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डी एम् के की करुणा से महरूम होकर भी मन मोहणी सरकार तो कायम है हां शेयर जरुर गिर गए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक प्रफुल्लित भाजपाई

ओये झाल्लेया मज़ा आ गया द्रविड़ मुनेत्र कडघम ने धाँसू मुनेत्र कडघम का रूप अख्तियार कर लिया है| ओये इन द्रविड़ों ने दिल्ली के आर्यों से लंका के खिलाफ कार्यवाही करने को कहना शुरू कर दिया है| चेन्नई गए पी चिदम्बरम+ ऐ के एंटोनी और गुलाम नबी की तिकड़ी भी करुणानिधि की करुणा नहीं पा सके| डी एम् के ने इस विषय पर यूं पी ऐ से अपने १८ सांसदों की सपोर्ट भी विडड्रा कर ली है| आरबीआई द्वारा रेपो और रिवर्स रेपो दरों में 25 आधार अंकों की कटौती के तमाम उपाय भी शेयर बाजारों को सम्भाल पाने में कामयाब नहीं रहे |ओये अब तो यूं पी ऐ की सरकार गिरे ही गिरे |हसादी सरकार बने ही बने|

डी एम् के की करुणा से महरूम होकर भी मन मोहणी सरकार तो कायम है हां शेयर जरुर गिर गए

डी एम् के की करुणा से महरूम होकर भी मन मोहणी सरकार तो कायम है हां शेयर जरुर गिर गए

झल्ला

सेठ जी ये दूर के सुहावने ढोल हैं सो ज्यादा खुश मत होवो|मन मोहनी सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे मायावती और मुलायम सिंह ने सपोर्ट को वापिस नहीं लिया है| इसीलिए सरकार तो स्थिर है हाँ शेयर बाज़ार जरुर सहम गया है|
सपा के नेता प्रोफ.रामगोपाल यादव ने तो डीएमके को ब्लैक मेलर तक बता दिया है| इसके अलावा भाजपा से रूठी रूठी जे डी यु का कुछ पता नहीं कब पाला बदल ले ,इसीलिए सेठ जी ये मन मोहणी सरकार कहीं नहीं जा रही| २०१४ में ऐ आई ऐ डी एम् के को ठिकाने लगाने के लिए ही ये सारी दंड बैठक हो रही है| हाँ इस चक्कर में बेचारे शेयर बाजारों में भारी गिरावट जरुर आ गई है | प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स २८५ .१० अंकों की गिरावट के साथ 19,००८ .१० पर और निफ्टी ८९ .३० अंकों की गिरावट के साथ 5,७४५ .९५ पर बंद हुआ है|

लाल कृषण अडवाणी ने खुशवंत सिंह को एक अद्भुत लेखक और उनकी पुस्तक को विचारप्रेरक पुस्तक बताया

एन डी ऐ के पी एम् इन वेटिंग ८५ वर्षीय [८ नवम्बर १९२७] लाल कृषण अडवाणी ने अपने ब्लॉग में 98 नाट आउट खुशवंत सिंह को एक अद्भुत लेखक: और उनकी नवीनतम पुस्तक ‘खुशवंतनामा : दि लेसन्स ऑफ माई लाइफ‘ को विचारप्रेरक पुस्तक बताया है| प्रस्तुत है अडवाणी के ब्लाग से साभार उनके विचार उनके ही शब्दों में :
पिछले महीने मुझे ‘खुशवंतनामा : दि लेसन्स ऑफ माई लाइफ‘ की एक प्रति प्राप्त हुई। 188 पृष्ठों की इस पुस्तक को मैं लगभग एक बार में ही पढ़ गया। पुस्तक पढ़ने के पश्चात् मुझे पहला काम यह लगा कि मैंने अपने कार्यालय से खुशवंत सिंह से सम्पर्क करने को कहा ताकि पेंगइन[Penguin] विंकिंग द्वारा प्रकाशित इस शानदार पुस्तक के लिए मैं उनको बधाई दे सकूं।
खुशवंत सिंह के घर पर फोन उठाने वाले व्यक्ति ने मेरे कार्यालय को सूचित किया कि वे फोन पर नहीं आ सकेंगे। एक संदेश यह दिया गया कि यदि आडवाणी खुशवंत सिंह ही को मिलना चाहते हैं तो शाम को आ सकते हैं। मैंने तुरंत उत्तर दिया कि आज शाम को मेरा अन्यत्र कार्यक्रम है लेकिन अगले दिन में निश्चित ही उनसे मिलने आऊंगा।

 लाल कृषण अडवाणी ने खुशवंत सिंह को एक अद्भुत लेखक और उनकी पुस्तक को विचारप्रेरक पुस्तक बताया

लाल कृषण अडवाणी ने खुशवंत सिंह को एक अद्भुत लेखक और उनकी पुस्तक को विचारप्रेरक पुस्तक बताया


खुशवंत सिंह का जन्म 2 फरवरी, 1915 को हुआ। इसलिए जब फरवरी, 2013 में यह पुस्तक प्राप्त हुई तो मैं जानता था कि उन्होंने अपने जीवन के 98 वर्ष पूरे कर 99वें में प्रवेश किया है!
मैंने किसी और अन्य लेखक को नहीं पढ़ा जो सुबोधगम्यता के साथ-साथ इतना सुन्दर लिख सकता है, और वह भी इस उम्र में। इसलिए इस ब्लॉग के शीर्षक में मैंने न केवल पुस्तक अपितु लेखक की भी प्रशंसा की है।
पुस्तक की शुरुआत में शेक्सपियर की पंक्तियों को उदृत किया गया है:

दिस एवव ऑल, टू थाइन ऑन सेल्फ बी टू्र
एण्ड इट मस्ट फॉलो, एज दि नाइट दि डे,
थाऊ कांस्ट नॉट दैन बी फाल्स टू एनी मैन।
हेमलेट एक्ट-1, सीन III

(भावार्थ: जो व्यक्ति अपने बारे में ईमानदार होगा वही दूसरों के बारे में झूठा नहीं हो सकता।)
मैं यह अवश्य कहना चाहूंगा कि यह पुस्तक मन को हरने वाले प्रमाण का तथ्य है कि खुशवंत सिंह ने अपने बारे में लिखते समय भी उन्होंने असाधारण साफदिली के साथ लिखा है। उनके परिचय के पहले दो पैराग्राफ उदाहरण के लिए यहां प्रस्तुत हैं:
”परम्परागत हिन्दू मान्यता के अनुसार अब मैं जीवन के चौथे और अंतिम चरण संन्यास में हूं। मैं कहीं एकांत में ध्यान लगा रहा होऊंगा, मैंने इस दुनिया की सभी चीजों से लगाव और अनुराग छोड़ दिया होगा। गुरु नानक के अनुसार, नब्बे की आयु में पहुंचने वाला व्यक्ति कमजोरी महसूस करने लगता है, इस कमजोरी के कारणों को नहीं समझ पाता और निढाल सा पड़ा रहता है। अपने जीवन के इस मोड़ पर मैं अभी इनमें से किसी भी अवस्था में नहीं पहुंचा हूं।
अठानवें वर्ष में, मैं अपने को सौभाग्यशाली मानता हूं कि हर शाम को सात बजे मैं अभी भी माल्ट व्हिस्की के एक पैग का आनन्द लेता हूं। मैं स्वादिष्ट खाना चखता हूं, और ताजा गपशप तथा घोटालों के बारे में सुनने को उत्सुक रहता हूं। मुझसे मिलने आने वाले लोगों को मैं कहता हूं कि यदि किसी के बारे में आपके पास अच्छा कहने के लिए नहीं है, तो आओ और मेरे पास बैठो। मेरे आस-पास की दुनिया के बारे में जानने की उत्सुकता मैंने बनाए रखी है; मैं सुंदर महिलाओं के साथ का आनन्द लेता हूं; मैं कविताओं और साहित्य तथा प्रकृति को निहारने का आनंद उठाता हूं।”
प्रस्तावना के अलावा पुस्तक में सोलह अध्याय हैं। एक पूर्व पत्रकार होने के नाते यह तीन विशेष मुझे ज्यादा पसंद आए:
1- दि बिजनेस ऑफ राइटिंग
2- व्हाट इट टेक्स टू बी ए राइटर
3- जर्नलिज्म दैन एण्ड नाऊ
***‘डीलिंग विथ डेथ‘ शीर्षक वाले अध्याय में लेखक लिखता है :
वास्तव में मृत्यु के बारे में, मैं जैन दर्शन में विश्वास करता हूं कि इसका जश्न मनाना चाहिए। सन् 1943 में जब मैं बीसवें वर्ष में था तभी मैंने अपनी स्वयं की श्रध्दांजलि लिखी थी। बाद में यह लघु कहानियों के मेरे संस्करण में ‘पास्चुमस‘ (मरणोपरांत) शीर्षक से प्रकाशित हुई थी। इसमें मैंने कल्पना की कि दि ट्रिब्यून ने अपने मुखपृष्ठ पर एक छोटे चित्र के साथ मेरी मृत्यु का समाचार प्रकाशित किया है। शीर्षक इस तरह पढ़ा जाएगा: ‘सरदार खुशवंत सिंह डेड; और आगे छोटे अक्षरों में प्रकाशित होगा: गत् शाम 6 बजे सरदार खुशवंत सिंह की अचानक मृत्यु की घोषणा करते हुए खेद है। वह अपने पीछे एक युवा विधवा, दो छोटे बच्चे और बड़ी संख्या में मित्रों और प्रशंसकों…. को छोड़ गए हैं। दिवगंत सरदार के निवास पर आने वालों में मुख्य न्यायाधीश के निजि सचिव, अनेक मंत्री और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे।‘
पुस्तक के अंत में एक अध्याय ”ट्वेल्व टिप्स टू लिव लॉन्ग एण्ड बी हैप्पी” (लंबे और प्रसन्न जीवन के बारह टिप्स) शीर्षक से इसमें है। मेरी सुपुत्री प्रतिभा ने मुझे कहा: ”इस पुस्तक को पढ़े बगैर ऐसा लगता है कि खुशवंत सिंह द्वारा बताए गए टिप्स में से अधिकांश का आप पालन कर रहे हैं। इस पुस्तक में बताए गए टिप्स में से दो अत्यन्त मूल्यवान यह हैं: अपना संयम बनाए रखें, और झूठ न बोलें! और आप लगभग सहज भाव से दोनों का पालन करते हैं।”
पुस्तक का अंतिम अध्याय स्मृतिलेख (एपटैफ) है जोकि निम्न है:
जब मैं नहीं रहूंगा तब मुझे कैसे स्मरण किया जाएगा? मुझे एक ऐसे व्यक्ति के रुप में स्मरण किया जाएगा जो लोगों को हंसाता था। कुछ वर्ष पूर्व मैंने अपना ‘स्मृति लेख‘ लिखा था:
यहां एक ऐसा शख्श लेटा है जिसने न तो मनुष्य और न ही भगवान को बख्शा,
उसके लिए अपने आंसू व्यर्थ न करो, वह एक समस्या कारक व्यक्ति था,
शरारती लेखन को वह बड़ा आनन्द मानता था,
भगवान का शुक्रिया कि वह मर गया, एक बंदूक का बच्चा।
-खुशवंत सिंह
रविवार 3 मार्च, 2013 को मैं सरदार खुशवंत सिंह से मिलने नई दिल्ली स्थित उनके निवास स्थान सुजान सिंह पार्क (उनके दादा के नाम पर) गया। मैंने उन्हें इस पुस्तक को लिखने पर हार्दिक बधाई दी और उनका अभिनंदन किया। चाय पीते हुए उस स्थान पर एक घंटा आनन्द से गुजारा। मैं उनकी पुत्री माला से भी मिला जो साथ वाले फ्लैट में रहती हैं और उनकी अच्छे ढंग से देखभाल करती हैं।

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजधानी के होटल ताज में चल रहे इंडिया टुडे कॉनक्‍लेव में समस्यायों के साथ उनके हल बता कर अपनी राष्ट्रीय क्षमता का प्रदर्शन किया| अपने भाषण में मोदी चार बार पानी के घूँट भरते हुए हर एक मिनट को बांध कर रखा।उन्होंने इस कॉनक्‍लेव में पूर्व की भांति एक गुजराती या किसी वर्ग विशेष की तरह बात नहीं की बल्कि बतौर भारतीय भाषण दिया। हाँ उन्होंने गुजरात में कराये जा रहे विकास के कार्यों पर देश को चलाये जाने की इच्छा जरुर प्रगट की| उन्‍होंने कहा कि भारत को पड़ोसी देशों से मित्रवत रिश्‍ते बनाने की जरूरत है, लेकिन हमारे हितों को दरकिनार करके नहीं। उन्‍होंने कहा, “मेरा सपना है कि एक दिन भारत खुद हथियार बनाये और दूसरे देशों को सप्‍लाई करे। ऐसा करने से गंदे हथियार दलालों से छुटकारा मिलेगा,और हम आत्‍मनिर्भर भी होंगे, हमारा देश गर्व के साथ खड़ा हो[हथियारों कि यह बात उन्होंने पूर्व जनरल वी पी मालिक के एक प्रश्न के उत्तर में कही] लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज फौज या आर्थिक शक्ति के बजाये ज्ञान के आधार पर विश्व में शिखर पर पहुंचा जा सकता है|और ज्ञान के मामले में भारत हमेशा आगे रहा है|इस अवसर पर दंगों और पी एम् के प्रश्नों पर बचते भी दिखाई दिए

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

नरेन्द्र मोदी ने समस्यायों के साथ उनके रोचक उपाय बता कर राष्ट्रीय न्रेतत्व की क्षमता का सराहनीय प्रदर्शन किया

उन्‍होंने गुड गवर्नेन्‍स से लेकर यूपीए सरकार की खामियों तक हर बात पर प्रकाश डाला और भारत के संघीय ढांचे को बनाये रखने पर जोर दिया। इस भाषण में आम आदमी को बहुत करीब से देखने वाले एक दूरदर्शी राजनीतिज्ञ की झलक मिली |जनता से संवाद कायम करने की अटल बिहारी वाजपई की झलक आज उनके [संभवत] उत्तराधिकारी मोदी में मिली |उन्होंने ना केवल विकास का मार्ग बताया वरन अपने भाषण में रोचकता बनाए रखने के लिए हलके फुल्के व्यंगात्मक तीर भी छोड़े| उन्‍होंने हर उस मुद्दे को उठया, जो आम जनता से जुड़े हैं| उन्‍होंने नरेगा की जगह डेवलपमेंट गारंटी स्‍कीम को जरुरी बताते हुए कहा कि इससे लोगों को खुद ब खुद रोजगार मिलता।
उन्‍होंने कहा कि देश का समुचित विकास तब तक नहीं हो सकता, जब तक हम लोगों को यह अहसास नहीं दिलायेंगे कि वो जो कर रहे हैं वो राष्‍ट्र के लिये कर रहे हैं।उन्होंने वोट बैंक की राजनीती से ऊपर उठ कर तकनीक+निज़ीकरण और यहाँ तक हथियारों के एक्सपोर्ट को जरुरी बताया| रेलवे की पटरियों पर निजी ट्रेन चलवाने के एक अनूठे मार्ग को उजागर किया| जब राहुल ने मोदी से पूछा कि क्‍या उनकी मां ने सोचा है कि आप प्रधानमंत्री बनें, मोदी ने जवाब दिया यहां चर्चा विकास की चल रही है, माता और पिता ऐसे में कोई मायने नहीं रखते| कोई भावुक्‍तापूर्ण कथा काम नहीं आती, कोई मां रोती नहीं, सिर्फ काम बोलता है। हर मुद्दे पर मोदी ने तथ्‍यों के साथ जवाब दिये। चाहे बात सॉलिड वेस्‍ट मैनेजमेंट की हो, या सोलर पावर प्रोजेक्‍ट की। मोदी ने आंकड़ों के साथ जवाब दिये। मोदी तैयारी के साथ नहीं आते, बल्कि वो हमेशा तैयार रहते हैं|उन्होंने अपने विपक्षपर कटाक्ष करने की परिपाटी का भी पालन किया |उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री ने मोदी के विकास के सुझाव स्वीकारे मगर उनपर अमल नहीं करवा पाए

श्रीनगर में फिदाईन हमले में शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को संसद ने श्रद्धांजलि दी: अफस्पा पर हंगामा

जे & के में कल हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए पांच सुरक्षा कर्मियों को आज लोक सभा में श्रधाजलि अर्पित की गई| जम्मू कश्मीर के श्रीनगर[बेमिना] में आतंकवादी हमले में कल भारतीय जवानों की शहादत पर लोक सभा ने चिंता व्यक्त की और विपक्ष ने सरकार से बयान दिए जाने की मांग की| भाजपा सदस्यों तथा श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार तमिल मछुआरों की रिहाई की मांग का मुद्दा द्रमुक और अन्नाद्रमुक सदस्यों द्वारा उठाए जाने के कारण हुए हंगामे से लोकसभा की बैठक आज शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर अध्यक्षा मीरा कुमार ने श्रीनगर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल [C R P F ] ]के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले का जिक्र किया और शहीद जवानों को सदन द्वारा श्रद्धांजलि दिए जाने के बाद प्रश्नकाल शुरू करवाया।
विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने इस घटना पर सरकार से बयान दिए जाने की मांग की। मुख्य विपक्षी दल के अन्य सदस्य भी अपने स्थानों पर खड़े होकर अपनी नेता की बात का समर्थन करते देखे गए।

श्रीनगर में फिदाईन हमले में शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को संसद ने श्रद्धांजलि दी: अफस्पा पर हंगामा

श्रीनगर में फिदाईन हमले में शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को संसद ने श्रद्धांजलि दी: अफस्पा पर हंगामा


श्रीमति सुषमा ने कहा कि बार बार इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं और केवल सदन में श्रद्धांजलि देकर अपने कर्तव्य की पूर्ति कर ली जाती है।उन्होंने अजमेर शरीफ के दीवान द्वारा पाकिस्तान के पी एम् की विजिट का विरोध करने के लिए उन्हें सलाम किया लेकिन इसके साथ ही सरकार की पाकिस्तान के प्रति ढुल मूल नीति की आलोचना भी की |उन्होंने सुबह श्रद्धांजलि देते समय सत्ता पक्ष के अग्रिम पंक्ति के नेताओं की अनुपस्थिति पर सवालिया निशान लगाते हुए उन पर संवेदना हीन होने का आरोप भी लगाया | नेता प्रतिपक्ष ने आमर्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट [A F S P A] का जिक्र करते हुए कहा के जिस इलाके में यह हमला हुआहै वहां से ही अफस्पा हटाने की सिफारिश की जा रही है|उनके इतना कहने के साथ ही दूसरी तरफ बैठे काश्मीर के सांसदों ने जोर शोर से इसका विरोध किया और अफस्पा हटाने के मांग को बल दिया|गौरतलब है कि कल श्रीनगर के बेमिना इलाके में एक स्कूल के निकट स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शिविर पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे।

इटली से जुडा कोई भी मुद्दा हो उसे लेकर संसद का स्थगन संस्कार का रूप लेती जा रही है:Italian Marines

इटली से जुडा कोई भी मुद्दा हो उसे लेकर संसद का स्थगन संस्कार का रूप लेती जा रही है:Italian Marines

इटली से जुडा कोई भी मुद्दा हो उसे लेकर संसद का स्थगन संस्कार का रूप लेती जा रही है:Italian Marines

इटली से जुडा कोई भी मुद्दा हो उसे लेकर संसद को स्थगित करने की मंशा एक संस्कार का रूप लेती जा रही है | बोफोर्स से लेकर अगस्त वेस्टलैंड चापर डील के बाद भारतीय मछुआरों की ह्त्या का ट्रायल फेस कर रहे इटली के नाविकों का भारत आने से इंकार किये जाने पर आज संसद में हंगामा मचा और दोनों सदन दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिए गए हैं| भाजपा सांसद तरुण विजय के अनुसार अगर इटली से हत्यारे नाविकों को भारत में न्याय नही दिया जाता तो संसद चलने नहीं दी जायेगी| भाजपा ने इसे न्यायिक प्रक्रिया का अपमान और भारतीय कूटनीति की विफलता बताया है| आज सुबह से ही[१] प्रमुख राजनीतिकों के संबंधियों के जमीन सौदों में कथित गड़बड़ी[२] इटली द्वारा भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी अपने नाविकों को भारत भेजने से इंकार [३] श्रीलंका में तमिलों की दुर्दशा के मुद्दे पर भाजपा+ अन्नाद्रमुक तथा कांग्रेस की सहयोगी द्रमुक के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। स्थिति के नहीं सुधरने के कारण दो बजे तक के लिए स्थगन की घोषणा कर दी गई|

यशवंत सिन्हा ने बी जे पी के लिए अपयश का उत्पादन करने के लिए झाड़खंड अध्यक्ष की न्युक्ति को मुद्दा बनाया

वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने अपनी भारतीय जनता पार्टी में यश नहीं दिए जाने से नाराज होकर पार्टी के लिए अपयश का उत्पादन करने की तैय्यारी कर ली है |इसके पहले चरण में पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी छोड़ने की तैय्यारी किये जाने की बात कही जा रही है|
सुनने में आया रहा है कि झारखंड के बीजेपी अध्यक्ष रवींद्र राय को पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष पद दिए जाने को लेकर श्री सिन्हा नाराज है| फ़िलहाल पार्टी अध्यक्ष राज नाथ सिंह कोलकत्ता का दौरा कर रहे हैं वहां से लौटने पर ही श्री सिन्हा की मांगों पर गौर किया जा सकेगा| सियासी गलियारों से छन्न कर आ रही खबरों के अनुसार यशवंत सिन्हा ने अभी तक पार्टी हाईकमान को इस्तीफा नहीं भेजा है|

 यशवंत सिन्हा ने बी जे पी के लिए अपयश का उत्पादन करने के लिए झाड़खंड अध्यक्ष की न्युक्ति को मुद्दा बनाया

यशवंत सिन्हा ने बी जे पी के लिए अपयश का उत्पादन करने के लिए झाड़खंड अध्यक्ष की न्युक्ति को मुद्दा बनाया


वहीं पार्टी प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने स्थिति को संभालने का प्रयास करते हुए कहा है कि , यशवंत सिन्हा पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं+वह पार्टी के फायदे के लिए काम करते रहे हैं+ वे पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
गौरतलब है कि संसद का सत्र अभी जारी है। हर रोज सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी की बैठक होती है जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी करते हैं। आज जैसे ही ये बैठक शुरू हुई पार्टी नेता यशवंत सिन्हा ने आडवाणी के पैर छुए और अपनी नाराजगी प्रगट करके श्री सिन्हा पार्टी से बाहर चले गए।

संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगरएक नहीं, तीन- तीन शेर[ couplet] तो चल ही निकले

संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगर शेरो शायरी चल ही निकलती है और जब शेर[ couplet]पड़ने वाले प्रधान मंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता हो तो संसद मेजें थपथपा कर और मीडिया प्रस्तुत करके दाद देता रहता है| लोकसभा में ६ मार्च बुधवार को प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह और विपक्ष की सदन में नेत्री श्रीमति सुषमा स्वराज के बीच बातचीत शेर-ओ-शायरी के साथ हुई।भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नेता राजनाथ सिंह प्रतीकों और मुहावरों का सहारा लेकर अपने विरुद्ध प्रधानमंत्री के कड़े तेवरों को बुझते दिए की फड़फड़ाती लौ तक कह डाला|
राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने बीते नौ साल में पी एम् को इतने आक्रामक तेवर अपनाते नहीं देखा। साथ ही कटाक्ष किया कि वह इसे अच्छा संकेत मानते हैं क्योंकि ये वैसा ही है, जैसे बुझने से पहले दिये की लौ तेज हो जाती है।
इसके अलावा राज्य सभा के सदस्य डाक्टर मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आकर विपक्ष की नेत्री श्रीमति सुषमा स्वराज के आरोपों का जवाब शायरी से देकर माहौल को अंत में मनोरंजक बना दिया। भाजपा पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने शेर पढ़ा कि हमें है उनसे वफा की उम्मीद जो नहीं जानते वफा क्या है। इसके बाद श्रीमति सुषमा ने कहा कि उनकी शेर का कर्ज नहीं रखेंगी और एक शेर का जवाब वह दो शेर से देंगी । इस पर लोकसभा अध्यक्षा मीरा कुमार भी चुटकी लेने में पीछे नहीं रही और बोला कि फिर तो उन[पी एम्] पर उधार हो जाएगा। प्रधानमंत्री के जवाब में श्रीमति सुषमा ने दो शेर पढ़े कि कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता और कहा कि वह देश के साथ बेवफाई कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने दूसरा शेर पढ़ा कि तुम्हें वफा याद नहीं हमें जफा याद नहीं जिंदगी और मौत के दो ही तराने हैं एक तुम्हें याद नहीं, एक हमें याद नहीं।संसद में चले इस आकस्मिक मुशायरे में दाद देने के नियम का पालन करने से भी सदस्य चूक गए| ये तीनो शेर और प्रतीक अपने आप में काबिले तारीफ़ हैं मगर अधिकाँश सदस्यों ने केवल अपने नेताओं के शेर पर ही मेजें थपथपा कर दाद दी
गौरतलब है कि शुरुआती दिनों में महंगाई+ अपराध +भ्रष्टाचार को लेकर प्रमुख विपक्ष और समान्य विपक्ष के साथ ही सत्ता रुड दल के सदस्यों द्वारा हंगामा मचता रहा | सदन स्थगित होते रहे, कार्यवाही बाधित होती रही |इन गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिए कोई भी गंभीर दिखाई नहीं दिया बेशक शेर अच्छे थे लेकिन |इस मुशायरे का मौजू [विषय]ज्वलंत समयायों पर आधारित होता तो और अच्छा लगता| इसीलिए यह नाचीज यह कहने को मजबूर है कि

 संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगरएक नहीं तीन- तीन शेर[ couplet] तो चल ही निकले

संसद चले या ना चले बजट सत्र में बिजनेस हो या न हो मगरएक नहीं तीन- तीन शेर[ couplet] तो चल ही निकले

ख़ाक हो जायेंगे हम उनकों यकीन होने तक

भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी को संयम में रहने का आज पुरूस्कार मिला :Varun Gandhi Exonerated

भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी को संयम में रहने का आज पुरूस्कार मिला :Varun Gandhi Exonerated

भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी को संयम में रहने का आज पुरूस्कार मिला :Varun Gandhi Exonerated

भाजपा के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी को संयम में रहने का आज पुरूस्कार मिल गया | भड़काऊ भाषण के दूसरे मामले में भी आज ५ मार्च , मंगलवार को उन्हें बरी कर दिया गया है|
पीलीभीत की अदालत के न्यायाधीश अब्दुल कयूम ने यह फैसला सुनाया है| वरुण गांधी को साक्ष्यों के अभाव में बरी किया गया है|
अदालत ने जब वरूण गांधी को बरी करने का फ़ैसला सुनाया तब वरूण अदालत में मौजूद थे. फ़ैसले के बाद वरूण शांत भाव से अदालत से बाहर निकले.
शुरू से ही वरुण कहते आ रहे हैं कि जिस सी डी के आधार पर मुकद्दमा दर्ज़ हुआ है उसे छेड़ चाड करके उनके विरुद्ध बनाया गया है|
इस सी डी के अलावा वरूण ख़िलाफ़ पेश किये गए गवाह भी मुकर गए , पुलिस कर्मियों का बयान भी बदलता रहा है|
स्वर्गीय संजय गाँधी और संसद मेनका गाँधी के पुत्र वरुण गांधी पर 2009 में चुनाव प्रचार के दौरान एक ख़ास समुदाय के खिलाफ़ भड़काऊ भाषण देने का आरोप था|वरुण के विरुद्ध वर्ष २००९ के १७ और १८ मार्च को दो प्राथमिकी [ऍफ़ आई आर]दर्ज़ की गई थी वरुण गांधी के कोर्ट के सामने समर्पण करने के पश्चात उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था|वरुण पर एन एस ऐ लगा कर जेल में भेजा गया | वर्ष २००९ की मई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनएसए हटा लिया गया था और जेल में 19 दिन रहने के बाद उन्हें ज़मानत दे दी गई|
इन सभी विवादों के बावजूद वरुण गांधी ने पीलीभीत संसदीय सीट का चुनाव जीता मगर उन्हें पार्टी प्रचार से अलग रखा गया . अब वे दोनों आरोपों में दोषमुक्त ठहराए जा चुके हैं.ऐसे में २०१४ के चुनावों में विशेष कर उत्तर प्रदेश में इनका उपयोग किया जा सकेगा |[FILE PHOTO]

भाजपा के पी एम् इन वेटिंग एल के आडवाणी ने पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के अधिवेशन में सत्ता प्राप्ति के गुरु मन्त्र दिए

भाजपा के पी एम् इन वेटिंग वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के अधिवेशन के समापन भाषण में २०१४ के चुनावों में भाजपा का ध्वज फहराने के लिए गुरु मन्त्र दिए |उन्होंने पार्टी विद डिफरेंस के नारे को अक्षरश सत्य करने के लिए अनेको उपाय बताये |[१] उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने में अपने समापन भाषण में कहा कि भाजपा की सरकारें जहां भी रहीं, उनका रिकार्ड ईमानदारी का रहा|
श्री आडवाणी ने आज ३ मार्च ,रविवार को पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कतई लापरवाही नहीं करने का सुझाव दिया और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि आगामी चुनाव में जीत हासिल करें। आडवाणी ने कहा, “भ्रष्टाचार के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।”
हालांकि कर्नाटक में भाजपा सरकार पर कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की ओर इशारा करते हुए आडवाणी ने कर्नाटक के घटनाक्रम से निपटने में पार्टी की भूमिका की कमजोरी पर भी उंगली उठाई |

भाजपा के पी एम् इन वेटिंग एल के आडवाणी ने पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के अधिवेशन में सत्ता प्राप्ति के गुरु मन्त्र दिए

भाजपा के पी एम् इन वेटिंग एल के आडवाणी ने पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के अधिवेशन में सत्ता प्राप्ति के गुरु मन्त्र दिए


उन्होंने इसके लिए जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के समय का एक उदाहरण दिया जब राजस्थान विधानसभा में चुने गये पार्टी के आठ में से छह विधायकों ने जागीर प्रथा को बंद करने के नाम पर पार्टी से अलग रुख अख्तियार किया और उन्हें निलंबित कर दिया गया।
आडवाणी ने कहा, ‘‘भाजपा आज भी भ्रष्टाचार के साथ कोई समझौता नहीं करेगी।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा की स्थापना के समय वाजपेयी ने ‘पार्टी विथ डिफरेंस’ की बात कही थी जिसे आज भी पार्टी की साख के लिए कायम रखना जरूरी है। हमें सुशासन के एजेंडे के साथ गैर कांग्रेस विकल्प के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए जनता का भरोसा हासिल करना होगा। उन्होंने एन डी ऐ के दायरे को विकसित किये जाने पर भी बल दिया|[२]पार्टी के वयोवृद्ध नेता श्री अडवाणी ने चुटकी लेते हुए कहा कि पार्टी की कमियों को मीडिया के समक्ष बताने के स्थान पर पार्टी के जिम्मेदार नेताओं को बताना चाहिए | उन्होंने अपने अंदाज में गुजरात के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी+ मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह और लोक सभा में पार्टी नेता श्रीमती सुषमा स्वराज की तारीफ़ की

दोपहिया वाहन से लेकर हवाई जहाज़ में आना जाना अब महंगा हो गया:Ordinary Petrol & A T F Costly

दोपहिया वाहन से लेकर हवाई जहाज़ में आना जाना अब महंगा हो गया है|सरकार ने सधारण पेट्रोल और एविएशन फ्यूल [ऐ टी ऍफ़]के दामो में व्रद्धी कर दी है इसके लिए कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने और

दोपहिया वाहन से लेकर हवाई जहाज़ में आना जाना अब महंगा हो गया:Ordinary Petrol & A T F Costly

दोपहिया वाहन से लेकर हवाई जहाज़ में आना जाना अब महंगा हो गया:Ordinary Petrol & A T F Costly

गिरने को कारण बताया जा रहा है|विपक्षी पार्टियाँ इसका विरोध कर रही हैं|
देसी तेल कंपनियों ने देश में पेट्रोल की कीमतों में 1.40रूपये प्रति लीटर की शुक्रवार एक मार्च मध्य रात्रि से बढोत्तरी कर दी है। इसमें स्थानीय कर शामिल नहीं है| देश की सबसे बड़ी सरकारी कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन ने जारी बयान में बताया कि गत 16 फरवरी को इसकी कीमत में 1.50 रूपये प्रति लीटर की वृद्धि की गयी थी लेकिन इसके बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी कीमत 128.57 डालर प्रति बैरल से बढ़कर 131 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गयी है।
इस दौरान अमेरिकी डालर 54.15 रूपये प्रति डालर पर आ गया।अन्तराष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमत में तेजी और भारतीय रूपये में गिरावट की स्थिति में पेट्रोल की कीमते बढ़ाने के की मजबूरी दर्शाई जा रही है| दो सप्ताह में लगातार दूसरी बार पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी की है। 15 फरवरी को डीजल की कीमतों में भी 45 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गयी थी। ।
हवाईजहाजों के ईंधन के दामो में भारी उछाल आया है| ऐ टी ऍफ़ के रेट्स में ३.८% बढोत्तरी का एलान किया गया है|इस बढोत्तरी से दिल्ली में ऐ टी ऍफ़ की कीमत में २५१९.८३ रुपये प्रति किलो लीटर की वृद्धि है| ऐ टी ऍफ़ अब ७००८०.८७ का होगा |इस तेल नीति का सर्वत्र विरोध हो रहा है|मेरठ में भाजपाईयों ने तेल मंत्री का पुतला फूंक कर अपना विरोध जताया है|