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Tag: PrashantBhushan

पंजाबियों”आप”की झाड़ू बेहद गन्दी है :स्वराज इंडिया

[दिल्ली,चंडीगढ़]पंजाबियों भाजपा+अकाली+”आप”+कांग्रेस को वोट हरगिज नही देना :स्वराज इंडिया
स्वराज इंडिया के दो दिग्गजों ने चुनावों में जा रहे पंजाबियों के नाम अपील जारी की है |इस अपील में आम आदमी पार्टी +भाजपा, अकाली गठबंधन+कांग्रेस की पोल खोलते हुए ईमानदार केंडीडेट्स को ही चुनने को कहा गया है| स्वराज इंडिया दिग्गज योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने पंजाब से अपने गूढ़ रिश्तों को उजागर करते हुए पंजाब की भलाई के लिए ईमानदार केंडीडेट्स +पार्टियों को ही वोट देने की अपील की है|इन्होंने आम आदमी पार्टी [आप] की झाड़ू को बेहद गन्दी बताया |
“आप” ने सत्ता में आने के तत्काल बाद शराब के 399 नए ठेके खोल दिए।
गुरुतेग बहादुर के शहीदी दिवस समेत कई नशामुक्त “ड्राई डे” पर इस सरकार ने दारू की बिक्री खोल दी।
70 हज़ार दलित बच्चों की स्कॉलरशिप काट दी।
बजट में दलित के लिए जरुरी मद में 2,050 करोड़ की कटौती की।
लोकपाल के नाम पर चुनाव जीता था, और अपने ही कानून से उस लोकपाल की हत्या कर दी। स्वराज कानून आज तक नहीं बना।
सरकार बनने के कुछ हफ्ते में ही इस पार्टी के MLA और मंत्रियों के बारे में भी वैसी ही शिकायत आने लगी जैसी बाकि पार्टियों के बारे में। छह मंत्रियों में ​एक मंत्री फ़र्ज़ी डिग्री में पकड़ा गया, दूसरा भ्रष्टाचार में बर्खास्त हुआ, तीसरा औरतों से नाजायज़ सम्बन्ध के चलते जेल गया।
इसलिए दिल्ली की जनता इनसे बुरी तरह परेशान हो चुकी है। दिल्ली में जो हमसे मिलता है, वो पूछता है कि आपने ऐसे लोगों का समर्थन क्यों किया था। कहीं ऐसा तो नहीं कि एक साल बाद पंजाब के लोग भी यही कहते हुए मिलेंगे? फैसला आपको करना है। लेकिन अपनी राय बनाने से पहले अपने आप से स्वराज इंडिया ने पंजाबियों के लिए कुछ सवाल उछाले हैं
[१]पंजाब में आप के पुराने और सच्चे वालंटियर में से कितनो को टिकट मिला?
[२]अकाली-बीजेपी, कांग्रेस के नेताओं और पैसे वालों को टिकट देने वाली पार्टी बेईमानो के खिलाफ कैसे लड़ेगी?
[३]जो पार्टी अभी से पैसा लेकर टिकट बेच रही हो वो सरकार बनाने के बाद क्या-क्या बेचेगी?
[४]जो पार्टी सिर्फ ढाई साल में इतनी गिर गयी है वो अगले पांच साल में कहाँ पंहुचेगी?
[५]जो पार्टी भरी तिजोरी वाली छोटी सी दिल्ली में सरकार नहीं संभाल पायी वो खाली तिजोरी वाले पंजाब में सरकार चला पायेगी? आपको सरकार चाहिए या हर रोज का ड्रामा ?
[६]आम आदमी पार्टी ईमानदारी से मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित क्यों नहीं करती? चोरी-छुपे केजरीवाल का नाम क्यों चला रही है?
[७]जो केजरीवाल 70 में के 67 सीट देने वाली दिल्ली का सच्चा न हो सका, वो चुनाव के बाद पंजाब का सच्चा रहेगा? या दो साल बाद हरियाणा में वोट लेने के लिए पंजाब के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर देगा?
इन दिग्गजों ने अकाली सरकार पर हमला बोलते हुए बताया पंजाब कर्ज में डूबा है। पिछले दस सालों में समस्याओं को सुलझाने की बजाय अकालियों ने पंजाब को लूटा है।
केबल+बस + बजरी के बिज़नेस के बहाने जनता का पैसा लूटा है। और इसके बदले में जनता को दिया है नशा, पूरी एक पीढ़ी की बरबादी।
कांग्रेस पर निशाँ साधते हुए बताया
अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार का है। इसी सरकार से दुखी आकर दस साल पहले पंजाब ने अकालियों को वोट दिया था। आज भी इस पार्टी के पास कोरे वादों और भड़काऊ बातों के सिवा कुछ नहीं है। पंजाब की खेती, उद्योग और रोजगार के संकट से निपटने का कोई नक्शा कांग्रेस पार्टी के पास नहीं है। खुद कर्ज में डूबी पंजाब सरकार अपने किसान की कर्जा माफ़ी के लिए पैसा कहाँ से लायेगी, इसका कोई जवाब नहीं है। कांग्रेस के भ्रष्टाचार के किस्से किसे नहीं पता? पंजाब के लोग 1984 को भी नहीं भूले हैं। उस पर पर्दा डालने के लिए अब SYL की नींव डालने वाले अमरिंदर सिंह पानी के सवाल पर पंजाब के किसान को भड़काने में लगे हैं। ऐसी कांग्रेस को वोट डालना तो पंजाब की हार होगी।
इस चौराहे पर यही पंजाब की दुविधा है।
आज पंजाब को एक नया रास्ता चाहिए। एक रास्ता जिसमे बदलाव की गुंजाईश को बचा कर रखा जा सके। आज ये रास्ता कोई पार्टी नहीं दे पा रही है। आज ये रास्ता जनता दिखाएगी।
इस चुनाव में ऐसी कई छोटी पार्टियां, संगठन और उम्मीदवार भी खड़े हैं जो सच्चे बदलाव के हक़ में हैं। वो अपने दम पर सरकार नहीं बना सकते, शायद चुनाव भी नहीं जीत पाएंगे, लेकिन वो पंजाब की उम्मीद को बचा कर रख सकते हैं। इसलिए हम आपसे अपील करते हैं कि किसी भी हालात में अकाली-बीजेपी को वोट न डालें। जहाँ तक हो सके भ्रष्ट कांग्रेस और पथभ्रष्ट आम आदमी पार्टी को छोड़कर ऐसे उम्मीदवारों और पार्टियों को वोट दें जो पंजाब में बदलाव की गुंजाईश बनाये रखें। सत्ता के लिए हर सौदा करने वाली इन तीनों पार्टियों के अलावा बेहतर उम्मीदवार को वोट देना पंजाब के भविष्य के हित में है , क्योंकि वह सत्ता के लोभियों को पंजाब की जनता का संदेश होगा कि वे सत्ता के लिए मर्यादा को न छोड़ें ।

स्वराज इंडिया काले धन पर जंतर मंत्र से १८ दिसंबर को हल्ला बोलेगा

[नई दिल्ली]स्वराज इंडिया काले धन पर जंतर मंत्र से हल्ला बोलेगा
इसमें शामिल होने के लिए सभी यौद्धाओं को 18 दिसंबर, सुबह 10 बजे जंतर मन्त्र पर पहुँचने को कहा जा रहा है|पहले योगेंद्र यादव और आज प्रशांत भूषण द्वारा आई वी आर के माध्यम से सन्देश प्रसारित किये गए हैं |
गुरुवार को जारी किये गए एक ऑडियो सन्देश में स्वराज अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत भूषण ने देश भर के भ्रष्टाचार विरोधी योद्धाओं से 18 दिसंबर को जंतर मंतर पहुँचने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि काले धन और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ शुरू हुए आंदोलन को आज और बुलंद करने की ज़रूरत है।
आईवीआर के जरिये लोगों को उनके फोन पर प्राप्त हुए सन्देश में प्रशांत भूषण ने कहा, “नमस्कार दोस्तों, रविवार 18 दिसंबर को जंतर मंतर पर काले धन के ख़िलाफ़ एक बड़ी रैली है।
क्यूँकि भ्रष्टाचार के खिलाफ 4 साल पहले शुरू हुए जिस आंदोलन का आप हिस्सा रहे हैं उसकी आवाज़ को आज और भी बुलंद करने की ज़रूरत है। देश को काले धन से लड़ने वाले सच्चे सिपाहियों की ज़रूरत है। एक आंदोलन खड़ा करने की ज़रूरत है। आप आ रहे हैं ना जंतर मंतर? रविवार को सुबह 10 बजे।”
स्वराज इंडिया का कहना है कि राजनितिक पार्टियों में काले धन को लेकर केवल नूराकुश्ती हो रही है
स्वराज इंडिया ने 18 दिसंबर की रैली से सम्बंधित निम्नलिखित सवाल पूछे हैं:
१]पार्टियों से भी उनके हज़ारों करोड़ों के कैश चंदे का हिसाब क्यों नहीं माँगा जा सकता?
२]बीजेपी और काँग्रेस जैसी विदेशी फ़ंड लेने वाली पार्टियों को सज़ा क्यों नहीं हो सकती?
३]विदेशों में बेनामी कंपनी खोलकर ब्लैक को ह्वाइट करने का धंधा बंद क्यों नहीं हो सकता?
४]बैंकों के लाखों करोड़ डुबाने वाले अडानी-अंबानी और माल्या बंद क्यों नहीं हो सकते?
५]भ्रष्टाचार निरोधक कानून (PCA) को ढीला करने की साज़िश क्यों नहीं रूक सकती?
६]पिछले ढाई साल से लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं हो सकी?
फाइल [सिंबॉलिक] फोटो

Parrikar Rejects Swaraj Abhiyan Charge, Terms Rafale Best Deal

Swaraj Abhiyan Press Conference

Swaraj Abhiyan Press Conference

[New Delhi] Parrikar Rejects Swaraj Abhiyan Charge, Terms Rafale Best Deal.Swaraj Abhiyan has questioned integrity of MP Varun Gandhi=Congress+BJP Over Defence Deals.Immediately Defence Minister has refuted all such charges Yogendra Yadav +Prashant Bhushan has also presented many documents in support.
Defence Minister Manohar Parrikar today asserted the recently-signed Euro 7.878 billion-deal for 36 Rafale fighter jets was the best ever offered to any country, rejecting Swaraj Abhiyan’s Prashant Bhushan and Yogendra Yadav’s allegation that India paid double the price.
Parrikar, however, refused to comment on the duo’s allegation that BJP parliamentarian Varun Gandhi was “honey trapped” into leaking defence secrets, a charge stoutly denied by the leader.
Contrary to previous announcements of getting 126 aircraft, the government bought 36 aircraft, paying double the price for individual units. It certainly appears to be the case that something is fishy.”
He said despite having knowledge of all these things, the BJP government did not blacklist Thales, the company that sold scam-tainted Scorpene submarines, as Dassault acquired it.
Dassault Aviation has 25.3 per cent stake in Thales.
Parrikar said nothing has been proved in the alleged Scorpene leak and hence the case for banning any firm does not arise.
India recently signed a deal with Dassault for 36 Rafale aircraft.
Varun has already denied the charge, saying he has not met middleman Abhishek Verma, to whom he has been accused of having leaked defence secrets, since 2004.
He has threatened to file a defamation suit against Bhushan and Yadav over the charges.

स्वराज अभियान ने राजनितिक स्वरुप अपनाया ,बढ़ेंगी केजरीवाल की राजनितिक मुश्किलें

[नई दिल्ली] स्वराज अभियान ने सूचना के अधिकर के अंतर्गत स्वयम को रखते हुए राजनितिक स्वरुप अपनाया,बढ़ेंगी केजरीवाल की राजनितिक मुश्किलें
आम आदमी पार्टी से अलग किये गए नेताओं ने एक नई राजनितिक पार्टी का गठन किया है|
जिसके पहले राष्ट्रीय प्रतिनिधि अधिवेशन में राजनैतिक दल निर्माण की घोषणा हुई और देश में वैकल्पिक राजनीति की स्थापना के लिए आवाज़ बुलंद की गयी।
स्वराज अभियान ने संकल्प लिया है कि 2 अक्टूबर तक राजनीतिक दल का निर्माण करेंगे। वैकल्पिक राजनीति के इस प्रारूप को मूर्त रूप देने के लिए स्वराज अभियान ने एक 6 सदस्यीय टीम का गठन किया।
स्वराज अभियान के गठन के समय तीन मुख्य मापदंड तय किए गए थे।
एक, लोकतांत्रिक ढंग से संगठन का निर्माण।
दूसरा, देश के सम्मुख गंभीर मुद्दों पर जन आंदोलन चलाना।
और तीसरा, पारदर्शिता एवं जवाबदेही को सुनिश्चित करना।
प्रो. आनंद कुमार को स्वराज अभियान का राष्ट्रिय अध्यक्ष चुना गया। संगठन के उपाध्यक्ष के तौर पर तमिल नाडु से क्रिस्टिना सामी, बंगाल से अविक साहा, आंध्र प्रदेश से पुरुषोत्तम और दिल्ली से पी. एस. शारदा को चुना गया है। साथ ही फहीम खान को महासचिव, तथा गिरीश नंदगांवकर एवं राजीव ध्यानी स्वराज अभियान के नए सचिव चुने गए।
पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्वराज अभियान ने स्वेच्छा से खुद को ‘सूचना के अधिकार’ के अंतर्गत रखा है और जन सूचना अधिकारी नियुक्त किया है। संगठन में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तीन सदस्यीय लोकपाल नियुक्त किया गया है। प्रतिनिधि सम्मलेन में प्रशांत भूषण ने स्वराज अभियान के लोकपाल के तौर पर कामिनी जयसवाल, सुमित चक्रवर्ती और नूर मोहम्मद का परिचय रखा। साथ ही, संगठन में शिकायत निवारण समितियां भी बनायी गयी हैं।
अधिवेशन को संबोधित करते हुए योगेन्द्र यादव ने कहा कि “स्वराज अभियान ने 2 अक्टूबर तक राजनीतिक पार्टी बनाने का संकल्प लिया है। हमारे लिए पार्टी बनाने का मतलब है कि इस देश में सच्चाई और ईमानदारी की ऊर्जा जहाँ कहीं भी है उसे जोड़ना। हम ईमान और सच्चाई की ऊर्जा को संगठित करके वैकल्पिक राजनीति की एक मिसाल पेश करेंगे।”
स्वराज संकल्प के प्रतीक के रूप में सर पर पीले रंग के पट्टे को धारण किया गया। पीला रंग ऊर्जा का प्रतीक है, नई आशा का प्रतीक है, सूरज का प्रतीक है, पवित्रता का प्रतीक है।
गौरतलब हे के स्वराज अभियान से जुड़े नेताओं को आम आदमी पार्टी से अपमान जनक रूप में निकाला गया था |इन्होंने पंजाब में हुए उपचुनावों में आप का विरोध करने की घोषणा की तो अरविन्द केजरीवाल ने उपचुनावों से ही किनारा कर लिया था

“आप”के जनलोकपाल का उड़ा सर्वत्र उपहास:पार्टी ने विरोध को भाजपा द्वारा प्रायोजित बताया

[नयी दिल्ली]”आप”पार्टी के जनलोकपाल का उड़ा सर्वत्र उपहास”आप” पार्टी के जनलोकपाल का सर्वत्र उपहास बनाया जा रहा है|इसे महा जोकपाल+केजरिपाल+धोखापाल बताया जा रहा है |इस मसौदे में केंद्र के अधिकार के डीडीऐ +पुलिस को लेकर केंद्र से सीधे टकराव की भूमिका तैयार कर ली गई है जिसके आधार पर केंद्र द्वारा इसे पारित किये जाने पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है |आप पार्टी ने विग्यप्ति जारी करके इस विरोध को भाजपा प्रायोजित बताया है |सूत्रों के अनुसार लालू प्रसाद यादव के साथ स्टेज पर गलबहियां के वायरल होने से अरविन्द केजरीवल दबाब में आ गए जिसके फलस्वरूप आनन फानन में मसौदा लाया गया है
मशहूर वकील और किसी समय अरविंद केजरीवाल के सहयोगी रहे शांति भूषण +प्रशांत भूषण ने आज केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अन्ना आंदोलन के जन लोकपाल मसौदे के प्रावधानों को कमजोर करके लोगों को सबसे बड़ा धोखा दे रहे हैं।शांतिभूषण ने तो दिल्ली के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग भी की है।उनके अनुसार अपने दागी विधायक+मंत्रियों को बचाने के लिए बेहद कमजोर जन लोकपाल लाया गया है |
भूषण ने मसौदा विधेयक के कुछ प्रावधान के आधार पर दावा किया कि टकराव को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र के मंत्रियों और अधिकारियों को ‘जानबूझकर’ प्रस्तावित विधेयक के दायरे में रखा गया है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल को भी ‘मोदी’ की तरह सवाल किया जाना पसंद नहीं है लिहाजा उन्होंने विधेयक का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं करने का फैसला किया।
आप के पूर्व नेता ने कहा, ‘‘भारत के इतिहास में किसी कार्यकर्ता अथवा आंदोलन ने इस तरह से लोगों के साथ धोखा नहीं किया है। इससे सिर्फ यही होगा कि केन्द्र सरकार इसे मंजूरी नहीं देगी और विधेयक कभी पारित नहीं होगा। केजरीवाल की एक मजबूत लोकपाल बनाने की मंशा कभी नहीं रही।’’
आप के असंतुष्ट विधायक पंकज पुष्कर भी इस मौके पर भूषण के नोएडा स्थित आवास पर उपस्थित थे। उन्होंने दावा किया कि बिजनिस एडवाइजरी कमेटी का सदस्य होने की हैसियत से वह विधेयक की एक प्रति हासिल करने में सफल रहे।
भूषण ने विधेयक में उल्लिखित लोकपाल की नियुक्ति और हटाने की प्रक्रियाओं पर सवाल उठाया, जिसे हाल ही में आप केबिनेट ने मंजूरी दी। उनका कहना था कि इससे लोकपाल को नगर सरकार के रहमो करम पर छोड़ दिया गया है।
विधेयक कथित रूप से कहता है कि मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विपक्ष के नेता और दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वाली चार सदस्यीय चयन समिति लोकपाल की नियुक्ति करेगी, जबकि विधानसभा में दो तिहाई बहुमत से मंजूर होने वाले प्रस्ताव के जरिए लोकपाल को हटाया जा सकेगा।

प्रशांत भूषण ने मनीष सिसोदिया को शिक्षकों की भर्ती में हुई धांधली के लिए अशांत किया,भेजा कानूनी नोटिस

[नयी दिल्ली] प्रशांत भूषण ने मनीष सिसोदिया को अशांत किया ,भेजा कानूनी नोटिस
प्रशांत भूषण ने मनीष सिसोदिया को शिक्षकों की भर्ती में हुई धांधली के लिए अशांत किया,भेजा कानूनी नोटिस
उच्चतम न्यायालय के वकील और आम आदमी पार्टी के निष्काषित वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कानूनी नोटिस भेजा हैं।
उन्होंने श्री सिसोदिया को यह नोटिस कथित तौर पर अनुबंध शिक्षकों को ‘‘पीछे के दरवाजे से’’ नियमित करने के लिए भेजा।
वर्ष की शुरुआत में “आप” से निष्कासित किये गये प्रशांत भूषण ने कहा कि मौजूदा अतिथि शिक्षकों को नियमित करने को लेकर 10 जून का विशेष परिपत्र उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था का उल्लंघन है। ‘‘इस कानूनी नोटिस में यह मांग की गयी है कि शिक्षकों के पद पर नियुक्ति के लिए डीएसएसएसबी परीक्षा में शामिल होने वाले सभी पात्र उम्मीदवारों को उचित अवसर मिले। उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार इसके लिए अनुबंध..आकस्मिक शिक्षकों के रूप में उनके पहले के कार्य पर ध्यान नहीं दिया जाये।’’ भूषण ने कहा ‘‘अन्य लोगों को मौका दिये बगैर अतिथि.अनुबंध शिक्षकों को नियमित करना पिछले दरवाजे से प्रवेश की तरह है और उच्चतम न्यायालय ने इसे गैर कानूनी कहा है।’’ नोटिस में कहा गया है कि ‘‘अवसर की समानता’’ सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार की कसौटी है।

After Two months Of Formation Swaraj Abhiyaan[ParallelAAP]Launches Farmers Movement

[New Delhi] After Two months Of its formation Swaraj Abhiyaan[ParallelAAP] Launches Farmers Movement
Two months after its formation, Yogendra Yadav and Prashant Bhushan-led Swaraj Abhiyaan ,On 13th June, launched a farmers’ movement, its first such public initiative.
Yadav and Bhushan, who were expelled from AAP for rebelling against the party chief Arvind Kejriwal, said the movement ‘Jai Kisan Andolan’ demands repeal of amendments to the land acquisition Bill among others.
“The demands of Jai Kisan Andolan include withdrawal of the land bill, introduction of a legislation guaranteeing minimum income to farmers and a comprehensive, assured and adequate compensation against natural calamity,” Addressing a press conference Yadav said the movement aims at “reshaping the country’s future” through including disparate sections such as farmers, urban citizens and the youth.
Prashant+Yogendra said in a statement
“In the first phase of the movement, our volunteers will fan out in villages in various states including Bihar, West Bengal, Maharashtra etc, and reach out to the farmers and establish a dialogue with them to understand their problems and issues,”
In the second phase, there would be a “tractor march” from Punjab which would reach the Parliament during Monsoon Session on August 10 after covering Uttar Prades

“आप”के असंतुष्टों को बागी और क्रन्तिकारी का अंतर मालूम होगा इसीलिए नई पार्टी को”ना”कहा होगा

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

आम आदमी पार्टी चेयर लीडर

ओये झल्लेया ये योगेन्द्र और प्रशांत ने क्या नया ष्टरागमचा रखा है ? ये तो पीछा ही नहीं छोड़ रहे |स्वराज संवाद के नाम पर हजारों कार्यकर्ताओं को बरगला कर बुला तो लिया लेकिन नई पार्टी तो बनाई ही नहीं अब कह रहे हैं कि पार्टी के अंदर ही रह कर हसाडे सर के लिए दर्द पैदा करेंगे |ओये यारा ऐसे कैसे हसाडे दिल्ली की सरकार चलेगी?

झल्ला

ओ मेरे चतुर हो चुके भापा जी !भूषण परिवार +योगेन्द्र यादव+प्रो आनंद कुमार+ अजित झा+ आदि आदि सभी पढ़े लिखे हैं |इन्हें बाग़ी और क्रांतिकारी का अंतर मालूम है इन दोनों के अंत का अंतर भी मालूम है |इसीलिए मात्र बागी होकर इतिहास के पन्नों में दफन होकर रह जाने के बजाय इन्हें क्रन्तिकारी बन कर व्यवस्था को बदलने की कवायद में दानिशमन्दी दिख रही होगी

केजरीवाल की हठधर्मिता नहीं वरन शांति भूषण के अविश्वास के कारण असंतुष्टों से समझौता वार्ता टूटी

अरविन्द केजरीवाल की हठ धर्मिता नहीं नहीं वरन शांति भूषण के अविश्वास के कारण असंतुष्टों से समझौता वार्ता टूटी |,मध्य प्रदेश की इकाई संयोजक, आलोक अग्रवाल ने यह बयान दिया इसके लिएउन्होंने आतिशी मार्लेना के पत्र को आधार बनाया| श्री अलोक के अनुसार
आम आदमी पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता आतिशी मार्लेना द्वारा प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव को लिखे पत्र यह कहा गया है कि उनकी मांगों को स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों में एक सहमती बन गयी थी परन्तु शांति भूषण के उसे न मानने के कारण वह सहमती टूट गयी|प्रशांत भूषण द्वारा इस विषय में यह कहकर इसका खंडन किया गया है कि आतिशी इस मीटिंग में नहीं थी अतः उन्हें जानकारी नहीं है.
श्री अलोक ने मीटिंग में होने का दावा करते हुए कहा है कि “चूँकि मैं उस मीटिंग में स्वयं मौजूद था अतः मैं उस दिन की सम्पूर्ण सच्चाई रखना चाहता हूँ. सर्वप्रथम मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ कि आतिशी की सभी बातों का मैं समर्थन करता हूँ और उस में कही गयी बातें पूरी तरह से सच हैं”.

४९ दिन पूरे होते ही”आप”पार्टी पर हमले भी तेज:प्रशांत ने समर्थकों का भरोसा तोड़ने का आरोप लगाया

[नयी दिल्ली] ४९ दिन पूरे होते ही”आप”पार्टी पर हमले भी तेजहुए:प्रशांत भूषण ने समर्थकों का भरोसा तोड़ने का आरोपलगाया
दिल्ली की सरकार के ४९ दिन पूरे होते ही “आप” पार्टी पर हमले भी तेज हो गए हैं|पार्टी ने जहां इन दिनों स्वाभाविक रूप से अपनी उपलब्धियों का बखान किया है वहीँ विरोधियों ने सरकार को पूर्ण विफल बताने और समर्थकों का भरोसा तोड़ने वाली पार्टी बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी |कांग्रेस के अजय माकन ने “आप”की सरकार को पूरी तरह विफल बताया है |
पार्टी के योगेंद्र यादव और खुद को पार्टी की फैसला लेने वाली शीर्ष इकाई से हटाए जाने के कुछ दिन बाद बागी आप नेता प्रशांत भूषण ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ फिर से मोर्चा खोलते हुए उन पर आप को ‘आलाकमान आधारित’ पार्टी बनाने और लाखों समर्थकों का भरोसा तोड़ने का आरोप लगाया है।अरविन्द केजरीवाल को लिखे खुले पत्र में भूषण ने आरोप लगाया है कि समर्थकों के साथ धोका करने के लिए अरविन्द केजरीवाल को भगवान और इतिहास कभी माफ़ नहीं करेगा |इतने अच्छे बहुमत को हासिल करने के बावजूद “आप” पार्टी को कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियों के ट्रेडिशनल मार्ग को अपनाया जा रहा है जबकि क्लीन सरकार की अपेक्ष की गई थी
अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी “आप” ने आज दिल्ली में अपनी सरकार के 49 दिन पूरे किए । इस दौरान केजरीवाल सरकार ने बिजली+पानी सब्सिडी+दिल्ली डायलॉग कमीशन का गठन सहित कई अन्य अहम निर्णय किए ।
इस अवधि में अनधिकृत कॉलोनियों में संपत्ति के पंजीकरण की प्रक्रिया की शुरूआत हुई और अपनी ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों के परिजन को एक करोड़ रूपए के मुआवजे का ऐलान किया गया।