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खेलों की मुख्य धारा में आने के लिए भारत ने फीफा स्‍मारक डाक टि‍कट जारी किया:जो खेले,वो ही खि‍ले

भारत को खेलों की मुख्य धारा में लाने के लिए प्रधान मंत्री ने फीफा स्‍मारक डाक टि‍कट जारी किया और नारा दिया “जो खेले,वो ही खि‍ले”
ब्राजील में खेले जा रहे फुटबॉल वि‍श्‍व कप का बुखार भारत के सर पर भी चढ़ कर बोल रहा है|इसीलिए इस खेल के माध्यम से भारत को भी खेलों की मुख्य धारा में लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 फीफा वि‍श्‍व कप पर स्‍मारक डाक टि‍कट जारी कि‍या और भारतीय फुटबॉल के इतिहास पर एक वेबसाईट भी तैयार करने की मांग की।
इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि‍ खेल वि‍श्‍व के देशों के बीच मैत्री और नि‍कट संबंध की भावना कायम करता है। उन्‍होंने कामना करते हुए कहा कि‍ फीफा वि‍श्‍व कप देशों को एक साथ जोड़ने में एक सेतु काम करे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि‍ भारत अंडर-17 फीफा वि‍श्‍व कप की मेजबानी की तैयारी में जुटा है और फुटबॉल के क्षेत्र में भारत का शानदार इति‍हास रहा है। एक समय में यह देश भर में एक प्रमुख खेल था।

commemorative postage stamps on FIFA,

commemorative postage stamps on FIFA,


बच्‍चों के बीच खेल के प्रति‍ लगाव बढ़ाने की जरूरत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री महोदय ने कहा- ” जो खेले, वो ही खि‍ले” । खेल बच्‍चों के सर्वांगीण वि‍कास में मददगार है। ‘खि‍लाड़ी उत्‍साह’ पद की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने वि‍श्‍व के अनगि‍नत खि‍लाड़ि‍यों के जोश और उत्‍साह की याद दि‍लाई और इसके परि‍णामस्‍वरूप इस पद को व्‍यापक स्‍वीकार्यता मि‍ली। यदि‍ कोई खेल नहीं होता तो समाज में ‘खि‍लाड़ी उत्‍साह’ कैसे होता। उन्‍होंने कहा कि‍ ‘खि‍लाड़ी उत्‍साह’ समाज के उत्‍साह के लि‍ए एक अधि‍वर्द्धक है, जि‍से बढ़ावा देना अनि‍वार्य है।
इस कार्यक्रम में के. मल्‍लेश्‍वरी+ राज्‍यवर्धन सिंह राठौर+ सुनील छेत्री+ सुशील कुमार+ अजीत पाल सिंह+ चुन्‍नी गोस्‍वामी+सुब्रत भट्टाचार्य + कीर्ति‍ आजाद सहि‍त खेल के क्षेत्र की अनेक प्रख्‍यात हस्‍ति‍यों ने भाग लि‍या।
इस अवसर पर अखि‍ल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन के अध्‍यक्ष प्रफुल्‍ल पटेल +अनुराग ठाकुर भी उपस्‍थि‍त थे।
कार्यक्रम में संचार और सूचना प्रौद्योगि‍की मंत्री रवि‍शंकर प्रसाद और युवा कार्य और खेल राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) सर्वानंद सोनोवाल ने भी लोगों को संबोधि‍त कि‍या।
फोटो कैप्शन
[१]The Prime Minister, Shri Narendra Modi releases commemorative postage stamps on FIFA, in New Delhi on June 12, 2014.
The Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Ravi Shankar Prasad and the Minister of State for Skill Development, Entrepreneurship, Youth Affairs and Sports (Independent Charge), Shri Sarbananda Sonowal are also seen.

Narendra Modi Is Now Asked International Flights Specially For N R I,s From Punjab

Narendra Modi Is Now Asked International Flights For N R Is From Punjab This May Divert Traffic Burden From I G I New Delhi
Indian Prime Minister Narendra Modi Has Now Been Asked For Air Travelling Provision For N R I From Punjab .
NAPA has demanded international flights from Amritsar to Sanfrancisco
Ahead of the Promised visit of Indian Prime Minister North American Punjabi Association (NAPA) has sought the intervention of Prime Minister for early resume of the Air India’s Amritsar-Sanfrancisco flight and expediting clearance of international flights from Mohali airport for facilitating the non-resident Indians, especially Punjabis living in United States.
Satnam Singh Chahal executive director of NAPA in a letter sent to Prime Minister + Ashok Gagapathi Indian Civil Aviation Minister +Punjab Chief Minister Parkash Singh Badal has urged for this cause
In this communiqué to Narendra Modi and Ashok Gagapathi , Chahal pleaded that many of the NRIs were facing difficulties due to the lack of direct flight between Amritsar and Sanfrancisco. With more than 63% of passengers checking in at the Delhi airport belonging to Punjab, it is imperative for the government of India to facilitate their movement by starting more direct international flights from Amritsar and expedite clearance of international flights from the upcoming Mohali airport,” Chahal has also alleged that progress of the Mohali airport was quite slow and it needed to be expedited.

नरेंद्र मोदी ने संसद में”सुविधा शहर की,आत्मा गांव की”फार्मूला और राजनीतिक विनम्रता को भी परिभाषित किया

नरेंद्र मोदी ने संसद में धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए राजनीतिक विनम्रता को भी परिभाषित किया
नरेंद्र मोदी ने पहली बार संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए विनम्रता को भी परिभाषित किया |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए संसद में सामूहिक भावना के साथ काम करने को कहा|
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सरकार के लिए, राष्ट्रपति का अभिभाषण सिर्फ औपचारिक अनुष्ठान या परंपरा मात्र नहीं है बल्कि प्रेरणा है जिसकी अपनी पवित्रता है। उन्होंने लोकसभा के सभी सांसदों से कहा कि उसमें उल्लेखित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि लोकसभा के निर्वाचित सदस्य अब लोगों की आशा और आकांक्षाओं के अभिरक्षक हैं।
उन्होंने स्थिरता+ सुशासन + विकास के लिए मतदान के लिए जनता को धन्यवाद दिया और इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए प्रतिबद्धता को दोहराया |
संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का लोकसभा में जवाब देते हुए श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने 50 से अधिक उन सांसदों के विचार ध्यान से सुने जो बहस में शामिल हुए। कुछ सांसदों का यह पूछना सहज है कि हम कैसे और कब जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे |गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल की शुरुआत का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने विधान सभा में इरादा जाहिर किया था कि वह गुजरात के गांवों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति करना चाहते हैं। इसी तरह की आशंका तब भी प्रकट की गई थीं। लेकिन वह इच्छा पूरी की गई।
श्री मोदी ने कहा कि उन्होंने समूची बहस में रचनात्मक माहौल देखा। सदन में 125 करोड़ भारतीयों की आशाओं की प्रतिध्वनि सुनाई दी। उन्होंने कहा कि यह अच्छा लक्षण भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं में आम आदमी के विश्वास की बात करते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह विश्वास सारी दुनिया को दिखाने लायक है। उन्होंने कहा कि भारत में अमरीका और यूरोप की आबादी से भी अधिक मतदाता हैं। सरकार को गरीबों के लिए काम करना चाहिए। अगर सरकार ने गरीबों की जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया तो लोग उसे कभी माफ नहीं करेंगे। इसलिए सरकार गरीबों को सशक्त बनाने और गरीबों को गरीबी से संघर्ष करने की ताकत देने के लिए पूरे प्रयास करेगी।प्रधानमंत्री ने कहा राष्ट्रपति के अभिभाषण में कही गई बात ” रूरबन ” का जिक्र किया और कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को बहुत फायदा होगा यदि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं यानी सुविधा शहर की, आत्मा गांव की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि-प्रौद्योगिकी पर अधिक ध्यान देना चाहिए जिनमें कृषि आधारित उद्योग और मिट्टी की जांच की बेहतर सुविधाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी में ग्लोबल लीडर के रूप में मान्यता प्राप्त करने के बावजूद, हमारे पास अब भी कृषि-उत्पादों के वास्तविक आंकड़े नहीं हैं।
जैविक आहार के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में सिक्किम के उदय का उदाहरण देते हुए श्री मोदी ने कहा कि जैविक उत्पादों के लिए उभरती वैश्विक मांग पूरी करने के लिए समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र को जैविक केंद्र क्यों नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि हमारे यहां कृषि विश्वविद्यालय हैं लेकिन ”प्रयोगशाला से खेत ” तक रूपांतरण उस हद तक नहीं हो रहा जिस हद तक होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि महंगाई कम करने का उनका वायदा महज नारा नहीं है, यह इरादा है क्योंकि गरीब से गरीब व्यक्ति के पास भी खाने के लिए पर्याप्त भोजन होना चाहिए।
श्री मोदी ने सभी राजनीति‍क दलों के नेताओं से जोरदार अपील की कि‍ बलात्‍कार का मनोवैज्ञानि‍क तरीके से वि‍श्‍लेषण न कि‍या जाए। उन्‍होंने राजनीति‍क दलों के नेताओं से अपील करते हुए कहा ‘क्‍या हम चुप रह सकते हैं’ ।
प्रधानमंत्री ने देश के जनसांख्‍यि‍कीय संबंधी लाभ का जि‍क्र करते हुए कहा कि‍ यह केवल कौशल वि‍कास की आवश्‍यकता को रेखांकि‍त करता है। कौशल वि‍कास के साथ-साथ श्रमेव-जयते की भावना भी होनी चाहि‍ए ताकि‍ श्रम को सम्‍मान दि‍या जा सके। वि‍श्‍व में हमारी पहचान ‘घोटाला-भारत’ के स्‍थान पर कौशल भारत होनी चाहि‍ए।प्रधानमंत्री ने कहा कि‍ एक व्‍यक्‍ति‍ के स्‍वस्‍थ होने के लि‍ए मानव शरीर के सभी अंगों का फि‍ट होना जरूरी है उसी तरह भारत को समृद्ध बनाने के लि‍ए समाज के सभी वर्गों और देश के सभी क्षेत्रों का समृद्ध होना जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि‍ उनकी सरकार संख्‍या के आधार पर आगे बढ़ने के बजाय एकता और सर्वसम्‍मति‍ की पक्षधर है।

फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट्स में माननीय सांसदों के दाग धुलवा दो बाबा जी के ठुल्लु की कृपा मिलेगी

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये तो वोही बात हो गई मुँह में राम बगल में छुरी |अरे भाई भाजपाईयों ने ही सबसे ज्यादा दागी सांसद १६ वीं सँसद में भेजे हैं और इनके सरदार नरेंद्र मोदी सभी दागी सांसदों को, अपने दाग धुलवाने के लिए, सुप्रीम कोर्ट में फ़ास्ट ट्रैक अदालतों की मांग करने को उकसा रहे हैं| ये तो वोही बात हो गई कि अगर पैर पर कुल्हाड़ी नही लगी तो कुल्हाड़ी पर ही पैर दे मारो |ओये अगर इन्हें सँसद को साफ़ करने कि इतनी ही चिंता थी तो दागियों को टिकट ही नहीं देते

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण| कानून बनाने वाले ही जब ब्लैक मेल होंगे तो ये कानून क्या बनाएंगे,बाबा जी का ठुल्लु?|
वैसे आप जी के ४१ दागियों के जवाब में ४२ दागी लाने की भाजपाई मजबूरी रही होगी|ये तो आप भी मानोगे कि इस सँसद में भी लगभग २५% सांसद किसी न किसी दाग से सुशोभित हैं|आये दिन कोई न कोई कथित एन जी ओ+मीडिया+राजनीतिक दल इन्हें ब्लैक मेल करता रहता है|अब जब एक चौथाई कानून बनाने वाले ही ब्लैक मेल होते रहेंगे तो ये कानून क्या बनाएंगे बाबा जी का ठुल्लु? इसीलिए नरेंद्र मोदी की गुजराती सलाह मान लो और फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट्स में अपने दाग धुलवा आओ बाबा जी की कृपा मिलेगी |

नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल की चार स्‍थायी समितियों को समाप्‍त करके कई राजनैतिक निशाने साधे

प्रधान मंत्री ने मंत्रिमंडल की चार मंत्रिमंडलीय स्‍थायी समितियों को समाप्‍त करके कई राजनैतिक निशाने साधे
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने चार मंत्रिमंडलीय स्‍थायी समितियों को समाप्‍त करने का फैसला किया है|श्री मोदी अपने चुनावी भाषणों में इन समितियों की कार्यशैली पर व्यंग कसते रहे हैं | मोदी अकसर प्राकृतिक आपदा प्रबंधन मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा एक भी बैठक नहीं किये जाने और राज्यों की अनदेखी किये जाने को जोर शोर से उठाते रहे हैं|अब सरकार बनाने के दो सप्ताह में ही उन्होंने इन्हें समाप्त करने का निर्णय लेलिया |इससे जहाँ जहां तरफ मोदी ने कम सरकार[ LessGovernment ]के वायदे पर पहल कदम रखा तो दूसरी तरफ अनकहे ही यूं पी ऐ सरकार सरकार द्वारा चलाई जा रही इन नाम मात्र की समितियों की पोल भी खोल डाली |
[१]प्राकृतिक आपदा प्रबंधन पर मंत्रिमंडलीय समिति: प्राकृतिक आपदा की स्थिति में इस स‍मि‍ति के कार्य कैबिनेट सचिव के अंतर्गत समिति द्वारा किये जाएंगे।
[2]मूल्‍यों पर मंत्रिमंडलीय समिति: इस समिति के कार्य आर्थ‍िक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति देखेगी।
[3]विश्‍व व्‍यापार संगठन मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति: आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति इस समिति का कार्य करेगी और आवश्‍यकता पड़ने पर पूर्ण मंत्रिमंडलीय समिति इसका कार्य करेगी।
[४]भारत संबं‍धी मुद्दों की विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण पर मंत्रिमंडलीय समिति: इस क्षेत्र में प्रमुख फैसले पहले ही लिए जा चुके हैं और शेष मुद्दे आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति के समक्ष भेजे जाएंगे।
प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्ति समिति, आर्थिक मामलों, संसदीय मामलों, राजनीतिक मामलों और सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति का पुनर्गठन किया जाएगा।

मोदी भापे ने घाट घाट का पानी पिया है , जानते हैं कि पावँ छूने वाले मौकापरस्त ही अक्सर पावँ खींच भी लेते हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया संसद के सेन्ट्रल हाल में हसाडे सोणे पी एम नरेंद्र दामोदर दास मोदी के तेवर देखे| ओये मोदी भाई ने हसाड़ी पार्टी में चाटुकारिता+चरणवंदना की संस्कृति को नकार दिया है उन्होंने तो २८२ में शामिल बड़े से बड़े नेताओं को भी पावँ छूने के बजाय तैयारी के साथ संसद में आने को कह दिया है| ओये अब तो वाकई लगने लगा है कि अच्छे दिन आ गए |

झल्ला

ओ मेरे भोले सेठ जीभापा मोदी ने घाट घाट का पानी पीया हुआ है|इसीलिए उन्हें अच्छी तरह पता है कि पाँव छूने वाले ही अक्सर या तो पावों से खड़ाऊँ निकाल कर अपना काम चला लेते हैं नहीं तो मौका मिलते ही पावँ खींच लेते है|

हैं !आज कही हिंदी दिवस तो नहीं हैं?नरेंद्र मोदी हिंदी तो सुषमास्वराज ने संस्कृत में शपथ ली

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओये १६ वीं लोक सभा में हसाडे १५ वें पी एम सोणे नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने हिंदी में शपथ ग्रहण करके सबको चौंका दिया |उनके बाद तो कांग्रेसी सुप्रीमो श्रीमती सोनिया गांधी को भी हिंदी में ही शपथ लेनी पड़ गई| ओये हसाडे मोदी जी ने फरमाया भी है कि वे यहीं पर ही नहीं रुकेंगे संयुक्त राष्ट्र की सभा में भी हिंदी में ही बोलेंगे |यारा अब तो हसाड़ी मातृ भाषा+राष्ट्रभाषा+प्रदेशभाषा हिंदी को उसका खोया हुआ सम्मान वापिस मिल ही जाएगा|

झल्ला

ओ मेरे भोले सेठ जीपहले ये बताओ कि आज हिंदी का कोई विशेष दिवस तो नहीं है ना ?वरना तो आप जी के माननीय अटल बिहारी वाजपई ने भी कभी हिंदी में ही शपथ ग्रहण की थी उसके बाद तो सब कुछ अंग्रेजी ही अंग्रेजी हो गया |हाँ वैसे अब कि बार एक नई बात जरूर हुई है
साध्वी उमा भारती के अलावा + विदेश मंत्री सुषमा स्वराज+ और हेल्थ मंत्री डॉ हर्षवर्धन तक ने डेड लैंग्वेज कही जा रही भाषा संस्कृत में शपथ ली है |अगर ये तेवर कायम रहे तो ठीक है वरना तो ठीक है ही |

पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रकृति के अनुकूल विकास पर बल दिया और पी एम को एक बालवृक्ष भेंट किया

विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री प्रकाश जावडेकर ने प्रकृति के अनुकूल विकास पर बल दिया और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तथा सभी सांसदों को एक एक बाल वृक्ष भी भेंट किया| जावड़ेकर ने शासन में पारदर्शिता और मंत्रालय के बेहतर कामकाज को बढ़ावा देने के लिए एक जुलाई से केवल आनलाइन प्रणाली को ही मान्यता देने का भरोसा दिया |
विश्‍व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि लोगों का एक जगह से दूसरी जगह जाना तो जरूरी है लेकिन इसमें प्रकृति के अनुकूल प्रयासों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। भारत की समृद्ध विरासत और सकारात्‍मक सोच ने पर्यावरण के मुद्दों को समझने के लिए एक नई शब्दावली दी है।
इस अवसर पर श्री जावडेकर ने मंत्रालय का नाम बदल कर ” पर्यावरण मंत्रालय, वन एवं जलवायु परिवर्तन” करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के विजन की चर्चा करते हुए कहा इसके पीछे गहरी सोच है। उन्‍होंने आश्‍वस्‍त किया कि आने वाले दिनों में भारत पर्यावरण से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं में एक सकारात्‍मक भूमिका का निर्वहन करेगा। उन्होंने कहा कि मंत्रालय की नई पहल वैसी होनी चाहिए जिसमें सभी हितधारकों का विजन और रोडमैप पूरा हो।
श्री जावडेकर ने घोषणा की कि पर्यावरण मंजूरी के लिए आनलाइन सबमिशन की जो प्रणाली पहले शुरू की गई थी वह आज से पूरी तरह से काम करने लगेगी।

विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री प्रकाश जावडेकर

विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री प्रकाश जावडेकर

उन्‍होंने कहा कि 42 साल तक लगातार विश्‍व पर्यावरण दिवस को मनाने के बाद अब समय की मांग है कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाए गए प्रयासों एवं कदमों का आत्मविश्लेषण और मूल्यांकन करें। समुदाय के समक्ष चुनौती यह थी कि सभी जलाशयों को साफ करें और हवा की गुणवत्ता में विकृतियों को दूर करने के लिए कार्य करें। इस समय ठोस कचरा प्रबंधन से संबंधित मसले भी चुनौती का रूप धारण किये हुए है।
उन्‍होंने सदियों पुरानी ”धरती मां” के दर्शन पर बल देते हुए कहा अभी भी प्रकृति और समुदाय के बीच संतु‍लन बनाने के दुरूह कार्य अंजाम देना होगा।
अपने संबोधन के दौरान मंत्री ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सांसदों समेत सभी हितधारकों को इस कार्य में शामिल कराने का उनका प्रयास होगा। उन्‍होंने बताया कि इसी उद्येश्‍य के लिए सभी सांसदों को एक-एक पौधा भेजा गया है ताकि वह भी पर्यावरण के प्रति जागरूक हो सकें। उन्‍होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस तरह के कई और कदम उठाए जाएंगे।
श्री जावड़ेकर ने भारत के द्वीप समूह और तटीय क्षेत्रों पर एक विशेष पोस्टर का भी विमोचन किया। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का थीम “छोटे द्वीप विकासशील राज्‍य” है।
फोटो कैप्शन
[१]The Minister of State for Information and Broadcasting (Independent Charge), Environment, Forest and Climate Change (Independent Charge) and Parliamentary Affairs, Shri Prakash Javadekar presenting a sapling to the Prime Minister, Shri Narendra Modi, in New Delhi on June 05, 2014.
[२]Shri Prakash Javadekar releasing the Poster on the occasion of the World Environment Day, in New Delhi on June 05, 2014.

गोपीनाथ पांडुरंग राव मुंडे के निधन पर राष्‍ट्रीय ध्‍वज आज आधा झुका रहेगा:भाजपा में शोक की लहर

[नई दिल्ली]राष्‍ट्रीय ध्‍वज आज आधा झुका रहेगा| केन्‍द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ पांडुरंग राव मुंडे के अकस्मात् निधन से भाजपा में शोक की लहर दौड़ गई है प्रधान मंत्री सहित नेता गण शोक सन्देश के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं |
केन्‍द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ पांडुरंग राव मुंडे, का आज सुबह सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। महाराष्ट्र में भाजपा के ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ +ओबीसी+कद्दावर नेता रहे मुंडे का आज सुबह एक सड़क दुर्घटना के बाद प्रत्यक्षत: आघात और दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
मुंडे आज सुबह जब हवाई अड्डा जा रहे थे तब बीच रास्ते में उनकी कार को एक अन्य प्रायवेट इंडिका कार ने टक्कर मार दी।
सरकार ने फैसला किया है कि दिवंगत मुंडे के सम्‍मान में आज दिल्‍ली एवं सभी राज्‍यों की राजधानियों तथा केन्‍द्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय झंडा आधा झुका रहेगा। उनका जहां अंतिम संस्‍कार होगा, वहां भी उस दिन राष्‍ट्रीय ध्‍वज आधा झुका रहेगा।
प्रधानमंत्री ने श्री गोपीनाथ मुण्डे के निधन पर दु:ख व्यक्त किया
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मुंडे की असमय मृत्यु पर दु:ख प्रकट करते हुए मुण्डे को सच्चा जन नेता बताया जिसने बहुत बुलंदी छुई और जनता की अथक सेवा की। प्रधानमंत्री का ट्विटर पर संदेश इस प्रकार है:
”अपने मित्र और सहयोगी गोपीनाथ मुण्डे जी के निधन से बेहद दु:खी और सदमा। उनका निधन राष्ट्र और सरकार के लिए बड़ी क्षति है।
गोपीनाथ मुण्डे जी सच्चे जननेता थे। समाज के पिछड़े तबके से आकर, वे महान बुलंदी तक गए और जनता की अथक सेवा की।
ओजस्वी नेता को मेरी श्रद्धांजलि जिनके असामयिक निधन ने ऐसी रिक्त पैदा कर दी जिसे भरना मुश्किल होगा।
श्री मुण्डे जी के परिवार के प्रति संवेदना। हम दु:ख की इस घड़ी में उनके साथ खड़े हैं। ”
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने अपने कलीग मुंडे के निधन पर कहा कि श्री गोपीनाथ मुंडे के निधन से देश ने एक योग्‍य एवं समर्पित नेता खो दिया है।
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने अपने साथी मुंडे के निधन पर दु:ख प्रकट करते हुए कहा कि श्री मुण्डे के अचानक निधन से राष्ट्र ने देश को महान बुलंदी तक ले जाने की दूरदृष्टि वाला नेता खो दिया है।
कौशल विकास, उद्यमिता, युवा मामले और खेल राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री सर्बानंद सोनवाल ने मुंडे के असामयिक निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि राष्‍ट्र ने एक महान देशभक्‍त और सही मायने में एक जन नायक को खो दिया है। श्री सोनवाल ने शोकसंतप्‍त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट की है और संकट के इस घड़ी में उन्‍हें संबल प्रदान करने के लिए भगवान से प्रार्थना की है।

२९वे राज्य के पहले सीएम को १६वी संसद में आये १५वे पी एम ने शुभ कामनाएं और सहयोग का आश्वासन दिया

भारत के २९वे राज्य के पहले सीएम को १६वी संसद में पहुंचे देश के १५वे पी एम ने शुभ कामनाओं के साथ विकास के लिए सहयोग का आश्वासन दिया |सी एम चंद्रशेखर राव के पुत्र केटी रामाराव और भतीजे टी हरीश राव समेत ग्यारह मंत्रियों ने भी शपथ ली। इस पर पी एम ने ट्वीट किया कि हम 29वें राज्य के रूप में तेलंगाना का स्वागत करते हैं। आने वाले वर्षो में यह राज्य हमारी विकास यात्रा में ताकत बढ़ाएगा। कई लोगों के संघर्ष और त्याग के बाद तेलंगाना का जन्म हुआ है। आज हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। उन्होंने तेलंगाना के लोगों और राज्य सरकार को आश्वस्त करके कहा कि राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए केंद्र हरसंभव मदद देने को तैयार है।
29वें राज्य के रूप में आज तेलंगाना अस्तित्व में आ गया| इसके साथ ही आंध्रप्रदेश से अलग होने के लिए चल रहा दशकों पुराना संघर्ष समाप्त हो गया। पहले सी एम ने सिकंदराबाद के स्टेडियम में परेड[ GuardOfHonour ] की सलामी भी ली |
TRSप्रमुख के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में नवगठित तेलंगाना की सरकार को शपथ दिलवाने के लिए एकीकृत आंध्रप्रदेश में लागू राष्ट्रपति शासन को आंशिक रूप से हटा दिया गया है हालांकि केंद्रीय शासन शेष आंध्रप्रदेश में तब तक जारी रहेगा, जब तक TDPप्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री के रूप में शपथ नहीं ले लेते।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य के गठन के बाद हुए पहले विधानसभा चुनाव में टीआरएस ने 119 सीटों में से 65 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था।
तेलंगाना के गठन के साथ ही सीमांध्र ने भी अलग राज्य का आकार ले लिया। अगले 10 वर्षो तक दोनों प्रदेशों की राजधानी हैदराबाद ही रहेगी। सीमांध्र में तेलुगू देसम पार्टी ने 175 सीटों में 106 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है।

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