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Tag: Samajvadi Party

यूं पी के मंत्री सतई राम यादव, मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर, ट्रैन की चपेट में आये:सी एम ने दुःख व्यक्त किया

उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री श्री सतई राम यादव का एक दुर्घटना में देहांत हो गया | मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पर उनकी कार ट्रैन से टकरा गई जिसके फलस्वरूप अंग रक्षक श्री विक्रम वर्मा और वाहन चालक श्री रोहित दीक्षित भी मारे गए|समाजवादी पार्टी के जनपदीय स्तम्भ रहे सतई राम राज्य भूमि उपयोग परिषद के उपाध्यक्ष थे|
प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने मंत्री+अंगरक्षक+वाहन चालक की इस आकस्मिक मृत्यु पर दुःख व्यक्त किया है |मुख्य मंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति की कामना के साथ शोक संतप्त परिजनों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की
आज सुबह लगभग सवा दस बजे जनपद जौनपुर में श्री सतई राम का इंनोवा वाहन अचानक ट्रैन की चपेट में आ जाने से दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसके फलस्वरूप उनके साथ वाहन चालक और अंगरक्षक की मृत्यु हो गई|

त्रिलोक त्यागी ने समाजवादी पार्टी की साईकिल छोड़ कर रालोद का हैण्ड पम्प थामा

त्रिलोक त्यागी ने समाजवादी पार्टी की साईकिल छोड़ कर रालोद का हैण्ड पम्प थामा |
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे त्रिलोक त्यागी आज अपने समर्थकों के साथ रालोद में शामिल हुए|
राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह जी के आवास पर आज त्रिलोक त्यागी अपने समर्थकों के साथ रालोद में शामिल हो गए। इस मौके पर रालोद अध्यक्ष चौ. अजित सिंह जी तथा रालोद महासचिव एवं लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी भी उपस्थित थे।
त्यागी के अनुसार सपा की जनविरोधी नीतियों के चलते उन्होंने रालोद से जुड़ने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा है कि सपा सरकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ अन्याय कर रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अब तक गन्ने का बकाया भुगतान नहीं किया गया है। यहां से 85 % राजस्व का अर्जन होता है लेकिन इसके विकास पर 15 से 17 % ही धन खर्च किया जाता है। जितना धन पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर खर्च किया जाता है उतना मध्य उत्तर प्रदेश के एक-एक जिले पर खर्च किया जाता है। त्यागै ने आरोप लगाया कि सपा मुखिया अपने भाईयों और कुछ लोगों के प्रभाव में आ चुके हैं। सपा अब अपराधियों की पार्टी बन गई है तथा अच्छे लोगों की उपेक्षा की जा रही है।
श्री त्रिलोक त्यागी के नेतृत्व में सपा के उत्तर प्रदेश के महामंत्री सुधाकर त्यागी, खेकड़ा ब्लॉक प्रमुख आशाराम त्यागी, चौ. अनूप सिंह, लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव अमित त्यागी, गाजियाबाद जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रामशरण शर्मा, जाकिर चौधरी डबारसी, गाजियाबाद के जिला उपाध्यक्ष ओडी त्यागी, मो. कदीर प्रधान पिपलैड़ा, पवन शर्मा, विजेन्द्र यादव, जितेन्द्र त्यागी, लुकमान चौधरी मसूरी, नजरियाब प्रधान तथा आबिद प्रधान आदि रालोद में शामिल हुए।

सत्तारुड कांग्रेस और सपा नामांकन रूपी स्क्रीन टेस्ट के लिए शानिवार को आएंगे

Aam Aadmi party candidate from meerutचुनावी पर्व में नामंकन उत्सव जारी हैं आम और ख़ास +कख पति और करोड़पति+मंत्री और संतरी सभी में नामांकन की आपाधापी नजर आ रही हैं| इस उत्सव में कुछ रोचक परन्तु विचारणीय प्रसंग भी मंचित हो रहे हैं|प उ प्र. में लोक सभा की सात सीटें हैं|इनके लिए ३५ नामांकन भरे जा चुके हैं |मेरठ हापुड़ सीट के लिए मेरठ में शुक्रवार को पांच लोग पर्चा दाखिल करने में सफल हुए| भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल और आम आदमी पार्टी के मेजर हिमांशु के अलावा तीन निर्दलीय ने भी यह ओपचारिकता पूरी की इस पूरी घटना क्रम में अनेकों रोचक प्रसंग भी दिखाई दिए :केंद्र और राज्य में सत्ता रूड कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नगमा और शाहिद मंजूर नामांकन रूपी इस स्क्रीन टेस्ट को सम्भवतः शानिवार को आएंगे |
[१]कांग्रेस की अभिनेत्री नगमा के नामांकन का कथानक बेहद कमजोर रहा या यूं कहें की बिना किसी कथानक के ही नगमा कलेक्ट्रेट पहुँच गईजाहिर हैं मेरठ में उनका यह पहला शो ही फलॉप हो गया| नगमा की मदद को आये गाजियाबाद से उम्मीदवार राज बब्बर ने कांग्रेस के एक कार्यालय का उद्घाटन तो कर दिया मगर नगमा का नामांकन सबमिट नहीं करवा पाये| congress candidature Nagma in meerut
पार्टी के एक पदाधिकारी समय पर फ़ार्म लेकर पहुँचने में फ़ैल होगये जिसकारण कहानी को नया ट्विस्ट देते हुए पोलिस पर सारा दोष मढ़ने के सीन चलने लगे पूर्व विधायक राजेंद्र शर्मा+सलीम भारतीआदि पोलिस अधिकारियों से उलझते रहे|
[२] आम आदमी पार्टी के केंडिडेट के रोड शो में पार्टी के सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल के आने की ख़बरें उड़ाई गई जिसे लेकर स्थानीय प्रबंधकों की हवाईआं भी उड़ती रही लेकिन केजरीवाल हरियाणा का दौरा बनाने में व्यस्त रहे जिसके फलस्वरूपं मेजर हिमांशु को अपने बल पर ही रोड शो निकाल कर नामांकन के लिए जाना पड़ा|आम आदमी के इस रोड शो से मेरठ की प्रतिष्ठित माल रोड पर भी ट्रैफिक जाम रहा इस जुलुस में अस्लाह लिए व्यक्ति भी दिखाई दिए |आम आदमियों को खाना भी खिलाया गया |आम आदमी पार्टी के इस शो में पार्टी के स्थानीय “ख़ास” भी कहीं नजर नहीं आये
aam admi independent[३] आम आदमी पार्टी के इस खास शो के मुकाबिले खास निर्दलीय अफजाल आदि की आमद आम आदमी की तरह रही|
[४]भाजपा के सिटिंग एम् पी राजेंद्र अग्रवाल लाव लश्कर +पूरे ताम झाम के साथ आये इनके जुलूस से मेरठ में ट्रैफिक जाम के नज़ारे दिखाई दिए|
[५]बीते दिन बी एस पी के शाहिद अखलाख का जुलुस भी अपने पीछे जाम के निशान छोड़ता गया |
[६]निर्दलीय उम्मीदवार सुनील दत्त ने ब्र्हसपति और शुक्रवार दोनों दिन पर्चा भरा
[७]राष्ट्रीय अपना दल के उस्मान [८]यूं डी ऍफ़ से अफजाल[९]बहुजन मुक्ति पार्टी के साजिद सैफी ने भी नामांकन का यह टेस्ट पास कर लिया हैं

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पीड़ित जगदम्बिका पाल को टिकट और राजू श्रीवास्तव को प्रचार अभियान के कंधे दे कर भाजपा ने ढाढस बंधाया

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया एदकि ते मजा ही आ गया ओये समाजवादी और कांग्रेस वाले आये दिन हसाडे सोणे नरेंद्र भाई जी मोदी के दिल्ली यात्रा में रोड़े अटकने के दावे करते फिर रहे हैं और वास्तव में उनसे उनके अपने नेता भी सम्भाले नहीं जा रहे हैं|यारा कांग्रेस के पूर्व मुख्य [एक दिवसीय]मंत्री जगदम्बिका पाल और समाजवादी पार्टी के राजू श्रीवास्तव ने हसाड़ी भाजपा ज्वाइन कर ली है और मोदी जी के मार्ग के काँटों को निकाल बाहर फैंकने का संकल्प भी ले लिया हैओये हुन ते हो जाणी है ना हसाड़ी बल्ले हीबल्ले

झल्ला

सेठ जी वाकई जगदम्बिका पाल और राजू श्रीवास्तव को ढाढस बंधाने के लिए एक एक मजबूत कंधे की बेहद जरुरत थीचूंकि आप जी के ठाकुर राज नाथ सिंह के पास ऐसे वक्त के लिए कंधे उपलब्ध ही रहते हैं सो पीड़ित जगदम्बिका पाल को टिकट और राजू को प्रचार अभियानके रूप में एक एक कंधा दे दिया |

ठाकुर अमर सिंह और चौधरी अजित सिंह के हाथ मिलाने से “यूं पी विभाजन” को मुद्दा बनाने की सम्भावना बनी

सपा की साइकिल से उतारे गए कांग्रेस के हाथ से झटके गए कभी किंग मेकर रहे ठाकुर अमर सिंह ने रालोद के हैण्ड पंप को चलाने का अवसर प्राप्त करने में सफलता हासिल कर ली है |अमर सिंह अब यूं पी ऐ के लिए वोट निकालने को रालोद का हैण्ड पंप चलाएंगे| अमर सिंह के साथ पूर्व सिने तरिका + सांसद ज्याप्रदा भी हैं| माना जा रहा है कि बेशक इस नए समीकरण से चौधरी अजित सिंह और कांग्रेस को कुछ फायदा हो सकता है लेकिन इस नए समझौते की सतह में एक नया मुद्दा तलाशने की सम्भावना भी बनती दिख रही हैं और वोह मुद्दा यूं पी के बंटवारे और हरित प्रदेश के छोटे राज्य के रूप में सामने आ सकता है|
इस नए मुद्दे को अमर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में हवा भी दे दी है उन्होंने यूपी के विभाजन से किसानों के भले की बात कही है इसके अलावा रालोद के सांसद जयंत चौधरी भी जाट आरक्षण से उत्साहित होकर आज कल छोटे राज्य के लिए वकालत कर रहे हैं |भाजपा यूं पी विभाजन के लिए पहले ही सहमति दे चुकी है लेकिन सत्ता रूड “सपा” के चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव यूं पी के बंटवारे के विरुद्ध ब्यान दे रहे हैं ऐसे में इस सरकार को घेरने के लिए छोटे राज्य की मांग को मुद्दा बनाया जा सकता है|
बीते दिन एक दिल्ली के अपने निवासपर प्रेस कांफ्रेंस करके चौधरी अजित सिंह ने ठाकुर अमर सिंह और जया प्रदाको पार्टी में शामिल करने की घोषणा की| अमर सिंह कभी सत्ता रूड समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के अति करीबी रहे हैं लेकिन अब प्रधान मंत्री बनने की मुलायम सिंह की महत्वकांक्षा में रोड़ा बनेंगे| माना जा रहा है कि १६ वी लोक सभा के चुनावों में अमर सिंह फतेहपुर सीकरी से ताल ठोकेंगे, तो जयाप्रदा को बिजनौर से उतारा जा सकता है |
अमर सिंह की कोशिश कांग्रेस में शामिल होकर जगह बनाने की थी परन्तु उनके लिए केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के हाथ का साथ नहीं मिला इसके विपरीत कांग्रेस जयाप्रदा को पार्टी में शामिल करने को राजी थी,| ज्या ने अपने राजनीतिक संरक्षक अमर सिंह का साथ छोड़ने से इंकार कर दिया | इस राजनीतिक नाकामी के बाद अमर+जया ने कांग्रेस में शामिल होने के लिए रालोद को बैकडोर की तरह इस्तेमाल किया क्योंकि वर्त्तमान में रालोद भी यूं पी ऐ की सहयोगी पार्टी है| रालोद को भी स्टार प्रचारक और रणनीतिकार मिल गए है। पार्टी में शामिल होने के बाद जयाप्रदा ने अमर सिंह को राजनीतिक गुरु और अजित सिंह को अपना नेता बताया हैं।
कांग्रेस और रालोद के बीच हुए चुनावी समझौते के अंतर्गत उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में प उ प्र.की ओनली आठ सीटों पर अजित सिंह की पार्टी की दावेदारी स्वीकार की गई है | रालोद के लिए[१] बागपत[२] कैराना[३] बिजनौर[४]नगीना[५]अमरोहा[६]हाथरस[७]मथुरा [८] बुलंदशहर सीटें आई हैं
गौरतलब है कि २००९ के चुनावों में १० सीटों पर लड़े रालोद पांच सीटें जीत पाई इनमे से भी दो सांसदो ने रालोद को छोड़ कर सपा का दामन थाम लिया |२०१४ के चुनावों के लिए रालोद २० सीटों का दावा करती रही है लेकिन कांग्रेस ने केवल आठ सीटों पर ही हामी भरी है|
अमरोहा से २००९ में रालोद के टिकेट पर विजयीरहे देवेन्द्र नागपाल ने सपा ज्वाइन कर ली है और इस बार चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की हुई हैजाहिर है उनका समर्थन सपा के लिए रहेगा |इससे इस सीट को रालोद के लिए सुरक्षित नहीं कहा जा सकता जबकि बिजनौर से संजय चौहान की दावे दारी कमजोर मानी जा रही है इसीलिए संजय को अमरोहा शिफ्ट किया जा सकता है और बिजनौर की सुरक्षित सीट से जया प्रदा को लड़ाया जा सकता है
फतेहपुर सीकरी संसदीय सीट से पिछले चुनाव में बसपा की सीमा उपाध्याय ने बाजी मारी थी, जबकि कांग्रेस के राजबब्बर दूसरे स्थान पर रहकर सिर्फ 10 हजार मत से हारे थे। इस ठाकुर बहुल सीट से अमर सिंह ताल ठोक सकते हैं अजित सिंह और जयंत चौधरी के लिए बाघपत और मथुरा सुरक्षित रहेंगी

नेता जी यूं पी में डॉक्टरों की हड़ताल पर फैंसले लेने में सुपुत्र की सरकार वाकई चापलूसों पर सवार है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

हड़ताली जूनियर डॉक्टर

ओये झल्लेया गुंडई की तो यूं पी में हद ही हो गई हद क्या यारा ये तो हद से भी वद हो गई देख तो कानपुर के सरकारी विधायक इरफान सोलंकी ने हसाडे डॉक्टरों पर हमला बोला उन्हें पिटवाया और निर्दोष डॉक्टरों को जेलों में ठुस्वाया अब कहा जा रहा हैं कि हड़ताल खत्म करों नहीं तो एस्समा लगा देंगे ओये यूं पी के ९ बड़े अस्पतालों में चार दिन की हड़ताल में ४० लोग खुदा को प्यारे हो चुके हैं|शुक्रवार को इस नाशुक्रे विधायक को गिरफ्तार करने के लिए मंगल वार तक कोई मंगलकारी काम नहीं किया गया ४० मौतों के जिम्मेदार विधायक और उसके सहयोगी पुलिस अधिकारी को सजा दिलाने के लिए इस समाजवादी सरकार के एक कान पर भी जूं तक नही रेंग रही

झल्ला

ओये डॉक्टरा माननीय मुलायम सिंह यादव जी ने कल अपना एक्सपर्ट धोबी पाट मार कर अपने सुपुत्र की सरकार को कह दिया है कि युवा सरकार फैंसले लेने में चापलूसों के कन्धों पर सवार है चपरासी फाइलें लाते-ले जाते हैं। अफसर महीनों फाइलें दबाये बैठे रहते हैं। पूछने पर चापलूसी में ‘यस सर, यस सर’ कह देते हैं और मंत्री निहाल हो जाते हैं।

देवेन्द्र नागपाल ने सपा ज्वाइन करते ही पार्टी को मजबूती और पंजाबी समाज को पहचान दिलाने का संकल्प लिया

अमरोहा से सांसद देवेन्द्र नागपाल ने सत्ता रुड सामज वादी पार्टी ज्वाइन करके पार्टी को मजबूती और पंजाबी समाज को विशेष पहचान दिलाने के लिएसमर्पित भाव से प्रयास कयाने की घोषणा की है|अमरोहा से २००९ में रालोद के टिकट पर चुनाव जीत कर आये देवेन्द्र नागपाल ने यधपि रालोद पार्टी छोड़ दी है और लगभग दो वर्ष पूर्व ही २०१४ में १६ वी लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की हुई है इसके उपरान्त भी उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वाइन की है और अब प्रदेश भर में समाजवादी के लिए कार्य करने की घोषणा की है नागपाल ने कहा है कि अब पंजाबी समाज को राजनीती में नई पहचान दिलाने और पंजाबी समाज के उत्थान के लिए भी समर्पित भाव से कार्य करेंगे |देवेन्द्र नागपाल ने अपना राजनितिक और सामाजिक जीवन २००० से शुरू किया था २००५ तक जिला पंचायत के सदस्य रहे|उसके पश्चात २००७ तक उत्तर प्रदेश की लेजिस्लेटिव असेंबली के सदस्य बने |२००९ में सांसद बने | इंडस्ट्री+पेटिशंस कमेटी के सदस्य भी हैं |अमरोहा की इस सीट पर उनसे पहले उनके भाई हरीश नागपाल ने २००४ में बतौर निर्दलीय चुनाव जीता था|यहाँ नागपाल बंधुओं का विशेष प्रभाव है ऐसे में रालोद+भाजपा +कांग्रेस का समाजवादी पार्टी से कडा मुकाबिला होगा| शायद यही कारण है कि अभी तक रालोद की वेबसाइट पर से रालोद के संसद के रूप में नागपाल का नाम हटाया नहीं गया है विकिपीडिआ को भी अप्डेट नहीं किया गया है | बताते चलें कि कभी यह छेत्र कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था १९५२+१९५७+१९६२के पश्चात १९८४+में कांग्रेस ने जीत दर्ज की|इसके पश्चात १९६७+१९७१ में कम्युनिस्ट पार्टी का कब्ज़ा रहा |जनता पार्टी के उदय से १९७७ और १९८० में यह सीट जनता पार्टी के खाते में चली गई|१९८९ में जनता दल आ गया |भारतीय जनता दल के क्रिकेटर चेतन चौहान ने १९९१ और १९९८ में ऑफ स्पिन बोलिंग और धुआंधार बैटिंग से भाजपा का खाता खोला|समाजवादी पार्टी [१९९६]और १९९९ में बहुजन समाज वादी पार्टी के टिकट से रशीद अल्वी भी जीते

जनाब आजम खान साहब की भैसों के लिए जेड प्लस की सुरक्षा का रास्ता साफ़ हो गया है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

पीड़ित आम नागरिक

ओये झल्लेया ये समाज वादी हुकमरानों की बची खुची अक्ल भी चारा चरने चली गई है क्या ?देख तो प्रदेश में एक से बढ़ कर एक अपराधिक वारदातें हो रही है और सपा सरकार अपने खासुलखास कद्दावर मंत्री आजम खां की सात भैंसे ढूढ़ने में २४ घंटे मस्त रही ओये ऐसे चलती है सरकार कभी? पोलिस वाले भी खुनी बाघिन +बलात्कारी+डकैत+लुटेरों को पकड़ने के बजाय भैसों की अक्ल के पीछे लट्ठ लेकर दौड़ते रहे

जनाब आजम खान साहब की भैसों के लिए जेड प्लस की सुरक्षा का रास्ता साफ़ हो गया है

जनाब आजम खान साहब की भैसों के लिए जेड प्लस की सुरक्षा का रास्ता साफ़ हो गया है

झल्ला

भोले बाबू समाजवादी हुकुमनराणों ने अपनी अक्ल तो अपनी सरकार बचाने और केंद्र की कुर्सी कब्जाने के लिए बचा कर रखी है जहाँ तक बात पोलिस की है तो उन्होंने पुराणी कहावत से फायदा उठाने के लिए भैसों के पीछे भागना शुरू कर दिया है ताकि भैसों के आगे आकर बीण बजा सकें और मन वंचित लाभ प्राप्त कर सकें |रही बात जनाब आजम खान साहब की तो अब उनकी भैसों के लिए जेड प्लस की सुरक्षा का इंतेजाम कराने का रास्ता साफ़ हो गया है

अखिलेश यादव ने भी अपने पिता की गलती को दोहराते हुए लोकतंत्र के चौथे स्थम्भ के खिलाफ मोर्चा खोला

झल्ले दी झल्ली गल्लां

आक्रोशित सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये आप लोगों ने क्या ष्टराग फैला रखा है ओये हमने सैफई में सांस्कृतिक महोत्सव मना कर कोई गुनाह नहीं किया उलटे लोगों को रोजगार के अवसर दिए हैं|हसाडे युवा मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने भी कह दिया है कि कोई ३०० करोड़ वरोड खर्च नहीं हुए केवल १० करोड़ ही तो लगे हैं और राज्य सरकार ने तो ओनली एक करोड़ ही दिया है
एवंई ये सारा का सारा मीडिया उनकी छवि खराब करने पर तुला है इसके लिए तो भई माफी मांगनी चाहिए|

झल्ला

अरे पहलवान जी जरा लट्ठ को साइड में और कान मेरी तरफ करो | आप जी के ही प्रदेश की जनता हाड़ कंपाने वाली सर्दी में जहां तन ढकने + दो जून की रोटी के लिए दर दर भटक रही है ऐसे में आप जी की राजमद में डूबी समाजवादी सरकार करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही हैं।अपनी गलती को तो स्वीकार कर नही रहे उलटे अपनी बौखलाहट दिखाने के लिए लोकतंत्र के चौथे स्थम्भ को ही हिटलर के स्टाइल में धमकाने लग गए | सवाल पूछने पर एन डी टी वी के पत्रकार को लाइन में जाने को कह दिया और टाइम्स नाउ के पत्रकार को नासमझ बता कर उसे धमकाने की कोशिश की अब माफ़ी मांगने को कह रहे हैं |झल्ले विचारानुसार आप जी के नेता जी माननीय मुलायम सिंह यादव ने भी अपने समय में अमर उजाला और दैनिक जागरण से पंगा लिया था उस समय ये दोनों समाचार पत्रों ने एक होकर आप जी की पार्टी का ब्लैक आउट कर दिया था वोही गलती अब नेता जी के पुत्र अखिलेश यादव भी दोहरा रहे हैं |ये अच्छी बात है क्या?

मुलायम बेचारे मन के भी मुलायम ठहरे सो मुजफ्फर नगर के दर्दनाक मंजरों के बजाये सैफई के राग रंग में व्यस्त हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आक्रोशित कांग्रेसी

ओये झल्लेया प्रधान मंत्री की कुर्सी पर नजरें गढ़ाए ये सपाई मुलायम सिंह यादव के पास मुजफ्फर नगर के दंगा पीड़ितों के आंसू पूछने के लिए तो समय और पैसा है नहीं लेकिन अपनी सैफई महोत्सव में नाच गाने का आनंद लेने के लिए पर्याप्त समय और करोडो रुपये उड़ाने के लिए हैं ओये ऐसे तेवर दिखा कर ही ये प्रधान मंत्री बनना चाहते हैं?

झल्ला

अरे सेठ जी आप जी ने सैफई में गाये जा रहे गाने के बोल पर ध्यान नहीं दिया “मुलायम मन के भी मुलायम हैं ” और जो बेचारा मन का मुलायम होता है उसे तो मुजफ्फर नगर जैसे दर्दनाक मंजरों से बच कर ही रहना चाहिए और जहाँ तक हो सके मधु+पराग में ही डूबे रहना चाहिए