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५० करोड़ के कथित घोटाले को छुपाने के लिए केवल पांच सवाल?

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आप पार्टी चेयर लीडर

ओये झल्लेया ये मोदी सरकार भी सी बी आई को “विपक्ष” के पीछे लगाने लग गई |अपने वित्त मंत्री को डीडीसीऐ घोटाले में बचाने के लिए हसाडे मुख्य मंत्री के दफ्तर पर ही छापा डलवा दिया |छापे में इन्हें मिला क्या बाबा जी का ठुल्लु ?ओये हमने भी अरुण जेटली से पांच सवाल पूँछ लिए हैं |आखरी सांस तक इन भाजपाइयों को चैन की सांस नहीं लेने देंगे

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान गल सुनो झल्ली जरा खोल के दोनों कान |संसद से लेकर दिल्ली की सडकों तक विपक्ष ही केंद्र के पीछे पढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है| और जहाँ तक बात पांच सवालों की है तो ५० करोड़ के कथित घोटाले को छुपाने के लिए केवल पांच सवाल?

सीबीआई के छापे से”आप”ने अपना संतुलन खोया और पीएम को ही‘‘कायर+मनोरोगी’’तक कह डाला

[नई दिल्ली]सीबीआई के छापे से”आप”ने अपना संतुलन खोया और पीएम को ही‘‘कायर+मनोरोगी’’तक कह डाला
सी बी आई के एक छापे से दिल्ली में सत्तारूढ़ “आप” पार्टी आज अपना संतुलन खो बैठी और बौखलाहट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही ‘‘कायर और मनोरोगी’’ तक कह डाला|
दावों और प्रति दावों के बीच सीबीआई ने भ्रष्टाचार के एक मामले में आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक अधिकारी के कार्यालय पर छापा मारा जिसके बाद आप और केंद्र के बीच पहले से जारी टकराव और गहरा गया।
हालांकि मुख्यमंत्री ने पहले ट्वीट करके यह दावा किया कि उनके कार्यालय पर छापा मारा गया लेकिन सीबीआई के साथ साथ वित्त मंत्री अरूण जेटली ने राज्यसभा में इस दावे को खारिज कर दिया। बाद में अपने स्टैंड से पलटते हुए केजरीवाल ने कहा के उनके सचिव के ऑफिस में छापा डाला गया
मामले की पड़ताल किये बगैर ही बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से लेकर राज्य सभा में विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और जिसके कारण सदन को स्थगित करना पड़ा।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘ सीबीआई ने मेरे कार्यालय पर छापे मारे।’’ उन्होंने छापेमारी पर नाराजगी जताते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘जब मोदी राजनीतिक रूप से मुझसे नहीं निपट सके तो उन्होंने यह कायरता दिखाई। मोदी कायर और मनोरोगी हैं।’’ हालांकि सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि तलाशी केवल प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के कार्यालय में ली गई। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 14 स्थानों पर छापे मारे गए।
सीबीआई के सूत्रों ने दावा किया कि कुमार और छह अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।सी बी आई द्वारा कढ़े शब्दों में आप पार्टी की आलोचना करते हुए कहा हे के झूठे आरोपण से उन पर दबाब बनाने के प्रयास नहीं किये जाने चाहिए
जेटली ने राज्यसभा में कहा कि केजरीवाल के कार्यालय पर छापा नहीं मारा गया और यह छापा दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामले में मारा गया।अब छन कर आ रहा है के जिस अधिकारी के यहाँ छापा मार गया वोह केजरीवाल का कालेज में सहपाठी रहा है और बीते अनेकों वर्षों से भ्रष्टाचार में लिप्त रहा है |भाजपा ने भी पलटवार करते हुए केजरीवाल को ही चोर कह डाला |प्रकाश जावड़ेकर ने इसके लिए पुरानी कहावत का प्रयोग किया “चोर की ढाढी में तिनका”जबकि प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक चैनल पर आप पार्टी की बौख्लाहट को कोट करते हुए “आप” की पूरी दाल को ही काला बता डाला

“आप”के जनलोकपाल का उड़ा सर्वत्र उपहास:पार्टी ने विरोध को भाजपा द्वारा प्रायोजित बताया

[नयी दिल्ली]”आप”पार्टी के जनलोकपाल का उड़ा सर्वत्र उपहास”आप” पार्टी के जनलोकपाल का सर्वत्र उपहास बनाया जा रहा है|इसे महा जोकपाल+केजरिपाल+धोखापाल बताया जा रहा है |इस मसौदे में केंद्र के अधिकार के डीडीऐ +पुलिस को लेकर केंद्र से सीधे टकराव की भूमिका तैयार कर ली गई है जिसके आधार पर केंद्र द्वारा इसे पारित किये जाने पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है |आप पार्टी ने विग्यप्ति जारी करके इस विरोध को भाजपा प्रायोजित बताया है |सूत्रों के अनुसार लालू प्रसाद यादव के साथ स्टेज पर गलबहियां के वायरल होने से अरविन्द केजरीवल दबाब में आ गए जिसके फलस्वरूप आनन फानन में मसौदा लाया गया है
मशहूर वकील और किसी समय अरविंद केजरीवाल के सहयोगी रहे शांति भूषण +प्रशांत भूषण ने आज केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अन्ना आंदोलन के जन लोकपाल मसौदे के प्रावधानों को कमजोर करके लोगों को सबसे बड़ा धोखा दे रहे हैं।शांतिभूषण ने तो दिल्ली के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग भी की है।उनके अनुसार अपने दागी विधायक+मंत्रियों को बचाने के लिए बेहद कमजोर जन लोकपाल लाया गया है |
भूषण ने मसौदा विधेयक के कुछ प्रावधान के आधार पर दावा किया कि टकराव को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र के मंत्रियों और अधिकारियों को ‘जानबूझकर’ प्रस्तावित विधेयक के दायरे में रखा गया है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल को भी ‘मोदी’ की तरह सवाल किया जाना पसंद नहीं है लिहाजा उन्होंने विधेयक का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं करने का फैसला किया।
आप के पूर्व नेता ने कहा, ‘‘भारत के इतिहास में किसी कार्यकर्ता अथवा आंदोलन ने इस तरह से लोगों के साथ धोखा नहीं किया है। इससे सिर्फ यही होगा कि केन्द्र सरकार इसे मंजूरी नहीं देगी और विधेयक कभी पारित नहीं होगा। केजरीवाल की एक मजबूत लोकपाल बनाने की मंशा कभी नहीं रही।’’
आप के असंतुष्ट विधायक पंकज पुष्कर भी इस मौके पर भूषण के नोएडा स्थित आवास पर उपस्थित थे। उन्होंने दावा किया कि बिजनिस एडवाइजरी कमेटी का सदस्य होने की हैसियत से वह विधेयक की एक प्रति हासिल करने में सफल रहे।
भूषण ने विधेयक में उल्लिखित लोकपाल की नियुक्ति और हटाने की प्रक्रियाओं पर सवाल उठाया, जिसे हाल ही में आप केबिनेट ने मंजूरी दी। उनका कहना था कि इससे लोकपाल को नगर सरकार के रहमो करम पर छोड़ दिया गया है।
विधेयक कथित रूप से कहता है कि मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विपक्ष के नेता और दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वाली चार सदस्यीय चयन समिति लोकपाल की नियुक्ति करेगी, जबकि विधानसभा में दो तिहाई बहुमत से मंजूर होने वाले प्रस्ताव के जरिए लोकपाल को हटाया जा सकेगा।

भाजपा+”आप”में न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल को दिल्ली लोकायुक्त बनाने पर सहमति बन ही गई

[नयी दिल्ली] भाजपा और “आप” में न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल को दिल्ली की नयी लोकायुक्त बनाने पर सहमति बन ही गई |अभी तक भाजपा और कांग्रेस लोकायुक्त के खाली पड़े पद को लेकर आप सरकार को घेर रही थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रेवा खेत्रपाल अब दिल्ली की नयी लोकायुक्त होंगी। यह पद 2013 से खाली पड़ा हुआ था।
न्यायमूर्ति खेत्रपाल को इस पद के लिए चार सदस्यीय समिति ने आमराय से चुना |२० अक्टूबर को आयोजित इस बैठक में उप राज्यपाल नजीब जंग+मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल+ दिल्ली उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी + दिल्ली विधानसभा में विपक्षी नेता विजेंद्र गुप्ता शामिल थे।
उपराज्यपाल २१ अक्टूबर को इस नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से सिफारिश करेंगे|
63 वर्षीय न्यायाधीश के नाम की सिफारिश आप सरकार ने जुलाई में और इस महीने की शुरूआत में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से की थी।आप सरकार ने जो दो अन्य नाम सुझाए थे उनमें ओड़िशा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश बिलाल नाजकी और हरियाणा एवं पंजाब उच्च न्यायालय के सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश जसबीर सिंह के नाम शामिल थे।
भाजपा और कांग्रेस लोकायुक्त के खाली पड़े पद को लेकर आप सरकार को घेर रही थी। साथ ही उस पर इसमें देर करने का आरोप लगा रही थी।
दिल्ली लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त अधिनियम 1995 के मुताबिक लोकायुक्त का कार्यकाल पांच साल का है।
भाजपा के गुप्ता ने बताया कि न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल के नाम पर इस पद के लिए आमराय बन गई। इसके साथ ही काफी समय से लंबित एक मुद्दे का तो निष्कर्ष निकल गया।
आखिरी लोकायुक्त न्यायमूर्ति :सेवानिवृत: जस्टिस मनमोहन सरीन थे। वह पांच साल के कार्यकाल के बाद नवंबर 2013 में पद से सेवामुक्त हुए थे। तब से यह पद खाली पड़ा हुआ था।

आप”ने राजनीतिक लाभ के लिए नाबालिग बच्चियों के इस्तेमाल के लिए कांग्रेस पर कार्यवाही मांगी

[नई दिल्ली]”आप”ने राजनीतिक लाभ के लिए नाबालिग बच्चियों के इस्तेमाल के लिए कांग्रेस पर कार्यवाही मांगी
दिल्ली में सत्तारूढ़ “आप” ने राजनीतिक विरोध प्रदर्शन में नाबालिग बच्चियों का इस्तेमाल करने के लिए विपक्षी कांग्रेस के खिलाफ कार्यवाही की मांग की प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए संयोजक दिलीप पाण्डेय ने कहा के दिल्ली सरकार के खिलाफ़ दिल्ली महिला कांग्रेस द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में छोटी-छोटी बच्चियों के इस्तेमाल का आम आदमी पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है। पांडे ने कहा कि “यह बहुत निंदनीय है कि दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्षा और वर्तमान दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती बरखा शुक्ला सिंह ने दिल्ली महिला कांग्रेस की तरफ़ आयोजित राजनीतिक प्रदर्शन में बेहद गैरज़िम्मेदाराना तरीके से 8 से 10 साल की बच्चियों को शामिल किया, जो कानून के खिलाफ़ है और इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के पास नाबालिग रेप पीड़ित का हाल जानने के लिए अस्पताल जाने तक का वक्त नहीं था और अब वे कानून के खिलाफ़ जाते हुए अपने राजनीतिक विरोध प्रदर्शन में नाबालिग बच्चियों का इस्तेमाल कर रहे हैं जो बेहद ही गैरजिम्मेदाराना, असंवेदनशील और निंदनीय है, दिल्ली पुलिस को इसका संज्ञान लेना चाहिए और आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए”।

बस्सी”के जवाबी बयानों से बौख्लाई”आप”ने दिल्ली पुलिसआयुक्त को भाजपा का प्रवक्ता बताया

[नई दिल्ली]”बस्सी” के जवाबी बयानों से बौख्लाई “आप” ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को भाजपा का अप्रत्यक्ष प्रवक्ता बताया
आम आदमी पार्टी [आप]ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा
” दिल्ली पोलिस आजकल भारतीय जनता पार्टी की एक फ्रंटल ऑर्गेनाइज़ेशन के तौर पर काम करती हुई नज़र आ रही है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त इन दिनोंटीवी पर एक मंझे हुए राजनेता की तरह दिल्ली की जनता द्वारा लोकतांत्रिक रुप से चुनी हुई केजरीवाल सरकार के खिलाफ़ बयान देते हुए देखे जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी द्वारा आयोजित की गई प्रेस कॉंफ्रेंस में दिल्ली संयोजक दिलीप पांडे ने कहा कि “ऐसा लगता है जैसे श्री बस्सी जी अपनी सेवा के सारे नियमों को ताक पर रखकर भारतीय जनता पार्टी के निर्देशों पर ही दिल्ली पुलिस की व्यवस्था चला रहे हैं” हाल ही में सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज़ (CMS) द्वारा दिल्ली में भ्रष्टाचार पर किया गया एक निष्पक्ष सर्वे सामने आया है जिसमें दिल्ली पुलिस को सबसे भ्रष्ट सरकारी विभाग बतायागया है। इस पर ‘आप’ के दिल्ली संयोजक दिलीप पांडे ने कहा कि “अप्रत्यक्ष राजनेता के तौर पर लगातार दिल्ली सरकार के खिलाफ़ बयानबाज़ी करने वाले दिल्ली पुलिस आयुक्त से आम आदमी पार्टी निम्नलिखित चार सवाल पूछे है “-
[१]सीएमएस के ताज़ा सर्वे में राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली पुलिस को सबसे भ्रष्ट सरकारी विभाग बताया गया है, इस पर पुलिस आयुक्त श्री भीम सेन बस्सी जी की क्या प्रतिक्रिया है ?
[२] दिल्ली के इतिहास में लोकतांत्रिक तौर पर चुनी गई सबसे लोकप्रिय सरकार को पुलिस आयुक्त दिल्ली के स्कूलों में नैतिक शिक्षा देने की सलाह तो देते हैं लेकिन क्या वो खुद के विभाग में अपने कर्मचारियों को भ्रष्टाचार उन्मूलन के संदर्भ में शिक्षा देंगे ?
[३]दिल्ली पुलिस आयुक्त श्री बस्सी जी क्या दिल्ली की जनता को ये बताएंगे कि वो दिल्ली में रंगे हाथों 10 हज़ार रुपए की रिश्वत लेने वाले अपने ही विभाग के एक कॉंस्टेबल को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे गए हैं ?
[4लगातार इतनी बयानबाज़ियों के बीच दिल्ली पुलिस आयुक्त श्री बस्सी जी केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित अपने रिटायरमेंट के बाद की संभावित सेवा के बारे में चुप क्यों हैं ?
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के समक्ष भी निम्नलिखित सवाल रखे हैं –
[१]दिल्ली पुलिस आयुक्त श्री भीम सेन बस्सी जी क्या भारतीय जनता पार्टी के अप्रत्यक्ष प्रवक्ता के तौर पर काम रहे हैं ?
[२]सीएमएस के ताज़ा सर्वे में सबसे भ्रष्टतम संस्थाओं में चिन्हित दिल्ली पुलिस और बीजेपी शासित दिल्ली नगर निगम जैसा ही गवर्नेंस मॉडल क्या भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में लागू करेगी, इस पर भारतीय जनता पार्टी की क्या प्रतिक्रिया है ?
[३]दिल्ली की जनता को सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थ दिल्ली पुलिस का बचाव क्या भारतीय जनता पार्टी लगातार आगे भी करेगी ?

पंजाब के पीड़ित कपास किसानों के लिए”बादल”सरकार के ६०० करोड़ रुपयों को”आप”ने अपर्याप्त बताया

[नई दिल्ली]पंजाब के पीड़ित कपास किसानों के लिए”बादल”सरकार के ६०० करोड़ रुपयों को”आप”ने अपर्याप्त बताया
कपास किसानों की बदहाली को दूर करने के लिए बादल सरकार द्वारा दिए गए ६०० करोड़ रुपयों को “आप” पार्टी ने अपर्याप्त बताया
“आप” पार्टी ने पंजाब में कपास फ़सल की बर्बादी का कारण राज्य सरकार, कृषि मंत्री के इस्तीफे समेत उनकी गिरफ्तारी की मांग भी की :
आप ने आरोप लगाया है के पंजाब में कपास की फसल पर सफ़ेद मक्‍खी के हमले पर बेअसर नक़ली कीटनाशक से तबाह अब तक एक दर्जन से ज्यादा किसानों ने पिछले डेढ़ महीने के दौरान ख़ुदकुशी कर ली है। इसके लिए सीधे तौर पर राज्य की बादल सरकार द्वारा किया गया घोटाला जिम्मेदार है। सफ़ेद मक्खी कीट से पंजाब में कपास के 11 लाख एकड़ रकबे में करीब 60 फीसदी फ़सल तबाह हुई है। लेकिन किसानों को सिर्फ 600 करोड़ रुपये का पैकेज ही बादल सरकार ने दिया है जो पर्याप्त नहीं है।
“आप” के आरोपानुसार पंजाब में कीटनाशक सप्लाई करने का काम “मार्कफेड कॉओपरेटिव सोसाइटी” करती आई थी लेकिन इस बार पंजाब सरकार ने ये काम बिना किसी टेंडर आवेदन के “ओ-ब्रायन” नाम की एक फर्ज़ी कम्पनी को दे दिया। सरकार ने इस कंपनी से 33 करोड़ रुपए के कीटनाशक की ख़रीद कर किसानों को उपलब्ध कराया। साधारणत: एक फ़सल में 2 से 3 बार कीटनाशक छिड़काव की जरुरत होती है लेकिन “ओ-ब्रायन” नामक इस कीटनाशक को 14 से 15 बार छिड़कना पड़ा, किसानों का एक बार के कीटनाशक छिड़काव का खर्च 3300 से 3400 रुपए आता है लिहाज़ा उनका एक फ़सल पर खर्च भी पहले के मुकाबले काफी बढ़ गया। इस कीटनाशक की वजह से कपास की फ़सल खराब हुई तो इस कंपनी पर दबाव बढ़ने लगा, जांच हुई तो पाया कि इस “ओ-ब्रायन” नामक कीटनाशक को खरीदने से पहले सरकार की तरफ़ से किसी तरह की जांच के लिए लैब में भी नहीं भेजा गया था और ना ही पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने इस कीटनाशक की गुणवत्ता को मंजूरी दी थी, जांच में पाया गया कि इसमें शुद्दता का स्तर 17.5 मिला है जो अमूमन कीटनाशक में 22.5 होना आवश्यक होता है। ये सारा घोटाला उजागर हुआ तो सरकार ने लीपापोती करते हुए कार्रवाई के नाम पर सिर्फ कुछ डीलर और कृषि महकमे के निदेशक मंगल सिंह संधू के खिलाफ ही कार्रवाई की जबकि अपनी सरकार के कृषि मंत्री तोता सिंह को क्लीन चिट दे दी, जबकि इतनी बड़ी खरीद बिना कृषि मंत्री की सहमति के हो ही नहीं सकती। आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि पंजाब सरकार में कृषि मंत्री तोता सिंह को तुंरत उनके पद से हटाया जाए और उन पर आपराधिक मुकदमा दर्ज़ करते हुए उनको तुरंत गिरफ्तार किया जाए,इसके अलावा पार्टी ने मान की है के पंजाब के कपास किसानों को 40 हज़ार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवज़ा दिया जाए।

पंजाब जोड़ने का नारा देने वाली”आप”पार्टी ने राज्य में अपने”खालसा”और”गांधी”को निलंबित किया

[नई दिल्ली]पंजाब जोड़ने का नारा देने वाली”आप”पार्टी ने राज्य में अपने”खालसा”और”गांधी”को निलंबित किया पंजाब जोड़ने का नारा देने वाली आप पार्टी ने अपने दो सांसदों को निलंबित किया |
धर्मवीर गांधी और हरिंदर खालसा को आम आदमी पार्टी[आप] से निलंबितकिया गया है|इन पर पार्टी विरोधी गतिविधियाँ चलाने का आरोप लगाया गया है|
आप पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ने आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से धरमवीर गांधी + हरिंदर सिंह खालसा को निलंबित कर दिया और पार्टी की राष्ट्रीय अनुशासन समिति के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए भेजा।
आप पार्टी के मीडिया सेल द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार 29 अगस्त 2015 को हुई अपनी बैठक में पीएसी द्वारा धरमवीर गांधी और हरिंदर सिंह खालसा की पार्टी विरोधी गतिविधियों का संज्ञान लिया गया । सर्वसम्मत निर्णय में, पीएसी पार्टी से खालसा और गांधी को निलंबित कर दिया |राष्ट्रीय अनुशासन समिति को उनके मामलों के लिए भेजा। अब पंकज गुप्ता, दिलीप पांडे और दीपक बाजपेयी के साथ तीन सदस्यीय राष्ट्रीय अनुशासन समिति, इनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता की शिकायतों पर गौर करेंगे।

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“ऐऐपी” विधायकों के जेल जाने की स्पीड रोकने के लिए केंद्र का कोऑपरेशन बेहद जरूरी है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

आम आदमी पार्टी चेयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?ओये एक तरफ तो दिल्ली को स्वर्ग बनाने के लिए कहा जा रहा है तो दूसरी तरफ केंद्र की पोलिस का डंडा कुछ करने ही नहीं दे रहा |ओये अगर एऐसीबी मुखिया मुकेश कुमार मीणा को हटा दिया जाये तो हमने दो सालों में दिल्ली में स्वच्छाता अभियान की यमुना बहा देनी है |ओये हसाडे सोणे अरविन्द केजरीवाल साहब ने भी पी एम को चेता दिया है साफ़ शब्दों में बता दिया है के अगर केंद्र कोऑपरेट करे तो महज दो सालों में पूरा विश्व दिल्ली को स्वच्छ भारत+स्किल इंडिया+ के छेत्रों में दिलकश+दिलरुबा+दिलफरेब कहने लगेगा| लेकिन ये दिल्ली की पोलिस हमसे ऐसी सड़ी बैठी है के हमें फ़ैल करने के लिए डॉक्टर्स+ट्रांसपोर्टर्स की हड़तालों को भी लंबा खिंचवा रही है

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी बात तो आपजी की सारी बातें तोला +माशा+रत्ती सही है बेशक आपजी के थैले में ६७ विधायक हैं मगर जिस स्पीड से तीन विधायक जेल चले गए उस स्पीड में तो सरकार अपने आप गिर जाएगी इसीलिए पोलिस का कोऑपरेशन बेहद जरूरी है

Arvind Kejriwal Quickly Denies Relations With Newly Appointed DCW But Justifies Her Appointment

[New Delhi]Arvind Kejriwal Quickly Denies Relations With Newly Appointed DCW But Justifies Her Appointment
C M Arvind Kejriwal Quickly Denies Any Relations With Newly Appointed DCW And Justifies Swati Maliwal
.AAP refutes charges of neptism in appointing Maliwal DCW chief
The AAP today refuted charges of nepotism in the selection of Swati Maliwal, wife of party leader Naveen Jaihind, as the head of the Delhi Commission for Women (DCW), saying she had a long record of “activism” in different spheres.
Chief Minister Arvind Kejriwal was also quick to deny that Maliwal was related to him.
“Some media houses and opposition leaders alleging that Swati is my cousin. Complete nonsense. She is not even remotely connected,” Kejriwal tweeted.
The party said Maliwal has a long record of “activism” in different spheres and the appointment was done on “merit”.
AAP Leader said that The post of the DCW was being used as a retirement place. Barkha Singh, who lost in the polls, was accomodated there. Swati Maliwal can do justice to the post,
The current DCW chief Barkha Singh’s tenure is due to end this week.
Maliwal has been associated with Kejriwal since India Against Corruption (IAC) days. She is also the wife of Naveen Jaihind, a key party leader from Haryana. Jaihind is also a known Kejriwal loyalist.And Staunch Opponent Of Yogendra Yadav
Incidentally, AAP had always maintained that the post of the DCW is being “politically misused” and it would ensure that it does not happen during its tenure.
Meanwhile, Swaraj Abhiyan leader and lawyer-activist Prashant Bhushan, has taken a dig at Kejriwal on whether appointing close “confidante” Maliwal to statutory posts was a step towards towards alternate politics.
“Kejriwal confidante Swati (Maliwal) to be appointed DCW chief. AAP to follow Cong lead to appoint partisans to statutory posts. Alternative politics?” Bhushan tweeted.