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Tag: SwarajAbhiyan

पंजाब पर नजर और स्वराजअभियान की लकड़ी से बचने के लिए”केजरी”ने लिया शराब के ठेकों पर यूं टर्न

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

आम आदमी पार्टी चेयर लीडर

ओऐ झल्लेया!हसाड़ी सरकार ने दिल्ली में शराब की कोई नई दूकान खुलने नहीं देनी है|ओऐ हसाड़े सीएम् केजरीवाल साहिब ने २९७२ मोहल्ला सभाओं को पावर दे दी है|किसी भी शॉप पर बदतमीजी होने पर उसे बन्द कराया जा सकता है|

झल्ला

ओ मेरे चतुर हो चुके सुजान जी ! ये पंजाब की कुर्सी पर नजर और स्वराज अभियान की लकड़ी से बचने के लिए ही शराब की दुकानों पर यूं टर्न लिया गया है

Swaraj Abhiyan Successfully Pressurizes Kejriwal: U Turn On Liquor Policy

[New Delhi] Swaraj Abhiyan Successfully Pressurizes Kejriwal: U Turn On Liquor Policy
.Swaraj Abhiyan’s campaign against new liquor vends in Delhi had its first major victory today as the Chief Minister was forced to take back its anti people liquor policy.
Delhi government will not be opening any new liquor shop in Delhi for the next one year.
Swaraj Abhiyan has raised few questions On This U Turn
1]Why does the CM want to not open any further alcohol shops only this year? Is it because of the upcoming elections in Delhi and Punjab?
2]Mr. Kejriwal had made similar promises to the voters of Delhi which he never honoured and we saw how at least 72 new liquor shops were opened and 217 licenses for bars were granted since the party coming to power in Delhi.
The question still remains why the Delhi government, which came to power on the promise of Nasha-Mukt Delhi, has shown such enthusiasm and alacrity in encouraging alcoholism in the national capital.
3]The Delhi government has already delayed its excise policy, which should have been released in April’16. The draft of policy was being discussed by the government for four months now. So, what has changed in the last 15 days that the chief minister had to suddenly make these announcements taking a U-turn from its initial draft of the policy?
Swaraj Abhiyan demanded that the draft of new excise policy be made public for discussion and suggestions of Aam Aadmi before the Delhi government finally releases it.
A massive public hearing was organised last week at one such vend at Kotla Mubarakpur in Kasturbanagar assembly constituency.

स्वराज अभियान ने”आप”को शराब के ठेकेदारों का ठेकेदार बताया:आज कोटला में आंदोलन

[नई दिल्ली]स्वराज अभियान ने “आप” को शराब के ठेकेदारों का ठेकेदार बताया| कोटला मुबारक पुर के ठेके के सामने स्वराज अभियान, स्थानीय जनता के साथ मिलकर आज एक जनसुनवाई का आयोजन कर रहा है|
कोटला मुबारकपुर में स्थित शराब के ठेकेदार ने स्वराज अभियान के आंदोलन की धार को कुन्द करने के लिए कोर्ट का सहारा लिया जिसके फलस्वरूप ठेके के ५० मीटर के दायरे में स्वराज अभियान को आंदोलन की मनाही कर दी गई है |
स्वराज अभियान ने आरोप लगाय है के उनके आन्दोलन से बौखलाई हुई आम आदमी पार्टी के इशारे पर कोटला मुबारकपुर में स्थित शराब के ठेकेदार ने कचहरी का सहारा लिया है |स्वराज अभियान कई बार यह स्पष्ट कर चुका है कि10 अगस्त को जन सुनवाई की जाएगी. फिर भी कोर्ट का सम्मान करते हुए स्वराज अभियान 50 मीटर के दयारे में जन-सुनवाई नहीं करेगा.
स्वराज अभियान ने आर टी आई से मिली जानकारियों के आधार पर कई गंभीर सवाल खड़े किये हैं जिन आम आदमी पार्टी की सरकार अब तक चुप्पीसाधे हुए है|
आर टी आई दस्तावेजों के माध्यम से निम्मलिखित जानकारी उजागर की गई है
[१]आम आदमी पार्टी सरकार के बनने से अब तक मात्र सवा साल में 58 नए शराब के ठेके खुल गए.
[२]शराब से होने वाली कमाई आम आदमी पार्टी सरकार में दुगुनी हो गयी है.
[३]दिल्ली सरकार के मध निषेध विभाग ने शराब से दूर रहने के विज्ञापनों पर सिर्फ7.76 (लाख) रुपये खर्च किये। इस खर्चे का भी सरकार के पास ब्योरा उपलब्ध नहीं है।
वजीरनगर – कोटला मुबारकपुर में स्थानीय लोगों की मर्ज़ी के खिलाफ हाल ही में खुले शराब के ठेके को बंद करवाने के लिए स्वराज अभियान की तरफ से सरकार को दिए अल्टीमेटम की तारिख समाप्त हो रही है. बात बे बात पर प्रेस वार्ता और हंगामा करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार, आम आदमी से जुड़े इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर आश्चर्यजनक चुप्पी साधे हुए है. | .

स्वराज अभियान ने राजनितिक स्वरुप अपनाया ,बढ़ेंगी केजरीवाल की राजनितिक मुश्किलें

[नई दिल्ली] स्वराज अभियान ने सूचना के अधिकर के अंतर्गत स्वयम को रखते हुए राजनितिक स्वरुप अपनाया,बढ़ेंगी केजरीवाल की राजनितिक मुश्किलें
आम आदमी पार्टी से अलग किये गए नेताओं ने एक नई राजनितिक पार्टी का गठन किया है|
जिसके पहले राष्ट्रीय प्रतिनिधि अधिवेशन में राजनैतिक दल निर्माण की घोषणा हुई और देश में वैकल्पिक राजनीति की स्थापना के लिए आवाज़ बुलंद की गयी।
स्वराज अभियान ने संकल्प लिया है कि 2 अक्टूबर तक राजनीतिक दल का निर्माण करेंगे। वैकल्पिक राजनीति के इस प्रारूप को मूर्त रूप देने के लिए स्वराज अभियान ने एक 6 सदस्यीय टीम का गठन किया।
स्वराज अभियान के गठन के समय तीन मुख्य मापदंड तय किए गए थे।
एक, लोकतांत्रिक ढंग से संगठन का निर्माण।
दूसरा, देश के सम्मुख गंभीर मुद्दों पर जन आंदोलन चलाना।
और तीसरा, पारदर्शिता एवं जवाबदेही को सुनिश्चित करना।
प्रो. आनंद कुमार को स्वराज अभियान का राष्ट्रिय अध्यक्ष चुना गया। संगठन के उपाध्यक्ष के तौर पर तमिल नाडु से क्रिस्टिना सामी, बंगाल से अविक साहा, आंध्र प्रदेश से पुरुषोत्तम और दिल्ली से पी. एस. शारदा को चुना गया है। साथ ही फहीम खान को महासचिव, तथा गिरीश नंदगांवकर एवं राजीव ध्यानी स्वराज अभियान के नए सचिव चुने गए।
पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्वराज अभियान ने स्वेच्छा से खुद को ‘सूचना के अधिकार’ के अंतर्गत रखा है और जन सूचना अधिकारी नियुक्त किया है। संगठन में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तीन सदस्यीय लोकपाल नियुक्त किया गया है। प्रतिनिधि सम्मलेन में प्रशांत भूषण ने स्वराज अभियान के लोकपाल के तौर पर कामिनी जयसवाल, सुमित चक्रवर्ती और नूर मोहम्मद का परिचय रखा। साथ ही, संगठन में शिकायत निवारण समितियां भी बनायी गयी हैं।
अधिवेशन को संबोधित करते हुए योगेन्द्र यादव ने कहा कि “स्वराज अभियान ने 2 अक्टूबर तक राजनीतिक पार्टी बनाने का संकल्प लिया है। हमारे लिए पार्टी बनाने का मतलब है कि इस देश में सच्चाई और ईमानदारी की ऊर्जा जहाँ कहीं भी है उसे जोड़ना। हम ईमान और सच्चाई की ऊर्जा को संगठित करके वैकल्पिक राजनीति की एक मिसाल पेश करेंगे।”
स्वराज संकल्प के प्रतीक के रूप में सर पर पीले रंग के पट्टे को धारण किया गया। पीला रंग ऊर्जा का प्रतीक है, नई आशा का प्रतीक है, सूरज का प्रतीक है, पवित्रता का प्रतीक है।
गौरतलब हे के स्वराज अभियान से जुड़े नेताओं को आम आदमी पार्टी से अपमान जनक रूप में निकाला गया था |इन्होंने पंजाब में हुए उपचुनावों में आप का विरोध करने की घोषणा की तो अरविन्द केजरीवाल ने उपचुनावों से ही किनारा कर लिया था

स्वराज अभियान ने पंजाब की ‘स्वराज पार्टी’ से किनारा तो किया,शुभकामनाएं भी दी

[चंडीगढ़,दिल्ली] स्वराज अभियान ने पंजाब में ‘स्वराज पार्टी’ से किनारा किया लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था के लिए शुभकामनाएं भी दे डाली
पंजाब में “स्वराज पार्टी” नाम के पार्टी के गठन पर स्वराज अभियान का बयान जारी किया है
जिसमे कहा गया है के पंजाब में स्वराज पार्टी गठन उनकी पार्टी “स्वराज की और से नहीं हुआ है |
ब्यान में कहा गया है के पंजाब में ‘स्वराज पार्टी’ की घोषणा के बाद स्वराज अभियान के साथ इसके सम्बन्ध पर सवाल उठ रहे हैं।
हम यह साफ़ कर देना चाहते हैं कि यह पहल स्वराज अभियान की ओर से नहीं है। हालाँकि इस पहल से जुड़े कई साथी स्वराज अभियान की पंजाब यूनिट से हैं, लेकिन पार्टी बनाने के इस निर्णय में स्वराज अभियान द्वारा तय किए गए मापदंडों को ध्यान में नहीं रखा गया है।
हमने शुरुआत से वैकल्पिक राजनीति को खड़ा करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया है। हमने पार्टी बनाने के निर्णय से पहले संगठन के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और आतंरिक लोकतंत्र के कुछ मापदंड तय किये थे।
स्वराज अभियान के राष्ट्रीय सञ्चालन समिति की दूसरी बैठक में इस आशय का प्रस्ताव पास हुआ था।
स्वराज अभियान ने आतंरिक संगठनात्मक चुनाव के लिए समय सारिणी की घोषणा भी कर दी है और यह लोकतान्त्रिक प्रक्रिया चल रही है।
चूँकि पंजाब के साथियों द्वारा लिया गया यह निर्णय इस प्रक्रिया के आधार पर नहीं हुआ है हम इसे अपनाने में असमर्थ हैं और इसे अपना समर्थन नहीं दे सकते।
लेकिन पंजाब में अकाली-बीजेपी के कुशासन से निजात के लिए वैकल्पिक राजनीति की बहुत जरुरत है। कांग्रेस और आप ये साबित कर चुके हैं कि एक सच्चा विकल्प देने में वो असमर्थ हैं। हम स्वराज पार्टी को शुभकामना देते हैं। पंजाब में सच्चे राजनीतिक विकल्प देने वाले सभी संगठनों के साथ हम बिरादरी का सम्बन्ध बनाये रखने के इच्छुक हैं
फाइल फोटो

“आप”को सबक सिखाने के लिए”निष्काषित”योगेन्द्र यादव बनाएंगे नयी पोलिटिकल पार्टी

[नयी दिल्ली] “आप” को सबक सिखाने के लिए आप से निष्काषित योगेन्द्र यादव अब बनाएंगे नयी पोलिटिकल पार्टी|पंजाब में उपचुनावों में स्वराज द्वारा एक प्रत्याशी को समर्थन की घोषणा मात्र से ही “आप” ने पुंजाब के उप चुनावों से हाथ खींच लिया है
आम आदमी पार्टी से निकाले गए योगेन्द्र यादव ने आज कहा कि वह एक नई पार्टी बनाना चाहते हैं जो आतंरिक लोकतंत्र, पारदर्शिता, जवाबदेही के मानकों पर खरा उतरकर देश भर में उर्जा का संचार करे।
स्वराज अभियान के संयोजक योगेन्द्र ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘ पार्टी का गठन करते समय यह सुनिश्चित करेंगे कि स्वराज अभियान स्वतंत्र रूप से काम करता रहे और इसका प्रस्तावित पार्टी में विलय न हो । ’’ उन्होंने इस संदर्भ में आम आदमी पार्टी की मूल संस्था ‘इंडिया एगेंस्ट करप्शन’ का जिक्र करते हुए कहा कि उसे समाप्त करना एक भूल थी जिसके कारण पार्टी पर नजर रखने और मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं रह गया ।
आप के पूर्व नेता ने कहा, ‘‘ हमारी नीति स्पष्ट है और हम एक वैकल्पिक राजनीतिक शक्ति विकसित करना चाहते हैं और पार्टी बनाना चाहते हैं। हम इसके द्वारा आतंरिक लोकतंत्र, पारदर्शिता, जवाबदेही के मानकों पर खरा उतरकर देश भर में उर्जा का संचार करना चाहते हैं। इस दिशा में हमने कई कदम उठाए हैं । ’’ उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से पार्टी बनाना और चुनाव लड़ना हमारा उद्देश्य नहीं है। इस विषय पर जो भी होगा, सार्वजनिक तौर पर और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिये होगा ।
स्वराज अभियान का जिक्र करते हुए योगेन्द्र ने कहा कि यह एक प्रयास है.. देश में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में जो अद्भुत उर्जा पैदा हुई थी, उस उर्जा को बनाए रखकर राष्ट्र के विकास के लिए उपयोग किया जाए
फाइल फोटो

After Two months Of Formation Swaraj Abhiyaan[ParallelAAP]Launches Farmers Movement

[New Delhi] After Two months Of its formation Swaraj Abhiyaan[ParallelAAP] Launches Farmers Movement
Two months after its formation, Yogendra Yadav and Prashant Bhushan-led Swaraj Abhiyaan ,On 13th June, launched a farmers’ movement, its first such public initiative.
Yadav and Bhushan, who were expelled from AAP for rebelling against the party chief Arvind Kejriwal, said the movement ‘Jai Kisan Andolan’ demands repeal of amendments to the land acquisition Bill among others.
“The demands of Jai Kisan Andolan include withdrawal of the land bill, introduction of a legislation guaranteeing minimum income to farmers and a comprehensive, assured and adequate compensation against natural calamity,” Addressing a press conference Yadav said the movement aims at “reshaping the country’s future” through including disparate sections such as farmers, urban citizens and the youth.
Prashant+Yogendra said in a statement
“In the first phase of the movement, our volunteers will fan out in villages in various states including Bihar, West Bengal, Maharashtra etc, and reach out to the farmers and establish a dialogue with them to understand their problems and issues,”
In the second phase, there would be a “tractor march” from Punjab which would reach the Parliament during Monsoon Session on August 10 after covering Uttar Prades

गैर कानूनी डिग्री के आरोपी कानून मंत्री के बचाव में सडकों पर उतरी “आप” डैमेज कंट्रोल में लगी

[नई दिल्ली]फर्जी डिग्री के आरोपी मंत्री के बचाव में सडकों पर उतरी “आप” पार्टी अब अदालत से बचने के लिए डैमेज कंट्रोल में लग गई है|
फर्जी डिग्री विवाद के कारण आम आदमी पार्टी[आप]की छवि को गहरा धक्का लगने के बीच पार्टी अब दागी जितेन्द्र सिंह तोमर को पार्टी से बख्रास्त करने पर विचार कर रही है क्योंकि कहा जा रहा है कि दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री से जुड़े इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खासे परेशान हैं।
अब कहा जा रहा है कि इस मुद्दे पर शीर्ष न्रेतत्व को अंधेरे में रखा गया।एक दिन पूर्व तक आशुतोष और कुमार विश्वास तोमर की गिरफ्तारी को लेकर पोलिस के विरुद्ध नारे लगाते फिर रहे थे लेकिन अदालत से पोलिस को रिमांड मिलने एके बाद से पार्टी के तेवरों में नरमी आई है |टीवी चैनलों पर भी आशीष खेतान सरीखे प्रवक्ता जोर शोर से अरविन्द केजरीवाल का बचाव करते हुए नजर आये|आशीष खेतान ने तो यहां तक कह दिया कि नेता की फर्जी डिग्री जांचने का उनके पास कोई विशेष उपकरण ही नहीं है |इसके अलावा सूत्रों के अनुसार अब तोमर के बचाव में अदालत जाने से भी बचा जा रहा है |नेताओं के अनुसार इस मुद्दे को “आप” के नए बने आंतरिक लोकपाल के समक्ष भेजा दिया गया है |
जहां “आप” पार्टी अपने विधायकों के खिलाफ आरोपों पर विवादों से जूझ रही है, वहीं पार्टी से टूटकर बने पृथक समूह “स्वराज अभियान” ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा की मांग करते हुए कहा है कि उन्होंने शासन करने का ‘‘नैतिक अधिकार’’ खो दिया है।
महाराष्ट्र में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण नेतृत्व वाले स्वराज अभियान के संस्थापक सदस्य मारूति भापकर ने आरोप लगाया कि आप के विधायकों और दिल्ली के पूर्व कानून मंत्रियों – जितेंद्र सिंह तोमर और सोमनाथ भारती से जुड़े विवादों ने ‘‘केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप के नैतिक दिवालियेपन’ को दिखाया है।
भापकर ने मीडिया से कहा”तोमर से जुड़े घटनाक्रम के मद्देनजर केजरीवाल मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य में शासन करने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए” उन्होंने आरोप लगाया कि ‘आप’ नेतृत्व ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद अपनी पहली राष्ट्रीय परिषद बैठक में यादव और भूषण की आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया था।

हरियाणा के मंत्री राम विलास शर्मा के खिलाफ भूमि घोटाले में जांच की मांग

[चंडीगढ़]स्वराज अभियान ने हरियाणा के मंत्री राम विलास शर्मा के खिलाफ भूमि घोटाले में जांच के साथ पद से हटाये जाने की भी मांग की ताकि जाँच निष्पक्षता से की जा सके | राम विलास शर्मा का नाम स्वैच्छिक कोटे से एक से अधिक प्लाट लेने वाले लाभान्वित लोगों की लिस्ट में बताया गया है | हाई कोर्ट में लंबित एक केस में एक व्यक्ति ने हलफनामे के साथ एक लिस्ट पेश की है, जिसमें उन सब अयोग्य लोगों के नाम है जिन्होंने स्वैच्छिक कोटे से एक से अधिक प्लाट लिए हैं,
हरियाणा पिछले लम्बे समय से भ्रष्टाचार के जिन कारणों से चर्चा में रहा है, उनमें हरियाणा सरकार के अर्बन एस्टेट विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की प्रमुख भूमिका रही है | इस सब के चलते भू माफिया से लेकर अनेक पहुँच वाले लोग लाभान्वित रहे हैं |
स्वराज अभियान मांग करता हैं कि अदालत में केस लंबित रहते व जाँच के दौरान अन्य पार्टियों के नेताओं व मंत्रियों से इस्तीफा मांगने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने मंत्री राम विलास शर्मा से तुरंत इस्तीफा ले, जोकि नैतिकता का सवाल है | दूसरी तरफ निष्पक्ष जाँच के लिए भी यह जरूरी है | सरकार अपने अन्य अधिकारीयों के खिलाफ भी उचित कार्रवाई करे |
स्वराज अभियान का संदेह है कि राबर्ट वाड्रा व अन्य कम्पनियों द्वारा कांग्रेस सरकार के समय जमीन लूट की धांधली के आरोपों को लेकर भाजपा सरकार इसी लिए सुस्ती दिखा रही है, क्योंकि उनके अपने मंत्री भी इस खेल में शामिल हैं |

स्वराज अभियान ने दिल्लीसरकार के सर्कुलर को असंवैधानिक बताते हुए”आप”को पारदर्शिता का पाठ पढ़ाया

[नई दिल्ली]स्वराज अभियान ने दिल्लीसरकार के सर्कुलर को असंवैधानिक बताते हुए”आप”को पारदर्शिता का पाठ पढ़ाया |
स्वराज अभियान ने दिल्ली सरकार के मीडिया विरोधी सर्कुलर को असंवैधानिक बताते हुए “आप” पार्टी को पारदर्शिता का पाठ पढ़ाया |
प्रेस विज्ञप्ति जारी करके योगेन्द्र यादव द्वारा खड़ी की गई स्वराज अभियान ने अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थन में कहा है के दुर्लभ हालातों में न्यायिक व उचित रोक ही लगाईं जा सकती है| स्वराज अभियान की राय में मानहानि के कानून को अपराधिक प्रकृति का नहीं माना जाना चाहिए| सार्वजानिक जीवन में व विशेष तौर से सत्ता में बैठे लोगों को इतना नाजुक नहीं होना चाहिए कि उनकी आलोचना या उनके बारे में किसी नागरिक द्वारा कहे गए शब्दों को मानहानि मान लिया जाये |
गौरतलब है के दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार के सूचना व प्रसारण निदेशालय ने 6 मई 2015 को एक सर्कुलर जारी किया है | जिसमें नितिगत फैसला लेते हुए कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति दिल्ली के मुख्यमंत्री+मंत्री+ सरकारी अधिकारी पर सरकारी काम को पूरा करते हुए उस द्वारा किये गए किसी आचरण पर कोई मानहानिजनक आरोप लगाता है, तो सरकार का विभाग उस व्यक्ति पर मानहानि के लिए अपराधिक दावा करेगा | सर्कुलर के अनुसार सरकारी अभियोजक द्वारा मानहानि का मामला अदालत में ले जाया जाएगा.इस सर्कुलर को जनता के टेक्स के पैसे का दुरूपयोग बताय गया है |
इस विषय में सर्वोच्च न्यायालय के निम्न निर्णय का भी उल्लेख किया गया है
“देश की सर्वोच्य अदालत ने करतार सिंह के केस में 1956 में दिए अपने एक फैसले में कहा है कि सार्वजानिक पदों पर बैठे लोगों को आरोपों व आलोचना के लिए तैयार रहना चाहिये | जो सरकारी पद पर बैठता है वह जनता को अपनी गहरी छानबीन के लिए प्रतिबद्ध करता है |