झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां
कांग्रेसी चीयर लीडर
औए झल्लेया! इस सरकार में ये कया हो रहा है? युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही है और ये हुकुमरान अपने सीने का विकास दिखते फिर रहे हैं \औए आज तो हसाड़े पी चिदंरम साहिब ने भी लेख लिख कर इनके विकास की पोल खोल कर रख दी है
झल्ला
मेरे चतुर सुजान !ये तो सत्य है आजकल सरकारी नौकरियों का अकाल है और जो नौकरियां निकलती भी हैं उनके पेपर पहले ही लीक हो जाते हैं लेकिन झललेविचारअनुसार कांग्रेस की सरकार में ही सरकारी दफ्तरों से स्टाफ की कटौती शुरू कर दी गई थी |बढे ऑफिसर्स के बजट के लिए सेविंग एंड मैचिंग की योजना के अंतर्गत सी और डी कर्मियों की संख्या पर कैंची चलाई गई
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