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Tag: IndiaNewsSatire

४४ सांसदों के साथ संसद को चलाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे भारी भरकम =नाम+वजन की ही जरूरत है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये तो भाई कमाल हो गया |हसाड़ा कमळ ऐसा खिल गया कि लोक सभा में १०% वाला कोई विपक्ष का नेता ही नहीं रहा |यहाँ तक कि कांग्रेस का हाथ पकड़ने को भी कोई तैयार ही नहीं हो रहा|खुर्राट कमळ नाथ भी पीछे हट गए |ओये कांग्रेस के अपने युवा उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बजाय आरोप झेल रहे मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस संसदीय दल का नेता बना दिया गया है|यारा ऐसी भद्द तो पहले कभी नहीं पिट्टी होगी

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी ओनली ४४ सांसदों वाली कांग्रेस को संसद में चलाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे भारी भरकम =नाम+वजन की जरूरत पड़ेगीवैसे आप जी की जानकारी के लिए झल्लेविचार प्रस्तुत हैं :
[१] कर्नाटक में खड़गे को मुख्य मंत्री पद नहीं दिए जाने से उपजी कथित नाराजगी को दबाया जा सकेगा
[२]रेल मंत्रालय के घोटालों के खुलने पर उनका सामना करने के लिए स्वयं पूर्व रेल मंत्री उपलब्ध होंगे
[३] और राहुल गांधी पी एम से कम पर समझौता क्यूँ करें ?

अखिलेश जी इलेक्शंस हारते समय क्यूँ नहीं सोचा कि हारने के बाद तो और ज्यादा बिजली की जरुरत पड़ेगी

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाडे सोणे मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने भी फरमा दिया है कि अगर केंद्र सरकार डेढ साल के लिए बिजली उधार दे दे तो जनता को पूरी बिजली मिल जाएगीउसके बाद तो यारा हम लोग खुद ही बिजली बनाने लग जायेंगे और अगर ये कहेंगे तो तभी इनकी उधारी भी चुकता कर देंगेयार विपक्षियों ने तो ख्वाहमखाः बात का बतंगड़ बना रखा है अब केंद्र सरकार बिजली देगी तो हम भी शहरों में २२ घंटे और गावों में १८ घंटे तक बिजली दे देंगे

झल्ला

ओ मेरे चतुर पहलवान जी अब फिर से ऊँट पहाड़ के नीचे आ ही गया| बिजली पैदा करने के बजाय लैप टॉप बाँटने में ही लुटाया गया पैसा किसी काम नहीं आया और चुनाव जीतने के लिए बिजली खरीदनी पड़ ही गई|झल्लेविचारानुसार इलेक्शंस से पहले एक्स्ट्रा बिजली खरीदते समयये क्यों नहीं सोचा था कि इलेक्शन हारने के बाद ज्यादा बिजली की जरुरत पड़ेगी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उदय होने के लिए शेव वैव बना कर बदायूं काण्ड को पहली सीढ़ी बना लिया है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये कांग्रेसी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कब समझ आएगी ?देख तो लोक सभा के चुनावों में अपने साथ हसाड़ी कश्ती डूबोने के बाद भी चैन से नहीं बैठ रहे| अपने कांग्रेस के भीतर से उठ रहे विरोधी स्वरों को दबाने के लिए अब बदायूं की किशोरियों की हत्या के मामले को उछाल रहे हैं और उनके परिवार जनों को उकसा रहे हैं|भई हसाडे सोणे मुख्य मंत्री ने इन किशोरियों के बलात्कार के बाद हत्या की जांच के लिए सी बी आई के द्वार पर मत्था टेकने की शर्त स्वीकार कर ली है इसके बावजूद इन्होने ५-५- लाख रुपयों के मुआवजे की रकम ठुकरवा दी|ओये ऐसे कही राजनीती होती है ?

झल्ला

ओ मेरे पहलवान जी आप शायद भूल गए के मरा हाथी भी सवा लाख का हुआ करता था| इसलिए राहुल गांधी की एक विजिट ने ही आप लोगों को हिल कर रख दिया और सी बी आई के समक्ष दंडवत होना स्वीकार कर लिया |अभी भी समय है ओनली मुआवजे और जांच के सियासी चक्रव्यूह से बाहर निकल आईये और अपना पराया भूल कर न्याय दिलवाइए| जहां तक रही बात कांग्रेस में भीतर घात की तो श्रीमान कांग्रेस में चढ़ते सूरज को सलाम करने की परिपाटी पुरानी हैलेकिन ये वोह सूरज है जिसका डूबने के बाद उदय जरूर होता है| पहलवान जी होशियार हो जाओ राहुल गांधी ने भी शेव वैव बना कर उदय होने के लिए बदायूं काण्ड को पहली सीढ़ी बना लिया है |

शॉट गन सिन्हा के ये तो “कहीं पे निगाहें और कहीं पे निशाना वाले” सियासी शॉट्स हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा इस भाजपा के अंदर ही कितना असंतोष है एक के बाद एक नेता अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं |अब तो शत्रुघन सिन्हा ने भी अपनी जुबानी गन से आरोपों के शॉट्स निकलने शुरू कर दिए हैं|ओये शॉटगन सिन्हा ने ७५ साल की “आयु “बार” लगाने की नीति की खुल कर आलोचना की और भाजपा की सरकार में एल के आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को मंत्री नहीं बनाये जाने को मुद्दा बना दिया है|

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान जी पेड़ के नीचे बैठ कर आम के टूट कर गिरने की उम्मीद मत लगाओ|ये तो पटना साहिब में ढाई लाख वोटों से जीतने वाले शॉट गन के कहीं पे निगाहें और कहीं पे निशाना वाले सियासी शॉट्स हैं|बिहार से मंत्रियों की लिस्ट में अपना नाम नहीं देख कर इनका क्षणिक विचलित होना स्वाभाविक ही है| देखा नहीं एक तरफ तो उन्होंने कहा है के अपने नेता नरेंद्र मोदी की समझदारी को चुनौती नहीं देना चाहते तो दूसरी तरफ उन्होंने स्वयं को मंत्रालय से दूर रखे जाने पर टिपण्णी भी कर दी है|

भावनात्मक रूप से कश्मीर+अयोध्या के बाद बनारस से जुड़े रहने में नरेंद्र मोदी+भाजपा का फायदा ही फायदा है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये नरेंद्र मोदी तो हसाडे पीछे ही पड़ गया|देख तो रिकॉर्ड मतों से वडोदरा से जीतने के बावजूद इस भाजपाई ने वाराणसी की सीट अपने पास रख ली है ओये ये अब पूरे पांच साल तक हमारे छाती पर मूंग दलेगा|विधान सभा के उपचुनावों में भी हसाडे साइकिल पंक्चर करके ही मानेगा

झल्ला

ओ मेरे चतुर पहलवान जीये तो आप भी मानोगे कि वाराणसी और बडोदरा दोनों ही लोकसभा सीटों पर चुनाव जितने पर एक जगह से तो इस्तीफा देना ही था जैसे आपजी के मुखिया मुलायम सिंह यादव जी ने किया है| वड़ोदरा तो मोदी की जेब में है ही ऐसे में कश्मीर+अयोध्या के साथ राष्ट्र को राष्ट्रवादी सन्देश देने के लिए राष्ट्र को जोड़ने वाली मोक्षदायनी गंगा वाले बनारस से जुड़े रहने में ही भाजपा और राष्ट्र का हित है|

डिग्री ना पूछो मंत्री की,पूछ लीजिये अनुभव ,ज्ञान और कीजिये कॉलेज ड्राप आउट स्मृति ईरानी का दिल से सम्मान

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये भाजपाई सरकार में क्या गड़बड़ झाला हो रहा है?देख तो खुद इन्होने १२ कक्षा पास स्मृति ईरानी को केंद्रीय शिक्षा मंत्री बन दिया और फिर हसाड़ी माननीय+सम्मानीय सोनिया गांधी जी की शिक्षा के बारे में ऊल जलूल बोलने लग गए हैं|इनकी साध्वी उमा भारती को कौन समझाए ?ये तो गंगा को साफ़ करने के बजाय कॉलेज ड्राप आउट स्मृति को बचाने के लिए सोनियाजी पर ही अटैक करने लग गई है

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी! सदियों पहले बुजुर्गों ने दुनिया छोड़ने से पहले फ़रमाया था कि “जात ना पूछो साधू की,पूछ लीजे ज्ञान:” लेकिन आप लोगों ने ज्ञान की गठरी बाँध कर जातियों की राजनीती शुरू कर दी| इस मुद्दे पर केंद्रीय सरकार को हारने के बावजूद उच्च शिक्षा के धनी अजय माकन अपनी सरकार को गद्दे में गिरा कर स्मृति ईरानी की शैक्षणिक डिग्री की बात करने लगे हैं |अरे भापा जी आप लोग शायद भूल गए कि अनेकों ड्राप आउट स्टूडेंट आज कल अपने अपने छेत्रों में लीड कर रहे हैं | शायद इसीलिए भाजपाइयों ने कहना शुरू किया है कि “डिग्री ना पूछो मंत्री की,पूछ लीजिये ज्ञान और कीजिये कॉलेज ड्राप आउट का दिल से सम्मान ”

जुबान/बदजुबान से कांग्रेस को ऐतिहासिक हार दिलाने वाले नेता फिर से आलोचनाओं का ज्वार लाने को जुटे

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये भाजपाई सरकार के गठन मे क्या अंधेर गर्दी शुरू हो गई है |देख तो अमेठी से हारी नॉन ग्रेजुएट श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी कोमानव संसाधन मंत्रालय जैसे अहम मंत्रालय का मंत्री बना दिया गया| अमृतसर में हारे अरुण जेटली को वित्त और रक्षा के मंत्रालय दे दिए गए यहाँ तक कि मुजफ्फर नगर दंगों के आरोपी डॉ संजीव बालियान को कृषि राज्य मंत्री ही बना दिया गया | कश्मीर में धारा ३७० का विवाद उठा दिया | ओये इस अंधेर गर्दी से हसाडे नेता चुप नहीं बैठेंगे हसाडे अजय मांकन+सिंघवी+दिग्विजय सिंह आदि आदि ने कंेद्र सरकार की पोल खोलनी शुरू कर दी है

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी |अब फिर से सकारात्मक सोच के बजाय केवल आलोचनाओं का ज्वार ही पैदा करने की कोशिश शुरू हो गई है और यह कोशिश करने वाले और कोई नहीं बल्कि वोही नेता गण हैं जिनकी जुबान /बदजुबान से ही ऐतिहासिक कांग्रेस को ऐतिहासिक हार का मुह देखना पड़ा|अजय माकन साहब तो आधुनिक संचार माध्यमों +सोशल मीडिया तक का इस्तेमाल नहीं कर पाये| इसीलिए झल्ले विचारानुसार मात्र दो दिन की आयु वाली सरकार की जबरदस्त आलोचनाओं के साथ ही राहुल गांधी वाली सकारात्मक +सहयोग की सोच का माहौल बनाना भी जरूरी है |

नरेंद्र मोदी का अधिक शासन का दावा हैं मगर इन्ही की भाजपा की वेबसाइट २५ मई के बाद से अपडेट ही नहीं है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओये हसाडे सोणे नरेंद्र मोदी ने कम सरकार से ज्यादा शासन वाले सिद्धांत पर कायम रहते हुए ४५ सक्षम सांसदों को ही मंत्रालय बांटे हैं अब तो मानता है न कि देश रेंगेगा नहीं बल्कि डबल स्पीड में दौड़ेगा

झल्ला

ओ मेरे सेठ जी सबसे पहले तो आप जी की भाजपा की खुद मुख्तार सरकार बनने की बधाई|
दूसरे कम मंत्रियों की बधाई|तीसरे हिंदी में शपथ लेने के लिए मोदी को बधाई |
सेठ जी इस बधाई के साथ ही एक उलाहना भी है |आप जी के प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र दामोदर दास मोदी अधिक काम में विश्वास रखते हैं और अपने मंत्रियों से १८ घंटे काम की अपेक्षा भी करते हैं लेकिन आप जी की पार्टी के वेबसाइट को २५ मई के बाद से अपडेट ही नहीं किया जा सका है| यहांतक कि २६ मई के ऐतिहासिक शपथ ग्रहण समारोह या फिर मंत्रियों का विवरण तक नहीं है|माना कि शपथ ग्रहण समारोह एक सरकारी आयोजन था इसीलिए राष्ट्रपति भवन और पी आई बी ने समारोह की फोटो अपलोड करके अपनी भूमिका निभा दी है मगर माफ़ करना झल्लेविचारनुसार दौड़ने का दावा करने वाली पार्टी की महंगी वेबसाइट से भी थोड़ी बहुत उम्मीदें जरूर है|

सोनिया के आशीर्वाद से राहुल चमत्कार की विरासत को आगे बढ़ा कर सत्ता में वापिसी कर सकते हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया लगता है कि ये कांग्रेस वालों की मति ही मारी गई है तभी लोक सभा के चुनावों में इतनी करारी शिकस्त के बावजूद कांग्रेसियों ने सोनिया गांधी को ही अपना संसदीय दल की सर्वोच्च नेता चुन लिया है|ओये अब तो इस ऐतिहासिक पार्टी की बची खुची लुटिया भी डूबे ही डूबे

झल्ला

भोले सेठ जी आप ये क्यूँ भूल जाते हो कि कांग्रेस के सभी अंदर बाहर के खातों की चाबी+पासवर्ड+कांग्रेस के प्रथम परिवार की अंटी में ही दबे हुए हैं ऐसे में इनसे पंगा कौन लेगा |और जहाँ तक बात सरकार की है तो भापा जी बीती सदी के सातवे दशक की इमरजेंसी के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी की सत्ता उनके पुत्र संजय गांधी के कारण चली गई थी मगर हार के बावजूद माँ ने अपने बेटे के प्रति विश्वास बनाये रखा और उसी विश्वास के बल पर वोह दोबारा सत्ता में लौट आईं थी|इसीलिए झल्लेविचारानुसार राहुल गांधी अपनी माँ के आशीर्वाद से चमत्कार की विरासत को आगे ला सकते हैं

राहुल गांधी को नरेंद्र मोदी का मुकाबिला करने के लिए पहले अपना सियासी रोल तय करना लाभकारी होगा

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओये हसाडे शेर राहुल गांधी ने अपनी रीड सीधी कर ली है| राहुल जी अपनी अमेठी का दौरा करते हुए फ़रमा दिया है कि मोदी सरकार ने अगर एक काम भी जनहित के खिलाफ किया तो वोह चुप नहीं बैठेंगे , आग ही लगा देंगे|मानता है न कि बन्दे में हे दम

झल्ला

अरे मेरे चतुर सुजाण जी झल्लेविचारानुसार पहले ये तो तय करा लो कि आप जी के राहुल गांधी जी किस हैसियत से मोदी का मुकाबिला करेंगे ?[१] विपक्ष के नेता[२]कांग्रेस के पी एम कैंडिडेट[३] अमेठी के सांसद[४]रियासत हारे हुए नेता[५]रियासत जीतने के लिए लड़ने वाले नेता[६]या फिर खुद को बचाने के लिए ओनली लड़ने वाले नेता के रूप में ही आएंगे