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रालोद के युवा सांसद जयन्त चौधरी ने उत्तर प्रदेश में दशकों से चली आ रही [तीन नई] तहसीलों की मांग फिर उठाई

रालोद के युवा सांसद जयन्त चौधरी ने उत्तर प्रदेश में तीन नई तहसीलों की मांग की| स्थानीय लोग दशकों से इनके लिए मांग करते आ रहे हैं इनके लिए एक पार्टी और एक ही परिवार से आये दो दो मुख्य मंत्रियों द्वारा स्वीकृति भी दी जा चुकी हैंइसके उपरान्त भी अभी तक स्थानीय निवासियों को न्याय नहीं मिल पाया है जबकि ये क्षेत्र तहसील बनने के सभी मानकों को पूरा करते हैं|
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव एवं लोकसभा युवा सांसद जयन्त चौधरी ने उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर प्रदेश में मथुरा जनपद में[१] गोवर्धन, आगरा जनपद में [२]अकोला तथा गाजियाबाद जनपद में [३]लोनी को तहसील का दर्जा दिलाने की मांग की है।
प्रदेश में इन तहसीलों के सृजन की मांग काफी पुरानी है तथा स्थानीय लोग वर्षों से संघर्षरत हैं। ये क्षेत्र तहसील बनने के सभी मानकों को पूरा करते हैं। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव[वर्त्तमान सी एम् के पिता] ने सन 2006 में गोवर्धन को तहसील बनाने का वादा किया था। मथुरा प्रशासन द्वारा 2012 में गोवर्धन को तहसील बनाने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। इसी प्रकार अकोला को तहसील बनाने के लिए भी डेढ़ दशक से संघर्ष चल रहा है। राजस्व परिषद में प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद भी राज्य सरकार ने अकोला का प्रस्ताव खारिज कर दिया। लोनी को तहसील बनाने की मांग भी काफी समय से हो रही है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 3 जून 2013 को गाजियाबाद दौरे के दौरान लोनी को तहसील बनाने की घोषणा कर चुके हैं।
जयंत चौधरी ने कहा कि स्थानीय लोग इस मांग को लेकर आन्दोलनरत हैं।
इन तहसीलों का सृजन न होने से स्थानीय लोगों को न्यायालय संबंधी मामलों के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है। इन तहसीलों के बनने से लोगों को कृषि एवं अन्य भूलेख पत्रावलियां मिलने में सुलभता होगी।

गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर रालोद ने चक्का जाम और विधानसभा का घेराव भी किया

गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर रालोद ने चक्का जाम और विधानसभा का घेराव भी किया
राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार आज गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर गन्ने की पैदावार करने वाले प्रदेश के प्रमुख जनपदों में चक्का जाम किया फैजाबाद में लखनऊ-फैजाबाद मार्ग +बागपत के किशनपुर बिराल + बुलंदशहर आदि स्थानों में रालोद का चक्का जाम प्रभावी रहा |बागपत के ग्राम दाहा में गन्ने की होली भी जलाई गई |

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जिसके फलस्वरूप उत्तर प्रदेश सरकार ने यह घोषणा की है कि प्रदेश में चीनी मिलें तुरंत ही चालू होंगी।
रालोद के कार्यकर्ताओं ने पदाधिकारियों के नेतृत्व में गन्ना प्रधान जिलों में प्रमुख राजमार्गों तथा विभिन्न स्थलों पर चक्का जाम किया तथा लखनऊ में विधानसभा का भी घेराव किया। इस आन्दोलन के दौरान रालोद के उत्तर प्रदेश विधान मण्डल दल के नेता ठा. दलवीर सिंह, विधायक भगवती प्रसाद सूर्यवंशी तथा विधायक त्रिलोकीराम दिवाकर सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए। प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों को शीघ्र चालू करने के निर्देश दिए हैं।
रालोद महासचिव एवं लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी ने कहा है कि रालोद गन्ना किसानों की मांगों को लेकर प्रदेश में काफी समय से संघर्षरत है। रालोद ने मांग की है कि सरकारी घोषणा के बाद सर्वविदित है कि शीघ्र से शीघ्र चीनी मिलें चलाई जाएं तथा राज्य सरकार जल्द से जल्द उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय के ब्याज सहित बकाया भुगतान के आदेश का पालन करे।
बागपत के ग्राम दाहा में गन्ने की होली जलाते किसान

बागपत के ग्राम दाहा में गन्ने की होली जलाते किसान


इस समय प्रदेश में चीनी मिलों पर किसानों का दो हजार चार सौ करोड़ रूपये बकाया है। लखीमपुर खीरी में किसान के आत्मदाह पर श्री जयन्त चौधरी ने संवेदना व्यक्त करते हुए सभी किसान भाईयों से धैर्य रखने की अपील की है।
इस आन्दोलन के दौरान एम्बुलेंस, रेल तथा अन्य आपातकालीन सेवाओं को बाधित नहीं किया गया। रालोद महासचिव जयन्त चौधरी ने रालोद के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को इस शांतिपूर्ण आन्दोलन की सफलता पर बधाई दी है तथा उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार किसानों का बकाया शीघ्र नहीं करेगी तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे तथा रालोद फिर आन्दोलन करेगा।
केन्द्र सरकार ने हाल ही में गन्ने की समस्याओं को लेकर मंत्रियों का समूह बनाया है जिसमें केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री एवं रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह की प्रमुख भूमिका रहेगी। हाल ही में रालोद ने 21 नवम्बर को गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए लखनऊ में गन्ना आयुक्त का घेराव किया था।

रालोद ने गन्ना किसानो के बकाये के भुगतान के लिए एक दिसंबर से चक्का जाम करने की चेतावनी दी

गन्ना किसानो के बकाये के भुगतान के लिए राष्ट्रीय लोकदल [रालोद]ने एक दिसंबर से गन्ना प्रधान जिलों में चक्का जाम करने की चेतावनी दी है
राष्ट्रीय लोकदल महासचिव एवं लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी ने एक बयान में कहा है कि राज्य सरकार जल्द से जल्द गन्ना किसानों का बकाया भुगतान करे। यदि ऐसा नहीं होता है तो रालोद 1 दिसम्बर को राज्य के गन्ना प्रधान जिलों में चक्का जाम करेगा। उन्होंने किसानों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस आन्दोलन शामिल होने का आवाहन किया है। उन्होंने कहा है कि आम लोगों, व्यापारियों तथा विद्यार्थियों को परेशानी न हो इसलिए यह आन्दोलन दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक होगा तथा आपातकालीन सेवाओं तथा रेल यातायात में बाधा नहीं पहुंचाई जाएगी।
श्री जयन्त ने राज्य सरकार से मांग की है कि प्रदेश में चीनी मिलें समय पर चालू हों जिससे गन्ना किसानों को समय से गन्ने का मूल्य मिल सके और वे गेहूं की बुवाई शुरू कर सकें। इसके अलावा उन्होंने राज्य सरकार से उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय के ब्याज सहित बकाया भुगतान के आदेश का पालन करने की भी मांग की है।
रालोद राष्ट्रीय महासचिव ने कहा है कि प्रदेश की 90 चीनी मिलों में से 66 चीनी मिलों ने राज्य सरकार को लिखकर दिया है कि वे किसानों का बकाया भुगतान करने में असमर्थ हैं तथा सरकारी मिलें भी सुचारू रूप से नहीं चल रही हैं। अतः राज्य सरकार को इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द करने की भी मांग की है। गन्ना शोध संस्थान, शाहजहांपुर की रिपोर्ट के अनुसार इस बार गन्ने की फसल लागत में 23 रुपए प्रति क्विंटल की बढोत्तरी हुई है। अतः सांसद जयन्त चौधरी ने राज्य सरकार से गन्ना किसानों को लाभकारी मूल्य देने की मांग करते हुए बताया की
उन्होंने बताया कि हरियाणा और पंजाब में गन्ने का मूल्य क्रमशः 301 और 300 रुपए प्रति क्विंटल है। युवा सांसद ने केन्द्र सरकार से चीनी के आयात पर रोक लगाने तथा एथेनाॅल के उत्पादन में 5 से 10 % गन्ने के उपयोग की मांग की है।
रालोद ने २४ नवम्बर को मेरठ आगमन पर मुख्य मंत्री का विरोध करते हुए गिरफ्तारी दी थी इसके अलावा 21 नवम्बर को गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए लखनऊ में गन्ना आयुक्त का घेराव किया था। इससे पहले रालोद ने 19 नवम्बर 2009 को जन्तर मन्तर पर आन्दोलन करके गन्ना नियंत्रण संशोधन आदेश, 2009 का विरोध किया था। इस आदेश के तहत केन्द्र सरकार एसएपी और एफआरपी के अन्तर का भुगतान राज्य सरकार पर डालना चाहती थी जबकि पहले इस अंतर का भुगतान सरकारी और निजी सुगर मिलों द्वारा किया जाता था।

रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी २१ नवम्बर को गन्ना किसानों की समस्यायों के लिए गन्ना आयुक्त का घेराव करेंगे

[मेरठ ] रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी २१ नवम्बर को गन्ना किसानों की समस्यायों के लिए गन्ना आयुक्त का घेराव करेंगे |
राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] की चेतावनी गोष्ठी में उपाध्यक्ष +सांसद जयंत चौधरी ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि २१ नवम्बर तक यदि गन्ना किसानो की समस्याएं हल नहीं की गई तो २१ नवम्बर को लखनऊ में गन्ना आयुक्त और सरकार का भी घेराव किया जाएगा |
उन्होंने कहा कि किसानो को आपस में लड़वाने नहीं, बल्कि गन्ना किसानो के लिए लड़ने आए हैं|
आज मेरठ जनपद के कंकरखेड़ा में जिटौली रोड पर स्थित इशिका फार्म में राष्ट्रीय लोकदल की चेतावनी गोष्ठी सम्पन्न हुई। गोष्ठी का आयोजन रालोद की पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इकाई ने किया जिसमें प्रदेश में

Jayant choudhary In Meerut

Jayant choudhary In Meerut


[१]चीनी मिलों का समय से न चलना
[२] किसानों को गन्ने का उचित मूल्य न मिलना तथा
[३]गन्ने का बकाया भुगतान जैसी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया।
सूत्रों से प्राप्त जानकरी के अनुसार रालोद उपाध्यक्ष अलीगढ भी जा सकते हैं जहाँ से धान आदि के किसानो के लिए आंदोलन छेड़ने की भूमिका बन सकती है|
गोष्ठी में रालोद महासचिव एवं लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी ने कहा कि प्रदेश में गन्ना किसानों की स्थिति दयनीय है। उन्हें उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। किसानों का चीनी मिलों पर २४०० करोड़ रुपए बकाया हैं। चीनी मिलें भुगतान करने को तैयार नहीं हैं। किसान भुखमरी की कगार पर हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है। रालोद महासचिव ने कहा कि रालोद हमेशा से किसानों और मजदूरों की लड़ाई लड़ता चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि वह लड़वाने नहीं बल्कि किसानों के लिए लड़ने आए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों और मजदूरों की सेवा करना ही उनका धर्म है।
युवा सांसद ने प्रदेश सरकार से गन्ना किसानों का ब्याज सहित बकाया भुगतान जल्द से जल्द करने की मांग की है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो रालोद 21 नवम्बर को लखनऊ में गन्ना आयुक्त का घेराव करेगा और यदि जरूरत पड़ी तो प्रदेश सरकार का भी घेराव किया जाएगा।
गोष्ठी का सञ्चालन सत्यवीर त्यागी और अध्यक्षता बदल वहीद कुरैशी ने की |
गोष्ठी में रालोद के बिजनौर से सांसद संजय सिंह चौहान+ प्रदेशाध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान,+ राष्ट्रीय महासचिव एवं रालोद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सत्यवीर त्यागी+ रालोद के विधायकगण सुदेश शर्मा+ वीरपाल राठी, पूर्व विधायकगण डॉ. अनिल चैधरी, डॉ. हरि सिंह ढिल्लोन के अलावा पार्टी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पदाधिकारी तथा भारी संख्या में गन्ना किसान मौजूद थे।

चौधरी अजित सिंह “रालोद” के फिर निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष बने

चौधरी अजित सिंह को अगले ३ सालों के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है|राष्ट्रीय लोक दल [रालोद]के वर्ष २०१३-१६ के लिए चौधरी अजित सिंह को निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है|पार्टी के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी दीप चंद ढबास ने चौधरी अजित सिंह को निर्विरोध निर्वाचित अध्यक्ष घोषित किया|श्री ढबास ने बताया कि चुनाव नामांकन में चौधरी अजित सिंह का ही नामांकन प्राप्त हुआ और उन्हें आगामी तीन सालों के लिए निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया गया| चौ. अजित सिंह केंद्र सरकार में सिविल एविएशन मिनिस्टर हैं|

चौ.अजित सिंह ने यूं पी के गन्ना किसानो के लिए डॉ मन मोहन सिंह को ही सीधे अंग्रेजी में दो पेज की चिट्ठी लिख मारी

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

रालोदाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा म्हारे छोटे चौधरी अजित सिंह का दावं|उरे छोटे चौधरी ने गन्ना किसानो के लिए २४०० करोड़ के बकाये का भुगतान करने के लिए थारे प्रधान मंत्री को अंग्रेजी में दो पेज की चिट्ठी लिख भेज्जी है इसके साथ ही चीनी के दाम बढ़ाने के लिए इम्पोर्ट को बंद करके एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने की भी कह ही दी |ईब देखियो प्रदेश के 50 लाख किसान परिवार म्हारी रालोद की तरफ अपनी अपनी वोट थामे दौड़े चले आवेंगे

झल्ला

अरे मेरे भोले चौधरी ये तेरे छोटे चौधरी डा दावं है ते सोणा लेकिन इसमें एड्डे वड्डे सारे इफ ते बट्स हैंगे | आप जी मालूम होना चाहिए कि कृषि मंत्री शरद पवार ने कल ही प्याज की कीमतों को लेकर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करने के बयान दिए हैंइस भारी भरकम शरद पवार ने राहुल गांधी को प्रधान मंत्री बनाने का भी विरोध दर्ज़ करा दिया है इससे कांग्रेस और सत्ता रुड यूं पीए के घटकों में भी अफरा तफरी मची हुई है|एन सी पी के मुखिया पवार की वोट बैंक महाराष्ट्र के कपास+प्याज+और गणना किसान ज्यादा हैंअब छोटे चौधरी ने चीनी के निर्यात की मांग करके कहीं ना कहीं उस वोट बैंक को भी निशाना बना दिया है|मेरा मतलब है कि बात अब प्.यूं पी कि नहीं रही उससे भी बाहर निकल रही है|क्यों ठीक है ना ठीक ?

मेरठ/मुजफ्फर नगर/शामली में एयर पोर्ट है नहीं पी एम् के प्लेन में जगह नहीं थी तभी चौ.अजित सिंह पहले नहीं आ पाए


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

रालोदाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा म्हारे छोटे चौधरी का कमाल ओये मुजफ्फर नगर+ शामली के दंगों में अलग हुए जाट और मुस्लिम भाइयों को एक झटके में एक जुट कर दिया| ओये ये तो पहले सपा और भाजपा ने मिल कर छोटे चौधरी अजित सिंह और उनके सुपुत्र जयंत को दंगा पीड़ित छेत्रों में घुसने नहीं दिया वरना तो आग भड़काने से पहले ही बुझा दी जाती ओये बड़ा कहता फिरता है कि म्हारी न तीन रहेंगी न तेरह ओये ईब तो मानता है न कि २०१४ में तीन सीटों की तेरह हो जायेंगी |

झल्ला

अरे मेरे भोले चौधरी उम्मीद पर दुनिया कायम है लेकिन जो बातें उन्होंने रेस्ट हॉउस में बैठ कर की हैं वोही बातें दिल्ली में भी कही जा सकती थी मेरी मानो तो मेरठ / मुजफ्फर नगर/ शामली में एयर पोर्ट बना नहीं है और इसके अलावा पी एम् और सोनिया गाँधी के प्लेन में छोटे चौधरी को जगह नहीं मिली होगी तभी वोह पहले यहाँ नहीं आ सके होंगे जहांतक तीन की तेरह का सवाल है तो कांग्रेस इन्हें २० देगी तभी तो तेरह की उम्मीद लगाई जा सकती है

रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान के खिलाफ तीन साल पुरानी ऍफ़ आई आर पर गैर जमानती वारंट जारी

[फैजाबाद]। राष्ट्रीय लोकदल[रालोद] के प्रदेश अध्यक्ष +पूर्व सिंचाई मंत्री मुन्ना सिंह चौहान सहित पांच लोगों के विरुद्ध तीन साल पुराने मामले में गैर जमानती वारंट जारी किये गए हैं |
जिसे श्री चौहान ने फर्जी रिपोर्ट पर उत्पीडन की कार्यवाही बताया है| सेकंड न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मुन्ना सिंह चौहान और पूर्व जिला पंचायत सदस्य विश्वेशनाथ मिश्र उर्फ सुड्डू समेत पांच लोगों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किये हैं|
पांचों आरोपियों के हाजिरी माफी प्रार्थनापत्र को निरस्त करके किया है।
रालोद नेता से इस बाबत पूछने पर उन्होंने बताया कि एक दलित [पासी] परिवार को न्याय दिलाने के लिए 19 जुलाई 2010 को पार्टी के लगभग डेढ़ सौ समर्पित समर्थकों के साथ पूराकलंदर थाने का केवल घेराव किया था थाने का दोषी प्रभारी स्थान्तरित भी हो गया लेकिन जाते जाते वोह अपनी रिपोर्ट में पूराकलंदर थाने के सामने इलाहाबाद-फैजाबाद राजमार्ग जाम करने का आरोप भी मढ़ गया | श्री चौहान के अनुसार एक तरफ तो प्रदेश सरकार बसपा की मायावती की सरकार में दर्ज़ फर्जी ऍफ़ आई आर को निरस्त करने का दावा कर रही है और दूसरी तरफ फर्जी ऍफ़ आई आर के आधार पर उनका औत्पिदन किया जा रहा है|उन्होंने न्यायिक प्रणाली में विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि अगली तारीख पर अदालत जाकर न्यायाधीश महोदय को स्थिति से अवगत कराएँगे|

रालोद के राष्ट्रीय युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने प्रशासन को चकमा देकर हिंसा प्रभावित छेत्रों में प्रवेश किया और पीड़ित हिन्दू,मुस्लिम परिवारों को धाडस बंधाया

राष्ट्रीय लोकदल [रालोद]के राष्ट्रीय युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने आज प्रशासन को चकमा देकर हिंसा प्रभावित छेत्रों में प्रवेश किया और पीड़ित परिवारों को धाडस बंधाया| रालोद के महासचिव जयन्त चौधरीमुजफ्फरनगर+ मेरठ, बागपत तथा शामली जनपद में शान्ति बहाली के उद्देश्य से गए थे। उन्होंने मेरठ जनपद के तीन गांवों में हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारीजनों से बातचीत की तथा शोक व्यक्त किया। उत्तर प्रदेश प्रशासन को चकमा देकर श्री जयन्त चौधरी तड़के सुबह 6 बजे बिना सुरक्षा तथा बिना किसी को बताए अपने एक वाहन से अकेले मेरठ में प्रवेश किया।RLD General Secretary and MP Jayant Chaudhary in Nilokha, District Meerut, meeting Salim,72, whose grandson, Sahid (32), was killed on September 8 in the village as Sahid's mother looks on
जयन्त पहले मोर खुर्द गांव पहुंचे और वैभव और छोटू से मिले जिनके पिता विरेन्द्र सिंह 7 सितम्बर को मारे गए थे।
उसके बाद वह मोहम्मदपुर शिखस्त गांव गए और हिमांशु (8) तथा चिराग (10) से मिले और शोक व्यक्त किया। इन मासूम बच्चों ने अपने पिता योगिन्दर सिंह को 7 सितम्बर को महापंचायत से लौटते समय खो दिया था।
उसके बाद वह निलोखा गांव की ओर चले तथा 72 वर्षीय सलीम से मिले जिनका 32 वर्षीय पोता साहिद 8 सितम्बर को गांव में मारा गया। जयन्त को देखकर सलीम रो पड़ा और कहा, “मैंने सबकुछ एक झटके में खो दिया। क्यों?” जयन्त ने दुखी पिता को ढ़ाढस बंधाते हुए कहा कि आप बुजुर्ग व्यक्ति हैं, आपने सबकुछ देखा है। अपना दिल मत दुखाईए।”
इसके बाद गांव के सभी बुजुर्ग मस्जिद में एकत्रित हुए जहां जयन्त चैधरी उनसे मुखातिब हुए तथा कहा कि सभी बुजुर्ग एक साथ आगे आएं और समुदाय को शान्ति एवं सुलह का संदेश दें।
रालोद नेता जयन्त चौधरी ने कहा, “मैं उन लोगों के पास जाना चाहता था जो दुखी हैं। कई जिन्दगियां समाप्त हो गईं। मैंने लोगों में राज्य सरकार की निष्क्रियता के प्रति आक्रोश देखा है। लोग भाईचारे व शान्ति को पुनः बहाल करने की गंभीर पहल के लिए जागरूक हैं। निलोखा गांव में बहुत से ग्रामीणों ने मुझे बताया कि जो लोग गांव छोड़ चुके हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा, हम गांव को बिखरने नहीं देंगे।”SONY DSC
जब जयन्त चौधरी ने निलोखा गांव छोड़ा तथा बहरामपुर गांव में मृतक जहीद के परिवारीजनों से मिलने के लिए चले, उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें मेरठ जनपद के जानी गांव पर रोक लिया तथा वापस जाने के लिए कहा। जानी में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में शान्ति है लेकिन वे सांसद की वापसी पर अड़े हुए थे।
युवा सांसद ने कहा, “यह समय पुलिस के लिए समस्या उत्पन्न करने का नहीं है। मैं शान्ति के लिए आया हूं। मैं बहरामपुर जाना चाहता था लेकिन जानी में पुलिस ने मेरी कार को रोक लिया। पुलिस ने कई जगह बैरीकेडस लगा रखे थे। मैं चाहता हूं कि प्रशासन अपने संसाधानों को कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केन्द्रित करे बजाय यह सुनिश्चित करने के कि मैं अपने लोगों से न मिल सकूं।”
जयन्त चौधरी ने यह भी कहा कि एक तरफ तो समाजवादी पार्टी के नेता आगरा में बैठक करके राजनीतिक मुद्दों पर चर्चाएं कर रहे हैं और दूसरी तरफ सांप्रदायिक हिंसाओं को बुझाने जा रहे जन प्रतिनिधियों को रोका जा रहा है। इस समय इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन उचित नहीं है तथा इससे उन लोगों का भला नहीं होगा जो असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तथा न्याय की मांग कर रहे हैं

मुजफ्फर नगर में कोई नई वारदात नहीं होने से कुछ शान्ति है ,कर्फ्यू में ढील बढाई जा रही है लेकिन सिसायत गरमा रही है

मुजफ्फर नगर में कोई नई वारदात नहीं होने से शांति प्रक्रिया प्रग्रिती पर है इसीलिए कर्फ्यू में ढील की अवधि बढाई जा रही है लेकिन अब छेत्र में सिसायत गर्माने लग गई है| प्रदेश में सत्तारुड समाज वादी सरकार पर अकर्मण्यता का आरोप लगाते हुए मुजफ्फर नगर की तुलना गुजरात के गोधरा काण्ड से की जाने लगी है| सपा से निष्काषित और अमर सिंह के करीबी सांसद ज्याप्रदा[अभिनेत्री] ने तो प्रदेश सरकार को जमीनी हकीकत से ही अंजान बताया है | कर्फ्यू में ९ घंटे की ढील दी गई है|

communal Riots IN U P

communal Riots IN U P

भाजपा और रालोद ने अपने प्रभावी छेत्रों में शांति व्यवस्था के लिए दौरा कार्यक्रम बनाये लेकिन प्रशासन ने कोई रिस्क लिए बगैर रालोद सुप्रीमो और केन्द्रीय मंत्री चौ. अजित सिंह के अलावा भाजपा के १२ विधायकों को भी मुजफ्फर नगर जिले के सीमा से ही वापिस लौटा दिया| चौ अजित सिंह ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की तुलना भाजपा के नरेन्द्र मोदी से करने में देर नही लगाईं|प्रदेश के अपने काबिना मंत्री और वरिष्ठ नेता मो. आजम खान ने अपने वोट बैंक को बचने की खातिर अपनी ही सरकार को तेवर दिखने शुरू कर दिए
मुलायम सिंह यादव ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए गोधरा [२००२] के दंगों और मुजफ्फर नगरकी हिंसा में समानता को ख़ारिज कर दिया|
मो आजम खान को स्पष्ट कह दिया है के या तो वोह पार्टी के साथ रहें अन्यथा इस्तीफा दे सकते हैं|
मुजफ्फर नगर की इस हिंसा से चुनावी ध्रुवि करण प्रभावित होने लग गए हैं| यहाँ विकास को दरकिनार रख कर साम्प्रदाइक द्रष्टि हावी होने लग गई है| इस छेत्र में मुस्लिम और जाटों का प्रभाव है |जाटों के नेता अपने छेत्र तक में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं जबकि अधिकांश मुस्लिमो का सपा से मोह भंग होने लग गया है| जाहिर है जाटों का रुझान हिन्दू वादी भाजपा की तरफ हो सकता है और मुस्लिम वोट बैंक भी अपने लिए किसी नई राजनीतिक विकल्प की सोच सकते हैं