport Officer=========4
[2]Deputy Passport Officer===11
[3]Assistant Passport Officer==76
[4]Passport Granting Officer==50
[5]Assistant===============208
[6]UDC===================316
[7]UDC (Hindi)===============04
[8]LDC=====================57
[9]Stenographer=============09
[10]Hindi Translator==========10
Total==============================745
यह जानकारी मिनिस्ट्री ऑफ़ एक्सटर्नल अफेयर्स के राज्य मंत्री रिटायर्ड जनरल वी के सिंह ने लोक सभा में दी उन्होंने बताया कि इन रिक्तियों को भरने के लिए प्रयास जारी हैं उन्होंने बताय कि ४५० डाटा एंट्री ऑपरेटर्स रखे गए हैं
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कैलाश मानसरोवर की दुर्गम यात्रा के माध्यम से चीन के साथ सम्बन्ध प्रगाढ़ बनाये जा सकते हैं

पवित्र कैलाश मानसरोवर की दुर्गम यात्रा के माध्यम से चीन के साथ सम्बन्ध प्रगाढ़ बनाये जा सकते हैं| यह विचार आज विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्‍वराज ने व्यक्त किये ,अवसर था कैलाश मानसरोवर 2014 यात्रा के पहले जत्‍थे को रवाना करने का|
विदेश मामलों और प्रवासी भारतीय मामलों की मंत्री श्रीमती सुषमा स्‍वराज ने रवानगी की औपचारिकता के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा 2014 पर जाने वाले यात्रियों के पहले जत्‍थे को झंडी दिखा कर रवाना किया|इस अवसर पर श्रीमती सुषमा स्वराज ने अपने सम्बोधन में यह घोषण भी की कि आगामी वर्ष से चीन के हिस्से वाला मार्ग खुलवाने के लिए चीन की सरकार से बात की जाएगी|उन्होंने बताया कि कैलाश मानसरोवर की यह पवित्र यात्रा सबसे दुर्गमं यात्रा है यहां सड़क भी नहीं हैं|बच्चे बूढ़ों और जवान सभी को ट्रैकिंग करके जाना पड़ता है लेकिन चीन के हिस्से वाले नथुला पास के आगे मोटर के आवागमन के लायक सड़क बनी हुई है| यदि यह मार्ग इस यात्रा के लिए खुल जाता है तो यात्रियों को सुविधा मिलेगी |चूँकि इस यात्रा में चीन की सरकार की सहायता भी जरुरी होती है| इसीलिए भारत सरकार ने यात्रा की व्यवस्था को अपने हाथों में लिया है | आगामी वर्ष तक इस दुर्गम यात्रा को सुगम बनाने के लिए चीन के साथ बातचीत का प्रयास किया जाएगा|
इससे ना केवल यात्रियों को सुविधा होगी वरन चीन के साथ हमारे सम्बन्ध भी सुधरेंगे
फोटो कैप्शन
Smt. Sushma Swaraj the Union Minister for External Affairs,

श्रीमती सुषमा स्‍वराज ने कैलाश मानसरोवर यात्रा 2014 पहले जत्‍थे को रवाना किया

श्रीमती सुषमा स्‍वराज ने कैलाश मानसरोवर यात्रा 2014 पहले जत्‍थे को रवाना किया
विदेश मामलों और प्रवासी भारतीय मामलों की मंत्री श्रीमती सुषमा स्‍वराज ने रवानगी की औपचारिकता के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा 2014 पर जाने वाले यात्रियों के पहले जत्‍थे को झंडी दिखा कर रवाना किया|इस अवसर पर श्रीमती सुषमा स्वराज ने अपने सम्बोधन में यह घोषण भी की कि आगामी वर्ष से चीन के हिस्से वाला मार्ग खुलवाने के लिए चीन की सरकार से बात की जाएगी|उन्होंने बताया कि कैलाश मानसरोवर की यह पवित्र यात्रा सबसे दुर्गमं यात्रा है यहां सड़क भी नहीं हैंट्रैकिंग करके जाना पड़ता है लेकिन चीन के हिस्से वाले नथुला पास के आगे मोटर के आवागमन के लायक सड़क बनी हुई है यदि यह मार्ग यात्रा के लिए खुल जाता है तो यात्रियों को सुविधा मिलेगी |चूँकि इस यात्रा में चीन की सरकार की सहायता भी जरुरी होती है इसीलिए भारत सरकार ने यात्रा की व्यवस्था को अपने हाथों में लिया है | आगामी वर्ष तक इस दुर्गम यात्रा को सुगम बनाने के लिए चीन के साथ बातचीत का प्रयास किया जाएगा|
विदेश मंत्री ने कैलाश मानसरोवर के महत्व पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि मान्यता के अनुसार भगवान शिव शंकर कैलाश मानसरोवर पर विचरण करते रहते हैं इसीलिए गंगा से भी पवित्र जल मानसरोवर का माना जाता है|उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि इस पवित्र यात्रा को झंडी दिखा कर कुछ न कुछ लाभ उन्हें भी जरूर मिलेगा और वहां से लाइ जाने वाली जल की कुछ पवित्र बूंदे भी मिलेंगी
फोटो कैप्शन
The Union Minister for External Affairs and Overseas Indian Affairs, Smt. Sushma Swaraj with the first batch of Kailash Manasarovar Yatra- 2014 after the flagged off ceremony, in New Delhi on June 11, 2014.

अमेरिका ने आरोप वापिस नहीं लिए और माफ़ी भी नहीं माँगी लेकिन भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े भारत लौट आई हैं

अमेरिका ने देवयानी खोबरागड़े पर लगाये सहायिका के उत्पीड़न के आरोप वापिस नहीं लिए और इसके लिए माफ़ी भी नहीं माँगी लेकिन देवयानी खोबरागड़े को भारत लौटा दिया गया है इसके जवाब में भारत सरकार ने भी सामान रैंक के अमेरिकी राजनयिक को भारत छोड़ने को कह दिया है| बेशक दोनोंदेशों के सर्वोच्च नेता अपनी जुबान बंद किये हैं और स्थिति को सुधारने की बात कर रहे हैं मगर दोनों देशों के नागरिकों में एक दूसरे देश के प्रति असंतोष बढ़ता जा रहा है|
भारत की वरिष्ठ राजनयिक देवयानी खोबरागड़े पर मैनहट्टन में वीजा धोखाधड़ी और झूठे बयान देने के मामले में ग्रैंड ज्यूरी ने अभियोग लगा दिया और पूर्ण राजनयिक छूट मिलने के बाद देवयानी आरोपों के साथ भारत आ चुकी हैं उनके खिलाफ लगाये गए सभी आरोप बने रहेंगे। देवयानी खोबरागड़े ने एक बार फिर अपना ब्यान दोहराते हुए कहा कि अमेरिकी अदालत में उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और निराधार’ हैं |
उधर भारत मूल के ही अमेरिकी अटॉर्नी प्रीत भरारा ने जिला न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा कि 39 वर्षीय खोबरागड़े के खिलाफ आरोप बने रहेंगे और यदि वह राजनयिक छूट के बिना अमेरिका आती हैं तो मुकदमे का सामना करना ही पड़ेगा। गौरतलब है कि देवयानी का परिवार अमेरिका में ही है
इस राजनयिक विवाद के कारण भारत+अमेरिका के आपसी सम्बन्धों को नुकसान हो चूका है जिसे स्वीकार करते हुए शीर्ष अमेरिकी नेतृत्व को इसका अहसास हो चूका है भाषा ने अमेरिकी अधिकारीयों के हवाले से ‘‘सबसे मूखर्तापूर्ण कदम बताया है इन सम्बन्धों को फिर से सामान्य करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।