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लालू ने “सारी” सत्ता भाजपा के हाथों जाती देख कर बिहार में नितीश से “आधी” बाँटने का समझौता किया

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

दुखी बिहारी भाजपाई

ओये झल्लेया देख तो क्या जमाना आ गया है|हसाडे बिहार से राज्य सभा की ओनली दो सीटों के लिए १९ जून को होने जा रहे उप चुनावों में विपरीत दिशाओं में जा रहे जे डी यूं के नितीश कुमार और आर जे डी वाले लालू प्रसाद यादव एक हो गए हैं इस पर इनकी ढिढाई तो देख लालू जी फरमा रहे हैं कि ये गठजोड़ वर्तमान में हसाड़ी भाजपा को रोकने के लिए है ,भविष्य के लिए नहीं

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी पुरानी कहावत है कि “सारी जाती देख के आधी लीजे बाँट” इसीलिए चतुर सुजाण लालू प्रसाद यादव ने सारी “सत्ता” आप जी की भाजपा के हाथों जाती देख कर बिहार में नितीश कुमार से आधी “सत्ता” बाँटने का समझौता किया |वैसे भी उम्र के इस पड़ाव में लालू की आँखों और उनकी पार्टी की लालटेन की रौशनी कम हो रही है इसीलिए कम से कम नितीश के तीरों से बचाव के लिए यह समझौता फिलवक्त अक्लमंदी साबित हो सकता है

बिहार में सत्ता रुड जे डी[यूं] की सरकार २३ मई को विश्वास मत प्राप्त करने के लिए विधान सभा में जाएगी

बिहार में सत्ता रुड जे डी[यूं] की सरकार २३ मई को विश्वास मत के लिए विधान सभा में जाएगी
१५ वी विधान सभा के इस तेरहवें सत्र में मंत्रीपरिषद दवारा विश्वास मत प्राप्त करने की प्रतिक्रिया को अपनाया जाएगा | बिहार विधान सभा सचिवालय के प्रभारी सचिव श्री फुल झा के अनुसार यह सत्र २३ मई को पूर्वाह्न ११ बजे आरम्भ होगा|
गौरतलब है कि बिहार में लोक सभा के चुनावों में भाजपा के हाथों मिली करारी हार से आहत नितीश कुमार ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया और जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्य मंत्री बनाया गया है| यद्धपि कांग्रेस के स्पोर्ट से जे डी यूं को बहुमत प्राप्त है लेकिन भाजपा के दावे के अनुसार जे डी यूं के भारी संख्या में विधायक विद्रोह कर सकते हैं |ऐसे में बहुमत सिद्ध करने की मांग भी उठ रही है |
आज के नवीनतम घटनाक्रम के अनुसार २१ विधायकों वाली आर जे डी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सरकार को बिना शर्त बाहर से समर्थन देने की घोषणा कर दी है| इसीलिए फिलहाल सरकार पर अल्पमत का खतरा टलता नजर आ रहा है|

बिहार को रिमोट से चलाने के लिए नितीश कुमार अब अपने करीबी जीतन राम मांझी को तख़्तनशीं करेंगे

नितीश कुमार ने मुख्य मंत्री पद से दिया इस्तीफा वापिस लेने से इंकार तो कर दिया लेकिन अब बिहार की सरकार को रिमोट से चलाने के लिए अपने करीबी जीतन राम मांझी को तख़्तनशीं करने की भी घोषणा कर दी है|दो दिनों की सियासी उठापठक के बाद राजनीती के चाणक्य कहे जाने वाले नितीश कुमार ने दलित कार्ड खेल दिया है |बिहार में सत्ता रुड जनता दल [यूं] के अध्यक्ष शरद यादव ने आज सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए मुख्य मंत्री के लिए गया जिले के दलित नेता और एस सी/एस टी कल्याण मंत्री हैं|
गौरतलब है कि लोक सभा के लिए हुए चुनावों में नितीश कुमार के न्रेतत्व में जे डी यूं ने चुनाव लड़ा था और पिछली २२ सीटों में से २० सीटें गवां दी थी| इसके लिए मोरल रिस्पांसिबिलिटी लेते हुए नितीश ने मुख्य मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था|राजनितिक हलकों में अपनी पार्टी में फुट को रोकने के लिए इसे सियासी ड्रामा बताया जा रहा था|इस्तीफे का कार्ड खेलते हुए नितीश ने एक तरफ समय रहते पार्टी की फूट को आगे सिरका कर सरकार बचाने में सफलता पाई तो दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी के अति पिछड़ा कार्ड का जवाब देने के लिए दलित नेता को मुख्य मंत्री बना दिया है|
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नितीश कुमार का “त्यागी” वाला रोल क्या बिहारवासियों को ही हज़म हो पायेगा ?

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जनता दल[यू] का चीयर लीडर

ओये झल्लेया मानता है न हसाडे सोणे नितीश कुमार जी को |ओये उन्होंने बिहार से लोक सभा के चुनावों में पार्टी की हार के लिए खुद ही नैतिक जिम्मेदारी उठाई और मुख्य मंत्री पद का त्याग करके भारतीय राजनीती के इतिहास में एक नया सुनहरा त्यागमय अध्याय जोड़ दिया है

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान जी इसे त्याग नहीं राजनीती कहते हैं|सत्ता पर काबिज होते हुए इन चुनावों में २० सीटें गंवाने के बाद बिहार का तख्त भी तो स्वाभाविक रूप से खतरे में पड़ गया है | भाजपा से अलग होने का निर्णय नितीश कुमार के लिए आत्मघाती निर्णय साबित हुआ है |पहले कभी रेल दुर्घटना के कारण रेल मंत्रालय त्याग कर सकारात्मक सुर्खियां बटोरने वाले नितीश कुमार के लिए अब तो नकारात्मक टिपणियां ही आणी हैं+११६ विधायकों वाली पार्टी टूट जानी है+लालू प्रसाद यादव+राम विलास पासवान और सुशील मोदी के वार तीखे हो जाने हैं| कांग्रेस का चार विधायकों का सहयोग भी किसी काम का नहीं रहा| एल के अडवाणी का आशीर्वाद भी नहीं मिलेगा | ऐसे में “त्यागी” वाली भूमिका बिहार वासियों को ही हजम नही होगी

मोदी के स्टेचू आफ यूनिटी को छोटा करने के लिए नितीश ने “राम” के सबसे बड़े मंदिर के प्रारूप का अनावरण किया

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बिहार सरकार का चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा ये ट्रेनो में चाय बेचने वाला बड़े दावे कर रहा था कि उसके प्रदेश में सरदार बल्लभ भाई पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया जा रहा है |अरे हसाडे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोदी कि लाइन को छोटा करते हुए प्रदेश में भगवान राम के सबसे बड़े मंदिर के प्रारूप का अनावरण भी कर दिया है |तुझे मालूम भी है अरे पूर्वी चंपारण जिला के केसरिया में बनने वाले इस विराट रामायण मंदिर के मॉडल का गुजरात के द्वारका में शंकराचार्य जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज की उपस्थिति में महावीर मंदिर परिसर में अनावरण किया गया है ।
यह मंदिर 2800 फुट लंबा, 1400 फुट चौड़ा और 405 फुट ऊंचा होगा। मंदिर के 66 फुट की ऊंचाई वाले चबूतरे पर 25 हजार श्रद्धालु एकसाथ पूजा-अर्चना कर सकेंगेजिसके निर्माण पर 300-500 करोड़ रुपये की लागत आएगी |इस मंदिर के निर्माण में मुसलमानों से सहयोग से यह मंदिर देश की पहचान बनेगी।

झल्ला

अरे मेरे चतुर भैय्या जी दुकान तो सभी को अपनी अपनी चलानी ही है |इसीलिए चुनावों तक राम नाम की लूट मची रहेगी |अब देखना यह है कि किसके राम की महिमा चुनावों में रंग लाएगी|

नीतिश कुमार ने बिहार में शिव सैनिकों की भाषा का प्रयोग किया और बाहर वाले[नरेंदर मोदी] को साफ करने का सन्देश दिया

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जे डी [यूं ] के छूट भैय्या

ओये झल्लेया देखा हसाडे मुख्य मंत्री नितीश कुमार जी ने गुजरात के मुख्य मंत्री की किस तरह उतार कर रख दी| बेशक दूर के ढोल सुहावने लगते हैंलेकिन बिहार का भला बाहर से आया आदमी नहीं कर सकता |गुज्जू नरेंद्र मोदी ने तो बार बार लगातार बिहार का रास्ता ही पकड़ लिया है | बिहारियों का जीना हराम कर दिया है|अब जब पानी सर से ऊंचा उठ गया तो बिहारी नीतिश बाबू को भी कहना पड़ गया कि नरेंद्र मोदी तो बाहर का आदमी है और धनतेरस के दिन बिहार के लोगों ने जो झाडू खरीदे हैं, बाहर से आए कचरे को वे उसी से साफ करेंगे और अपने घर एवं बिहार को स्वच्छ बनाएंगे + बिहार से अंधेरे को सदा-सदा के लिए मिटा देंगे।

झल्ला

अरे मेरे भोले भैय्या जी अन्दर वाले बाहर वाले को साफ करने की भाषा तो मुम्बइकर शिव सैनिकों की है इसी भाषा को आप लोग क्रिटिसाइज करते आ रहे हैं और सवयम उसी भाषा का प्रयोग करने लग गए |अब या तो शिव सैनिक ठीक हैं या फिर आप भी कहीं ना कहीं गलत हो |क्यों जी में कोई झूठ बोलेया?

भारतीय सेना के जाबांजों की शहादत के प्रति बिहार के असंवेदनशील नेताओ के कई चेहरे सामने आये

भारतीय सेना के जाबांजों की शहादत के प्रति बिहार के असंवेदनशील नेताओ के कई चेहरे सामने आये हैं जिससे राजनीती में उबाल आ गया है| सोमवार की देर रात.जम्मू कश्मीर के पूँछ एल ओ सी के समीप मारे गए पांच जवानो में चार बिहार प्रदेश के थे| वैसे तो शहीद पूरे राष्ट्र का होता है लेकिन उसका अंतिम संस्कार चूंकि उसके परिजनों द्वारा किया जाता है इसीलिए शहीद के पार्थिव शरीर को उसके प्रियजनों को सौंपा जाता है|इसी प्रक्रिया में चार लाडलों के शव बिहार लाये गए|
सरकार ने हालांकि शहीदों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा के साथ ही राजकीय सम्मान के साथ शहीदों का अंतिम संस्कार भी किया गया लेकिन सत्ता रूड दल जे डी यूं के मंत्री ने मीडिया में ऐसा असंवेदना पूर्ण बयाँ दिया जिसके फलस्वरूप देश में आक्रोश व्याप्त हो गया इसे शांत करने के लिए मुख्य मंत्री नीतीश कुमार को माफ़ी मांगनी पड़ी|
पाकिस्तानी सेना के हमले में मारे गए पांच भारतीय जवानों में से चार बिहार राज्य से थे| गुरुवार को इन सैनिकों के शव उनके पैतृक गांव लाये गए| शहीदों के शव जब रात के 10 बजे पटना के हवाई अड्डे पर पहुंचे तो बिहार सरकार का कोई मंत्री श्रद्धांजलि देने के लिए वहां उपस्थित नहीं था। जिसे लेकर मीडिया ने स्वाभाविक सवाल किये
बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री भीम सिंह ने . जवानों के सम्मान में मंत्रियों की अनुपस्थिति के संबंध में एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा कि सेना और पुलिस में जवान शहीद होने के लिए ही शामिल होते हैं.|भड़के भीम सिंह मीडिया से ही उल्टे सवाल करने लगे कि क्या आप वहां उपस्थित थे आपके माता पिता उपस्थित थे और अगर आप उपस्थित थे, तो अपने वेतन का काम कर रहे थे.
क्या आपके माता-पिता उपस्थित थे, वे भी तो नागरिक हैं.
राज्य सरकार की उदासीनता पर तब ज्यादा हंगामा हो गया जब शहीदों के अंतिम संस्कार में भी सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा|
बिहार सरकार के प्रवक्ता के सी त्यागी ने जहाँ इसे दुर्भाग्पूर्ण बताया और मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने अपने मंत्री भीम सिंह के असंवेदनशील बयान पर खेद प्रकट करते हुए माफी मांगी और कहा कि पूरा देश भारतीय सैनिकों का कर्जदार है, शहीदों को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है. साथ ही उन्होंने भीम सिंह के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए.
सी एम् ने इसे शहीदों का अपमान बताया|
मुख्यमंत्री के दबाव के चलते भीम सिंह ने भी अपने बयान पर खेद प्रकट करते हुए माफी मांगी|
.इससे पूर्व पार्टी के ही सांसद शिवानन्द तिवारी ने भी कमोबेश ऎसी ही असंवेदनशीलता का परिचय दिया |
उन्होंने संसद में दिए गए रक्षा मंत्री के ब्यान पर टिपण्णी करते हुए कहा कि एल ओ सी पर पाकिस्तान सेना की वर्दी में कुछ लोग थे जिन्होंने भारतीय जवानो की हत्या की उन्होंने रक्षा मंत्री के बयाँ का समर्थन करते हुए पाकिस्तान की सेना को अभय दान देने में देर नही लगाई| श्री तिवारी भोजपुर से हैं और जे डी यूं के राज्य सभा में सदस्य हैं|इससे पूर्व आपने आपत्ति जनक बयानों के चलते पार्टी प्रवक्ता का पद खो चुके हैं इनके स्थान पर के सी त्यागी को पार्टी प्रवक्ता बनाया गया था|