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नागरिक उड्डयन मंत्रालय,निजि एयर लाइन्स और एयर इंडिया को आर्थिक संकट से बाहर निकलने का रास्ता नहीं सूझ रहा

नागरिक उड्डयन मंत्रालय+निजि एयर लाइन्स और एयर इंडिया को वर्तमान आर्थिक संकट से बाहर निकलने का रास्ता नहीं सूझ रहा है संभवत इसीलिए अब राज्यों पर दबाब बनाया जाने लगा है| नागरिक उड्डयन मंत्रालय + निजि एयर लाइन्स और सरकारी उपक्रम एयर इंडिया आज कल आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं|सरकारी नीतियों के कारण यौजनाएं अपेक्षित परिणाम नही दिखा रही है यहाँ तक कि इस लाइन की साख पर भी प्रश्न चिन्ह लगना शुरू हो गया है|
[१] एयर इंडिया के मुंबई महानगर स्थित 23 मंजिले भवन को किराये पर लेने के लिए कोई आवेदन नहीं आया है|इस विफलता के पश्चात ऐ आई ने अब अपनी कुछ आवासीय संपत्तियों को ई नीलामी के लिए रखा है।एयर इंडिया ने अब ई.नीलामी प्रक्रिया के जरिये मुंबई और गुड़गांव के प्रमुख स्थानों पर स्थित अपनी आवासीय संपत्तियों को बेचने का प्रस्ताव रखा है।एयरलाइन्स की वेबसाइट पर जारी बोली दस्तावेज में कहा गया है”एयर इंडिया ई.नीलामी प्रक्रिया के जरिये मुंबई और गुड़गांव के प्रमुख स्थानों पर स्थित अपनी आवासीय संपत्तियों को बेचने का प्रस्ताव करती है”
[२] इंडिगो और स्पाईस जेट आदि जैसी ७ एयर लाइन्स से कर्जे का २१११ .४३ करोड़ रूपया वसूलने में अभी तक असमर्थ रहे नागर विमानन मंत्रालय द्वारा अब विमान कंपनियों को राहत देने के लिए राज्यों पर दबाब बनाया जाने लगा है|नागर विमानन मंत्रालय द्वारा अब राज्य सरकारों को हवाई जहाज़ों के तेल[ ATF ] के टैक्स में कमी करने को दबाब बनाया जाने लग गया है| नागर विमानन मंत्रालय के हवाले से भाषा ने कहा है कि मंत्रालय द्वारा विमान ईंधन पर करों में कमी लाने के लिए राज्य सरकारों को राजी करने का प्रयास जारी रखा जाएगा|इससे नकदी के संकट से जूझ रही विमानन कंपनियों को कुछ राहत मिल सकेगी|विमानन कंपनियां इस समय रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की मार से ग्रस्त हैं।

इंडिगो और स्पाइस जेट जैसी एयर लाइन्स से कर्ज वसूलने में असमर्थ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री अब ब्याज वसूलने का दावा कर रही है

इंडिगो और स्पाइस जेट जैसी लगातार लाभ कमाने वाली बजट एयर लाइन्स से भी करोड़ों रुपयों का लबित , एयर पोर्ट्स का किराया, वसूलने के लिए कोई कड़ा कदम उठता नहीं दिख रहा |सरकार द्वारा संसद में सात कंपनियों से २१११ .४३ की लेनदारी सम्बन्धी ब्यान देकर ही इतिश्री कर ली गई है| यहाँ तक प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने भी संसद में रुपये की गिरती कीमत पर चिंता तो व्यक्त की और अनेको सुधारों की जरुरत पर बल दिया इनमे सब्सिडी में कमी+ बीमा और पेंशन संबंधी सुधार+ अफसरशाही लाल फीताशाही को दूर करना और माल एवं सेवा कर लागू करना शामिल हैं|लेकिन ऐसे कंपनियों से वसूली के लिए कोई कड़े कदम को शामिल नहीं कर पाए हैं | जहाँ एक तरफ देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है|प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह स्वयम तरलता की कमी का रोना रो रहे हैं वहीं लाभ कमाने वाली एयर लाइन्स से भी कर्जा वसूलने के लिए कोई प्रभावी कदम उठता नहीं दिख रहा|
३१/३/२०१३ तक के प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार देश की सात एयर लाइन्स से २१११.४३ करोड़ रुपये वसूले जाने हैं| डिफाल्टर कंपनियों में विभिन्न विदेशी एयर लाइन्स भी हैं|इसके अलावा इंडिगो+स्पाईस जेट+जेट एयर लाइन्स जैसी बजट एयर लाइन्स पर भी क्रमश २.८९+८०.१७+१००.१६+देन दारी है| यह मामूली रकम नहीं हैं|इसके बावजूद भी केवल ब्यान बाजी ही जारी है| गौरतलब है कि देश में कार्यरत ७ एयर लाइन्स ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को २१११.४३ करोड़ रूपये का कर्ज़ चुकाना है |इनसे कर्ज वसूलने में असमर्थ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री कर्ज पर ब्याज वसूलने की बात कर रही है| यह अपने आप में हास्यास्पद लग रहा है| |ये आंकड़े नियत्रक एवं महालेखापरीक्षक की लेखापरीक्षा के मद्देनजर है|नागर विमानन राज्य मंत्री श्री के.सी.वेणुगोपाल ने बीते दिन लोकसभा में स्वीकार किया है कि ये विमानन कंपनियां किसी कारण से देय राशियों का भुगतान करने में विफल रही हैंलेकिन इसके साथ ही उन्होंने अपनी महत्वकांक्षी यौजना का उल्लेख करते हुए दावा किया कि डिफाल्टर कंपनियों से विलंबित भुगतान के लिए ब्याज वसूला जाएगा|यानि सांप पकड़ने का मंत्र आता नहीं और चले हैं बिच्छू के बिल में हाथ डालने|
——————————-(करोड़ रुपये में)
डिफाल्टर कंपनियों का विवरण
क्रम सं.— –एयरलाइंस का नाम———— देय राशि*
[१]————-एअर इंडिया समूह—————1539.75
[२]————-विभिन्न विदेशी एयरलाइनें——-193.49
[३]————-किंगफिशर एयरलाइंस————186.26
[४]————-जेट एयरलाइंस समूह————-100.16
[५]————-स्पाइसजेट——————— —80.17
[६]————-गो एयरलाइंस—————— —8.71
[७]————-इंटरग्लो एविएशन (एंडिगो)—— –2.89

ड्रीम लाइनर में खराबी के बावजूद इसकी खरीद के लिए करोड़ों $ का कर्जा उठाया जा रहा है :डील पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है|

बोइंग ड्रीम लाइनर ७८७ में इस माह में दूसरी बार खराबी आई है लेकिन सुरक्षा से सम्बंधित इन चेतावनियों को दरकिनार करके सिविल एविएशन मंत्रालय ड्रीम लाइनर ७८७ खरीद का मोह त्याग नही पा रहा हैपांच और पांच बोइंग ड्रीमलाइनर विमानों को खरीदने के लिए, देश की राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया ने, डयूश बैंक और ब्रिटेन के इन्वेस्टेक बैंक से 50 करोड़ $ के ऋण उठा लिए है|
प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली से कोलकत्ता की उड़ान पर निकले बोइंग ड्रीम लाइनर के ओवन[बिजली के तंदूर] में , बीते दिन [बुधवार] ,चिंगारियां निकली
हवा में ही उस ओवन की आग पर काबू पाकर उसे निकाले जाने की सूचना प्राप्त हुई है लेकिन इस विषय में सिविल एविएशन के नियामक डी जी सी ऐ की वेबसाइट पर कोई सूचना नही है इसकी पुष्ठी के लिए ,फोन पर भी, कोई अधिकारी उपलब्ध नही हुआ|
यहाँ डी जी सी ऐ के पूर्व महा निदेशक जे एन कौल द्वारा जारी प्रपत्र संख्या (F.No. 10-9/83 AIS) ३[डी]का उल्लेख किया जाना जरुरी है जिसके अनुसार एयर प्लेन में इस प्रकार के यंत्रों को लगाया जाना प्रतिबंधित है| [ Aircraft in-built combustion heaters and similar equipment which may cause fire hazards shall not be used ]
ऐसे में सवाल उठता है कि यात्रियों की जान से खिलवाड़ करते हुए यह प्रतिबंधित यन्त्र क्यूं लगाया गया|इस उड़ान में डेड़ सो यात्री थे|
इससे पूर्व दिल्ली से ही फ़्रंकफ़र्ट की उड़ान में भी बाधा आ गई थी जिसके फलस्वरूप यात्रियों को दूसरी उड़न मुहैय्या करवाई गई|
इस एक प्लेन की कीमत २०० मिल्लियन $ बताई गई है २७ विमान ख़रीदे जाने हैं | पहले विमान के[ ९/१२] स्वागत में वाटर कैनन से सेल्यूट दिया गया था| बेशक यह अतिआधुनिक विमान है और कम खर्च वाला है लेकिन शुरुआत में ही तेल लीक +बैटरी में आग+कोंकपिट की खिड़की और ब्रेक में खराबी को लेकर विश्व भर में इन विमानों की उड़ान पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था जिसके लिए कंपनी ने मुआवजा देने की घोषणा भी की थी अभी वोह पुराना मुआवजा नही मिला है और यह और आर्थिक हानि हो रही है| ऐसे में इन प्लेन्स को खरीदने के लिए अरबों रुपयों का कर्ज [विदेशी मुद्रा में ]उठाया जा रहा है इस डील पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है|

नॅशनल कैरियर एयर इंडिया का अगला पडाव बर्मिंघम:एक अगस्त से दिल्ली टू बर्मिंघम

एयर इंडिया अब बर्मिंघम तक उड़ान भरेगा। शुरूआती दौर में दिल्ली बर्मिंघम – दिल्ली सेक्टर के लिए कुछ विशेष आकर्षक किराये की पेशकश है। इसके साथ सीमित समय के लिए दिल्ली से अहमदाबाद+कोच्चि+ तिरूवनंतपुरम और कोजीकोड तक निःशुल्क सेवाओं का लाभ उपभोक्ता उठा सकेंगे।
01 अगस्त 2013 से अमृतसर और दिल्ली से सप्ताह में चार दिन बर्मिंघम तक एयर इंडिया उड़ान भरेगी। यूके तक यह एयर इंडिया की चौथी उड़ान सेवा होगी। इस वर्ष जून में एयर इंडिया ने लंदन तक बी-787 ड्रीमलाइनर की शुरूआत की थी जो कि भारत से लंदन तक तीसरी उड़ान सेवा है।
एयर इंडिया की यह नई सेवा ड्रीमलाइनर वायुयानों का प्रयोग करते हुए दिल्ली-बर्मिंघम-दिल्ली-अमृतसर रूट पर सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को उड़ान भरेगी। अमृतसर से यह उड़ान 1030 बजे चल कर 1150 बजे दिल्ली पहुंचेगी। एआई-113 दिल्ली से 1330 बजे उड़ान भरकर 1800 बजे बर्मिंघम पहुंचेगी। वापसी उड़ान एआई-114 बर्मिंघम से 2130 बजे चल कर अगले दिन 1005 बजे दिल्ली पहुंचेगी। उसके बाद यही उड़ान 1205 बजे अमृतसर के लिए दिल्ली से रवाना होकर 1305 बजे अमृतसर पहुंचेगी।
एविएशन मंत्रालय का दावा है कि दिल्ली से बर्मिंघम जाने वाली यह सेवा यहां रहने वाले लोगों की सेवा करने के साथ-साथ पर्यटन और व्यापार के नये रास्ते खोलेगी। इस समय एयर इंडिया लंदन तक प्रति सप्ताह 21 उड़ान सेवाएं चलाती है जिनमें से 7 मुंबई-लंदन सेक्टर में और 14 दिल्ली-लंदन सेक्टर में उड़ान भरती है।

किंग फिशर एयर लाइन्स ने ३८०मिलियन $ का घाटा दर्ज़ कराया :दूसरी एयर लाइन्स की चांदी

शराब किंग विजय माल्या की कर्ज में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस ने 31 मार्च, को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में ३८०मिलियन $[ 4,301.11 करोड़ रुपये ]का घाटा होने की घोषणा की है। इससे पहले कंपनी को 2,328.01 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अक्टूबर 2012 से किंगफिशर का परमिट सस्पेंड कर दिया, जिसके कारण कंपनी का कामकाज बंद है।कंपनी ने बैंक आदि को ढाई बिल्लियन $का कर्ज़ लौटाना है|
एयरलाइन को 31 मार्च, 2013 तक लगभग 16,023.46 करोड़ रुपये का कुल घाटा हुआ है और कम्पनी की शुद्ध कीमत नकारात्मक होकर 12,919.81 करोड़ रुपये हो गई है.कम्पनी कई महीनों से अपने कर्मचारियों को तनख्वाह देने में भी असमर्थ रही है.\कंपनी के शेयर आज [एन एस ई] ६.०३ पर नोट किये गए| नंबर दो पर रही इस कम्पनी के बंद रहने से या पतन से एयर इंडिया और इंडिगो के अलावा दूसरी निजी एयर लाइन्स को फायदा हो रहा है|

एलेक्शन कमिश्नर जैदी ने यूं टर्न लेते हुए एयर पोर्ट्स पर सिक्यूरिटी चेकिंग से कम्प्लीट छूट की मांग कर डाली


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

सिविल एविएशन के परेशां सुरक्षा अधिकारी

ओये झल्लेया ये हसाड़े मुल्क के कर्णधारों को क्या हो रहा है|ओये एक तरफ विश्व भर में एयर पोर्ट्स पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किये जा रहे हैं|हसाडी सोणी अदालतें भी सुरक्षा में खामियों को लेकर आये दिन मंत्रालय को लताड़ लगाती रहती है |इस सब के बावजूद अब एलेक्शन कमिश्नर एस एन ऐ जैदी ने कहा है कि उनका रुतबा सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर है इसीलिए एयर पोर्ट पर चेकिंग से उन्हें भी छूट मिलनी चाहिए| ओये अभी एक साल पहले ही ये जैदी साहब खुद ही वी आई पी को चेकिंग में दी रही छूट की मुखालफत करते रहे हैं|ओये ये यूं टर्न कहीं लेने के देने न कर दे

झल्ला

जी जनाब आप की चिंता वाजिब हैं |दरअसल यूं पी के काबिना मंत्री आज़म खान और मुख्य मंत्री अखिलेश यादव+ सिने स्टार शाहरुख़ खान+राष्ट्रपति अब्दुल कलाम साहब की अमेरिका में जांच के किस्से इन्हें सुना देने चाहियें हो सकता है तब जाकर जनाब जैदी साहब इस मांग को वापिस ले लें और राष्ट्रहित में अपने एक साल पहले के स्टैंड पर लोट जाएँ वरना अभी तक सपाई जनाब सलमान खुर्शीद के पीछे पड़े हुए थे इसके बाद उनके तीरों का निशाना बदल न जाये

सितार,सरोद के बाद अब एयर लाइन्स में एतिहासिक तबला भी निशाने पर :संगीत के सुर बेमानी होते जा रहे हैं ?

बीते सप्ताह विश्व प्रसिद्द तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का एतिहासिक तबला गायब कर दिया गया है|यह घ्रणित कार्य संवेदनहीन होती जा रही एयर लाइन्स में हुआ है|कलाकार ने ट्विटर पर दुःख के साथ अपना आक्रोश इस प्रकार व्यक्त किया है|इस्ताम्बुल[Istambul] से पेरिस और रेन्नेस[rennes ] की :ट्रांजिट फ्लाईट से तबला गायब किया गया है|यह तबला उनके जीवन में महत्वपूर्ण इसीलिए है क्योंकि इसे उनके पिता और गुरु उस्ताद अल्ला रख़ा खान साहब ने दिया था|इससे पूर्व भारतीय ध्वज कैरियर एयर इंडिया में उस्ताद अमजद अली खान के सरोद [२०१०]को हानि पहुंचाई जा चुकी है|
आठ साल पहले भी एयर फ्रांस एयर लाइन्स में इस्ताम्बुल में ही पंडित रवि शंकर के दो सितार तोड़ डाले गए थे |लगता है की गोलियों की गड गडाहट के बीच संगीत के सुर बेमानी होते जा रहे हैं तभी अब विश्व को अपने मधुर संगीत से मंत्र मुग्ध करने वाले विख्यात संगीतकारों के महत्वपूर्ण वाद्य यन्त्र गायब किये जाने लगे हैं|यह अपने आप में आश्चर्यजनक इसीलिए है कि सबसे सुरक्षित मानी जा रही विमान सेवाओं में यह हो रहा है और वीभत्स भी है क्योंकि यह एक वर्ग या धर्म विशेष के नाम वाले कलाकारों के साथ हो रहा है| अब एयर लाइन्स द्वारा षड्यंत्र के रूप में हवाई यात्रा के दौरान संगीत वाद्य यंत्रों के लिए अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने की घोषणा कर दी गई है|संगीत का अपना कोई धर्म या मजहब नहीं होता संगीत तो केवल संगीत है| अच्छा संगीत अमरत्व प्राप्त करता है| शायद इसीलिए भारत में तो संगीत और संगीत कारों की पूजा भी होती है लेकिन ध्वज वाहक एयर इंडिया और नियामक डी जी सी ऐ द्वारा इनकी सुरक्षा करने के बजाय अतिरिक्त शुल्क लगाया जाना निंदनीय ही कहा जा सकता है|

इंडिगो एयर लाइन्स की फ्लाईट्स की संकरी लाईनों में प्रेफेरेंशल सीट के लिए अतिरिक्त शुल्क लगेगा

इंडिगो एयर लाइन्स की फ्लाईट्स की संकरी लाईनों में प्रेफेरेंशल सीट के लिए भी अब अतिरिक्त शुल्क लगेगा| लगातार लाभ में चल रही निजी एयर लाइन इंडिगो ने प्रेफेरेंशल सीटिंग के नाम पर हवाई यात्रियों से अतिरिक्त शुल्क वसूलने के घोषणा कर दी है| नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा किरायों में कटौती के लिए किये जा रहे तमाम दावों को धत्ता बताते हुए इंडिगो एयर लाइन्स ने पहली दो लाईनों और इमरजेंसी द्वार के समीप[१२&१३]लाईन की सीटों के लिए प्रीमियम लेने का एलान कर दिया है|सस्ती यात्रा करने का दावा करने वाली इस एयर लाइन में अब प्रेफेरेंशल सीटिंग के लिए घरेलू उड़ानों के लिए ५००/= और अन्तराष्ट्रीय फ्लाईट्स के लिए ८००/=प्रति सीट तक देना पड़ सकता है| इससे पूर्व नेशनल केरियर एयर इंडिया ने यात्रियों के लगेज में कटौती कर दी है
गौरतलब है के सिविल एविएशन मिनिस्ट्री द्वारा एयरलाइंस को अतिरिक्त सर्विसेज के नाम पर चार्ज वसूलने की इजाजत दे दी गई है।अब एयरलाइंस बेस फेयर से अलग इन सर्विसेज के लिए यात्री से ज्यादा कीमत वसूल सकेंगी।उल्लेखनीय है के घरेलू उड़ानों के लिए उपलब्ध फ्लाईट्स में अधिकतर सीटिंग एरेंजमेंट बेहद संकरे हैं और थोड़ी देर पश्चात ही घुटने सीधे करने की जरुरत पड़ने लगती है ऐसे में यह शुल्क अतिरिक्त दंड स्वरुप ही होगा|
इन सर्विसेज में प्रेफेरेंशल सीटिंग+ खान +पीना+(पानी छोड़कर)+चेक-इन बैगेज+स्पोर्ट्स और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट+ वैल्यूएबल बैगेज की घोषणा और एयरलाइन लाउंज शामिल होंगे।
जानकारों का मानना है के इस कदम से भारत में सस्ता टिकट ऑफर करने में मदद नहीं मिलेगी। ट्रेवेल अजेंट्स एसोसिएशन टी ऐ ऐ आई ने इसे अनुचित बताया कर अपना एतराज जता चुकी है| इंडिगो+स्पाइसजेट और गोएयर जैसी बजट एयरलाइंस का ऑपरेशंस कॉस्ट जेट एयरवेज और एयर इंडिया जैसी फुल सर्विस एयरलाइंस के लगभग बराबर ही है।

ड्रीम लाईनर्स[७८७] की उड़ान के ड्रीम्स पूरे होने के चांसेस बने : बोइंग ने बैटरी बदलने की कार्यवाही शुरू की

बोइंग के ड्रीमलाइनर[787] विमान आगामी माह में एयर इंडिया के ड्रीम्स को पूरा करने के लिए आसमान में उड़ान भरने लगेंगे |इससे ना केवल एयर इंडिया के महाराजा की कर्जे से झुकती जा रही कमर कुछ सीधी होपायेगी वरन निजी एयर लाइन्स को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना भी करना पडेगा| अमरीका के फेडरेल एविएशन एडमिनिस्ट्रिटेशन (FAA) द्वारा हरी झंडी लहराने के पश्चात बोइंग के ड्रीमलाइनर विमान जल्द ही फिर से आसमान में दिखेंगे | जापान आदि देशों में ड्रीम लाईनर .विमानों में जनवरी में उड़ान के दौरान बैट्री में आग लगने की शिकायतें मिलने के बाद अस्थाई तौर पर विश्व भर में ५० विमानों पर रोक लगा दी गई थी |यधपि भारत में ऎसी कोई घटना नहीं घटी फिर भी बोइंग के निर्देश पर भारत में भी ६ विमान ग्राउंडडेड किये गए थे|
बोइंग ने वॉशिंगटन से जारी अपने अधिकारिक बयान में जानकारी दी है कि अमरिकी अधिकारियों ने जापानी बैटरी निर्माता और बोइंग द्वारा द्वारा दोबारा से तैयार बैट्री प्रणाली को मंजूरी दे दी है | नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) प्रमुख अरण मिश्र के अनुसार बोइंग के इंजीनियरों का एक दल भारत आ रहा है और जल्द ही वे एयर इंडिया के छह ड्रीमलाइनर विमानों में नयी बैट्रियां लगाने का काम शुरू करेंगे. यदि सब कुछ ठीक हो गया तो एयर इंडिया रोम+ मॉस्को+ सिडनी+पैचिङ्गआदि के लिए उड़ान शुरू कर अपना अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बढ़ा सकेगी। गौरतलब है की एयर इंडिया द्वारा२००६ में २७ ड्रीम लाईनर्स के लिए सौदा किया गया था|जिनमे से केवल छह विमान ही प्राप्त हुए थे और वाटर कैनन से स्वागत किये जाने के पश्चात भी वोह अपेक्षित उडान नहीं भर पाए|इन विमानों के लिए दिल्ली से बेंगलुरु, चेन्नै, कोलकाता, पेरिस, फ्रैंकफर्ट और दुबई के मार्ग उड़ानों की यौजना बनाई जा चुकी थी|
जनवरी में इनकी उड़ाने बंद होने के कारण एयर इंडिया को प्रतिदिन पौने तीन करोड़ रुपयों का घाटा हो रहा है|।

१६ वी लोक सभा के लिए चुनाव आ पहुंचे हैं:एयर इंडिया में कटौती के लिए प्रो ढोलकिया के सुझाव क्या लागू होंगे


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

सिविल एविएशन मिनिस्ट्री का एक चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा अब हसाडी एयर इंडिया की उड़ान सातवें आसमान पर होगी|जस्टिस धर्माधिकारी के बाद अब प्रो आर एच ढोलकिया कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट दे दी है| ओये एयर इंडिया को अपनी बचत बढ़ाने और खर्चों में कटौती के लिए कई तरह के उपदेश दिए गए हैं |ओये अब रोजाना १४ करोड़ रुपयों के नुक्सान से छुटकारा मिलेगा|प्रो ढोलकिया ने तो ४६ प्रबंध मन्त्र दिए हैं|
एयर इंडिया के कर्मचारियों के 26,000 के विशाल बेड़े को तर्कसंगत बनाने के लिए तकनीकी क्षमता ऑडिट कराने का सुझाव आ गया है अब तय हो जाएगा कि किसको स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) दी जाए या किसे इधर से उधर एडजस्ट किया जाए | इस बेड़े के जम्बो साईज में भी कटौती करना आसान हो जाएगा|टैक्स फ्री बांड्स के माध्यम से रकम इकट्ठा करके महंगे ब्याज वाले कर्जे चुकताये जा सकेंगे|
घाटे वाले रूट्स पर एयर इंडिया की उड़ानें खत्म करके प्राईवेट वालों को लगाया जा सकेगा|
ओये यात्री एजेंटों से टिकट खरीदते हैं और एजेंटों को कमीशन एयर इंडिया को देनी पड़ती हैं अब ऐसा नहीं चलेगा |अगर एजेंटों को कमीशन लेना हो तो भैया सीधे यात्रियों से वसूलो | भी अगर ये सब हो गया तो १०००० करोड़ का महंगे ब्याज वाले लोन से छुट्टी मिलेगी औरइसके अलावा १००० करोड़ का अतिरिक्त खर्चा भी कम होगा|

 १६ वी लोक सभा के लिए चुनाव सर पर आ पहुंचे हैं:एयर इंडिया में सुधारों के नाम पर कटौती के सुझाव क्या लागू होंगे

१६ वी लोक सभा के लिए चुनाव सर पर आ पहुंचे हैं:एयर इंडिया में सुधारों के नाम पर कटौती के सुझाव क्या लागू होंगे

झल्ला

चतुर सुजाण जी ये सारी बातें सुनने में वाकई बहुत सुहावनी लग रही हैं मगर ये सारी दिल को बहलाने वाली ही हैं क्योंकि इससे कर्मचारियों की छटनी होगी जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढेगा |यात्रियों को सर्विस चार्ज भी देनी पडेगा उनके झटके भी झेलने को तैयार रहना पडेगा|शायद इसीलिए अभी तक जस्टिस धर्माधिकारी की छटनी वाली रिपोर्ट बाहर नहीं निकाली गई है | आप की कार्यप्रणाली के विषय में नवीनतम दो उदहारण दिए जा सकते हैं[१]आपके कर्मचारी के जेब से कोलकत्ता में ६०० बोर्डिंग पास मिले हैं |[२] आपके नियामक को ठेंगा दिखाते हुए एक निजी एयर लाइन्स ने नए पायलट्स भर्ती करने का एलान कर दिया है|इसके अलावा झ्ल्लेविचारानुसार अब क्योंकि १६ वी लोक सभा के लिए चुनाव सर पर आ पहुंचे हैं ऐसे में श्रीमती सोनिया गांधी की टीम किसी भी प्रकार के नए प्रोग का रिस्क लेने से बचेगी|